आपने थ्रिलर फिल्में तो देखी ही होंगी, जिनमें हत्या की गुत्थियों को सुलझाया जाता है… डिटैक्टिव उन हत्याओं के पीछे की कहानी को समझते हैं और एक दिन हत्यारा पकड़ा जाता है.
इन फिल्मी कहानियों में जो सबसे खास बात होती है, वह होती है उनके हत्या करने के तरीके! कई तरीके तो ऐसे होते हैं, जिनके बारे में सोचने भर से रूह कांप जाती है.
तो आईये दुनिया के ऐसे ही सर्वाधिक कुख्यात हत्यारों के बारे में जानने की कोशिश करते हैं–
अमेरिका का ‘चार्ल्स मैनसन’
हाल ही में 1960 के दशक के चर्चित सनकी धार्मिक नेता और हत्यारे चार्ल्स मैनसन की मौत हुई है. मैनसन ने 1969 में सिलसिलेवार हत्याएं कर सात लोगों की जिंदगी छीन ली थी. इन हत्याओं के बाद वह सीरियल किलर के रूप में दुनिया भर में कुख्यात हुआ.
किसने सोचा था कि महज 13 साल की उम्र में हथियार चुराने के आरोप में गिरफ्तार एक शख्स 20वीं शताब्दी का सबसे बदनाम सनकी हत्यारा बन जाएगा. 1967 में गिरफ्तारी के बाद पैरोल पर बाहर आए चार्ल्स मैनसन ने सैन फ्रान्सिस्को में एक घर बनाया, जहां उसने धीरे-धीरे अपनी धार्मिक और नस्लवादी सोच को बढ़ावा दिया और अंततः पागलपन, हिंसा और भयावहता का प्रतीक बन गया.
मैनसन के अनुयायियों ने 1969 में 26 वर्षीय गर्भवती अभिनेत्री शेरॉन टेट की लॉस एंजिल्स स्थित उसी के घर में अन्य चार लोगों के साथ चाकूओं से गोद कर हत्या कर दी. इन हत्याओं ने पूरे अमेरिका को हिला दिया था. यहां तक कि हत्यारों ने पीड़ितों के खून से दीवारों पर संदेश भी लिखा कि हॉलीवुड को आतंक की स्थिति में भेजा.
वहीं एक जनरल स्टोर के मालिक और उसकी पत्नी की हत्या के बाद मैनसन फैमिली के सदस्यों ने उन्हीं के खून से दीवार पर लिख दिया था, ‘सुअरों की मौत’.
कहते हैं कि चार्ल्स चाहता था कि पूरी दुनिया उसे अपना भगवान माने, लोग उससे डरें और उसकी पूजा करें. यहां तक कि उसने अपने आपको ईसा-मसीह घोषित कर लिया था.
बाद में उसने कैलिफोर्निया जेल में नौ बार उम्र कैद की सजा काटी.
इस बदनाम शख्स पर कई किताबें लिखी गई हैं और फिल्में बनाई गईं, जो चर्चा में रहीं.
Charles Manson (Pic: mansondirect)
बोस्निया का कसाई ‘रात्को म्लादिच’
हाल ही में बोस्निया के पूर्व सर्ब सैन्य कमांडर रात्को म्लादिच को हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय आपराधिक ट्रिब्यूनल ने नरसंहार के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई. इसके हाथ हजारों लोगों के खून से रंगे हैं, इसलिए म्लादिच को दुनिया बोस्निया के कसाई के नाम से भी जानती है.
बोस्निया दक्षिण पूर्व यूरोप में बाल्कन प्रायद्वीप पर स्थित एक देश है. जोकि, 1992 से 1995 तक गृहयुद्ध से पीड़ित रहा. इसमें लाखों लोगों की जान गई… अदालत ने इसी युद्ध के दौरान किए गए मानव संहार के लिए म्लादिच को दोषी पाया.
म्लादिच एक विशाल सर्ब राज्य बनाना चाहता था. इसके लिए वह किसी भी हद तक जा सकता था. उसने किया भी कुछ ऐसा ही!
म्लादिच नहीं चाहता था कि उसका देश टुकड़ों में बंट जाए, इसके लिए उसने अलगाववादी शक्तियों के खिलाफ एक अभियान चलाया. इसके तहत उसने अलगाववादियों को दबाने के लिए सर्ब सेना द्वारा सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया.
अलगाववादियों में ज्यादातर मुस्लिम थे. ऐसे में रात्को म्लादिच के नेतृत्व वाली फौज पर स्रेब्रेनीत्सा शहर में करीब आठ हजार मुस्लिमों की सामूहिक हत्या करने के आरोप लगे. सन 2007 में बोस्निया सर्ब सेना कमांडर रात्को म्लादिच पर सर्बिया ने 10 लाख यूरो का इनाम रखा था. बाद में 2011 के आसपास इसे गिरफ्तार कर लिया गया.
