आज से लगभग 738 साल पहले सन 1280 ई. को अफ्रीका की किसी अनजान जगह पर पैदा हुआ था मनसा मूसा. अपनी उम्र के 33वें साल में अबू बकर द्वितीय के बाद ये माली साम्राज्य का राजा बना.
मूसा का साम्राज्य वर्तमान घाना, टिंबकटू और माली के विशाल भू-भाग पर फैला था. माना जाता है कि मनसा मूसा दुनिया का सबसे अमीर आदमी था. उसके पास अकूट संपदा थी.
वह नमक और सोने के कारोबार का बादशाह था. कहा जाता है कि जब उसने हज की यात्रा की, तब उसके काफिले में 80 ऊंट शामिल थे, जिसमें से हर एक लगभग 136 किलो सोने से लदा होता था. फिर जिस इलाके से उसका काफिला गुजरता, वहां दिखने वाले भिखमंगों में मूसा सोने के सिक्के बांट देता.
ऐसे में आइए, इतिहास के इस अरबपति आदमी के बारे में जानते हैं –
यूरोप था कंगाल, अफ्रीका मालामाल
अपने पूर्ववर्ती शासक अबू-बकर द्वितीय की मौत के बाद 1312 ई. में मनसा मूसा माली साम्राज्य का शासक बना.
ये वो समय था, जब यूरोपियन देश संसाधनों की कमी के कारण गृह युद्ध की चपेट में थे. तब माली का स्वर्णिम युग चल रहा था. यहां नमक और सोने जैसे पर्याप्त प्राकृतिक संसाधनों भरे पड़े थे.
माना जाता है कि मूसा का पश्चिमी अफ्रीकी साम्राज्य दुनिया में सोने का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य था, वो भी ऐसे समय में जब दुनिया में तेजी से सोने की मांग बढ़ रही थी. अनुमान के मुताबिक, एक साल में मालीयन साम्राज्य में लगभग 1000 किलो सोने का उत्पादन किया जाता था.
मनसा मूसा का पूरा नाम मूसा कीटा प्रथम था. राजा बनने के बाद इन्हें मनसा नाम की पदवी मिली और इनका नाम मनसा मूसा प्रथम हो गया.
मूसा के शासनकाल में इस समृद्ध साम्राज्य का फैलाव पश्चिम अफ्रीका के एक बड़े हिस्से तक हो गया. यहां तक कि अटलांटिक महासागर के तट से लेकर टिंबुकटू और सहारा रेगिस्तान तक मूसा के साम्राज्य में आ गए.
वहीं, वर्तमान मेरीटोनिया, सेनेगल, गांबिया, गिनिया, बुर्किना फासो, माली, नाइजर, चाड और नाइजीरिया भी माली साम्राज्य का हिस्सा थे.
क्षेत्र बढ़ा, तो व्यापार में प्रगति हुई, इससे वहां के लोगों का जीवन स्तर में भी सुधार आया और उनकी आर्थिक स्थिति भी बेहतर हुई.
4,000 मील लंबा था मूसा का काफिला
मूसा की सेना में दो लाख पुरुष सैनिक शामिल थे. इसमें से केवल 40,000 तीरंदाजों थे. इतनी बड़ी संख्या में सेना आज के बड़े-बड़े देशों के बस की बात नहीं है.
1324 ई. तक विश्व मूसा की बढ़ती संपत्ति के बारे में नहीं जानता था. फिर इसी साल मूसा हज तीर्थ यात्रा के लिए मक्का रवाना हुआ.
इस यात्रा में केवल राजा ही अकेला नहीं था. माना जाता है कि 4,000 मील लंबा एक काफिला भी राजा मूसा के साथ-साथ चल रहा था. बेहतरीन फारसी रेशम पहने, हाथ में सोने की छड़ी पकड़े लगभग 500 लोगों के बाद मनसा मूसा का घोड़ा था.
इस काफिले में इसमें हजारों सैनिक और कर्मचारी, गुलाम शामिल थे. एक अंदाजे के मुताबिक, मूसा के इस काफिले में लगभग 60 हजार लोग शामिल थे. वहीं, इस कारवां में ऊंट और घोड़े भी शामिल थे, जिनकी पीठ पर सैकड़ों पाउंड सोना लदा हुआ था.
