डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है… ये डायलॉग तो आपने सुना ही होगा!
पर्दे पर दर्शकों का मनोरंजन करने के लिये ऐसे डायलॉग बोले जाते हैं लेकिन असल दुनिया में जुर्म करने वालों की दास्तां कुछ और ही है.
आपने कई फिल्में देखी होंगी जिसमें खुफिया जांच एजेंसी ऐसे ही कुछ डॉन को पकड़ने के लिए ऑपरेशन चलाती हैं, लेकिन वो फिल्मों की मांग के अनुसार तैयार किए जाते हैं.
क्या आपको पता है कि दुनिया के कई देशों में खुफिया एजेंसियां अपने झूठे रुतबे को बरकरार रखने के लिए भी ऐसे ही कुछ झूठे और फिल्मी मिशनों को तैयार करती हैं और उन्हें प्रचारित करती हैं.
आज हम आपको विश्व में सबसे खतरनाक समझी जाने वाली एजेंसी ‘सीआईए’ के कुछ ऐसे ही झूठे लेकिन खतरनाक माने जाने वाले मिशन के बारे में बताएंगे जो दूसरे देशों और एजेंसी के दुश्मन की आंखों में धूल झोंकने के लिए तैयार किये गये थे!
तो आईये सीआईए द्वारा किए गए ऐसे ही कुछ मिशन के बारे में जानते हैं –
सद्दाम हुसैन का झूठा सेक्स टेप!
सीआईए के खतरनाक मिशन की हिट लिस्ट में पहला नाम था इराक के राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन का.
बात 2003 की है जब इराक में हालात बेकाबू थे, देश में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल था और गृहयुद्ध में देश जल रहा था, चारों ओर तरफ चीख़ पुकार मची हुई थी.
देश दो गुटों में बंट गया था, एक तरफ सद्दाम हुसैन के समर्थन में लोग थे… वहीं दूसरी तरफ़ उनके विरोध में.
ऐसे में खराब होते हालात देखकर अमेरिका ने इराक में अपनी फौज भेजने का फैसला किया लेकिन यह सब इतना आसान नहीं था, इसलिए सीआईए की मदद ली गई.
सीआईए ने हालात को समझते हुए एक नया तरीका ख़ोजा. उन्होंने सद्दाम हुसैन का एक झूठा सेक्स टेप बनाया. सद्दाम हुसैन जैसे दिखने वाले एक व्यक्ति को आपत्तिजनक हालत में एक अन्य पुरुष के साथ संबंध बनाते हुए इसे प्रचारित करना था. टेप बनाने का मुख्य मकसद इराक में सद्दाम हुसैन की लोकप्रियता को घटाना और उसके खिलाफ लोगों को सड़कों पर उतारना था.
हालांकि ऐसा कुछ नहीं हुआ, सीआईए ने अंतिम क्षणों में इस विचार को ही रद्द कर दिया.
Saddam Hussein in an courtroom. (Pic: nypost)
ऑपरेशन मर्लिन!
कहते हैं… दुनिया में जहां लोग सोचना खत्म करते हैं सीआईए की सोच वहीं से शुरू होती है.
ऐसे ही एक मामले में सद्दाम हुसैन के अलावा सीआईए ने ईरान पर भी अपना ख़तरनाक जाल बिछाया था इसका नाम था ऑपरेशन मर्लिन.
इस ऑपरेशन की शुरुआत साल 1997 में हुई जब परमाणु बम बनाने का सपना देख रहे तेहरान के वैज्ञानिकों को बेवकूफ बनाने के लिए सीआईए ने इस पूरे ऑपरेशन का खाका खींचा. इस काम को अंजाम देने के लिये सीआईए ने एक रूसी इंजीनियर को चुना. पूरी योजना का मक़सद यह था कि तेहरान के वैज्ञानिकों को वह रुसी वैज्ञानिक परमाणु बम के गलत डिजाइन के माध्यम से बेवकूफ बनाता रहे और ईरान कभी परमाणु बम बनाने के अपने मकसद में कामयाब न हो सके.
हालांकि तेहरान के वैज्ञानिकों को पूरे प्रकरण में यह लगा कि उन्हें परमाणु बम बनाने का घातक फार्मूला मिल गया है. यह ऑपरेशन पूरे 9 साल तक चला. इन नौ सालों में सीआईए की ओर से हायर किया गया रूसी वैज्ञानिक तेहरान के वैज्ञानिकों की आंखों में धूल झोंकता रहा.
हालांकि साल 2006 में लेखक जेम्स राइज़न की किताब स्टेट ऑफ वॉर में इस बात का ज़िक्र किया गया. किताब में पूरा मामला खुलने के बाद अमेरिका ने यह मिशन रोक दिया.
Iran’s Nuclear Weapons. (Pic: nationalinterest)
ऑपरेशन मंगूज़!
जब बात क्यूबा की होती है तो एक व्यक्ति का नाम ज़ुबान पर आता ही है और वह हैं फिदेल कास्त्रो.
दुनिया जानती है कि फिदेल कास्त्रो ने किस कदर अमेरिका की नाक में दम कर रखा था, यही कारण था जिसके बाद सीआईए ने ऑपरेशन मंगूज़ को अंजाम दिया.
नवंबर 30 साल 1961 को इस ऑपरेशन की शुरुआत हुई जिसका मकसद क्यूबा से कम्यूनिस्ट सरकार को उखाड़ फेंकना और फिदेल कास्त्रो को मौत की नींद सुलाना था. अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने इस ऑपरेशन पर अपनी मुहर लगाई. इस ऑपरेशन में सीआईए के साथ अमेरिकी नौसेना भी शामिल थी.
