बीच समंदर में जहाज पर सफ़र करना अपने आप में एक अलग ही अनुभव रखता है. बहुत से लोग तो जहाजों पर बैठकर दूर-दूर तक समंदर में घूमने का सपना लिए ही समुद्री जहाजों पर जाते हैं.
हालांकि, कई बार यही सपना उनके लिए बहुत बुरा बन जाता है. इस लिहाज से इसमें दो राय नहीं कि समुदी जहाज में घूमना जितना मनमोहक लगता है, उतना ही यह खतरनाक भी होता है.
दुनिया में कई बार समुद्री जहाजों के इतने बड़े हादसे हुए हैं कि उनके बारे में जानकर जहाज पर कदम रखने से भी डर लगता है. वह हादसे कौन से थे आईए जानते हैं-
कोस्टा कॉनकॉर्डिया
कोस्टा कॉनकॉर्डिया को इतिहास की सबसे बड़ी दुर्घटनाओं में से एक माना जाता है. 13 जनवरी 2012 को गिगलियो द्वीप के पास यह जहाज डूब गया था. माना जाता है कि इसमें कम से कम 32 लोगों की मृत्यु हो गई थी. हजारों लोगों को यह जहाज अपने साथ समंदर में डुबा ले गया था.
बहुत मुश्किल से इसे डूबते जहाज से करीब 4000 लोगों को बचाने का काम हो पाया था. जहाज में सवार हर व्यक्ति के चेहरे की रंगत उड़ गयी थी जब उन्हें इस जहाज से बचाया गया.
माना जाता है कि अगर सब लोग इस हादसे में मारे जाते तो यह दूसरे विश्व युद्ध के बाद की सबसे बड़ी घटना हो सकती थी. इस घटना के लिए जहाज के कैप्टन को दोषी माना गया था. उन्हें कई मौतों का ज़िम्मेदार माना गया.
यही नहीं उन्हें 16 साल के लिए जेल भी हुई.
वर्तमान में यह जहाज पूरी तरह से मलबे में तब्दील हो चुका है, जिसको सरकार के अदेश पर ध्वस्त कर दिया गया है.
Costa Concordia (Pic: wikimedia)
एम.वी. प्रिंसेस ऑफ़ द स्टार्स
एम वी प्रिंसेस ऑफ़ द स्टार्स नाम का यह जहाज 21 जून, 2008 को एक दुर्घटना का शिकार हो गया था. यह 20 जून 2008 को मनीला से रवाना हुआ था. हादसे के समय यह रोमन प्रांत सिबययन द्वीप के पास था.
कहते हैं कि यह अपनी मंजिल की ओर तेजी से बढ़ रहा था, तभी अचानक यह हादसे का शिकार हो गया. लोग समझ पाते कि क्या हुआ है, इससे पहले ही यह जहाज डूबने लगा. धीरे-धीरे समंदर का पानी उसे अपने आगोश में लेने लगा. इस डूबते समय जहाज में करीब 800 लोग थे, जिनमें से केवल 28 लोग ही जिंदा बच पाए थे.
इस जहाज के साथ हुई इस दुर्घटना के पीछे प्राकृतिक आपदा को कारण माना गया. बताते चलें कि इस जहाज में से केवल 130 मृतक व्यक्तियों को निकाला जा सका था.
बाकियों का तो पता तक नहीं चला कि वह पानी के बहाव में कहां चले गए.
MV Princess of the Stars (Pic: chinadaily)
एम.एस.अल सलाम बोकासियो 98
एम.एस. अल-सलाम बोकासियो 98 में लगभग 1,400 लोग सवार थे, जिसमें ज्यादातर मिस्र के लोग थे. माना जाता है कि यह जहाज लाल सागर में डूब गया था. अधिकारियों के अनुसार इसमें केवल 100 लोगों को ही बचाया जा सका.
दूसरी तरफ कई सौ लोग इस जहाज के साथ समंदर के धरातल तक पहुँचे. यह वाकई में एक बहुत बड़ा और दर्दनाक हादसा था. गजब की बात तो यह है कि इस जहाज के डूबने का कारण आज तक पता नहीं चल पाया.
कहते हैं कि जब यह जहाज डूबा तो मौसम बहुत ही खराब था. यही कारण था कि राहतकर्मियों को घटना स्थल तक पहुँचने में देर हो गई और इतने लोगों की मौत हो गई.
MS Al-Salam Boccaccio 98 (Pic: thescubanews)
सुपरफेरी
2004 में सुपरफेरी जहाज के साथ हुए हादसे को यादकर आज भी लोगों का दिल सहम जाता है. आतंकी किस हद तक गिर सकते हैं, जहाज के हादसे ने यह दुनिया को दर्शा दिया था.