काफिले की लंबाई चौकाने वाली है. हालांकि यात्रा में भाग लेने वाले लोगों की सटीक संख्या के बारे में उचित दस्तावेज नहीं मिलते, लेकिन ऐतिहासिक रिकॉर्ड से ये अनुमान लगाया गया है.
गरीबों में बांट दिया सोना
जहां-जहां से मूसा का ये विशाल काफिला गुजरा, लोगों की आंख फटी की फटी रह गईं. आखिरकार, इतनी भारी संख्या में मूसा की अमीरी को नजरअंदाज करना संभव नहीं था.
मूसा का ये काफिला मिस्र से भी होकर गुजरा था. माना जाता है कि मूूसा ने काहिरा के गरीबों को देखकर सड़क पर सोने के सिक्के बिखेर दिए थे.
मिस्र के गरीबों ने उससे पहले इतनी दौलत नहीं देखी थी. बेशुमार दान मिलने के कारण वहां के गरीब रातों-रात अमीर हो गए. ऐसे में मिस्र में अचानक से तेजी का दौर शुरू हो गया और महंगाई आसमान पर पहुंच गई.
तब एक दशक से भी अधिक समय तक मिस्र के लोगों पर मालीयन सम्राट का प्रभाव रहा.
रईसी देख चौंक गए यूराेपियन
अपनी हज यात्रा से लौटने के बाद मूसा ने माली में कई मस्जिदों का निर्माण कराया. वहीं, एक महत्वपूर्ण शहर होने के कारण टिंबुकटू में भी मूसा ने स्कूल, विश्वविद्यालल, पुस्तकालय और मस्जिद बनवाईं.
मक्का की यात्रा के बाद अफ्रीका से बाहर भी मूसा का नाम फैला. इस समय तक दुनिया को पता चल चुका था कि यहां मूसा ही है, जो सबसे रईस है.
वहीं, मूसा की रईसी के किस्से यूरोप तक फैलने लगे थे. यूरोपियन लोगों को तब तक मूसा की अमीरी पर भरोसा नहीं हुआ, जब तक उन्होंने अपनी आंखों से उसे देख नहीं लिया. अरबपति मूसा को देखकर यूरोपियन भी चौंक गए.
अपनी मौत तक मूसा के हज यात्रा वाले विशाल काफिले के किस्से लोगों की जुबान पर चढ़े रहे. माना जाता है कि 1332 ई. से 1337 ई. के बीच में कभी मूसा की मौत हुई थी. इन्हीं किस्सों ने मूसा को ऐतिहासिक एटलस में अमर कर दिया.
सन 1375 ई. में कैटलन भाषा में यूरोपीय नेविगेटरों द्वारा बनाए गए कैटलन एटलस में मनसा मूसा का जिक्र किया गया है. स्पेनिश कार्टोग्राफर अब्राहम क्रैसकस द्वारा बनाए गए इस एटलस में सोने का सिक्का और राजदंड पकड़े, ताज पहने सोने के सिंहासन पर बैठे मूसा को चित्रित किया गया है.
कैटलन एटलस वो महत्वपूर्ण मानचित्र है, जिसमें तब की उन जगहों को दर्शाया गया है, जहां-जहां यूरोपीय लोग गए थे.
ऐतिहासिक दस्तावेजों से पता चलता है कि मनसा मूसा के पास बेशुमार दौलत थी. अगर उसकी दौलत को अाज के हिसाब से जोड़ा जाए, तो ये करीब 4 लाख मिलियन अमेरिकी डॉलर के बराबर बैठती है. जो दुनिया में सबसे ज्यादा है.
वहीं, भारतीय रुपए में अगर देखा जाए, तो ये रकम लगभग 29 लाख करोड़ रुपए बनती है. आज भी विश्व के चोटी वाले अरबपति लोग अमीरों की इस सूची में कहीं फिट नहीं बैठते हैं. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि मनसा मूसा के पास उस दौर में कितनी संपत्ति रही होगी.
Web Title: Mansa Musa I: The Richest Person in History, Hindi Article
Emperor Mansa Musa I is likely the richest person ever.
Feature Image Credit: junior.scholastic