बदलाव एक स्वाभाविक प्रक्रिया है.
दुनिया समय के अनुसार बदली है, ठीक उसी प्रकार से दुनियाभर के तमाम देशों ने भी अपने आपको बदलने की कोशिश की है.
औपनिवेशिक शासन से आज़ाद होने के बाद कुछ देशों ने अपनी व्यवस्थाएं बदलीं, तो कुछ ने अपने नाम भी बदल लिए.
उदाहरण के लिए जिम्बाब्वे को अंग्रेजी शासन के दौरान दक्षिणी रोडेशिया कहा जाता था. वहीं आज उत्तरी रोडेशिया जाम्बिया हो गया है. इसके अलावा कभी जायरे के नाम से मशहूर देश अब ‘डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो’ कहा जाता है.
इसके अलावा भी कई और देश हैं, जो आज अपने नाम बदल चुके हैं.
तो चलिए जानते हैं, ऐसे ही कुछ देशों के बारे में –
स्वाजीलैंड बना ‘द किंगडम ऑफ इस्वातिनी’
स्वाज़ीलैंड अफ्रीका का एक ऐसा देश है, जो हाल ही में अपने नाम को बदल देने को लेकर चर्चा में है.
स्वाजीलैंड के राजा मस्वाती तृतीय ने अपने देश का नाम बदलकर ‘द किंगडम ऑफ इस्वातिनी’ रख दिया है. इस्वातिनी का मतलब है ‘स्वाजियों की भूमि.’
अफ्रीका में यह एक ऐसा देश है, जहां अब भी राजशाही व्यवस्था है. यह देश अपने राजाओं के ऐशो-आराम की ज़िंदगी के लिए भी मशहूर है.
राजा मस्वाती की 15 बीवियां हैं, आधिकारिक रूप से उनकी बायोग्राफी लिखने वाले लोगों के मुताबित उनके पिता सोभूज़ा ने इस देश पर 82 सालों तक शासन किया और इस दौरान उनकी 125 बीवियां थीं.
ब्रिटेन से आजादी मिले इस देश को इसी साल 50 साल पूरे हुए हैं, इस मौके पर इस देश ने अपने नाम में परिवर्तन का जश्न मनाया.
King of Swaziland Mswati III with his Wife. (Pic: Quartz)
बर्मा बना म्यांमार
म्यांमार कभी बर्मा के नाम से जाना जाता था और इसकी राजधानी रंगून या यंगून थी.
अब इसका नाम म्यांमार हो चुका है, राजधानी नैपीताव है.
सैन्य सरकार ने 1989 में जब इस देश का नाम म्यांमार रखा तो जापान और फ्रांस सरकार ने इसकी स्वीकृति दे दी, लेकिन अमेरिका और ब्रिटेन लंबे समय तक इसे नकारते रहे.
म्यांमार में अब सैन्य सरकार का अंत हो चुका है. वैश्विक समाज अब म्यांमार को गंभीरता से लेने लगा है, वहीं म्यांमार नाम को अब वैश्विक स्वीकार्यता मिल चुकी है.
हाल ही में यह देश रोहिंग्या मुद्दे को लेकर वैश्विक जगत में विवाद का मुद्दा बना रहा.
Myanmar is a gateway to South East Asian Country. (Pic: cheaptickets)
ट्रांसज़ॉर्डन बना जॉर्डन
जॉर्डन ब्रिटिश शासनकाल में ट्रांसज़ॉर्डन नाम से जाना जाता था.
पहले विश्व युद्ध तक एक देश के रूप में जॉर्डन का कोई अस्तित्व नहीं था, लड़ाई के बाद कुछ समय तक ब्रिटेन और मित्र राष्ट्रों का कब्ज़ा फ़िलिस्तीन और उससे जुड़े इलाक़ों पर रहा.
लेकिन दूसरे विश्व युद्ध के बाद 1948-49 में जॉर्डन का गठन किया गया और ब्रितानी सेना वहां से निकल आई.
1946 में ट्रांसजार्डन को अनौपचारिक रूप से आजादी प्राप्त हुई और 1949 में इसने अपना नाम बदलकर द हाशेमिते किंगडम ऑफ जॉर्डन कर लिया.
दरअसल जॉर्डन वहां की एक नदी का नाम है, और उसका अस्तित्व ईसा मसीह से जुड़ा हुआ माना जाता है.
Jordan is an Nation on the Bank of the Jordan River. (Pic: Lonely Planet)
फारस से ईरान बनने तक
1935 तक यह देश फारस या पर्शिया के नाम से जाना जाता था, उसके बाद इस देश ने औपचारिक घोषणा की कि इसे अब ईरान के नाम से जाना जाए.
1979 में इस्लामी क्रांति के बाद इसका औपचारिक नाम ईस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान रख दिया गया, इसके बावजूद यह ईरान के नाम से प्रसिद्ध है.
इस्लाम धर्म ही ईरान का राजधर्म है. यहां शिया मुस्लिम ही बहुमत में हैं, शिया के बाद सुन्नी मुस्लिमों की सर्वाधिक आबादी है.
