‘मुझे बारिश में चलना अच्छा लगता है…
मेरी आंखों में आंसू हैं यह बारिश में कोई नहीं देख सकता.’
यह लाइन्स किसी फिल्मी किरदार का डायलॉग नहीं है. यह पंक्तियाँ एक ऐसे शख़्स ने कही हैं, जो दिल में लाखों दर्द और आंखों में कीमती आंसू छुपाये अपनी पूरी ज़िंदगी लोगों को हंसाने का काम करता रहा. हम बात कर रहे हैं मशहूर कॉमेडियन चार्ली चैप्लिन की जिसने अपनी ज़िंदगी का एक बहुत बड़ा हिस्सा लोगों को हंसाने के लिये नीलाम कर दिया था.
जब आप ऑफिस के तनाव या फिर अपनी आपसी उलझनों में गमगीन हो जाते होंगे तो ज़रुर अपने घर का टीवी ऑन कर वो किरदार देखना पसंद करते होंगे जो आपको कुछ देर के लिये हंसाये. चैनल बदलते हुये टीवी स्क्रीन पर जब कोई शख़्स काला लिबास पहने हुये, सिर पर काली टोपी सजाये और चेहरे पर छोटी मूछें रखकर बिना कुछ कहे अजीबोगरीब हरक़त करते दिखता होगा तो आपकी चैनल ढूंढने की तलाश खत्म हो जाती होगी.
चार्ली को देखने के बाद यक़ीनन आपके चेहरे पर कुछ देर के लिए मुस्कान आ जाती होगी. इस मुस्कान के बाद आप दो पल के लिए अपने सारे ग़म भुला देते होंगे, लेकिन क्या आपने कभी आपको हंसाने वाले इस अजीब से दिखने वाले शख़्स की ज़िंदगी के बारे में पढ़ा है.
अगर नहीं… तो कोई बात नहीं!
आज हम आपको इस मशहूर हास्य कलाकार की ज़िंदगी से रुबरु कराते हैं कि कैसे चार्ली चैप्लिन खुद ग़मज़दा रहते हुये दुनिया के लोगों को गुदगुदाने का प्रयास करते रहे–
बहुत कठिन था बचपन
चार्ली चैप्लिन का जन्म 16 अप्रैल 1889 को हुआ था!
चार्ली का बचपन लंदन शहर में बीता. बात आगे बढ़ाने से पहले आपको बता दें कि इस मशहूर कॉमेडियन का पूरा नाम चार्ल्स स्पेन्सर चॅप्लिन था. वह तो बाद में एक कॉमेडियन के तौर पर मशहूर होने के बाद दुनिया ने उनका नाम चार्ली चैप्लिन रख दिया.
कहते हैं कि चार्ली के पिता एक शराबी थे. जब चार्ली बहुत छोटे से उस समय ही वह उनके पिता उनकी माँ को और चार्ली को छोड़ कर चले गए थे. इसके बाद चार्ली की माँ पर उनको और उनके एक भाई को पालने का बोझ आ गया.
उनकी शुरूआती जिंदगी बहुत मुश्किल थी. माँ एक म्यूजिक हॉल में सिंगर थीं, मगर उनके शो से बस परिवार का गुजारा ही चल पाता था. अपने शुरूआती दिनों में ही चार्ली को एक मुश्किल जिंदगी बितानी पड़ी.
Charlie Had A Very Tough Childhood (Pic: doctormarco)
मां का दर्द देखते हुये गुज़रा बचपन
चार्ली के पिता के जाने के बाद से उनकी माँ पूरी तरह टूट चुकी थी. वह खोई-खोई रहा करती थीं.
उस समय चार्ली बहुत ही छोटे थे, लेकिन इतने भी छोटे नहीं कि अपनी मां के दर्द को नहीं समझ सकें. पिता के छोड़े जाने के बाद उनकी मां की तबियत ख़राब रहने लगी और वह बीमार हो गईं. उनकी माँ ही थीं जो घर चलाती थीं. चार्ली और उनके भाई दोनों ही छोटे थे. ऊपर से लंदन में उस समय काम ढूँढना भी बेहद मुश्किल काम था.
