जब बात दुनिया के विकसित देशों की होती है तो सबसे पहले ज़हन में नाम अमेरिका का ही आता है. अमेरिका ने अपनी काबिलियत का डंका पूरी दुनिया में बजाया है. शिक्षा के स्तर से लेकर नौकरी तक अमेरिका हर जगह बाकी देशों से आगे है.
जब बात सुरक्षा की आती है तो इस मामले में भी अमेरिका का कोई सानी नहीं है. इस कड़ी में क्या आपने कभी सोचा है कि विश्वस्तर पर इतने मज़बूत देश के राष्ट्रपति की सुरक्षा के क्या मायने हैं?
अमेरिका के सबसे बड़े पदधारी राष्ट्रपति जिस इमारत में रहते हैं उस इमारत को दुनिया ‘व्हाइट हाउस’ के नाम से जानती है. अमेरिका अपने प्रेसिडेंट के घर की सुरक्षा के लिये किसी भी तरह से कोई समझौता नहीं करता. यही कारण है कि अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में बने व्हाइट हाउस को दुनिया की सबसे सुरक्षित इमारतों में गिना जाता है.
आईये आज हम आपको इस ऐतिहासिक इमारत के बारे में कुछ रोचक जानकारी देते हैं–
1792 में रखी गई व्हाइट हाउस की बुनियाद
दुनिया की सबसे सुरक्षित इमारतों में शुमार व्हाइट हाउस को बनाने का सिलसिला सत्रहवीं शताब्दी के अंत में शुरु हुआ था. यह वह दौर था जब अमेरिका ने विश्व स्तर पर खुद को उभारते हुये अपनी नई पहचान बनाने की कहानी का आगाज़ कर दिया था. सियासी और शिक्षा के क्षेत्र में अमेरिका ने अपनी जड़ें मज़बूत करना शुरु कर दी थीं.
अमेरिका के इतिहास में एक बहुत बड़ा नाम है और उस नाम से दुनिया परिचित है.
जी हां, आपने सही पहचाना यह नाम है जॉर्ज वॉशिंगटन का.अमेरिका को व्हाइट हाउस जैसी शानदार इमारत देने के पीछे जॉर्ज वॉशिंगटन का अहम योगदान है. बहुत ही कम लोग जानते होंगे कि जॉर्ज वॉशिंगटन अपने दौर के सफल अमेरिकी राजनीतिज्ञ और सैनिक थे. जानकर हैरानी होगी कि इस शख़्स को अमेरिका का पहला राष्ट्रपति बनने का गौरव भी प्राप्त है.
जॉर्ज वॉशिंगटन संयुक्त राज्य के संस्थापक के नाम से भी विश्वभर में प्रख्यात हैं. जॉर्ज वॉशिंगटन के ही मन में व्हाइट हाउस को बनाने का सबसे पहले विचार आया. कहा जाता है व्हाइट हाउस को बनवाने के पीछे उनका मक़सद अमेरिका के प्रेसिडेंट के लिये एक विशेष और सुरक्षित घर तैयार करवाना था.
इसी को ध्यान में रखते हुये व्हाइट हाउस को बनाने का काम शुरु किया गया था, लेकिन दुर्भाग्य से वह इस इमारत में रहने से पहले ही चल बसे थे.
George Washington First President Of America (Representative Pic: mountvernon)
और जेम्स होबन ने कागज़ के नक्शे को उतारा ज़मीन पर….
जॉर्ज वॉशिंगटन ने जब व्हाइट हाउस के निर्माण कराने का मन बनाया तो सबसे पहले उनके सामने यह चुनौती थी कि व्हाइट हाउस को बनाने का ज़िम्मा किसे सौंपा जाए. सत्रहवीं शताब्दी के अंत में उनके सामने सबसे बड़ी मुश्किल यह थी कि जिस नक्शे को उन्होंने मन में सोचा है ठीक वैसा ही नक्शा ज़मीन पर उतारा जा सकेगा कि नहीं?
हालांकि उनकी उस मुश्किल का हल अमेरिका के मशहूर आर्किटेट जेम्स होबन बनके आए. जेम्स होबन ने व्हाइट हाउस का नक्शा बनाया और उस पर काम करना शुरु कर दिया. व्हाइट हाउस को बनाने के लिये अफ्रीकी, अमेरिकी और यूरोपीय प्रवासियों और गुलामों ने मज़दूरी की थी. इस इमारत को बनाने के दौरान खास किस्म के सफ़ेद पत्थर का प्रयोग किया गया. करीब आठ साल की लगातार कड़ी मेहनत के बाद आधा अधूरा व्हाइट हाउस बनकर तैयार हो गया था.
