भारत कई जातियों और धर्म का मिला जुला संगम है. भारत में इतने धर्म और जाति होने के कारण हर धर्म के मुताबिक अलग मान्यताएं और नियम कानून बनाए गए हैं. यह सभी प्रथाएं, रीति-रिवाज सब मिलकर ही एक धर्म की पहचान बनते हैं.
यूँ तो हमारे यह रीति-रिवाज हमारी आस्था से जुड़े होते हैं, लेकिन इनमें से कई के पीछे विज्ञान भी छिपा है. जी हाँ आप सही सुन रहे हैं!
यूँ ही नहीं हमारे पूर्वजों ने इन्हें बनाया था. तो चलिए आपको बताते हैं कि कौन से हैं वह रीति-रिवाज और क्या हैं उनके पीछे के वैज्ञानिक कारण–
उपवास
हिंदू धर्म में उपवास रखना तो कई सदियों से चला आ रहा है. उपवास को हिन्दू धर्म में बहुत महत्व दिया जाता है. नव रात्री के व्रत, सोलह सोमवार का व्रत, जन्माष्टमी का व्रत, करवा चौथ आदि जैसे कितने ही मौकों पर हिन्दू धर्म में उपवास रखा जाता है. कई बार माना जाता है कि उपवास के जरिए हमारी मनोकामना भी पूरी होती है. अब मनोकामना पूरी होती है कि नहीं इस बात पर कोई माने न माने, लेकिन विज्ञान की नजर में तो उपवास बहुत काम की चीज है.
विज्ञान के अनुसार उपवास रखने से हमारे शरीर को काफी फायदा होता है. इसके कारण हमारा शरीर कम कैलोरी लेता है जिससे हमें वजन कम करने में मदद मिलती है. इसके जरिए मधुमेह, दिल की बीमारी जैसी कितनी ही बीमारियाँ दूर हो सकती हैं.
Fasting (Pic: wowhomeremedies)
सूर्य-नमस्कार
सूर्य नमस्कार हिंदू धर्म में प्राचीन काल से ही चलता आ रहा है. इस प्रथा में रोज सुबह जल्दी उठकर सूर्य देव को जल दिया जाता है और फिर हाथ जोड़ के उन्हें नमस्कार किया जाता है.
सूर्य नमस्कार से हमारे शारीर का कितना भला होता है यह तो इस बात से ही जाहिर हो जाता है कि अब इसे योग का एक अहम आसन माना जाता है.
इसके पीछे के वैज्ञानिक कारणों की बात करें तो, जब हम सुबह सूर्य नमस्कार करते समय सूर्य को जल चढ़ाते हैं तब सूर्य की किरणें पानी से होकर सीधे हमारी आँखों में पड़ती है.
उन किरणों को हमारी आँखों के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है. इस दिनचर्या का पालन करने से हमारी सुबह जल्दी जागने की आदत भी बन जाती है. मतलब, एक सूर्य नमस्कार के अनेकों फायदे हैं.
Surya Namaskar (Pic: thrillophilia)
चूड़ी पहनना
भारतीय महिलाओं के लिए चूड़ियाँ पहनना बहुत ही अहम है. उनकी चूड़ियों का चमकदार रंग और उनकी खनखनाहट महिलाओं के सौंदर्य को और भी निखार देती है. शादी में दुल्हन के हाथों में जब तक लाल चूड़ा न हो तब तक वह पूरी तरह तैयार नहीं लगती. इतना ही नहीं, फैशन के मामले में भी चूड़ियाँ बहुत खास मानी जाती हैं.
चूड़ियाँ महिलाओं के लिए बेहद ही लाभदायक होती है. इसका सबसे बड़ा फायदा है कि यह उनके शरीर का ब्लड सर्कुलेशन सही बनाए रखती हैं. इसके अलावा हमारे शरीर से निकलने वाली इलेक्ट्रो मैग्नेटिक एनर्जी को चूड़ियाँ व्यर्थ होने से बचा लेती हैं. क्योंकि यह गोल होती हैं इसलिए इसमें से एनर्जी को बाहर निकलने का मौका नहीं मिलता. शायद इसलिए ही महिलाएं एक साथ कई जिम्मेदारियां संभाल लेती हैं.