मासूम चार्ली के कंधो पर अपनी मां को संभालने की ज़िम्मेदारी आ गई थी. हालात तब और बिगड़ गये जब उनकी मां दिमाग़ी तौर पर कमज़ोर हो गईं और उन्हें पागलों के अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. अब आसानी से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि जिस उम्र में एक नासमझ बच्चा अपनी ज़िद मनवाने के लिए अपने मम्मी पापा से रुठ जाता है… उस उम्र में चार्ली अपनी मां के ईलाज के लिए पैसे जुटाने के लिए लंदन की गलियों में दर- ब-दर भटक रहे थे.
कहा जाता है कि इस दौरान उन्हें कई बार कई दुकानदारों ने यह कहकर काम देने से मना कर दिया कि उनकी उम्र काफी छोटी है और छोटी उम्र में वह काम करने लायक़ नहीं हैं.
Young Charlie Chaplin Photo (Pic: thinglink)
लाख़ परेशानियों में भी नहीं छोड़ा मुस्कुराना
जिंदगी का जो दिन बिना हंसे और मुस्कुराये गुज़र गया, वह ज़िंदगी का सबसे बुरा दिन है.
यह पंक्तियाँ चार्ली चैप्लिन की ही कही हुई हैं. चार्ली चैप्लिन कम उम्र में ही काफी परेशानियों से जूझ रहे थे, लेकिन उन्होंने इन परेशानियों और मुसीबतों को हंस कर टाला और अपने काम में लगे रहे.
चार्ली वक़्त के साथ आने वाली हर मुसीबत का मुस्कुरा कर सामना कर रहे थे. शायद वह भी नहीं जानते थे कि उनका यह हंसना उनके ज़ख्मों पर मरहम का काम करेगा. मुसीबतज़दा ज़िंदगी को हंसकर जीने की कला उन्हें शोहरत के मक़ाम पर ले गई.
मात्र 19 साल की उम्र में चार्ली ने रंगमंच की नामी कंपनी फ्रेड कार्नो के साथ क़रार कर लिया. कंपनी उन्हें अमेरिका ले गई और फिर उसके बाद चार्ली ने वह मुक़ाम हासिल किया कि दुनिया आज भी उनको एक ज़िंदादिल इंसान के तौर पर याद करती है.
चार्ली की नटखट हरकतें लोगों को इतना गुदगुदाती थीं कि हँसते-हँसते उनका मुंह दर्द से लाल हो जाता था. छोटे से चार्ली जब स्टेज पर आते तो लोगों का तालियाँ बजना बंद ही नहीं होता था. उनकी माँ भी एक स्टेज आर्टिस्ट थीं और अब चार्ली भी उनके नक़्शे-कदमों पर चल रहे थे. वह भी धीरे-धीरे अपनी माँ से भी बड़े स्टेज आर्टिस्ट बन गए थे.
उनके नाम भर से ही हॉल की टिकटें बिक जाया करती थीं. अपने करियर के शुरूआती दौर में ही चार्ली इतने सफल हुए कि हर कोई देखता ही रह गया.
चार्ली ने अपनी हंसी को ही हथियार बनाते हुये फिल्मों में दस्तक दी और रंगमंच की दुनिया में उन्होंने एक बहुत लंबा सफ़र तय किया. फिल्म में उनके किरदार ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया था. वह भी फ़िल्मी परदे पर आते तो उन्हें देख कर हर कोई हंसने लगता. उन्होंने कितनी ही फ़िल्में की जो हिट रही.
आगे चलकर चार्ली ने अमेरिका में अपनी खुद की फिल्म कंपनी ‘यूनाइटेड आर्टिस्ट’ बनाई. बस फिर क्या था, चार्ली को अब अपनी फिल्मों पर पूरो कंट्रोल हो गया था. वह अब न सिर्फ हास्य कलाकार थे… बल्कि स्क्रीन प्ले राइटर, डायरेक्टर, एक्टर, एडिटर बनकर भी उभरे.
चार्ली चैप्लिन साइलेंट सिनेमा के एक सबसे बड़े अदाकार बन गये थे. वह बिना बोले लोगों के दिलों तक पहुंच रहे थे.
He Became One Of The Greatest Stage Comedian Of 20th Century (Pic: wikipedia)
शोहरत मिली तो हर बड़ा अवार्ड आया झोली में…
मात्र 19 साल की उम्र में अमेरिका की ज़मी पर पैर रखने वाले चार्ली चैप्लिन कुछ ही समय में अपनी मेहनत और लगन से बहुत आगे निकल गये थे.
