यूं तो विज्ञान ने दुनिया को एक से बढ़कर एक आविष्कार दिए. यहां तक कि मंगल ग्रह में जीवन तक की बात होने लगी है. तेजी से बदलते इस दौर में इतिहास की अद्भुत पुरातात्विक खोजों पर वक्त की धूल परत-दर-परत जमती चली गई. परिणाम यह रहा कि उनसे जुड़े हुए पहलू धुंधले होते चले गए.
तो आईये वक्त की इस धूल को हटाते हुए इन अद्भुत पुरातात्विक खोजों से जुड़े जरूरी पहलुओं को जानने की कोशिश करते हैं–
सिंधु घाटी सभ्यता, भारत
सिंधु घाटी सभ्यता की खोज ने भारत के इतिहास को ही बदल कर रख दिया. यह प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक माना जाता है. यह सभ्यता 3300-1300 ईसा पूर्व की मानी जाती है. मोहनजोदड़ो से मिले अन्नागार शायद सैंधव सभ्यता की सबसे बड़ी इमारत थी. मोहनजोदड़ो से मिला स्नानागार एक प्रमुख स्मारक है, जो 11.88 मीटर लंबा, 7 मीटर चौड़ा है.
सिंधु घाटी सभ्यता की खोज सन 1921 ईस्वी में रायबहादुर दयाराम साहनी ने की थी. यह एक विस्तृत नदी घाटी मानव सभ्यता थी, जो कई प्रमुख नदियों के किनारे पर स्थित थी. दूसरी तरफ इस सभ्यता की खोज का मूल श्रेय जॉन विलियम ब्रंटम को जाता है, जिन्होंने सन 1856 ईस्वी में कराची से लाहौर तक रेलवे लाइन बिछाने के लिए रास्ते की खुदाई की थी.
यह सभ्यता पाकिस्तान और भारत के पंजाब, सिंध, बलूचिस्तान, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर के कुल 12,99,600 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई थी. इस लिहाज से यह सभ्यता विश्व की पहली मानव सभ्यता मानी जाने वाली मेसोपोटामिया और मिस्र की सभ्यताओं से भी अधिक क्षेत्र में फैली हुई थी.
सिंधु सभ्यता में दो प्रमुख और बड़े शहर हड़प्पा और मोहनजोदड़ो बताए जाते हैं. साथ ही इसमें 100 से अधिक अन्य छोटे शहर व गांव होने की बात कही गई. हड़प्पा रावी नदी, मोहनजोदाड़ो सिंधु नदी, लोथल भोगावा नदी, कालीबंगा घग्घर नदी और हिसार यमुना नदी के किनारे पर स्थित थे.
ऐसा अनुमान है कि इस सभ्यता का अंत 1500 ईसा पूर्व में मध्य एशिया से आए आर्यों के कारण हुआ. आर्य हिंदू कुश पहाड़ों को पार कर सिंधु घाटी सभ्यता के संपर्क में आए थे.
बताते चलें कि हड़प्पा सभ्यता यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व धरोहर स्थल है.
Indus Valley Civilization (Representative Pic: themysteriousindia)
माचू पिच्चू सभ्यता, पेरू
माचू पिच्चू दक्षिण अमेरिकी देश पेरू में एंडीज पर्वतों के बीच पुरानी इंका सभ्यता से संबंधित स्थल है. समुद्री तल से लगभग 8,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित माचू पिच्चू लगभग 1400 ईस्वी में बनाया गया था, लेकिन इसकी खोज 1911 में हिरम बिंघम नामक एक अमेरिकी प्रोफेसर द्वारा की गई थी.
यह इंकान सम्राट पचकुती के लिए बनाया गया था, जिन्होंने सन 1438-1472 ई. तक शासन किया. लगभग 1500 ई. के आसपास स्पेनियों के आक्रमण के कारण यहां के इंका निवासी इसे छोड़कर भागने पर मजबूर हो गए, तब से ये स्थल एक खोए हुए शहर की भांति गुमनाम था.
ऐसे में यह हैरान करने वाली बात थी कि इस खोयी हुई पुरानी सभ्यता का निर्माण 8,000 फीट की ऊंचाई पर एक पहाड़ पर कैसे किया गया होगा.
खैर, यह कितनी अद्भुत सभ्यता है, इसको इसी से समझा जा सकता है कि विश्व के सात आश्चर्यों में से एक माचू पिच्चू को सन 1983 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया गया.
Machu Picchu (Pic: rei)
टेराकोटा वॉरियर्स, चीन
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सन 2015 के अपने चीन दौरे के दौरान शीयान शहर में स्थित टेराकोटा वॉरियर्स म्यूजियम का दौरा किया था. इस संग्रहालय में करीब 8,000 से अधिक प्रतिमाएं लगी हुई हैं.