लेकिन सीआईए के लिये यह इतना आसान ऑपरेशन नहीं था क्योंकि फिदेल कास्त्रो के होते हुए ऐसा होना मुश्किल लग रहा था क्योंकि इससे पहले भी कास्त्रो को मारने की कई योजनाएं बनाई जा चुकी थीं…
सीआईए ने 50 साल तक कास्त्रो को मारने के लिए करीब 634 बार षड्यंत्र रचा लेकिन हर बार कास्त्रो बच निकला. इतना ही नहीं सीआईए ने कास्त्रो के घर से लेकर उसकी सिगार तक में ज़हरीला पदार्थ पहुंचाया लेकिन इस बार भी किस्मत के धनी कास्त्रो को नया जीवन मिल गया.
कहा जाता है इस पूरे क्यूबन प्रोजेक्ट मिशन पर अमेरिकी ने कई मिलियन डॉलर खर्च किए फिर भी जीत क्यूबाई नेता फिदेल कास्त्रो की हुई.
Fidel Castro Smoking Cuban Cigar. (Pic: rolexmagazine)
पाकिस्तान में कराया नकली टीकाकरण!
इराक, इरान और क्यूबा में अंडर कवर मिशन अंजाम देने के बाद सीआईए ने अपना सबसे घातक अंडर कवर मिशन पाकिस्तान में शुरू किया. इस मिशन का मकसद ओसामा बिन लादेन के परिवार का डीएनए हासिल करना था.
डीएनए हासिल करने के लिए सीआईए ने पाकिस्तानी डॉक्टर शकील अफरीदी को रिक्रूट किया. सीआईए के प्लान के मुताबिक शकील अफरीदी ने एबटाबाद इलाके में एक नकली टीकाकरण कार्यक्रम का कैंप लगाया, जिसमें मुफ्त में बच्चों को हेपेटाइटस के इंजेक्शन लगाने की योजना बनाई गई.
चूंकि सीआईए को पहले से ही एबटाबाद में ओसामा के छुपे होने की जानकारी थी. हालांकि सीआईए को यह नहीं पता था कि जिस घर में ओसामा रह रहा है उस घर में मौजूद सभी लोग ओसामा के परिवार वाले हैं या नहीं इसलिए उन्होंने इस पूरे प्रकरण की तैयारी की.
योजना के मुताबिक टीकाकरण करने वाली नर्स ओसामा के घर के भीतर पहुंचने में कामयाब रही, लेकिन इसकी भनक बाद में पाकिस्तानी इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई को लग गई. इसके बाद शकील अफरीदी को गिरफ्तार कर लिया गया.
हालांकि मिशन फेल हो चुका था लेकिन बाद में अमेरिका के सील कमांडोज ने एक मिशन के तहत एबटाबाद के इसी घर में ओसामा को मौत के घाट उतार दिया.
Operation Neptune Spear to kill Osama in Abbottabad. (Pic: defencelover)
ऑपरेशन किट्टी!
अभी तक आपने सीआईए के जासूसी करवाने के बारे में इंसानों का योगदान पढ़ा लेकिन सीआईए ने जासूसी के लिए जानवरों का भी बख़ूबी इस्तेमाल किया है.
सीआईए अधिकारियों को शुरुआत से पता था कि अगर वह किसी इंसान को कहीं अन्य देश भेजकर जासूसी कराते हैं तो पकड़े जाने की संभावनाएं हैं, इसलिए इन्होंने बिल्ली को जासूसी करने के लिए चुना.
आप सोच रहे होंगे जासूसी के लिए कुत्तों का प्रयोग करते हुए तो सुना है लेकिन बिल्ली कैसे जासूसी कर सकती है?
जी हां, 1960 के दशक में एजेंसी ने जासूसी के मकसद से एक बिल्ली पर प्रयोग करना शुरु किया. हालांकि यह इतना आसान नहीं था क्योंकि बिल्ली कुत्ते के मुकाबले अपने मालिक का उतना कहना नहीं मानती.
बावजूद उसके अधिकारियों ने डॉक्टरों की मदद से बिल्ली के कानों और उसके शरीर के बालों में बहुत बारीक तार फिट कर दिए जिन्हें आंखों से देखना बहुत मुश्किल था.
इनमें ऐसी डिवाइस लगी थी जो दो लोगों के बीच की बात को रिकार्ड कर सकती थी. बिल्ली के अंदर तार फिट करने के बाद उसे एक पार्क में ले जाया गया जहां दो लोग पार्क की बेंच पर बैठकर बाते कर रहे थे. लेकिन दुर्भाग्य से बिल्ली अपनी आदत से मजबूर बेंच के पास जाने के बजाए इधर उधर घूमने लगी और सड़क पर टहलते हुए एक टैक्सी के नीचे दबकर मर गई.
CIA tried to train cats to be spies. (Pic: nypost)
हालांकि इसके बाद मिशन को रद्द कर दिया गया लेकिन अपना वर्चस्व दुनिया में कायम रखने और दुश्मनों पर नजर रखने के लिए सीआईए के बहुत से खुफिया मिशन बदरूतूर जारी हैं.
तो ये थे सीआईए के वह अंडरकवर ऑपरेशन जो उसने अपने दुश्मनों को चकमा देने के लिए शुरू किये थे. अगर आपको भी कोई ऐसे ऑपरेशन के बारे में जानकारी है तो कृपया नीचे कमेंट बॉक्स में हमारे साथ जरूर शेयर करें.
Web Title: Greatest Undercover Operations of CIA and his Failures, Hindi Article
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