यूं तो इतिहास में कई ऐसे लोगों के उदाहरण हैं, जो अपने दूरगामी और बुद्धिमत्ता के बल पर जाने गए. उनमें से कुछ ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपने ज्ञान के दम पर दुनिया भर में मिसाल कायम कर दी. अल्बर्ट आइंस्टीन ऐसा ही एक नाम है, जिन्होंने अपनी बुद्धिमत्ता की वजह से न सिर्फ पृथ्वी बल्कि ब्रह्मांड के कई रहस्यों पर से पर्दा उठाया.
उनके ‘थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी’ ने दुनिया के सामने समय को एक नई परिभाषा दी. उनकी इस कामयाबी के पीछे जो सबसे बड़ी वजह थी वह था उनका बेहतरीन आईक्यू .
आई क्यू वो मानक है, जिसके आधार पर किसी भी इंसान की बुद्धिमता को मापा जाता है. अल्बर्ट आइंस्टीन का आईक्यू करीब 160 से 190 था, इसलिए उन्हें बुद्धिमान माना जाता है.
अधिकाँश लोग मानते हैं कि अल्बर्ट आइंस्टीन का आईक्यू ही सबसे ज्यादा था.
किन्तु, आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया के कुछ बच्चों ने इसे झुठला दिया है. उन्होंने बता दिया कि बच्चे भी आइंस्टीन से समझदार हो सकते हैं. वह बच्चे कौन है, जानना दिलचस्प रहेगा-
निकोल बार
इंग्लैंड के एससेक्स की रहने वाली निकोल बार ने अपने आई क्यू टेस्ट में 162 अंक हासिल किए, जो अल्बर्ट आइंस्टीन और स्टीफन हॉकिंग से 2 अंक ज्यादा हैं.
यह सुनकर हो गए न आप भी हैरान!
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि निकोल ने जब यह कारनाम किया, तब वह महज 12 साल की ही थीं. खुद उन्हें भी इस बात पर यकीन नहीं हो रहा था कि उन्होंने यह काम किया है.
निकोल के लिए अल्बर्ट आइंस्टीन के आईक्यू को तोड़ना वाकई में एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी. इस कारनामे न सिर्फ उन्हें, बल्कि पूरी दुनिया को हैरत में डाल दिया था.
निकोल बार जिप्सी समुदाय से आती हैं. इस छोटी सी बच्ची ने अपनी जगह अब दुनिया के उन 1% लोगों में बना ली है, जिनका आईक्यू लाजवाब है और सामान्य लोगों से काफी अधिक है. साल 2015 में निकोल ने यह मुकाम हासिल किया था.
Nicole Barr (Pic: qz)
ओम अमीन
भारतीय मूल के ब्रिटेन के क्वीन एलिजाबेथ ग्रामर स्कूल में पढ़ने वाले ओम आमीन ने भी आईक्यू टेस्ट में 162 अंक हासिल किए. निकोल के जैसे ही ओम भी महज एक बच्चा ही है.
ओम ने अपना यह आईक्यू टेस्ट 2016 में पूरा किया था. अपनी जीत के बाद उन्होंने कहा कि वह अपने हर काम में अपनी पूरी ताकत लगा देते हैं. आईक्यू टेस्ट में भी ओम ने जमकर मेहनत की. नतीजन उन्होंने न सिर्फ इसे पास किया, बल्कि अपने नाम रिकॉर्ड भी दर्ज करवा लिया.
नतीजों के बाद अमीन के माता-पिता को भी हैरानी हुई और साथ ही अपने बेटे पर गर्व महसूस हुआ. हालांकि, ओम अमीन आई क्यू टेस्ट में आइंस्टीन और स्टीफन हॉकिंग से आगे निकल गए, लेकिन फिर भी वह उन दोनों को अपना हीरो मानते हैं.
यही नहीं उनके द्वारा किए गए काम को आगे बढ़ाना चाहते हैं.
अपनी उम्र के हिसाब से ओम वाकई में बेहद ही तेज दिमाग है. जहाँ ओम के साथ के बच्चे सिर्फ कार्टून की बात करते हैं. वहीं दूसरी ओर ओम किसी व्यस्क जैसी बात करते हैं.
इसमें भला वह भी क्या करें उनका आईक्यू है ही इतना ज्यादा.
Aum Amin (Pic: standard)
लीडिया सेबेस्टियन
आमीन की तरह इंग्लैंड में रहने वाली और वहीं पली-बढ़ी लीडिया सेबेस्टियन ने भी आई क्यू टेस्ट में 162 अंक हासिल किए हैं.