कहा जाता है कि म्लादिच की 23 वर्षीय बेटी ने पिता की करतूतों से तंग आकर खुदकुशी कर ली थी.
Ratko Mladić (Pic: misterdann)
बिकनी किलर ‘चार्ल्स शोभराज’
एक समय दक्षिण एशिया में खौफ का पर्याय बन चुके कुख्यात हत्यारे चार्ल्स शोभराज का पूरा नाम हतचंद भाओनानी गुरुमुख चार्ल्स शोभराज है. वियतनाम में पैदा हुआ शोभराज कभी मुंबई में नशीली दवाओं के कारोबार में संलिप्त था.
चार्ल्स शोभराज ने सन 1963 में एशिया से अपने आपराधिक जीवन की शुरुआत की. माना जाता है कि उसे थाइलैंड की चकाचौंध ने पागल कर दिया था. वहां वह नई-नई लड़कियों से मिलता, उनका इस्तेमाल करता और फिर उन्हें मौत दे देता.
मनोवैज्ञानिक बॉब हरे ने अपने शोध में बताया है कि शोभराज लोगों को केवल अपने फायदे के लिए मारता था. वह उन लोगों के पासपोर्ट व दूसरी पहचान संबंधी कागजों का उपयोग तस्करी व अन्य गैर कानूनी धंधों के लिए करता था. भेष बदलने की कला में महारथी चार्ल्स के लिए महिलाएं सॉफ्ट टारगेट रहीं. इसी के चलते इसे बिकनी किलर भी कहा जाने लगा.
इसके कुल शिकार लोगों में ज्यादातर महिलाएं हैं. कहा जाता है कि शोभराज इतना आकर्षक था कि लड़कियां इसकी ओर खिंची चली आती थीं. यहां तक कि कुछ लड़कियां शोभराज के साथ गैरकानूनी कामों में भी संलिप्त थीं. बताया जाता है कि तिहाड़ में सजा के समय उसके दो महिलाओं से बेहद करीबी संबंध थे.
वहीं काठमांडू में बंद चार्ल्स ने महिला वकील की बेटी को ही अपने प्यार में फंसा लिया और उससे शादी कर ली. सन 1972 के बाद के दस सालों में इसने 20 से ज्यादा लोगों की हत्या की और यहीं से ये सीरियल किलर के नाम से कुख्यात हुआ.
इस पर बॉलीवुड में ‘मैं और चार्ल्स‘ नाम से फिल्म भी बनी, जिसमें रणदीप हुड्डा ने मुख्य किरदार निभाया.
Charles Sobhraj (Pic: vice)
नर पिशाच ‘सुरेंद्र कोली’
2006 में नोएडा के निठारी में कोठी नंबर डी-5 से नर कंकाल मिले. आगे जांच में सीबीआई को नालों से हड्डियों व मानव अंगों से भरे 40 पैकेट भी मिले थे. इन घटनाओं ने पूरे देश में सनसनी मचा दी थी.
बाद में खुलासा हुआ कि हत्यारा सुरेंद्र कोली नेक्रोफीलिया नामक मानसिक बीमारी से ग्रसित था. नेक्रोफीलिया बीमारी में व्यक्ति अपनी यौन इच्छाओं की संतुष्टि के लिए मृत लोगों या मृत समान लोगों से यौन संपर्क बनाता है.
वह सन्नाटे के साए में कोठी के पास से गुजरने वाले बच्चों को पकड़ लेता और उनके साथ कुकर्म करता. लगभग डेढ़ साल तक ऐसा चलता रहा और आसपास के बच्चे गायब होते रहे. असल में वह बच्चों से बलात्कार कर उनकी हत्या कर देता था. साथ ही उनके शव के टुकड़े कर नाले में फेंक देता.
इस लिहाज से कहा गया कि वह इंसान नहीं कोठी में रहने वाला नरपिशाच बन चुका था.
सुरेंद्र कोली ने नारको टेस्ट में इस बात को कबूला है कि वह लड़कियों के शव के टुकड़े कर उन्हें खा जाता था. बाद में बचे कुचे टुकड़ों को कंपाउंड में ही दफना देता था. पुलिस को बंगले के कंपाउंड से कुल 15 बच्चों के कंकाल मिले थे.
उसके साथ इस घिनौने काम में मोनिंदर सिंह पंधेर नामक व्यक्ति का नाम भी सामने आया. दोनों को इसके लिए विशेष अदालत द्वारा फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है.
Surendra Koli And Mohinder Pandher (Pic: theshillongtimes)
यह तो महज कुछ एक नाम हैं, दुनिया में आपको ऐसे सनकी हत्यारों के कई और नाम मिल जायेंगे.
अगर आप भी ऐसे किसी व्यक्ति का नाम जानते हैं, तो नीचे दिए हुए कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं.
Web Title: Most Infamous Eccentric Killers Of the World, Hindi Article
Featured image credit: vice/mansondirect/heshillongtimes