इंग्लैंड और आयरलैंड की रानी मैरी प्रथम या मैरी ट्यूडर 'खूनी मैरी' (Bloody Mary) के नाम से बदनाम हैं.
इंग्लैंड के राजा हैनरी अष्टम की पहली बेटी मैरी ने खुद को इंग्लैंड की रानी बनाने के लिए जी जान लगा दी थी. ये बात तब की है जब इनके बाप ने इन्हें अपना वारिस मानने से इनकार कर दिया. 1553 में मैरी को सिंहासन के उत्तराधिकार सूची से हटा दिया गया.
ऐसे में इन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ बगावत की और विद्रोहियों की सेना लेकर इंग्लैंड के राजवंश को उनके सामने झुकने पर मजबूर कर दिया.
मैरी ट्यूडर एक कैथलिक ईसाई थीं. वह इंग्लैंड को भी कैथलिक राष्ट्र बनाना चाहती थीं. ऐसे में उन्होंने पिता द्वारा चलाए गए प्रोटस्टैंट धर्म के ईसाईयों को मरवा दिया. ये गिनती सैकड़ों में थी.
यहां तक कि उन्होंने इंग्लैंड में अपने वर्चस्व को स्थापित करने के लिए अपने पिता और सौतेले भाई-बहनों की भी हत्या करा दी. मैरी चाहती थी कि उसका बेटा उसके शासन की बागडोर संभाले और उसके वंश को आगे बढ़ाए. हालांकि वह कभी मां नहीं बन पाई. इसी सूनी कोख के साथ उसका अंत हो गया.
ऐसे में आइए, जानते हैं कि कैसे एक रानी खूनी रानी बन गई –
राजा हैनरी की सनक की भेंट चढ़ी मैरी!
18 फरवरी, 1516 को ग्रीनविच पैलेस में राजा हैनरी अष्टम (VIII) और एरागॉन की कैथरीन के घर 7 साल बाद एक बच्चे की किलकारियां गूंजीं. ये एक लड़की थी, जिसका नाम मैरी ट्यूडर रखा गया.
मैरी के जन्म के बाद राजा हैनरी अष्टम इस बात से दुखी रहने लगे कि उनका वंश बिना किसी लड़के के कैसे आगे बढ़ेगा.
आखिरकार, सन 1520 में हैनरी ने पुरुष उत्तराधिकारी नहीं दे पाने के कारण अपनी पत्नी को तलाक देने के मन बना लिया. वह अपनी पूर्व प्रेमिका की बहन एनी बोलेन से शादी करना चाहते थे.
1527 में कैथोलिक हैनरी ने पोप से कैथरीन के साथ अपनी शादी को रद्द करने की मांग की.
जब पोप ने उनकी शादी को रद्द करने से इंकार कर दिया, तो राजा हैनरी ने रोम के साथ अपने संबंधों को तोड़ दिया और 1533 में ऐनी के साथ शादी कर ली. इसी के साथ वह इंग्लैंड के चर्च का मुखिया बन बैठा.
जल्द ही राजा अपनी दूसरी पत्नी से भी तंग आ गया. वह भी उन्हें एक लड़का दे पाने के लायक नहीं थी.
ऐसे में इससे आजिज आकर 1536 में राजा ने उसे व्यभिचार के आरोपों में दोषी ठहराते हुए मौत की सजा दे दी.
इसके अलावा भी राजा हैनरी की 4 और शादी हुई थीं. राजा की तीसरी पत्नी की मौत अपने बेटे को जन्म देने के बाद हो गई. वहीं, उनकी चौथी शादी को रद्द कर दिया गया और उनकी पांचवीं पत्नी का सिर कलम कर दिया गया. राजा की मौत के समय उनके साथ उनकी छठी पत्नी थी.
कांटों भरा रहा सिंहासन तक का सफर
1533 में एनी बोलेन और राजा हैनरी की शादी के बाद मैरी को अवैध संतान घोषित कर दिया गया. इस कारण से उन्हें सिंहासन के उत्तराधिकार से बाहर कर दिया गया.
इसका सीधा मतलब ये था कि इंग्लैंड के राजसिंहासन पर अब मैरी एक रानी के तौर पर नहीं बैठ सकती थीं.
हालांकि, ऐसा केवल मैरी के साथ ही नहीं हुआ था. बोलेन की मौत के बाद उनकी बेटी एलिजाबेथ को भी राजसिंहासन के उत्तराधिकारियों की सूची से हटा दिया गया.
