स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी अमेरिका की पहचान मानी जाती है. हम सभी जानते हैं कि वह फ्रांस द्वारा अमेरिका दिया हुआ तोहफा है, जो कि एक लाइटहाउस है. आज हम लाइटहाउस के इतिहास के सफ़र पर निकलते हैं.
जब समुद्र में नाविक यात्रा किया करते थे, तो उसमें आने वाले तूफ़ान और रास्ता भटक जाने की बात आम हुआ करती थी.
इसी समस्या का हल निकलकर आया लाइटहाउस. इसकी शुरुआत की बात करें तो इतिहासकारों के अनुसार, दुनिया का सबसे पुराना लाइटहाउस अलेक्जेंड्रिया का फरो है. यूनानी शब्द 'फरो' का अर्थ प्रकाश है.
इसका निर्माण लगभग 300 BC पहले हुआ था. लेकिन, 14 वीं शताब्दी में आये भयानक भूकंप ने इसे ध्वस्त कर दिया. लेकिन यह लाइट हाउस समुद्र के अंदर नहीं बल्कि समुद्र के किनारे ज़मीन पर बना हुआ था.
इसके बाद समुद्र के बीच में दुनिया का सबसे पहला लाइटहाउस इंग्लैंड में बना था. इसके बनाने की कहानी भी उतनी ही रोचक है. जितनी इसके ध्वस्त होने की. ये लाइट हाउस अपने साथ अपने बनाने वालों को भी निगल गया था.
तो आइये, चलते हैं समुद्र में बने दुनिया के पहले लाइटहाउस 'एडीस्टोन' के सफ़र पर-
समुद्री तूफान ने किया था नाक में दम
अंग्रेजी चैनल इंग्लैंड और फ्रांस के बीच अटलांटिक महासागर का हिस्सा है. इन्हीं चैनलों पर पहाड़ी और चट्टानें मौजूद है. यहीं पर एडिसन रॉक के नाम से जाना जाने वाला पर्वत मौजूद है. यह प्लाईमाउथ हार्बर से लगभग 14 मील दूर स्थित है. अंग्रेजी में 'ed' शब्द का अर्थ भंवर है, यही वजह थी कि इस पहाड़ी को 'व्हर्लिंग हिल्स' भी कहा जाता है.
यहाँ की जगह पर इतने भारी समुद्री तूफ़ान आते थे कि पहाड़ की चोटी भी अक्सर पानी में डूब जाया करती थी. ऐसे में, यहाँ से अगर कोई जहाज गुजरता और ज्वार की स्थिति पैदा होती थी तो, उस जहाज के बचने की संभावना ना के बराबर ही होती थी.
ऐसे में, वह पहाड़ वहां से गुजरने वाले सभी जहाज व्यापारियों के लिए खौफ का कारण बना हुआ था. इस डर से मुक्ति दिलाने का काम किया था हेनरी विंस्टनले ने. इस काम को शुरू करने के लिए विंस्टन ने बड़ी संख्या में श्रमिकों की भर्ती की.
एडीस्टोन को सबसे पहले बनाने का प्रयास हेनरी विंस्टनले ने किया था. हेनरी एक नक्काश, अपनी जहाज का व्यापारी मालिक और पानी से जुड़े कामों का मैकेनिक भी था. इसी वजह से उसने अपना ‘विंस्टनले वाटरवर्क्स’ स्थापित किया हुआ था. उसकी यह यह शॉप लंदन के हाईड पार्क में थी, जो बरसों से लन्दन के लोगों के लिए आकर्षण का एक केंद्र रहा था.
एक व्यापारी होने के नाते उसने पांच जहाजों में अपने पैसे लगाए हुए थे. ऐसे में, यह दूसरा मौका था जब 1695 में उसका एक जहाज ‘कांस्टेंट’ चट्टानों से टकराकर ध्वस्त हो गया.
...और लाइटहाउस बनाना कर दिया शुरू
इस बात से परेशान होकर उसने इस समस्या से छुटकारा पाने के बारे में सोचा. इसी दिशा में उसने अपना काम करना शुरू कर दिया. सन 1696 में उसने एक आठ डायगोनल वाली लकड़ी की संरचना पर काम करना शुरू कर दिया. वह इस काम को अपना ज्यादातर समय देने लगा.
जिस समय वह यह काम कर रहा था. उसी दौरान इंग्लैंड और फ्रांस के बीच युद्ध चल रहा था. ऐसे में हेनरी के इस एडीस्टोन प्रोजेक्ट की अहमियत और भी ज्यादा बढ़ गई थी. युद्ध की वजह से उस लाइट हाउस पर काम कर रहे श्रमिकों की सुरक्षा के लिए हेनरी ने एक युद्धपोत खड़ा कर दिया. उसकी सुरक्षा के लिए सरकार ने भी उसकी मदद की और इसके लिए कई निश्चित इंतजाम भी किये.