शायद बहुत कम लोगों को पता हो कि व्हाइट हाउस में कदम रखने वाले सबसे पहले राष्ट्रपति थे जॉन एडम्स. यूँ तो जॉन अमेरिका के दूसरे राष्ट्रपति थे मगर व्हाइट हाउस में जाने वाले वह पहले राष्ट्रपति बने.
एक और रोचक बात व्हाइट हाउस के बारे में जो यह है कि इतिहास में कई बार, व्हाईट हाउस को राष्ट्रपति का महल ,राष्ट्रपति का घर और कार्यकारी हवेली के रूप में जाना जाता रहा.
राष्ट्रपति थियोडोर रूजवेल्ट ने आधिकारिक तौर पर इसे व्हाइट हाउस का नाम दिया जो आज विश्वभर में मशहूर है.
Blue Print Of White House (Representative Pic: charvoo)
आग की लपटों ने जब घेरा व्हाइट हाउस को
व्हाइट हाउस को बने हुये तेरह साल गुज़र गये थे. समय के साथ व्हाइट हाउस में काफी परिवर्तन हो गए थे. अमेरिका के मशहूर आर्किटेक्ट और कारीगर व्हाइट हाउस को और सुंदर बनाने के लिये उसमें नये डिज़ाइन बनाते रहते थे. इतना ही नहीं व्हाइट हाउस के दरवाजों को आम नागरिकों के लिये खोल दिया गया था.
अमेरिकी नागरिक रोज़ाना व्हाइट हाउस की खूबसूरती को निहारने के लिये यहां घूमने आते थे. साल 1814 आते-आते अमेरिका के लिये समय बेहद नाज़ुक हो गया.
जब ब्रिटिशर्स ने बदले की भावना से व्हाइट हाउस पर आक्रमण कर दिया और उसमें आग लगा दी. यह वह दौर था जब इतिहास में पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति का घर कहलाने वाले व्हाइट हाउस पर इतना भयानक हमला हुआ था. जब ब्रिटिश की सेना व्हाइट हाउस में पहुंची तो उस समय के अमेरिकी राष्ट्रपति जेम्स मैडिसन अपनी पत्नी को लेकर व्हाइट हाउस से सुरक्षित निकल गये थे.
ब्रिटिश सेना का व्हाइट हाउस को आग के हवाले करने का किस्सा भी काफी दिलचस्प है. कहा जाता है कि सेना के जवानों ने वहां डाइनिंग टेबल पर राष्ट्रपति के लिये रखे गये स्वादिष्ट खाने का लुत्फ़ उठाया जिसके बाद फौजियों ने व्हाइट हाउस को आग के हवाले कर दिया. युद्ध शांत होने के बाद व्हाइट हाउस को दोबारा सही ढंग से बनाने के लिये आर्किटेक्ट जेम्स होबन को बुलाया गया.
कुछ समय की कड़ी मशक्कत के बाउ व्हाइट हाउस अपने पुराने रंग में आ गया.
Once The British Soldier’s Try To Burn White House (Representative Pic: nypost)
गलतियों से लिया सबक
ब्रिटिश सेना के व्हाइट हाउस में आग लगाये जाने के बाद पूरा अमेरिका सकते में आ गया था. ब्रिटिशर्स के इस हमले के बाद अमेरिका की मुश्किलें बढ़ गई थीं. अमेरिका के सबसे बड़े ओहदे पर रहने वाले व्यक्ति की सुरक्षा और उसके आशियाने की सुरक्षा को लेकर अमेरिकी सरकार गंभीर हो गई थी. अमेरिका के सामने राष्ट्रपति के साथ उनके घर को भी फुल प्रूफ सुरक्षा देने की बड़ी ज़िम्मेदारी आ गई थी.
उस समय के अमेरिकी राष्ट्रपति जेम्स मैडिसन ने अपनी गलतियों से सबक लेते हुये व्हाइट हाउस में सौ सिक्योरिटी गार्डस की तैनाती की. इन गार्डस का काम व्हाइट हाउस और राष्ट्रपति को कड़ी सुरक्षा देना था. 1814 में व्हाइट हाउस में सिक्योरिटी के लिये यह पहली तैनाती थी. व्हाइट हाउस की सुरक्षा को लेकर जो सिलसिला फिर शुरु हुआ तो वह आज भी जारी है.
यही कारण है कि अमेरिका की टॉप सुरक्षा एजेंसियां व्हाइट हाउस को चौबीस घंटे अपनी निगरानी में रखती हैं. कहा जाता है कि व्हाइट हाउस की सुरक्षा को लेकर अमेरिकी सरकार हर साल करोड़ों डॉलर खर्च करती है. इतना ही नहीं व्हाइट हाउस की सुरक्षा में लगे गार्डस को स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है और तैनाती के बाद उनकी पहचान गुप्त रखी जाती है.
