आज कई देशों के पास उच्च तकनीकें हैं. ये देश विश्व में सबसे शक्तिशाली और एडवांस माने जाते हैं.
ऐसे में सोचिए, अगर इन देशों से दूर बैठा कोई हैकर इनकी धज्जियां उड़ा दे...!
जी हां, ऐसा ही हुआ था अमेरिका के साथ. जब एक ऑस्ट्रेलियाई कंप्यूटर प्रोग्रामर ने अमेरिका समेत कई विकसित देशों की धज्जियां उड़ा दीं… वह भी बस एक वेबसाइट के माध्यम से!
आपके जेहन में सवाल उठना लाज़मी है कि आख़िर वह आदमी कौन था.
शायद आपको जानकर हैरानी हो, लेकिन वह आदमी कोई और नहीं बल्कि एक ऑस्ट्रेलियाई नागरिक जूलियन असांजे था.
आख़िर कौन है जूलियन असांजे और उसने कैसे विश्व के कई शक्तिशाली देशों की नींद उड़ा दी थी, आइए जानते हैं –
बेहतरीन हैकर हैं जूलियन!
जूलियन असांजे एक कंप्यूटर प्रोग्रामर और एक बेहतरीन हैकर हैं. ये नाम इंटरनेट की दुनिया में नया नहीं है.
3 जुलाई 1971 को ऑसट्रेलिया के क्वींसलैंड में पैदा हुए जूलियन असांजे का पूरा नाम जूलियन पॉल असांजे है. जूलियन असांजे की मां एक थियेटर आर्टिस्ट थीं, जो अपने पति से दूर रहती थीं. जूलियन के जन्म से पहले ही उनके माता-पिता का पारिवारिक कारणों के चलते तलाक हो गया था.
जिसके बाद जूलियन असांजे अपनी मां के साथ ही रहे. असांजे की मां ने रिचर्ड ब्रेट असांजे, जाे एक थियेटर आर्टिस्ट थे, से शादी की. रिचर्ड खुद की एक थियेटर कंपनी चलाते थे.
इस तरह जूलियन असांजे को अपने दूसरे पिता से असांजे नाम मिला.
पढ़ाई के दौरान बने हैकर
जूलियन असांजे ने ऑस्ट्रेलिया की क्वींसलैंड यूनिर्वसिटी और मेलबर्न यूनिर्वसिटी से अपनी पढ़ाई पूरी की है. जूलियन असांजे की गिनती बेहतरीन स्टूडेंट्स में होती थी. यही वजह थी कि उन्होंने प्रोग्रामिंग, मैथमेटिक्स और फिजिक्स सबजेक्ट चुने थे.
यूनिर्वसिटी में उनके दिमाग़ का लोहा हर कोई मानता था. इन्हें कंप्यूटर का कीड़ा कहा जाता था, लेकिन तब शायद ही किसी ने सोचा था कि ये लड़का अपनी हैकिंग की काबिलियत से दुनिया के बड़े से बड़े देशों को हिलाकर रख देगा.
यूनिवर्सिटी में अपनी पढ़ाई के दौरान ही जूलियन असांजे हैकिंग की दुनिया में कदम रख चुके थे. उन्होंने अपने एक साथी मेंडेक्स के साथ हैकिंग की बारीकियां सीखीं. फिर अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक छोटा हैकिंग ग्रुप बनाया.
अपने शुरुआती करियर में उन्होंने अमेरिका की कई बड़ी महत्वपूर्ण वेबसाइट हैक कर ली थीं.
जूलियन हैकिंग के मामले में बहुत ही ज्यादा चालाक माने जाते हैं. कहते हैं कि बड़े-बड़े कंप्यूटर उन्होंने बिना किसी परेशानी के हैक कर लिए थे. उनकी इस सूची में अमेरिका के सबसे सुरक्षित कंप्यूटर भी शामिल थे.
विकीलीक्स बनाकर मचाया दुनिया में तहलका
साल 2006 में जूलियन असांजे ने विकीलीक्स की स्थापना की थी. हालांकि स्थापना के चंद सालों तक जूलियन असांजे के नाम से कोई परिचित नहीं था. इसके चार साल गुज़रने के बाद ये नाम लोगों की जुबां पर आ गया.
दरअसल विकीलीक्स एक वेबसाइट है, जिसके मुख्य संपादक खुद जूलियन असांजे ही हैं. इस वेबसाइट पर असांजे ने कई खुफिया दस्तावेज़ों को गंभीरता से छापा था. ये वो दस्तावेज़ थे, जिन्हें देश के नागरिकों से सरकार और सेना छुपा कर रखती है. सबसे पहले यह नाम साल 2010 में सुना गया.