युद्धपोत को देखकर फ्रांसीसी सैनिकों ने भी वहां जाने की कोई ज्यादा कोशिश नहीं की. लेकिन, 1697 में एक ऐसी घटना घटती है जिसका किसी को अंदाजा नहीं था. दरअसल, एक सुबह एडीस्टोन पर काम चलने वाली जगह पर युद्धपोत नहीं पहुँच पाया. उसकी जगह फ्रांस का एक सामान्य हथियारबंद जहाज़ आ गया और वह विंस्टनले को फ्रांस लेकर चला गया.
हालांकि, जब लुइस XIV ने इस घटना के बारे में सुना तो उसने तुरंत कैद किये हुए हेनरी को छोड़ने का आदेश दे दिया. उन्होंने यह कहते हुए उसे छोड़ दिया कि “फ्रांस युद्ध में इंग्लैंड से लड़ाई कर रहा है न की इंसानियत के साथ”.
तीन साल में बनकर हुआ तैयार 'एडीस्टोन'
अब एडीस्टोन की अहमियत इंटरनेशनल स्तर पर बढ़ चुकी थी. यह सबसे पहले सन 1698 में इसमें प्रकाश किया गया. इसमें 24 मोमबत्तियां जलाकर प्रकाश किया गया. इस तरह ब्रिटेन में सबसे पहला खुले समुद्र में बना हुआ लाइटहाउस दुनिया को मिल गया.
विंस्टनले अपनी सनक के लिए भी जाना जाता था. उसने इस लाइटहाउस में बहुत बारीकी से काम किया था. इसमें बाहरी सीढियां लगी हुईं थी, लाइट हाउस के एक ‘वेदर कॉक’ भी लगा था, जो हवा की दिशा के बारे में बताया करता था.
समुद्र के बीच यह लाइटहाउस तीन साल तक मेहनत करने के बाद बनकर तैयार हो गया. 14 नवंबर 1698 को एडीस्टोन लाइटहाउस का निर्माण कार्य पूरा हो गया. इस लाइटहाउस की ऊंचाई 120 फीट थी.
यह लाइटहाउस अपनी पहली सर्दी की मार तो झेल गया. लेकिन, 1699 की बसंत ऋतु में इसे मरम्मत की जरूरत पड़ी. पहले इसमें आठ डायगनल थे, लेकिन अब इसे बढाकर 12 कर दिया गया. साथ ही, इसमें लकड़ी के फ्रेम और बाहर पत्थर भी लगा दिए गए.
इसके बाद हेनरी ने इसमें कई और फीचर जोड़ दिए जैसे लैटिन और इंग्लिश शिलालेख और सजावटी वाली लकड़ी की कैंडल्स.
निगल गया शैतान रूपी तूफान
विंस्टनले टावर तीन साल तक समुद्र में खड़ा रहा. लेकिन 1703 में आये एक भयानक समुद्री तूफ़ान के आगे वह ढह गया. ये तूफ़ान इतना खतरनाक था कि इस लाइटहाउस के अस्तित्व का नामों निशान तक नहीं मिला.
इसमें सबसे ज्यादा बुरी बात तो यह थी कि जिस दौरान यह तूफ़ान आया था उस समय हेनरी और उनके कर्मचारी उसमें मौजूद थे. दरअसल, विंस्टनले अपने साथियों के साथ लाइटहाउस की मरम्मत के लिए गए हुए थे. काम करते-करते ज्यादा समय बीत गया तब, उन्होंने अपने साथियों के साथ फैसला किया कि आज रात वहीं रूक जाते हैं.
पर उन्हें इस बात की कहाँ खबर थी कि यह रात उनकी आखिरी रात साबित होगी. समुद्री तूफ़ान का कहर इतना ज्यादा भयानक था कि लाइटहाउस समेत उसमें मौजूद हेनरी और अन्य लोगों का कुछ पता नहीं चला.
इस तरह अपने लाइट हाउस के साथ हेनरी विंस्टनले भी इस दुनिया से चले गए. उनकी मौत वाकई में बहुत दर्दनाक थी, क्योंकि समुद्र की लहरों में वो, उनके साथी और लाइट हाउस सब विलीन हो गए.
इसके बाद दूसरा लाइटहाउस भी बनाया गया था, जो 46 साल बाद आग लग जाने की वजह से ध्वस्त हो गया था. तो ये थी कहानी पहले लाइटहाउस की. अगर आप भी इससे जुड़ी कोई जानकारी रखते हैं तो, हमारे साथ कमेंट बॉक्स में जरूर शेयर करें.
WebTitle: Eddy Stone: First Offshore Lighthouse, Hindi Article
This article is about the construction and demolition First Offshore lighthouse along with its constructor.
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