Bangle (Pic: insideweddings)
सिंदूर लगाना
एक चुटकी सिंदूर की कीमत हर विवाहित महिला जानती है. यह सिर्फ सुहाग की निशानी ही नहीं बल्कि उनकी लंबी उम्र से भी जुड़ा होता है. सिंदूर लगाना सिर्फ लड़की के सुहाग के लिए ही नहीं बल्कि खुद लड़की के लिए भी बहुत लाभकारी होता है.
सिंदूर हल्दी, चूना और पारा मिलाकर बनता है. कहते हैं कि इन तीनों तत्वों के मिश्रण से सिंदूर एक लाभकारी पदार्थ बन जाता है. जब इसे माथे के ऊपर लगाया जाता है तो वह हमारे मन की विचलित भावनाओं को नियंत्रण में रखता है. यह होता चुटकी भर है, लेकिन काम बहुत अचूक करता है.
Sindoor (Pic: zowed)
नमस्कार
भारतीयों के लिए ‘नमस्ते’ करना एक स्वाभाविक चीज है, क्योंकि बचपन से ही हम किसी भी बड़े को जब देखते हैं तो उनके आदर-सम्मान में झुककर उन्हें नमस्कार करते हैं. आज के समय में तो विदेशी लोग भी भारत में आकर नमस्ते करना सीख गए हैं.
चलिए अब आपको बताते हैं कि आखिर नमस्ते करना भर आपके लिए कितना अच्छा हो सकता है. माना जाता है कि जब नमस्कार मुद्रा में हम अपने दोनों हाथों की सारी उंगलियों को एक साथ मिलाते हैं तब हमारे शरीर के अधिकतर प्रेशर पॉइंट सक्रीय हो जाते हैं. यह सब फिर हमारी आँख, कान और दिमाग को एक जुट होकर काम करने के लिए तैयार करता है. इसके कारण हमारी याददाश्त बढ़ती है और सामने वाला व्यक्ति हमें लंबे समय तक याद रहता है.
Namaste (Pic: komunitasspirituallangit)
कान छिदवाना
कान छिदवाना कभी एक प्रथा हुआ करती थी, लेकिन आज यह एक फैशन भी बन चुका है. कान छिदाते समय भले ही थोड़ा दर्द होता है, लेकिन यह उसके बाद जिंदगी भर का फायदा भी देता है. यह एक साथ कितनी चीजों पर असर डालता है कि यह छोटी सी चीज भी बन जाती है खास!
माना जाता है कि यह आँखों की रोशनी बढ़ाता है, कानों को स्वस्थ बनाए रखता है. चिंता और घबराहट को यह दूर रखता है. इतना ही नहीं, इसके जरिए हमारी पाचन शक्ति भी अच्छी हो जाती है. यह दिखने में तो बहुत छोटा है, लेकिन इसके फायदे बहुत हैं.
Ear piercing (Pic: fashionisers)
ज़मीन पर बैठकर भोजन करना
पहले कभी एक वक़्त हुआ करता था कि पूरा परिवार एक साथ जमीन पर बैठ कर खाना खाता था. आज की इस दौड़ती-भागती जिंदगी में हमें खाने का होश तक नहीं होता तो जमीन पर बैठ के खाना तो एक अलग ही बात है.
आज हमारे पास टेबल कुर्सियां हैं, इसलिए कोई नीच बैठ कर खाने की सोचता भी नहीं है. नीचे बैठ कर खाने से सबसे पहला फायदा तो यह है कि आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है. इससे हमारे कमर दर्द की दिक्कत भी खत्म हो जाती है, तो हमारी ताकत बढ़ती है. हमारे शरीर की हड्डियों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ता है. तो सोचिए मत कुछ दिन जमीन पर बैठ कर खाना खाएं और फायदे साथ में ही पाएं.