चीन का पहला सम्राट किन शि हुआंग किन वंश का संस्थापक था, जिसने 221-207 ईसा पूर्व तक चीन पर शासन किया. अपने शासनकाल के दौरान हुआंग ने कई बड़ी परियोजनाओं का निर्माण कराया, जिसमें से चीन की महान दीवार भी एक नमूना है.
टेराकोटा सेना का निर्माण चीन के पहले सम्राट की कब्र को सुरक्षा देने के लिए गार्ड के रूप में किया गया था. यहाँ मौजूद प्रतिमाएं सन 476-221 ईसा पूर्व के युद्ध के समय की एकजुट चीन सेना का प्रतिनिधित्व करती हैं. इन्हें अलग-अलग हिस्सों में बनाया गया है, फिर उनके भागों को आपस में जोड़कर इन पर रंग किया गया है.
इस प्राचीन पुरातात्विक स्थल को 1987 में यूनेस्को ने विश्व सांस्कृतिक विरासत स्थल के रूप में चुना.
Terracotta Warriors (Pic: theguideliverpool)
अटलांटिस का खोया शहर
अमेरिकी वैज्ञानिकों ने हजारों साल पहले सूनामी के कारण डूबे अटलांटिस शहर के खोज की बात कही थी. माना जाता है कि एक बहुत बड़ी और ताकतवर सुनामी ने 60 मील लंबे अटलांटिस द्वीप को समुद्र में डुबो दिया.
इतिहास के काल में समा चुके ऐतिहासिक अटलांटिस द्वीप के बारे में पहली बार 330 ईसा पूर्व ग्रीस के महान दार्शनिक प्लेटो द्वारा लिखी गईं किताबों टिमाइयस और क्रिटिआस में जिक्र मिला. प्लेटो ने लिखा अटलांटिस वह एक दिन और रात में ही समुद्र में डूब गया था. इसी को आधार बनाते हुए शोधकर्ताओं ने भूमध्य और अटलांटिक महासागर के एक हिस्से में इस शहर के होने की संभावना जताई थी.
वहीं मशहूर लेखक चार्ल्स बर्लिट्ज ने अपनी किताब द मिस्ट्री ऑफ अटलांटिस में भी गायब हुए इस द्वीप के बारे में बताया है. माना जाता है कि ग्रीक सभ्यता का केंद्र माना जाने वाला शहर अटलांटिस अटलांटिक महासागर में एक टापू पर स्थित था.
कुछ समय पहले गूगल अर्थ ने इसकी कुछ तस्वीरें ली थीं, जिसमें समुद्र के अंदर करीब 8.5 मील चौड़ी 11 मील लंबी पिरामिड जैसी आकृति दिखाई दी. बाद में इसे अटलांटिस शहर कहा गया.
Lost City Of Atlantis (Representative Pic: pinterest)
गीजा के पिरामिड, मिस्र
मिस्र की सभ्यता के प्रतीक गीज़ा के महान पिरामिड विश्व के प्राचीन सात आश्चर्यों में शामिल हैं. ये मिस्र देश की राजधानी काहिरा के पास नील नदी के किनार गीजा के पठार पर स्थित हैं. इनका निर्माण चौथे राजवंश के राजा खुफू के शासनकाल में 2589-2566 ईसा पूर्व कराया गया था. कहा जाता है कि इतिहास की इन नायाब वास्तुकला को बनाने में बीस साल का समय लगा था.
एफिल टॉवर के निर्माण से पहले तक गीजा के पिरामिड दुनिया में मानव द्वारा बनाई गई सबसे ऊंची संरचना थी. कहा जाता है कि इन पिरामिडों को इस्रायल के पहाड़ों और चांद से भी देखा जा सकता है. पिरामिड 146 मीटर ऊंचे हैं, जो 230 मीटर के आधार पर बने हैं.
इनके निर्माण में दो लाख से ज्यादा पत्थरों के ब्लॉक शामिल किए गए हैं. हालांकि, यह आज भी एक रहस्य है कि इन विशाल पिरामिडों का निर्माण किसलिये और किसके द्वारा किया गया था.
Giza Pyramids (Pic: curbed)
स्टोनहेंज के पत्थर, इंग्लैंड
स्टोनहेंज के पत्थर दुनिया के प्रागैतिहासिक काल के हैं. कहा जाता है कि इसे कई चरणों में बनाया गया था, जो 5000 साल से 2500 ईसा पूर्व तक चला. यहाँ करीब 4 से 13 मीटर ऊंची पत्थरों की लगभग 25 टन वजनी शिलाएं सालों से धरती में गड़ी हुई खड़ी हैं, जिनसे एक चक्र बनाया गया है. ये सदियों से इतिहासकारों और पुरातत्वविदों के लिए रहस्य बने हुए हैं.