उनके अलावा यहूदी, ईसाई और बहाई भी ईरान में रहते हैं.
ईरान की राजधानी का नाम तेहरान है, जिसका अर्थ होता है गर्म टीला.
Iran is an Islamic Republic on the Persian Gulf. (Pic: Heart4Iran)
भारत का पड़ोसी श्रीलंका
भारत के दक्षिण में स्थित श्रीलंका ब्रिटिश औपनिवेश से आज़ाद होने के पहले तक सीलोन के नाम से जाना जाता था.
आपको याद हो कि एक दौर में रेडियो सीलोन भारत में बहुत सुना जाता था, जो भारतीय फिल्मी गानों को रेडियो पर प्रसारित करता था. इसी को ध्यान में रखते हुए भारत में मनोरंजन प्रसारण सेवा प्रारंभ की गई थी.
श्रीलंका में आज़ादी आंदोलन के दौरान इसका नाम सीलोन से बदलकर श्रीलंका रखने की मांग उठने लगी. सन 1972 में इस देश का नाम द रिपब्लिक ऑफ श्रीलंका रखा गया, फिर बदलकर 1978 में डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट रिपब्लिक ऑफ श्रीलंका कर दिया गया.
अब इस देश को श्रीलंका के नाम से जाना जाता है.
Sri Lanka officially the Democratic Socialist Republic of Sri Lanka. (Pic: Asia Tourism News)
बेनिन और इथियोपिया
औपनिवेश काल से पहले ही पश्चिमी अफ्रीका में दाहोमे किंगडम की स्थापना हुई थी. तात्कालिक दाहोमे किंगडम में टोगो और नाइजीरिया भी शामिल हुआ करता था.
ब्रिटिश शासन से यह 1975 में मुक्त हुआ और आज़ादी के उपरांत 15 साल बाद इसका नाम बदलकर बेनिन रख दिया गया.
इसी प्रकार से, इथियोपिया का नाम पहले अबीसीनिया था. उत्तर-पूर्वी अफ्रीका में स्थित अबीसीनिया का नाम वहां के हेले सेलासी ने बदलकर इथियोपिया रख दिया था.
कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इस देश का नाम हमेशा से यही रहा है, अबीसिनिया नाम को अरब के लोगों ने प्रचलित किया.
इथियोपिया की राजधानी अदीस अबाबा है, क्षेत्रफल के हिसाब से यह अफ्रीका का दसवां सबसे बड़ा देश है.
Mursi people in Ethiopia. (Pic: Ker & Downey)
बेचुयाना लैंड और कांगाे ने बदले नाम
ब्रिटिश औपनिवेश के दौरान बोत्सवाना का नाम बेचुयाना लैंड था.
अफ्रीकी महाद्वीप के दक्षिणी हिस्से में स्थित बोत्सवाना को 1885 में ब्रिटेन ने औपनिवेश बनाया और 1966 में इसे आजादी दे दी. आज़ादी के बाद वहां के सबसे बड़े जातीय समूह त्वाना के नाम पर इस देश का नाम बोत्सवाना रख दिया गया.
इसी के साथ मध्य अफ्रीका में स्थित
डैमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो 1960 में ब्रिटिश औपनिवेश से रिपब्लिक ऑफ कांगो के रूप में आज़ाद हुआ.
1965 में इस देश को डैमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो नाम दे दिया गया.
1971 में एक बार फिर इसे रिपब्लिक ऑफ जायरे नाम दिया गया, लेकिन फिर बाद में यह देश डैमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो नाम से जाना जाने लगा.
कांगो और जायरे में एक समानता है, दोनों वहां की नदी के नाम हैं. वहीं, क्षेत्रफल के लिहाज़ से कांगो अफ्रीका महाद्वीप का तीसरा सबसे बड़ा देश है.
Democratic Republic of the Congo. (Pic: National Geographic)
बुरकीना फासो पहले अपर वोल्टा के नाम से जाना जाता था.
हालांकि बाद में देश की दो मुख्य भाषाओं के नाम पर इस देश का नाम बुरकीना फासो रखा गया. वहां की क्षेत्रीय भाषा मूरे में बुरकीना का अर्थ ईमानदार लोग होता है, वहीं ट्यूला में फासो का अर्थ पितृभूमि है.
पश्चिमी अफ्रीका में बसे इस देश को ईमानदार लोगों का देश भी कहा जाता है.
इसके अतिरिक्त और भी कई देश हैं, जिन्होंने अपने विघटन के बाद नए नाम रख लिए. उदाहरण के लिए रूस का नाम लिया जा सकता है.
1917 की साम्यवादी क्रांति से बने 15 लोकतांत्रिक गणराज्यों वाले सोवियत संघ का विघटन हुआ, जिसके फलस्वरूप आज यह रूस के नाम से जाना जाता है.
अगर आप भी ऐसे ही किसी अन्य देश के बारे में जानते हैं, तो हमें नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं.
Web Title: Countries Who Have Changed Their Names, Hindi Article
Feature Image Credit: reddit