जब विकीलीक्स ने सनसनीखेज़ खुलासे करते हुए कई अहम दस्तावेज़ दुनिया के सामने खोले, पूरी दुनिया सकते में आ गई. सबसे बड़े खुलासे ने अमेरिका को हिलाकर रख दिया. 12 जुलाई, 2012 में अमेरिकी सेना की ओर से की गई बगदाद एयर स्ट्राइक से संबंधित अहम दस्तावेज़ जुलियन असांजे ने उजागर कर दिए थे.
इसमें दावा किया गया था कि अमेरिकी सेना ने बगदाद में जितने भी हवाई हमले किए हैं, वो एक तरीके से प्री प्लांड थे. इतना ही नहीं, रिपोर्ट में अमेरिकी सेना के कई दावों की पोल खोली गई.
जूलियन असांजे को ये सभी दस्तावेज़ चेल्सिया मेनिंग ने उपलब्ध कराए थे. जो खुद कभी अमेरिकी आर्मी में तैनात थीं. हालांकि चेल्सिया को बाद में यूएस आर्मी ने गिरफ्तार कर, देशद्रोह के आरोप में जेल में भेज दिया था. जहां चेल्सिया पर 22 गंभीर मामलों में मुकदमा चला.
जब बढ़ी जूलियन की मुश्किलें
किसी भी देश की सुरक्षा एजेंसियों से दुश्मनी करना कितना महंगा पड़ सकता है, यह बात जूलियन असांजे से बेहतर कोई नहीं जान सकता.
मीडिया में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की पोल खुलने के बाद पूरे देश में भूचाल आ गया था. जूलियन असांजे पर जासूसी और चोरी करने जैसे संगीन अपराध के मामले दर्ज किए गए.
वहीं, अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने जूलियन असांजे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया. जासूसी के तहत खुफिया एजेंसियों ने असांजे से पूछताछ शुरू कर दी. जिसके बाद असांजे की मुश्किलें बढ़ती गईं.
इतना ही नहीं, असांजे ने विकीलीक्स के द्वारा अमेरिका ही नहीं, अपने देश ऑस्ट्रेलिया को भी बेनकाब किया था. उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई सरकार के कई छुपे हुए दस्तावेज़ उजागर किए. जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया की प्रधानमंत्री जूलिया गिलार्ड ने असांजे की ओर से किए जाने वाले सभी कामों को गैरकानूनी घोषित कर दिया.
हालांकि तब ऑस्ट्रेलियन मीडिया ने असांजे का बचाव किया था.
इक्वाडोर दूतावास है ठिकाना
जूलियन असांजे भले ही अभी कानूनी दांव पेंच में फंसे हुए हों, लेकिन दुनियाभर में उनकी लोकप्रियता कम नहीं है. असांजे को दुनियाभर के काफी लोगों का समर्थन हासिल है.
आज भी कई लोग उनके लिए सड़कों पर उतर आते हैं. यही वजह है कि एक प्रोग्रामर पूरी दुनिया में छाया हुआ है. उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2008 में उन्हें इक्नोमिस्ट का न्यू मीडिया अवार्ड मिला था.
उसके बाद साल 2010 में उन्हें सबसे बड़ी 'टाइम पत्रिका' ने रीडर्स च्वॉइस अवार्ड से नवाज़ा. इसके अलावा बाकि कई देशों ने जूलियन असांजे को कई सम्मान प्रदान किए.
साल 2010 में असांजे की मुश्किलें तब और बढ़ गईं, जब स्वीडन सरकार ने उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी कर दिया. जूलियन असांजे पर आरोप लगा कि उन्होंने साल 2010 मे ही स्वीडन यात्रा के दौरान दो महिलाओं के साथ रेप किया था. जिसके बाद उन महिलाओं ने जूलियन असांजे के खिलाफ शिकायत अर्जी दी थी. इस पर कार्रवाई करते हुए कोर्ट ने असांजे के खिलाफ वारंट जारी कर दिया.
तब असांजे ने ऑस्ट्रेलिया छोड़ना उचित समझा और ब्रिटेन स्थित इक्वाडोर दूतावास में डेरा डाल लिया. जहां इन्हें इक्वेडोर के विदेश मंत्री रिर्काडो पैटिरनो ने राजनीतिक शरण मुहैया कराई थी. इसके बाद से ही जूलियन असांजे इक्वाडोर के दूतावास में पनाह लिए हुए हैं.
हालांकि, इक्वाडोर की कई विरोधी पार्टियां और अन्य राजनीतिक दल असांजे को वहां से निकालने के पक्ष में हैं. दिलचस्प बात यह है कि जैसे ही जूलियन असांजे इक्वाडोर दूतावास से बाहर आएंगे, उनकी गिरफ्तारी संभव है.
जूलियन असांजे और उनके वकील कई देशों से अभी भी कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं. जिनमें ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन शामिल हैं.
Web Title: Julian Assange: From A Computer Programmer To Criminal, Hindi Article
Feature Image Credit: The Daily Beast