सांपों का ज़िक्र सुनते ही हमारी आँखों के सामने उनकी गिल-गिली और अलग अलग प्रकार की धारियों वाली खाल आ जाती है. सांप के मुंह से निकलने वाली आवाज़ तो दुनिया की हर सांप प्रजाति में पाई जाती है, लेकिन इससे हट के भी एक सांप है, जो अपनी अलग और अनोखी आवाज़ के लिए ही जाना जाता है..!
वह सांप कोई और नहीं रैटल स्नेक है जिसका नाम दुनिया में बदनाम है. इसकी आवाज़ इतनी अनोखी है कि इसका नाम भी इसकी आवाज़ के ऊपर ही पड़ा है.
न केवल आवाज़ के मामले में बल्कि ज़हर के मामले में भी रैटल स्नेक बाकी सांपों से भिन्न है. यह सांप इतना ज़हरीला है कि दम तोड़ने के बाद भी उसके ज़हरीले दांतों में इतना ज़हर बच जाता है, जो एक इंसान की जान लेने के लिए काफ़ी है.
तो आइऐ रैटल स्नेक की इस विशेषता को और गहराई से जानने की कोशिश करते हैं–
अपनी पूँछ से दुश्मन को रखता है दूर!
रैटल स्नेक दुनिया की 33 सबसे ज़हरीली सांपों की प्रजातियों में से एक है. इसको दूसरे सांपों से भिन्न बनाती है इसकी पूँछ, जिसके छोर पर झुनझुने जैसी आवाज़ करने वाला एक धारीदार हिस्सा होता है. यह हिस्सा बाकी पूँछ से बनावट में अलग होता है.
आपको जानकर हैरानी होगी कि यह हिस्सा भी उसी पदार्थ से बना है जिससे इंसान के नाखून बनते हैं. आपको यह भी बता दें कि रैटल स्नेक की पूँछ का यह हिस्सा व्यर्थ ही ऐसा नहीं बना है. इसका इस्तेमाल वह अपने शिकारियों को दूर रखने के लिए करता है. इसकी आवाज़ से वह अपने शिकारियों को चेतावनी देता है. जब यह तेजी से आवाज़ करें तो इसका मतलब है कि रैटल स्नेक बहुत गुस्से में है और वह कभी भी हमला कर सकता है
इन्हें अपने भारी शरीर और हीरे के आकर जैसे सिर के लिए भी जाना जाता है. सिर का यह विविध आकार इसके जबड़े की तली में बनी ज़हर की ग्रंथियों की वजह से है. रैटल स्नेक की लम्बाई की बात करें तो वह 1.6 फीट से लेकर 8.2 फीट तक लंबा हो सकता है. इनके ज़हरीले दांत 10 से 15 सेंटीमीटर लंबे हो सकते हैं. यह देखने में ही इतना खतरनाक दिखता है कि हर कोई इससे दूरी बनाकर ही रहता है.
Rattlesnake (Pic: wikipedia)
मरने के बाद भी रैटल स्नेक उगलता है ज़हर…
बचपन में हमने छिपकली की पूँछ को शरीर से अलग होने के बाद भी हिलते हुए देखा है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सिर धड़ से अलग होने के बाद भी उसमें जान बची रह सकती है?
नहीं, तो आपको बता देते हैं कि रैटल स्नेक के शरीर से सिर अलग हो कर भी उसमे पहले की तरह हलचल रहती है! सिर्फ यही नहीं, ऐसी हालत में भी वह फुफकारता है और अपने दांतों से ज़हर उगलता है. कुछ शोध के बाद यह साबित हो गया है कि मौत के करीब एक घंटे बाद तक और कभी कभी तो कई घंटों बाद तक, उसका ज़हर जानलेवा हो सकता है.
अमेरिकन कॉलेज ऑफ़ मेडिकल टॉक्सिकोलॉजी ने शोध में पाया है कि सांप का कटा हुआ सिर भी अगर छुआ जाये, तो वह ज़हर छोड़ सकता है! इसलिए ये हिदायत दी जाती है कि ऐसे में सांप के मुँह के नज़दीक न जाया जाए क्योंकि मरने के बाद भी उसके ज़हर का केमिकल कम्पोजीशन पहले जैसा ही रहता है.