इसके बाद 1544 में राजा हैनरी ने दोनों बेटियों को उनके सौतेले भाई एडवर्ड के पीछे उत्तराधिकार की सूची में दोबारा से रख दिया. एडवर्ड सन 1537 में राजा की तीसरी पत्नी से पैदा हुआ था.
आखिरकार, हैनरी की इच्छानुसार 1547 में हैनरी की मैात के बाद एडवर्ड राजा बन गया.
उसके शासनकाल में इंग्लैंड में प्रोटेस्टेंटिज्म की स्थापना हुई. इसके चलते एडवर्ड के कैथोलिक बहन मैरी के साथ संबंध खराब हो गए.
1553 में युवा राजा एडवर्ड बुरी तरह से बीमारी हो गया. ऐसे में अपनी मौत से पहले उसने मैरी को सिंहासन पर दावा करने से वंचित कर दिया. राजा एडवर्ड चाहता था कि उसकी मौत के बाद न तो मैरी किसी भी तरह से सिंहासन पर बैठे और न हीं इंग्लैंड में कैथोलिज्म लागू हो पाए.
माना जाता है कि ऐसे में एडवर्ड के सलाहकारों में से एक नॉर्थम्बरलैंड के ड्यूक ने राजा की प्रोटेस्टैंट चचेरी बहन लेडी जेन ग्रे को सिंहासन सौंपने का आग्रह किया.
उसी साल एडवर्ड की मौत हो गई और जेन को इंग्लैंड की रानी घोषित कर दिया गया.
जेन के ससुर नॉर्थम्बरलैंड ने मैरी को पकड़ने के लिए एक बड़ी सेना को भेज दिया. इससे पहले कि वह ऐसा कर पाते सके, मैरी ने अपनी विशाल सेना और समर्थकों के साथ मिलकर शहर पर चढ़ाई कर दी और शाही सरकार को हटाकर मैरी को रानी घोषित करने के लिए मजबूर कर दिया.
आखिरकार, 9 दिन की रानी जेन को टॉवर ऑफ लंदन में कैद कर लिया गया और नॉर्थम्बरलैंड को मौत की सजा दे दी गई.
2 साल की उम्र में कर दी गई शादी
शाही परिवारों में राजनयिक और राजनीतिक संबंधों को प्यार से ज्यादा तरजीह दी जाती है. इसकी एक मिसाल थीं मैरी.
मैरी जब केवल 2 साल की थीं, तभी उनका संबंध फ्रांस के राजा के बेटे के साथ कर दिया गया. हालांकि ये व्यवस्था कुछ साल बाद समाप्त कर दी गई. ऐसे में युवा राजकुमारी का संबंध उनके चचेरे भाई 16 वर्षीय सम्राट चार्ल्स पंचम के साथ कर दिया गया.
बहरहाल, मैरी जब रानी बनी, तो उनका अफेयर चार्ल्स पंचम के बेटे स्पेन के प्रिंस फिलिप से चल रहा था. प्रिंस फिलिप मैरी से 10 साल छोटे थे, साथ वह एक कैथोलिक भी थे. 1554 में इंग्लैंड आए फिलिप ने महारानी मैरी से विंचेस्टर किले में शादी कर ली.
सन 1556 में स्पेन के राजा के रूप में चार्ल्स को अपना पद छोड़ना पड़ा. इसके बाद फिलिप उनके उत्तराधिकारी बने और बाद में पुर्तगाल के राजा भी.
शादी ने दिया विद्रोह को जन्म
सन 1554 में अंग्रेजों के एक समूह ने मैरी को सिंहासन से हटाने का प्रयास किया.
वहां लोगों को विदेशी वर्चस्व का डर सता रहा था, क्योंकि मैरी स्पेन के राजकुमार फिलिप से शादी करने वाली थीं. वहीं, वह पूरे इंग्लैंड में कैथोलिक धर्म को बहाल कर देतीं.
हालांकि, उनका ये डर जायज भी था. सन 1558 में फ्रांसीसियों ने "अंग्रेजी ताज में सबसे चमकीला गहना" कहलाने वाले बंदरगाह शहर कैलाइस पर कब्जा कर लिया. कैलाइस पर 14वीं शताब्दी से अंग्रेजों का अधिकार था. इसे व्यापार का प्रवेश द्वार भी कहा जाता था.
बहरहाल, जल्द ही इस विद्रोह को दबा दिया गया और विद्रोह में शामिल लगभग 100 लोगों को फांसी पर लटका दिया गया.
