हमारा जन्म एक जानवर के रूप में हुआ था, अगर हमारे बीच से नए नए खोज करने वाले बुद्धिजीवी निकल कर सामने ना आते तो शायद हम ये कभी साबित ही ना कर पाते कि हम मानव हैं और हम जानवरों से अलग हैं.
आग, कपड़े, भोजन और संसाधनों के साथ-साथ कुछ ऐसे आविष्कार भी किए गए जिन के कारण हमें पृथ्वी ही नहीं बल्कि अनंत गगन के बारे में भी बहुत सी जानकारियां प्राप्त हुईं.
‘हैली धूमकेतु’ की खोज इन आविष्कारों में से ही एक महवपूर्ण आविष्कार था. पुच्छल तारे के बारे में सबने स्कूल की किताबों में जरूर पढ़ा होगा, लेकिन क्या आप इसके खोजकर्ता के बारे में जानते हैं?
नहीं तो चलिए आज आपको बताते हैं पुच्छल तारों की गुत्थी सुलझाने वाले एडमंड हैली के बारे में–
बचपन से थे प्रतिभाशाली
एडमंड हैली का जन्म 8 नवम्बर सन 1656 में पूर्वी लंदन के शोरडिच में एक धनी व समृद्ध परिवार में हुआ था. एडमंड हैली के पिता एडमंड हैली सीनियर अपने शहर के जाने माने साबुन व्यापारी थे. समृद्ध होने के कारण हैली के पिता ने उनकी शिक्षा में कोई कमी नहीं रहने दी.
शुरुआती दिनों में उनकी शिक्षा घर से ही हुई, फिर सन 1671 में उनका दाखिला लंदन के एक महंगे स्कूल सेंट पॉल में हुआ. आम तौर पर समृद्ध परिवेश में पले बढ़े बच्चे अपनी सुख सुविधाओं में उलझ कर अपनी क्षमता का शत प्रतिशत नहीं दे पाते किन्तु हैली के साथ ऐसा नहीं था. बचपन से ही गणित में उनकी विशेष रूचि थी तथा समय के साथ अपनी बढ़ रही प्रतिभा से उन्होंने साबित कर दिया था कि उनका जन्म इतिहास रचने के लिए हुआ है.
समय के साथ हैली की रूचि खगोलशास्त्र में भी बढ़ती गयी, जिस कारण सन 1673 में उन्हें ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के क्वींस कॉलेज में प्रवेश दिलाया गया. वहां जाने से पहले ही हैली ने सोच लिया था कि वह खगोलशास्त्र में ही कुछ करेंगे, इसलिए उन्होंने अपने पिता से खगोलशास्त्रियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण खरीदने को कहा. उनके पिता ने भी कॉलेज जाने से पहले ही उन्हें सबसे महंगे और अच्छे उपकरण खरीद के दिए.
कहते हैं कि कॉलेज में हैली की एक अलग ही पहचान थी क्योंकि शुरूआती दिनों से ही उनकी लिखी बातें कॉलेज की मैगज़ीन में प्रकाशित होने लगी थीं. पूरे कॉलेज में हैली का नाम मशहूर हो गया था.
Oxford university The Queens College (Pic : wikipedia)
जुनून के लिए बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी और…
ऑक्सफ़ोर्ड में पढ़ाई के दिनों में हैली, जॉन फ्लैमस्टेड के संपर्क में आये. जॉन उन दिनों ब्रिटिश रॉयल ऑब्जर्वेट्री में कार्यरत थे. कुछ एक बार हैली को रॉयल ऑब्जर्वेट्री जाने का अवसर प्राप्त हुआ, जहाँ उन्होंने जॉन के द्वारा किए गए कार्यों को देखा. जॉन के कार्यों ने हैली को खगोलशास्त्र में और गहन अध्यन करने हेतु प्रोत्साहित किया. एडमंड हैली जॉन फ्लैमस्टेड की कार्यप्रणाली से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने सन 1675 में कुछ समय के लिए जॉन के सहायक के रूप में भी काम किया. जॉन फ्लैमस्टेड के साथ सहायक के रूप में काम करते हुए हैली ने सीखा कि वो कैसे उत्तरी सितारों को एक सटीक क्रम में संकलित करने के लिए दूरबीन का प्रयोग करते हैं. उनकी इस तकनीक से प्रभावित हो कर हैली ने दक्षिणी गोलार्ध में इसी प्रकार का एक प्रयोग करने का मन बना लिया.
अपनी इस अभिलाषा को पूरा करने हेतु हैली सन 1676 के नवंबर में अपनी शिक्षा त्याग कर अपने पिता की वित्तीय सहायता एवं किंग चार्ल्स द्वितीय की सहायता से ईस्ट इंडिया कंपनी के जहाज पर सवार हो कर सेंट हेलेना के लिए रवाना हो गए. यहाँ उन्होंने एक वेधशाला की स्थापना की जहाँ उन्होंने षष्ठक के साथ-साथ दूरदर्शक दृश्यों वाले उपकरण भी स्थापित किए. हालाँकि हैली को इस बीच खराब मौसम जैसी बड़ी समस्या का सामना भी करना पड़ा, किन्तु अपनी लगन और कार्यनिष्ठा के कारण वह काफ़ी हद तक सफल रहे.