अन्य फिल्म स्टार वह मुक़ाम पाने के लिये सिर्फ सोच सकते थे!
बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि बेहद गरीबी और दिक्कतों में पलने वाले चार्ली एक दिन हर उस अवार्ड के दावेदार बनेंगे जो चुनिंदा लोगों को ही दिये जाते हैं.
चार्ली ने अपनी प्रतिभा के दम पर ‘हॉलीवुड वॉक ऑफ फेम‘ अवार्ड हासिल किया. इसके अलावा भी उन्होंने समय-समय पर कई तरह के अवार्ड अपने नाम किए. अवार्ड तो उन्हें बहुत मिले, लेकिन उनकी प्रतिभा उन अवार्ड्स से भी कहीं ज्यादा थी.
विवादों से भी रहा नाता!
कहते हैं न कि जब कोई इंसान कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ता है तो विवाद खुद चलकर उस तक पहुंच जाते हैं. पूरी दुनिया में अपनी कला के दम पर छाने वाले चार्ली का भी विवादों से काफी नाता रहा. चार्ली ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि जिस अमेरिकी देश ने उन्हें इतना नाम और शोहरत दी थी… एक दिन यही देश उनके लिए अपने दरवाजे बंद कर देगा और उन्हें देश छोड़ने के लिये मजबूर कर देगा!
चार्ली की ज़िंदगी का एक पहलु यह भी रहा कि उनकी ज़िंदगी ने फिर पलटी मारी और हालात बिल्कुल उलट हो गये. 1940 में आई उनकी फिल्म ‘दी ग्रेट डिक्टेटर’ के बाद उनका नाम काफी विवादों से जुड़ा. क्रूर तानाशाह एडोल्फ हिटलर पर बनी इस फिल्म के बाद उन पर कई राजनीतिक आरोप लगे.
इसके अलावा उनके बहुत सी महिलाओं के साथ संबंध होने की बात भी सामने आती रही. चार्ली सबसे ज़्यादा विवादों में अपने प्रेम प्रसंगों के कारण ही रहे. उन्होंने अपने जीवन काल में चार शादियां की जिनमें से उन्होंने तीन पत्नियों को छोड़ दिया. चार्ली जितना अपनी अदाकारी के लिए प्रसिद्ध थे उतना ही अपने विवादों के लिए भी रहे.
He Made Many Controversy For His Love Life (Pic: pagesix)
1977 में गिरा शो का पर्दा!
विवादों में फंसने के बाद चार्ली स्विट्ज़रलैंड आ गए और अपनी जिंदगी जीने लगे. चार्ली ने 25 दिसंबर 1977 को अपने स्विट्ज़रलैंड के घर में आख़िरी सांस ली. कहा जाता है कि बीमारी के कारण उनकी मौत हुई. उस समय उनके साथ उनकी चौथी पत्नी और उनके बच्चे थे.
जानकर हैरानी होगी कि चार्ली का पार्थिव शरीर भी चोरी हो गया था. दो स्थानीय आदमियों ने उनका पार्थिव शरीर चोरी कर लिया था. चार्ली के मृत शरीर को वापिस करने के लिए उन दो आदमियों ने चार्ली के परिवार से करीब चार लाख़ डॉलर जैसी बड़ी रकम देने की मांग की थी. उन दोनों आदमियों को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया और चार्ली के शरीर को फिर से दफनाया गया.
Charlie Chaplin Old (Pic: greenbriarpictureshows)
परेशानी किस इंसान के जीवन में नहीं होती, लेकिन बड़ी बात यह है कि इन परेशानियों को नज़रअंदाज़ करते हुये हमेशा हंसते रहना ही असल जीवन है. चार्ली चैप्लिन ने भी ऐसा ही जीवन जिया. वह चाहते तो बीते हुए कल की याद में अपना आज खराब कर सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा किया नहीं. शायद यही वजह थी कि वह उस मुकाम तक पहुँच पाए जहां जाने का लोग सपना ही देखते हैं!
चार्ली चैप्लिन के जीवन के बारे में आपकी क्या राय है.
Web Title: Charlie Chaplin The Greatest Comedian, Hindi Article
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