शोधकर्ता ब्रायन शिप्ले के अनुसार सांप का सिर मरने के बाद भी क्रिया में इसलिए रहता है क्योंकि सांप जैसे रेंगने वाले जन्तुओं में तंत्रिकाएं और दिमाग की कोशिकाएं धीरे धीरे ही मरती हैं. इसी के कारण उनका दिमाग ज़्यादा देर तक उनकी शारीरिक गतिविधियों को संचालित कर सकता है. रैटल स्नेक जीते जी तो लोगों के लिए खतरनाक होता ही है मगर मरने के बाद भी वह जानलेवा होता है.
How a Rattlesnake Can Kill After Death (Pic: tennsnakes)
घटनाएं जो गवाह हैं!
- एक 45 साल के आदमी ने जैसे ही एक बंधक रैटल स्नेक को मार कर उसका मुंह खोला तो विष की एक तेज़ धार उनकी आँखों में आ लगी. इसके कारण उनकी आँख का काफी नुकसान हुआ था.
- एक 53 साल के आदमी ने बताया की उसने एक रैटल स्नेक को मारा था. मारने के पश्चात् उसने सांप का मुंह अपने हाथ में पकड़ा जिसके तुरंत बाद उस आधे मरे सांप ने उन्हें काट लिया. 4 दिन बाद उस व्यकित की हस्पताल में मौत हो गयी.
- एक 23 साल के आदमी ने एक रैटल स्नेक को तीन हिस्सों में काट दिया. उन्होंने उसका सिर जैसे ही हाथ में पकड़ा ,उनकी उंगली में सांप के दांतों से घिरस लग गयी. एक घंटे के भीतर ही उन्हें उंगली में दर्द और सूजन महसूस होने लगी और उन्हें हस्पताल ले जाना पड़ा.
- एक आदमी ने रैटल स्नेक के सिर पर लकड़ी से प्रहार कर उसे मार गिराया. हालांकि जैसे ही उन्होंने उसे हाथ में पकड़ा, सांप ने उनकी ऊँगली पर काट लिया. इस हमले से उनकी उंगली पर काफी गहरा असर पड़ा.
ऐसी ही बहुत सारी घटनाएं हैं जिनका उदाहरण हम आपको दे सकते हैं. इन्हें पढ़कर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि रैटल स्नेक मरने के बाद भी कितना खतरनाक साबित हो सकता है. यही कारण है की जानवर तो जानवर इंसान भी इस सांप के पास से गुजरने से डरते हैं.
कैसे काम करता है रैटल स्नेक का ज़हर ?
सांप का ज़हर तुरंत ही शिकार की मौत का कारण नहीं बनता और यह भी ज़रूरी नहीं कि सांप का काटा हमेशा ही मृत्यु को प्राप्त हो.
सांप का ज़हर शिकार की कोशिकाओं और तंत्रिकाओं की क्रिया को बिलकुल धीमा कर देता है. एक सांप केवल उतनी ही मात्रा में ज़हर उगलता है जितना शिकार को अपनी रक्षा करने के लिए असमर्थ कर दे. इसका ज़हर शिकार के शरीर में मौजूद टिशूज को विभाजित करता है जिसके कारण लकवा, अंदरूनी ब्लीडिंग और यहाँ तक की मौत भी हो सकती है!
इसके अलावा ज़हर के शरीर में प्रवेश होने से उल्टी, ज़ख़्म की जगह पर सूजन और दर्द, बेचैनी इत्यादि जैसे लक्षण भी देखे जा सकते हैं.
रैटल स्नेक आक्रामक प्रवत्ति के नहीं होते और तब तक इंसानों पर वार नहीं करते जब तक उन्हें उकसाया ना जाए. हालांकि इनका ज़हर बेहद घातक साबित हो सकता है. बाकी साँपों के मुकाबले माना जाता है कि रैटल स्नेक का जहर बहुत ही जल्दी अपनी शिकार पर वार करता है. न सिर्फ जिंदा बल्कि मरने के बाद भी यह सांप जानलेवा होता है.
How a Rattlesnake Can Kill After Death (Pic: snakes)
तो यह था रैटल स्नेक जो खुद मरकर भी दूसरों को मौत के घाट उतारने की क्षमता रखता है. रैटल स्नेक के बारे में जानकर आपको कैसा लगा कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं.
Web Title: How a Rattlesnake Can Kill After Death
Feature Image: wildlifeanimalz