Sit On The Floor, while eating (Pic: tribunnews)
माथे पर तिलक
तिलक हमारे लिए किसी आशीर्वाद से कम नहीं होता. जब यह माथे पर लगता है तो सुंदर तो दिखता है ही और साथ में हमारी भक्ति को भी दर्शाता है. भारत में तो तिलक के भी कई प्रकार होते हैं जिनके भिन्न-भिन्न मायने हैं. आस्था से हट के तिलक लगाना हमारे शरीर के लिए भी खास माना जाता है.
जब कोई हमारे माथे को दबा के उस पर तिलक लगाता है तो हमारे शरीर से इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगे निकलती हैं. यह तरंगे हमें सिर दर्द से बचाती हैं. हमारे माथे के पॉइंट दबने के बाद हमारे शरीर की पाचन शक्ति बढ़ती है. कहते हैं कि इसके बाद हमारा चेहरा झुर्रियों से दूर रहता है और हमें जवान दिखने में मदद करता है.
Tilak (Pic: wikipedia)
नमाज के फायदे
एक मुस्लिम के लिए नमाज़ बेहद खास होती है. कहते हैं कि कई मुसलमान दिन में पांच वक़्त की नमाज़ पढ़ते हैं फिर चाहे वह दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न हो. मस्जिद से आती अजान सुनते ही वह अपनी जगह ढूंढ कर नमाज़ पढ़ना शुरू कर देते हैं. नमाज़ पढ़ना वैसे तो बहुत आम चीज लगाती है, लेकिन इसमें बहुत से शारीरिक फायदे छिपे हैं.
इसके हर भाग में कुछ न कुछ फायदे हैं. हमारे हाथ, कंधे, रीढ़ की हड्डी और शरीर में स्थित कई जॉइंट्स पर नमाज़ पढ़ने का असर होता है. नमाज़ पढ़ते समय जब कोई अपना माथा जमीन पर रखता है तो उसके शरीर का ताजा खून सीधा दिमाग में जाता है जो काफी लाभकारी माना जाता है.
नमाज़ के दौरान शरीर को अलग-अलग मुद्रा में हिलाया जाता है जिससे इसकी मसल को आराम मिलता है. कुछ देर की नमाज़ एक लंबे वक़्त का फायदा देती है.
Namaz (Pic: shutterstock)
दाढ़ी बढ़ाने के फायदे
दाढ़ी बढ़ाना तो आज के समय में फैशन सा हो गया है. हर कोई लंबी-लंबी दाढ़ी रखने में लगा हुआ है. मुसलमान भी अपनी बढ़ी दाढ़ी के लिए जाने जाते हैं. यूँ तो यह दाढ़ी बढ़ाना उनकी आस्था से जुड़ा हुआ है, लेकिन इसके भी उन्हें कई फायदे हैं.
बढ़ी हुई दाढ़ी से सूरज से आने वाली यूवी किरणों का व्यक्ति पर असर नहीं होता है. दाढ़ी हमें कई तरह के बैक्टीरिया से बचाती है जो हमारी त्वचा के लिए हानिकारक होते हैं. दाढ़ी बढ़ाने से न सिर्फ आप कूल दिखेंगे बल्कि आपकी त्वचा भी खिली रहेगी.
Grow Beards (Pic: christiansprague)
देखा आपने भारत की प्रथाओं के पीछे कितने वैज्ञानिक कारण हैं. इन्हें करते समय भी आपने कभी इसके बारे में नहीं सोचा होगा. अब तो आप इन्हें समझ चुके हैं तो इन्हें करना मत भूलिएगा.
Web Title: Scientific Reason Behind Some Rituals, Hindi Article
Featured Image Credit: cbglnmc