17वीं शताब्दी में पुरातत्वविद जॉन एब्रे ने दावा किया कि स्टोनहेंज केल्टिक के पुजारियों का कार्य है. स्टोनहेंज को बनाने के लिए कई प्रकार के पत्थरों का उपयोग किया गया है, जिसमें बलुआ पत्थर और नीले पत्थर प्रमुख हैं. खास बात ये है कि जिस नीले पत्थर से स्टोनहेंज की भीतरी परिधि बनाई गई है, वह यहां आसपास कहीं नहीं है.
आज यहां हर साल लगभग दस लाख लोग इन्हें देखने आते हैं. ये प्रागैतिहासिक स्मारक सन 1986 से यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल में शामिल है.
Stonehenge (Pic: history)
तूतनखामेन की ममी, मिस्र
तूतनखामेन मिस्र का शासक था, जिसने 19 साल तक 1324 ईसा पूर्व के आसपास शासन किया था. सन 1922 ई. में अंग्रेज पुरातत्वविदों हॉवर्ड कार्टर और लॉर्ड कार्नारवॉन ने किंग्स घाटी में तुतनखामेन की कब्र की खोज की.
तूतनखामेन का ममी अपने समय में भी बहुमूल्य सामानों से घिरा हुआ था. बहरहाल राजा तूतनखामेन की कब्र एक विशाल कमरे में थी, जिसे 16 फरवरी 1923 को खोला गया. उनकी कब्र से सोने और हाथी के दांत के बने कीमती जेवर, 6 रथ, पलंग, कुर्सियां, 2 सिंहासन, रस्म संबंधी पलंग और सिरहाना था.
कमरे से कुल 3 ताबूत मिले, जो एक दूसरे से सटे रखे थे. इनमें से एक ताबूत सोने का बना था, जिसमें राजा के शरीर को लेप लगाकर ममी के तौर पर सुरक्षित रखने का प्रयास किया गया था.
दूसरी तरफ ममी का पूरा चेहरा सोने के मुखौटे से ढंका हुआ था, जो काहिरा के इजिप्टीयन म्यूजियम में प्रदर्शनी के लिए रखा हुआ है.
कमरे की विशाल कलाकृतियां और खजाने का विशाल संग्रह, जो राजा के मरने के बाद साथ में रखा गया था, प्राचीन मिस्र में शाही जीवन के बारे में अविश्वसनीय जानकारी प्रदान करता है.
Tutankhamun Tomb (Representative Pic: nationalgeographic)
अल्टामीरा की गुफा, स्पेन
उत्तरी स्पेन में स्थित अल्टामीरा की गुफा विश्व की बेहतरीन पाषाणकालीन कला का एक उत्तम उदाहरण है. अल्टामीरा गुफा में बने चित्रों को सबसे पहले सन 1879 में एक शौकिया वनस्पति शास्त्री और पुरातत्वविद मर्सिलिनो सेंज डी साउतोला द्वारा एक यात्रा के दौरान खोजा गया था.
दशकों तक उनकी इस खोज को फर्जी मानकर खारिज कर दिया गया, लेकिन 1902 में एक फ्रांसीसी शोध ने उनकी इस खोज पर मुहर लगा दी और अल्टामीरा को एक प्रमुख पर्यटन स्थल में बदल दिया.
270 मीटर गहरी पूरी अल्टामीरा गुफा में लगभग दो सौ खूबसूरत चित्र बनाए गए हैं, जो अपनी नायाब चमक से इतिहासकारों को चकित करते हैं. गुफा में काले, लाल, भूरे और पीले रंग से चित्रकारी की गई है और इनके रंग अब तक फीके नहीं पड़े हैं और उतने ही चमकीले हैं.
इसमें पुरुषों के हाथ और जंगली जानवरों के चित्रों को चारकोल और हेमटिट के इस्तेमाल से बनाया गया है. इस अद्भुत कला के नमूने को सन 1985 ई. में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया.
Altamira Cave (Pic: independent)
ये दुनिया में मौजूद अद्भुत पुरातात्विक खोजों के कुछ उदाहारण भर हैं, ऐसे न जाने कितने और नाम हैं, जिनको वक्त की धूल ने धुंधला कर रखा है.
अगर आप भी ऐसा कोई नाम जानते हैं, तो नीचे दिए कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं.
Web Title: Wonderful Archaeological Discovery of History, Hindi Article
Featured image credit: Reinatravel