इतिहास एक दिन में नहीं बनता, लेकिन हर दिन इतिहास के बनने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है.
16 जुलाई के इतिहास के लिए भी यही मायने हैं. इस दिन इतिहास की कुछ बहुत महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं.
तो आईए नज़र डालते हैं, इस दिन भारतीय इतिहास में घटीं कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं पर-
वाशिंगटन डीसी बनी अमेरिका की नई राजधानी
16 जुलाई 1790 के दिन वाशिंगटन डीसी शहर संयुक्त राष्ट्र अमेरिका की नई राजधानी बना. इसकी घोषणा अमेरिकी कांग्रेस ने की. यह शहर मैरीलैंड और वर्जीनिया के बीच स्थित था. इस शहर का नाम अमेरिकी क्रांति के नायक जोर्ज वाशिंगटन के नाम पर रखा गया था. वे अमेरिका के सबसे पहले राष्ट्रपति भी बने थे.
पहले-पहल यह शहर कोलंबिया जिले के अंतर्गत आता था. यह शहर पोटोमैक नदी के पास स्थित था, इसलिए यह आर्थिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण था. जोर्ज वाशिंगटन ने ही सबसे पहले इसकी इस विशेषता को पहचाना था.
जोर्ज वाशिंगटन को अमेरिकी राष्ट्रपति का पद संभाले हुए मुश्किल से एक ही साल हुआ होगा कि इसी बीच उन्होंने एक फ्रांसीसी वास्तुकार को इस शहर का नक्शा तैयार करने का जिम्मा दिया. इस वास्तुकार का नाम पियरे एल इन्फेंट था.
1793 में इस शहर में सबसे पहले राष्ट्रपति भवन अर्थात् ‘व्हाइट हाउस’ की नींव का पहला पत्थर रखा गया. सन 1800 तक यह रहने के लायक नहीं बना था, इसलिए जोर्ज वाशिंगटन इसमें कभी रह ही नहीं पाए.
आगे राष्ट्रपति जॉन एडम्स इसमें दो साल तक रहे. अगले राष्ट्रपति थॉमस जेफरसन ने इसे 1801 में इसे अपनी शरणस्थली बनाया.
‘अपोलो 11’ हुआ धरती से रवाना
16 जुलाई 1969 के दिन ‘अपोलो 11’ को फ्लोरिडा से लांच किया गया. अपोलो 11 एक चंद्रयान था. इसे अमेरिका ने चन्द्रमा पर भेजा था. दो लाख चालीस हजार मील की दूरी तय करके यह 19 जुलाई को चन्द्रमा की कक्षा में पहुंचा था.
अगले दिन नील आर्म स्ट्रांग और एडविन बज ने इसका माड्यूल ‘ईगल’ यान से अलग कर दिया. जबकि तीसरे अंतरिक्ष यात्री माइकेल कॉलिंस उसी यान में बने रहे. अगले दो घंटे के भीतर ईगल चन्द्रमा पर लैंड कर गया.
हैरानी की बात तो यह थी कि ईगल अपने निर्धारित समय से पांच घंटे पहले ही लैंड कर गया था. ईगल के लैंड होने के बाद नील आर्मस्ट्रांग सबसे पहले चन्द्रमा की सतह पर उतरे.
इस तरह उन्होंने इतिहास रच दिया. थोड़ी देर बाद एडविन भी उनके पास आ गए. इसके बाद दोनों ने कुछ फोटोग्राफ्स खींची और कुछ वैज्ञानिक प्रयोग किये. उस रात वे चन्द्रमा पर ही सोये.
अगली सुबह ईगल वापस से यान से जुड़ गया और वे वापस धरती पर लौट आए. इस मिशन के बाद पांच और ऐसे मिशन को अंजाम दिया गया. ये मिशन बहुत खर्चीले थे, इसलिए बाद में इन्हें बंद कर दिया गया.