27 फरवरी 2004 को इस जहाज पर 14 बम विस्फोट हुए थे!
यह एक आतंकवादी हमला था. बीच समंदर में यह जहाज मनिला से फिलीपींस की ओर जा रहा था. पूरे जहाज पर सवार लोग बहुत खुश थे, क्योंकि उनका सफ़र ख़त्म होने की कगार पर था.
तभी जहाज पर एक के बाद एक बम विस्फोट होना शुरू हुए. इस आतंकवादी हमले में 116 लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना में 6 साल से कम उम्र के 6 बच्चे और 6 से 16 वर्ष के नौ बच्चों की मृत्यु हो गई थी. इसमें कुछ बच्चे एक प्रतियोगिता के लिए उतरी मिंडानाओ के स्कूलों से भेजे गए थे.
यह जहाज 27 फरवरी को रात 10 बजे कागायन दि एरो सिटी की ओर रवाना हुआ था, जिसमें 899 यात्री थे. इसमें 3.6 किलोग्राम वाले टीएनटी बम थे, जिन्हें अलग-अलग जगह छिपाया गया था.
धामके इतने जोरदार थे कि देखते ही देखते कई लोगों की इसके कारण मौत हो गई.
2004 SuperFerry 14 Bombing (Pic: historycommons/emaze)
एक्सप्रेस समीना
यह हादसा खुद जहाज के कैप्टन द्वारा हुआ था. इस हादसे में करीब 82 लोगों की मौत हो गई थी. इस जहाज में करीब 500 लोग सवार थे. यह जहाज सही तरीके से अपनी मंजिल तक पहुंच रहा था, तभी जहाज का कैप्टन बेफिक्र होकर सो गया. यही उसकी सबसे बड़ी चूक साबित हुई.
इसी दौरान जहाज एक बड़े पत्थर से टकरा गया था, इस कारण पानी का रिसाव शुरू हो गया. अगले करीब आधे घंटे के अंदर ही वह पूरा जहाज समंदर में समा गया.चूंकि, जहाज पारोस द्वीप के पास था इसलिए, उसे समय पर मदद मिल गई. बावजूद इसके कई लोग अपनी जान गंवा चुके थे.
इस हादसे के लिए जहाज के सभी कर्मियों को दोषी मान कर उन पर मुकदमा चलाया गया. उन पर आरोप था कि इस हादसे के समय उनका अपने काम पर ध्यान नहीं था.
एमएस एस्टोनिया
27 सितंबर 1994 की शाम को यह जहाज एस्टोनिया को छोड़कर अपनी यात्रा करते हुए बाल्टिक सागर की ओर निकल गया था. इसमें उस समय करीब 989 लोग सवार थे, जिसमें से 803 यात्री और 186 लोग जहाज के दल से थे.
एमएस एस्टोनिया जहाज अपनी मंजिल की ओर 40 मील प्रति घंटे की रफ़्तार से चल रहा था. समंदर की लहरें उस दिन बहुत तेज थीं. जैसे ही जहाज थोड़ा आगे गया लहरें बहुत ज्यादा खतरनाक हो गई. इन्हीं तेज समुद्री लहरों के कारण जहाज का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसके कारण जहाज डूबने लगा था!
साथ ही जहाज एक जगह पर ही स्थिर हो गया था और लोगों के लिए कहीं भी जाने की जगह नहीं बची थी. ऐसे में जहाज का डूबना तय था. जैसे-तैसे 310 के करीब लोग इस जहाज से बाहर निकलने में सक्षम हो पाए थे. हालांकि, इसके बाद उन्हें समंदर के खून जमा देने वाले पानी का सामना करना पड़ा. इस पानी में हर कोई मदद आने तक जिंदा नहीं रह पाया.
12 साल से छोटे सभी बच्चे मदद मिलने से पहले ही दम तोड़ चुके थे. वहीं कई 55 साल से बड़े लूग्न की भी ठंडे पानी के कारण मौत हो गई.
आखिर में इस दर्दनाक हादसे से केवल 137 के करीब लोग ही जिंदा बच पाए.
MS Estonia (Pic: pinterest)
तो यह थे दुनिया के कुछ सबसे बड़ी समुद्री हादसे.
आज तक आपने महज टाइटैनिक के हादसे के बारे में ही सुना होगा मगर यह भी उसके बराबर ही हैं. इन हादसों में भी बहुत से लोगों की जान गई है.
यही कारण है कि इन्हें जब भी याद किया जाता है तो लोगों की आँखें नाम हो जाती हैं.
Web Title: Deadliest Accidents In History, Hindi Article
Featured Image Credit: dijizz