सेंट हेलेना में किए गए अवलोकन में उन्होंने दक्षिणी गोलार्ध में देखे जाने वाले 341 सितारों की स्थिति को सूचीबद्ध किया तथा सेंटॉरस में एक नए तारे के गुच्छे की खोज की. अपनी दूसरी उपलब्धि के रूप में हैली ने सौर-मंडल में बुद्ध के पारगमन का अवलोकन किया और इसके साथ ही उन्होंने पाया कि शुक्र ग्रह का पारगमन भी इसी प्रकार है.
Edmond Halley With Telescope (Pic : adeevee)
छोटी उम्र में पाई बड़ी उपलब्धियां!
1678 में जैसे ही हैली इंग्लैंड वापस आए, उनका सुनहरा समय शुरू हो गया. उन्होंने आते ही पहले अपने द्वारा की खोजों को एक किताब का रूप दिया. उस समय वह महज 22 साल के एक बच्चे ही थे कि और उनकी ग्रेजुएशन तक उस समय पूरी नहीं हुई थी. उनकी लिखी बातें पढ़ते ही हर तरफ उनका नाम हो गया.
उसी साल उन्हें ‘रॉयल सोसाइटी’ का हिस्सा बना दिया गया. रॉयल सोसाइटी का हिस्सा बनने वाले हैली सबसे युवा खगोलशास्त्री थे. हैली की इस कामयाबी से खुश होक खुद किंग चार्ल्स द्वितीय ने उन्हें एम. ए की डिग्री दी और वह डिग्री हैली को बिना परीक्षा दिए ही मिल गई, क्योंकि उनके ज्ञान पर किसी को भी संदेह नहीं था.
Saint Helena Island (Pic: sainthelenaisland)
न्यूटन के कई कार्यों में की सहायता
हैली ने मशहूर वैज्ञानिक न्यूटन तक के साथ काम किया!
माना जाता है कि हैली ने ही ग्रेविटी पर नई थ्योरी लिखने के लिए न्यूटन को प्रेरित किया था. वह चाहते थे कि न्यूटन यह पता लगाएं कि अंतरिक्ष में स्थित ग्रहों पर किस प्रकार का गुरुत्वाकर्षण होता है. इतना ही नहीं हैली ने न्यूटन को उनकी मशहूर किताब ‘दी मैथमेटिकल प्रिंसिपल्स ऑफ़ नेचुरल फिलोसोफी’ लिखने में भी मदद की.
हैली जवान थे और जोश से भरे हुए थे, वहीं दूसरी ओर न्यूटन बूढ़े हो रहे थे और विज्ञान की तरफ कम ध्यान दे रहे थे. कहते हैं कि हैली के साथ आने के बाद से न्यूटन पर जैसे कोई जादू हो गया. वह नई थ्योरी पर काम करने लगे थे. हैली के साथ के बाद न्यूटन ने अपनी जिंदगी की कुछ सबसे महत्वपूर्ण खोज की.
Isaac Newton’s Principia (Pic: reasonandreflection)
वह ‘खोज’, जिसके कारण हैली हमेशा याद रखे जाएंगे!
हैली अपने खगोलशास्त्र संबंधी कार्यों में हमेशा पूरी लगन और मेहनत से लगे रहे. उन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्य किए तथा उन्हें कलमबद्ध भी किया.
उनके अनेकों कार्यों में सबसे महत्वपूर्ण तथा लोकप्रिय कार्य रहा धूमकेतुओं की खगोलीय गतिविधियों का अध्ययन!
इससे पहले समाज में धूमकेतुओं को ले कर बहुत सी भ्रांतियां फैली हुई थीं जिनका समाज पर बहुत दुष्प्रभाव फैला. उन्होंने एक धूमकेतु जिसे पूंछल तारा भी कहा जाता है… का अध्ययन किया तथा यह बताया कि यह धूमकेतु 75 – 76 साल के बाद आता है.
इससे पहले इसे 1682 में देखा गया तथा अब यह 1758 में दिखाई देगा. यह निराशाजनक था कि 1742 में ही हैली का स्वर्गवास हो गया जिस कारण वह अपनी भविष्यवाणी को सही साबित होता नहीं देख पाए किन्तु जब उनकी भविष्यवाणी सही साबित हुई तब इस धूमकेतु का नाम उनके नाम पर रखा गया, हैली धूमकेतु!
Halley’s Comet (Pic :brighthub)
14 जनवरी 1742 में 86 वर्ष की आई में एडमंड हैली की मृत्यु हो गयी. यदि कुछ वर्ष वह और जीवित रहते तो अपनी भविष्यवाणी को सच साबित होता हुआ देखते. 1758 में एक अंजान धूमकेतु असमान में चमकता हुआ देखा गया, लेकिन जब आँखों से ओझल हुआ तब वह अंजान ना हो कर हैली के धूमकेतु के नाम से जाना जाने लगा. यदि हम में से कोई जीवित रहा तो 2064 में इसे देखने का अवसर फिर प्राप्त करेगा.
अपनी इसी खोज के कारण एडमंड हैली तब तक जीवित रहेंगे जब तक यह पृथ्वी है.
Web Title: Edmond Halley Biography Facts Discoveries, Hindi Article
Featured Image Credit: Halleyslog