White House Is Always Covered With High Security (Pic: chicagotribune)
व्हाइट हाउस में आाखिर क्या है खास?
दुनिया भर में सबसे सुरक्षित माने जाने वाले व्हाइट हाउस में आखिर ऐसा क्या खास है कि दुनियाभर के लोग इसको देखने की तमन्ना रखते हैं. ज़ाहिर है तकनीक के मामले में दुनिया के सबसे पावरफुल देशों में शुमार अमेरिका अपने प्रेसिडेंट की सुरक्षा को लेकर कतई समझौता नहीं कर सकता. इसलिये व्हाइट हाउस के ढांचे को इस तरह से बनाया गया है कि यहां अमेरिकी राष्ट्रपति आपातकालीन स्थिति में सबसे ज़्यादा सुरक्षित रह सकते हैं.
अठ्ठारह एकड़ ज़मीन में बनी छ: मंज़िला व्हाइट हाउस इमारत में राष्ट्रपति के लिये 132 आलीशान हाई सिक्योरिटी प्रूफ बैडरुम बनाये गये हैं. व्हाइट हाउस में 412 दरवाज़े और 132 खिड़कियां लगाई गई हैं. व्हाइट हाउस में 35 बाथरुम बनाये गये हैं. यहाँ स्विमिंग पूल से लेकर टैनिस कोर्ट एवं गोल्फ कोर्स के बड़े मैदान भी हैं.
कहा जाता है कि व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति के लिये खाना बनाने वाले शेफ़ दुनिया के सबसे महंगे और बेहतरीन शेफ़ में से एक होते हैं. व्हाइट हाउस के बेसमेंट में हमेशा सिक्योरिटी तैनात रहती है ताकि कोई सुरंग के ज़रिये यहां सेंध नहीं लगा सके.
कहा जाता है कि दुनियाभर में व्हाइट हाउस जैसी दिखने वाली दो ही इमारतें हैं. एक इमारत फ्रांस में है तो दूसरी इमारत आयरलैंड में. फ्रांस में बनी इमारत टूरिस्ट प्लेस के लिये बनाई गई है तो वहीं आयरलैंड में बनी इमारत आयरिश पार्लियामेंट है.
A Room Inside The White House (Pic: time)
सुरक्षा इतनी कि परिंदा भी पर न मार पाए!
व्हाइट हाउस की सुरक्षा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां अमेरिका की सबसे काबिल एवं बड़ी सुरक्षा एजेंसियों के लोग 24 घंटे अपनी नजर गड़ाए रहते हैं. चौबीस घंटे व्हाइट हाउस को कड़ी सुरक्षा देने के लिये बड़े पुख्ता इंतज़ाम किये गये हैं. सबसे पहले व्हाइट हाउस की चारदीवारी के कई सौ मीटर आगे मज़बूत लोहे की ग्रिल लगा रखी हैं ताकि कोई कार में विस्फोटक सामान लेकर अंदर नहीं पहुंच पाये.
इसके बाद वाले चक्र में घातक और बेहद नई तकनीक वाले हथियारों के साथ अमेरिकी कमांडो और स्नाइपर व्हाइट हाउस के चारों तरफ रहते हैं. जब कभी भी व्हाइट हाउस की सुरक्षा में हल्की सी भी कमी या कोताही होती है तो चारों तरफ ज़मीन में लगे सेंसर बजने लगते हैं. इसके बाद यह स्नाइपर एकदम मुस्तैद हो जाते हैं. अंतिम चक्र में सीक्रेट सर्विस एजेंट आते हैं, जिनका फोकस सिर्फ राष्ट्रपति को सुरक्षा देना होता है. बेहद तेज़ तर्रार और ख़तरनाक यह एजेंट आपस में एक दूसरे को कोडवर्ड में बुलाते हैं. इतना ही नहीं यही गार्डस तय करते हैं कि राष्ट्रपति व्हाइट हाउस से किस गाड़ी और किस रुट से बाहर निकलेंगे.
American Presidents Always Stayed With Secret Agents (Pic: conservativereview)
कहा जाता है इन गार्डस की पहचान सर्विस के दौरान बिल्कुल गुप्त रखी जाती है. वहीं इन गार्डस की सेवायें राष्ट्रपति के कार्यकाल के बाद समाप्त हो जाती हैं. बहुत ही कम लोग जानते होंगे कि 9/11 अटैक के बाद व्हाइट हाउस इमारत के ऊपर के निर्धारित दूरी तक ड्रोन, हैलीकॉप्टर या कोई प्लेन उड़ान नहीं भर सकता. व्हाइट हाउस की छत पर लगी रेज़र डिटेक्टिंग रडार चौबीस घंटे इस पर कड़ी नज़र रखती है.
Web Title: History Of White House, Hindi Article
Featured Image Credit: hillsideschoolhouse