हालांकि लेडी जेन ग्रे और उनके पिता इस विद्रोह में शामिल नहीं थे, फिर भी रानी मैरी ने लोगों को डराने के लिए उनका सिर धड़ से अलग कर दिया गया.
वहीं, टॉवर ऑफ लंदन में कैद उनकी सौतेली बहन एलिजाबेथ को एक साल के लिए नजरबंद कर दिया गया. हालांकि, विद्रोह भड़काने में उनकी भी कोई भूमिका नहीं थी.
कभी नहीं बन पाई मां
37 साल की उम्र में मैरी की शादी के बाद, रानी और उनके डॉक्टरों ने माना कि वह गर्भवती हैं. मैरी का पेट बढ़ गया था, और उन्होंने बच्चे को अपने पेट में महसूस किया.
इस बारे में एक आधिकारिक घोषणा की गई कि रानी को बच्चा होने वाला है. कुछ समय बाद, पता चला कि मैरी ने एक बेटे को जन्म दिया है और इसका जश्न मनाया जाने लगा. हालांकि, ये बात एकदम कोरी बकवास निकली.
काफी समय तक मैरी के कोई बालक नहीं हुआ. आखिरकार यह स्पष्ट हो गया कि ऐसा कभी नहीं होगा. माना जाता है कि रानी स्यूडोसाइसिस से पीड़ित थी. इसलिए उन्हें कई बार लगता था कि वो पेट से हैं.
हालांकि इसके बाद भी मैरी को कई बार ये प्रतीत हुआ कि वो प्रेग्नेंट हैं, लेकिन उन्हें ऐसा कुछ नहीं था. क्वीन मैरी अपनी मौत तक बच्चों का सुख नहीं भोग पाईं.
सैकड़ों की हत्या ने दिया 'ब्लडी मैरी' नाम
सत्ता में रहते हुए, क्वीन मैरी ने इंग्लैंड में कैथोलिक धर्म की वापसी कराई.
पापल प्राधिकरण को बहाल करने और अपने सौतेले भाई एडवर्ड के अधीन होने वाले अंग्रेजी चर्च में विभिन्न सुधारों को पूर्ववत करने के का काम किया.
मैरी ने चर्च के सुप्रीम हैड के खिताब को समाप्त कर रोमन कैथोलिक बिशप पद को बहाल कर दिया. मैरी ने देश के धार्मिक रूपांतरण को सुरक्षित करने के लिए पुराने विधर्म कानूनों को पुनर्जीवित किया. इसके अनुसार, अब ये एक राजद्रोह था.
इसका नतीजा ये रहा कि लगभग 300 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. ये वो प्रोटेस्टैंट ईसाई थे, जो मैरी को हटाने के लिए विद्रोह में भागीदार थे. इन सभी को सामूहिक रूप से जला दिया गया.
मारे गए लोगों में थॉमस क्रैनमर, कैंटरबरी के आर्कबिशप और राजा हैनरी अष्टम व एडवर्ड के सलाहकार और मैरी के पिता और भाई. थॉमस क्रैनमर वो शख्स था, जिसने मैरी की मां एरागॉन की कैथरीन और राजा हैनरी अष्टम की शादी को अवैध घोषित किया था. वहीं, कैंटरबरी के आर्कबिशप ने एडवर्ड के शासनकाल में इंग्लैंड में प्रोटेस्टैंटिज्म को बढ़ावा दिया.
आखिरकार, कैथोलिक इंग्लैंड बनाने का मैरी का सपना चकनाचूर हो गया. 42 साल की उम्र में सन 1558 को लंदन के सेंट जेम्स पैलेस में इन्फ्लूएंजा रोग के कारण क्वीन मैरी की मौत हो गई.
इसके बाद, उनकी छोटी बहन एलिजाबेथ ने सन 1603 में अपनी मौत तक शासन किया. इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ प्रथम ने अपने शासनकाल में पुन: कैथोलिक इंग्लैंड को प्रोटेस्टैंटिज्म में धकेल दिया.
एलिजाबेथ के शासनकाल में ही अंग्रेजी के महान उपन्यासकार शेक्सपियर ने अपनी महानतम रचनाओं पर काम किया.
Web Title: Bloody Mary: Things To Know About Queen Mary I of England, Hindi Article
Queen Mary was nicknamed Bloody Mary when she killed thousands of Protestants in England.
Feature Image Credit: Game of Thrones/The Traveling Viking/ProProfs