बेंजामिन फ्रैंकलिन ने सबसे पहले बिजली के कड़कने के कारणों को उजागर करने का प्रयास किया.
फ्रैंकलिन ने एक ऐसी विधि भी विकसित की, जिससे विशाल भवनों को बादलों से उत्पन्न होने वाली बिजली से बचाया जा सके.
विज्ञान के क्षेत्र में इतना ही नहीं बिजली की छड़, बाईफोकल ग्लास, फ्रैंकलिन स्टोव, गाड़ी के ओडोमीटर और ग्लास ‘आर्मोनिका’ के आविष्कार का श्रेय भी फ्रैंकलिन को ही जाता है.
अमेरिकी इतिहास के प्रमुख क्रांतिकारियों में से एक बेंजामिन फ्रैंकलिन एक राजनेता, लेखक, प्रकाशक, वैज्ञानिक, आविष्कारक और राजनयिक थे.
ऐसे में विश्व के सबसे पुराने लोकतंत्र की महान शख्सियत बेंजामिन फ्रैंकलिन के बारे में जानना दिलचस्प रहेगा –
12 साल की उम्र में खोली प्रिंटिंग प्रैस
बोस्टन के मिल्क स्ट्रीट में 17 जनवरी 1706 ई. को पैदा हुए बेंजामिन फ्रैंकलिन अमेरिकी इतिहास की एक ऐसी शख़्शियत हैं, जिन्हें लोग उनके कीर्तिमानों और उनकी विलक्षणता के लिए याद करते हैं.
फ्रैंकलिन जितने बड़े वैज्ञानिक थे, उससे भी कहीं बड़े राजनीति विज्ञानी और राजनीतिज्ञ थे. उनके सबसे चर्चित कार्यों में अमेरिका के एक राष्ट्र के रूप में विचार का दृड़ता से समर्थन करना रहा है.
इन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका के संस्थापक पिता होने का दर्जा भी प्राप्त है.
बेंजामिन के पिता जोंजिया मोमबत्ती और साबुन का कारोबार करते थे. पिता की दो पत्नियां थीं, और 15 बच्चे थे.
इन्होंने अपनी पढ़ाई बोस्टन के एक लैटिन स्कूल से शुरू की. सीखने की ललक थी, इसलिए बीच में ही पढ़ाई छोड़कर अपने पिता के साथ काम में लग गए.
पिता की फैक्टरी में काम करने से उनकी कल्पना की उड़ानों में कोई कमी नहीं आई, और वह कम उम्र में ही बड़ा सोचने लगे. इसके साथ ही उन्होंने अपने को उस काम में झौंक दिया.
इसी क्रम में उन्होंने महज 12 साल की उम्र में अपने भाई के साथ प्रिंटिंग का क़ारोबार शुरू कर दिया.
Benjamin Franklin in Press. (Pic: University of South Florida)
आकाशीय बिजली से बचाने के लिए प्रयोग
आकाश में बिजली कड़कने से कई इमारतों को क्षति पहुंचती थी. फ्रैंकलिन ने भवनों को इस कड़कती बिजली की चपेट में आने से बनाने के लिए अपना प्रयोग शुरू किया.
बारिश हो रही थी, और आसमान में बिजली कड़कने का अद्भुत संयोग था.
ऐसे में उन्होंने रेशम के रूमाल और लकड़ी की पट्टियों से बने एक क्रॉस का प्रयोग कर एक पतंग तैयार की. पतंग के एक सिरे पर लकड़ी की खड़ी पट्टी के बाहर तक निकला एक लोहे का तार बांध दिया.
इस पतंग को उड़ाने के लिए प्रयोग में लाए गए धागे के एक सिरे पर सिल्क का रिबन बंधा था और धागे व सिल्क रिबन के बीच लोहे की एक चाबी लगा दी गई थी.
अब पतंग तैयार थी और उसे कड़कती बिजली और तेज बारिश में उड़ाया गया.
इस प्रयोग में बिजली से बचने के तमाम उपाय किए गए थे. हालांकि इसमें जान का खतरा था, आसमानी बिजली इंसान को जलाकर राख कर सकती थी. लेकिन सभी खतरों को दरकिनार करते उन्होंने 1752 ई. में अपने पतंग और चाबी प्रयोग को कर दिखाया. इस प्रयोग के निष्कर्षों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बिजली चमकना वास्तव में एक प्राकृतिक विद्युतीय डिस्चार्ज प्रक्रिया है.
इसके माध्यम से बेंजामिन ने विशाल भवनों को बिजली से होने वाली हानि से बचाने के लिए एक कारगर उपाय इज़ाद किया.
यह विधि कहती है कि लोहे की एक पतली लंबी छड़ ली जाए, जिसका एक सिरा गीली जमीन में तीन चार फुट नीचे हो और दूसरा भवन के सबसे ऊंचे भाग से छः सात फुट ऊपर निकला रहे. छड़ के ऊपरी छोर पर नुकीले सिरे वाला औसतन एक फुट लंबा पीतल का पतला तार बांध दिया जाए. भवन में ऐसी व्यवस्था कर दी जाए, तो उसको हानि से बचाया जा सकता है.