लीडिया ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि शुरुआत में पेपर को देखकर वह थोड़ा घबरा गई थी. हालांकि, बाद में उन्होंने आसानी से सब हल कर दिया.
वह कहती हैं कि पेपर में उनसे भाषा और तर्क संबंधी सवाल पूछे गए थे. मजे की बात तो यह है कि लीडिया ने खुद ही अपने आईक्यू टेस्ट के लिए दिलचस्पी दिखाई थी.
उन्होंने अपने माता-पिता को बताया कि वह आईक्यू टेस्ट में भाग लेना चाहती हैं. उन्होंने भी लीडिया के इस कदम में उनका साथ दिया.
लीडिया सिर्फ आईक्यू के मामले में ही नहीं, बल्कि बाकी कई और चीजों में भी माहिर हैं. चार साल की उम्र से ही उनका ध्यान संगीत की ओर आकर्षित हो गया था. चार साल की उम्र से ही वह वायलिन बजाती आ रही हैं.
Lydia Sebastian (Pic: gazettenews)
जैकब बर्नेट
साल 2011 में जैकब बर्नेट ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया था, जब उन्होंने न सिर्फ अल्बर्ट आइंस्टीन का आईक्यू रिकॉर्ड ब्रेक किया, बल्कि एक नया रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया.
जैकब का दिमाग इतना तेज माना जाता है कि उन्होंने अपने आप ही खुद को कैलकुलस, अलजेब्रा, ज्योमेट्री सिखा दी. इस काम के लिए उन्हें किसी टीचर की जरूरत भी नहीं पड़ी.
इतना ही नहीं खुद सीखने के बाद उन्होंने अपने बाकी साथियों को मैथ्स पढ़ाना भी शुरू कर दिया. जैकब ने आइंस्टीन की थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी को अपने एक नए ढंग से समझाया. ऐसा करते हुए उनकी विडियो जब दुनिया के बड़े-बड़े प्रोफेसर ने देखी तो वह भी दंग रह गए.
जैकब को बचपन में एक बीमारी थी, जिसकी वजह से वह शुरूआती दिनों में लोगों से बात करने से डरते थे. हालांकि थोड़े वक़्त के बाद उनकी यह बीमारी ठीक होने लगी.
माना जाता है कि इस बीमारी के चलते ही वह गणित के ज्यादा पास आए. 2009 में 6 साल का यह बच्चा दुनिया के सामने आया था और अपने दिमाग से हर किसी को हैरान कर दिया था.
Jacob Burnett (Pic: collectiveevolution)
प्रनव वीरा
भारतीय मूल का अमेरिकी बच्चा प्रनव वीरा किसी आम 6 साल के बच्चे के मुकाबले बेहद ही समझदार है. सिर्फ बच्चे ही नहीं प्रनव का दिमाग तो कितने ही वयस्कों से भी तेज है.
अगर आंकड़ों की माने तो प्रनव ने मगज 6 साल की उम्र में 176 अंक का आईक्यू हासिल कर लिया था! इतने छोटे बच्चे के लिए यह सच में बहुत ही बड़ी चीज थी.
कहते हैं कि सिर्फ 1 मिलियन में से किसी एक इंसान का आईक्यू इतना होता है.
प्रनव का दिमाग इतना तेजी से काम करता है कि वह अमेरिका के सभी राष्ट्रपति के नाम क्रमानुसार बता सकता है. यही नहीं छोटी सी उम्र से ही प्रनव के माता-पिता ने उनके अंदर के बुद्धिमान शख्स को जान लिया था.
प्रनब के पास नंबर याद रखने की बहुत ही अद्भुत कला है. वह एक बार जिस नंबर को देख लेते हैं, उसे कभी भी नहीं भूलते. यही कारण है कि उनका आईक्यू इतना ज्यादा हुआ.
ज़मना बदल चुका है. अब सिर्फ बड़ी उम्र वाले ही होशियार नहीं माने जाते हैं. छोटे-छोटे बच्चे भी आज बड़ों को टक्कर दे रहे हैं. ऊपर दिए बच्चे इसके बड़े उदाहरण हैं.
इन सभी बच्चों के आईक्यू को देखकर हर कोई हैरान हो जाता है. किसी ने कभी सोचा भी नहीं होगा की विडियो गेम खेलने की उम्र में ये बच्चे अपने दिमाग से खेलेंगे.
इनके अलावा अगर कोई और बच्चा आपको पता हो, जिसने आइंस्टीन को भी आईक्यू में हरा दिया हो तो कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं.
Web Title: Kids Who Have High IQ Than Einstein, Hindi Article
Featured Image Credit: pintrest/livescience