फिलीपींस में आया जानलेवा भूकंप
16 जुलाई 1990 के दिन फिलिपींस के लुजान द्वीप पर इस सदी के एक सबसे जानलेवा भूकंप आया. रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 7.7 मैग्नीट्यूड मापी गई. इस भूकंप में एक हज़ार से भी ज्यादा जानें चली गईं. सबसे ज्यादा क्षति बैगुओ शहर में हुई.
बड़ी-बड़ी इमारतों के गिरने से सबसे ज्यादा जानें गईं.
इमारतों से जल्दी बाहर आने के चक्कर में कई जगह भगदड़ मच गई, इसमें भी कई लोग मारे गए. क्रिस्चियन कॉलेज की छह मंजिला इमारत ढहने से उसमें करीब 250 विद्यार्थी और शिक्षक फस गए. बाद में उनमें से बहुतों को बाहर निकाल लिया गया.
भूकंप आने के बाद कई दिनों तक शहर में रहने वाले लोग अपने घरों के बाहर ही सोये. उन्हें डर था कि भूकंप फिर से आ सकता है. शहर में ऐसा कोई होटल या रिसोर्ट नहीं था, जिसे क्षति न पहुंची हो.
इसी दौरान शहर के बाहर एक केमिकल फैक्ट्री में आग भी लग गई. वहीं एक खदान भी ढह गई. इसके ढहने से 30 मजदूरों की जान चली गई.यह भूकंप अपने साथ भूचाल भी लाया.
इससे शहर के तीन प्रमुख मार्ग ब्लाक हो गए. इनके ब्लाक हो जाने से बचाव कार्य में बहुत अडचनें आईं.
पहले परमाणु बम का सफल परीक्षण
16 जुलाई 1945 के दिन दुनिया के पहले परमाणु बम का सफल परीक्षण हुआ. इसे मैनहैटन प्रोजेक्ट का नाम दिया गया था. इस परीक्षण को न्यू मेक्सिको में अंजाम दिया गया था. यह परीक्षण अमेरिका ने किया था.
असल में परमाणु बम बनाने के प्रयास 1939 से ही चल रहे थे. यह सफल परीक्षण द्वितीय विश्व युद्ध की निमित्ति था. 1939 में अलबर्ट आइन्स्टीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति को एक पत्र लिखा था.
इस पत्र में उन्होंने राष्ट्रपति को बताया था कि परमाणु बम युद्ध में सबसे खतरनाक हथियार साबित होगा और हम इसे बनाने में सक्षम हैं.अगले साल इस ओर शोध करने के लिए अमेरिकी सरकार ने छह हजार डॉलर का फंड पास कर दिया.
आगे 1942 में जब द्वितीय विश्व युद्ध तेज हो गया तो अमेरिका को लगा कि जर्मनी अपना परमाणु बम विकसित कर रहा है, इसलिए उसने शोध की राशि के ऊपर से सभी सीमायें हटा दीं.
आगे 1943 में परमाणु बम को बनाने के लिए न्यू मेक्सिको में प्रयोगशाला की स्थापना हुई. यहीं पर इसे ऑपरेशन मैनहैटन का नाम दिया गया. इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने का जिम्मा शिकागो विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के कन्धों पर था.
अंततः 16 जुलाई की सुबह न्यू मेक्सिको के रेगिस्तान में पहला परमाणु बम फोड़ा गया. इस बम में बला की ताकत थी.
सफल परीक्षण के बाद यह सवाल उठा कि आखिर किस देश के ऊपर इसे फोड़ा जाए. उस समय तक जर्मनी ने आत्मसमर्पण कर दिया था. हालाँकि, जापान अभी भी लड़ रहा था.
आगे अमेरिका ने जापान के ही ऊपर दो परमाणु बमों को फोड़ा. इसके बाद द्वितीय विश्व युद्ध का अंत हो गया.
तो ये थीं 16 जुलाई के दिन इतिहास जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं.
अगर आपके पास भी इस दिन से जुड़ी किसी महत्वपूर्ण घटना की जानकारी हो, तो हमें कमेन्ट बॉक्स में जरूर बताएं.
Web Title: Day In World History 16 July, Hindi Article
Feature Image Credit: yadernyy