Benjamin Franklin With A Key And A Kite Experiment. (Pic: forbes)
मकान मालिक की लड़की के साथ की शादी
भाई के साथ उन्होंने प्रिंटिंग प्रैस तो खोल ली, लेकिन बड़े भाई से हमेशा अनबन रही, कई दफा बड़े भाई ने फ्रैंकलिन के साथ बुरा बर्ताव भी किया.
हालांकि बेंजामिन को इस अनबन से ज्यादा कौशल सीखने की फिक्र थी, शायक यही वजह थी कि वे इस छोटी सी उम्र में अख़बार प्रकाशन की बहुत सारी बारीकियां आत्मसात करने लगे.
हालांकि भाई का लगातार बुरा बर्ताव इन्हें परेशान कर रहा था, आखिरकार इससे छुटकारा पाने के लिए बेंजामिन 1723 में बोस्टन भाग गए.
जब बेंजामिन बोस्टन गए तो उनके जीवन में एक नई घटना घटित हुई.
यहां उन्होंने जॉन रीड नाम के एक व्यक्ति के मकान में रहना शुरू कर दिया. यहीं उनकी जॉन रीड की बेटी देबारोह से मुलाकात के साथ प्रेम-प्रसंग की शुरूआत हो गई.
इसके बाद बेंजामिन ने देबारोह से शादी कर ली, हालांकि कुछ महीनों के बाद ही शादी टूट गई, लेकिन 1730 में उन्होंने फिर से देबारोह को अपनी पत्नी बनाया.
बेंजामिन शादी के बाद फिलाडेल्फिया में बस गए, और एक मुद्रक के साथ काम शुरू कर दिया.
इसके बाद वह लगातार सफलताओं की और अग्रसर होते चले गए. उन्होंने तमाम उठा-पटक के बीच पेंसिलवेनिया में अपना प्रिंटिंग प्रेस स्थापित कर लिया और ‘दी पेंसिलवेनिया गजट’ का प्रकाशन शुरू कर दिया.
फिर 1932 में पुअर रिचर्ड्स एलमैनक का प्रकाशन किया.
Benjamin Franklin at the Court of France. (Pic: Pinterest)
समुद्र पर भी किया अध्ययन
बेंजामिन पहले ऐसे वैज्ञानिक थे, जिन्होंने महासागर की गति का अध्ययन किया था. उन्होंने महासागर की गहराई, तापमान, धारा के वेग को मापा.
उन्होंने नौसेना के अधिकारियों और वैज्ञानिकों को यह भी दिखाया की उथल-पुथल वाले समुद्र को किस तरह से शांत किया जा सकता है.
इसके अलावा बेंजामिन कई और विलक्षण प्रतिभाओं के धनी थे. वह शतरंज का एक जाना पहचाना नाम थे. इसी के चलते फ्रैंकलिन का नाम अमेरिकी चेस हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया था.
फ्रैंकलिन ने आम आदमी की ज़रूरतों से जुड़े कई आविष्कार किए और उन्हें कभी भी पेटेंट नहीं कराया. उनकी कोशिश यही थी कि उनके आविष्कार सबके लिए सुलभ रहें.
इसके अलावा फ्रैंकलिन मशहूर राजनीतिज्ञ भी रहे. अमेरिका में अपनी राजनीति के दिनों में वह कई राजनीतिक उपलब्धियों जैसे, कांग्रेस का सदस्य बनना, अमेरिका की तरफ से ओर से फ्रांस और स्वीडन में आयुक्त बनना, अमेरिका का पहला पोस्ट मास्टर जनरल बनना, को प्राप्त कर पाने में सफल रहे.
1785 तक फ्रांस में रहकर उन्होंने अपने देश का कामकाज बड़ी कुशलता व बुद्धिमत्तापूर्वक संभाला.
अमेरिका लौटने पर बेंजामिन फ्रैंकलिन को जॉर्ज वाशिंगटन के बाद दूसरे स्थान का सम्मान मिला और ‘फादर ऑफ अमेरिका’ की श्रेणी में शामिन किया गया.
Ben Franklin Statue at Grey Stone Building, Washington. (Pic: David Dodman)
इसके कुछ साल बाद ही 17 अप्रैल, 1790 को इनकी मौत हो गई.
फ्रैंकलिन के अद्वितीय आविष्कारों और उपलब्धियों के साथ-साथ मानवता की भलाई के लिए उनके काम अहम खासियत रखते हैं और इन्होंने ही बेंजामिन को एक महान व्यक्ति बना दिया.
Web Title: Benjamin Franklin: Founding Father of the United States, invented Bifocal Glasses, Hindi Article
Feature Image Credit: taxrebate