आप सुबह उठे शीशे के सामने खड़े हुये और हाथ बढ़ा कर साइड में रखा टूथपेस्ट ब्रश पर लेकर दांत साफ करने लगे, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि टूथपेस्ट कहां से आया?
नहीं सोचा, हम बताते हैं. टूथपेस्ट का फार्मूला दुनिया को देने वाले देश इजिप्ट था. सिर्फ टूथपेस्ट ही नहीं बल्कि काग़ज़, कलम, ताले-चाबियां जैसी महत्वपूर्ण चीजें भी इजिप्ट में ईजाद हुईं.
प्राचीन समय की बात हो तो इजिप्ट के इतिहास का नाम ज़रुर लिया जाता है. इजिप्ट को कई लोग मिस्र देश के नाम से भी जानते हैं. मिस्र अरबी लफ़्ज़ है. जिसका मतलब होता है देश.
आज हम आपको प्राचीन मिस्र के अजीबो गरीब रीति रिवाजों से रुबरु कराने जा रहे हैं. प्राचीन इजिप्ट राज्य के अनसुने किस्से जानना बड़ा रोचक होगा जो शायद आपने कभी सुने न हों.
तो आईये प्रचीन इजिप्ट के उन किस्सों के बारे में जानते हैं–
मरने के बाद लंबे समय तक संभाल कर रखते थे इंसानी शरीर!
जी हां, प्राचीन इजिप्ट में अगर किसी की मौत हो जाती थी तो उसे वहां के रीति रिवाज के अनुसार दफनाया नहीं जाता था बल्कि उस व्यक्ति के शव को संभाल कर रखा जाता था. अब आप सोच रहे होंगे कि शव को इतने दिन कोई कैसे संभाल कर रख सकता है, तो आपकी इस चिंता को दूर करे देते हैं.
असल में मरने के बाद मृत व्यक्ति के पूरे शरीर पर एक खास किस्म की दवाई लगा कर उसे ममी के रुप में संजो कर रख लिया जाता था. यह भी बता देते हैं कि प्राचीन इजिप्ट में ऐसा क्यों होता था. उन लोगों का मानना था कि एक दिन मृत व्यक्ति की आत्मा उसके शरीर में वापस आएगी.
जब वह आत्मा आए तो उसके पास अपना शरीर होना चाहिए ताकि वह फिर से इंसानी जीवन जी सके. इसलिए शरीर को संभाल कर रखना अत्यंत ज़रुरी था. इसलिए ही इजिप्ट में लोग ममी बनाया करते थे.
Human Body Preservation (Pic: nypost)
मर्द- औरत ‘दोनों’ करते थे श्रृंगार
हमारी भारतीय संस्कृति में सजना धजना सिर्फ महिलाओं के लिए ही है. भारतीय संस्कृति में श्रृंगार पर महिलाओं का ही अधिकार है. अगर आप इतिहास के पन्नों को ज़रा बारीकी से पलटेंगे तो पायेंगे प्राचीन मिस्र में श्रृंगार पुरुष और महिलाएं दोनों के लिए था.
उस दौर में जो श्रृंगार महिलायें करतीं थीं ठीक वैसा ही श्रृंगार पुरुष भी करते थे.
एक खास तरह के श्रृंगार के तहत तांबे की धातु से बना पानी अपनी आंखों के ऊपरी हिस्से में चढ़ाया जाता था. उनका मानना था कि यह श्रृंगार उन्हें सूरज की तेज़ किरणों से बचाता है. मिस्र के लोगों का यह भी मानना था कि श्रृंगार करने से उनके शरीर में जादुई शक्तियां आती हैं.
जो भी हो यह माना जा सकता है कि मेकअप की शुरुआत एक तरह से इजिप्ट में ही हुई है.
Unknown Facts About Ancient Egypt (Pic: onvacations)
बिल्ली को माना जाता था पवित्र जानवर…
आपकी रसोई में दूध रखा हो और एकाएक जोर से बर्तन गिरने की आवाज़ होती है. आप देखते हैं पड़ोस की बिल्ली ने दूध से भरा बर्तन गिरा दिया है और मज़े से दूध पी रही है. आप तांव में आकर बिल्ली को दूर तक खदेड़ देंगे.
वहीं दूसरी ओर प्राचीन मिस्र के इतिहास में ऐसा नहीं होता था. बिल्ली को सबसे अधिक पवित्र जानवर माना जाता था. जहां आज के समय में बिल्ली को कई लोग बुरी किस्मत का प्रतीक मानते हैं. वहीं इजिप्ट में बिल्लियों को अच्छी किस्मत का प्रतीक माना जाता था.
प्राचीन मिस्र की धारणाओं के हिसाब से बिल्ली पालने से किस्मत अच्छी हो जाती थी. रुके हुए काम हो जाते थे. घर परिवार में सब खुश रहते थे. इसलिए ही उस समय हर कोई अपने घरों में बिल्ली जरूर पाला करता था.
Egyptian Used To Pet A Cat (Pic: national…)
बोरिंग खेलों से था गहरा लगाव
आप दिन में लूडो या चैस कितने घंटे खेल सकते हैं?
आपका जवाब होगा दो घंटे… हद से हद तीन घंटे.
ऐसा इसलिए क्योंकि इन खेलों में इंसान कुछ समय बाद बोर होने लगता है. खेल का परिणाम नहीं निकलने पर झल्ला भी जाता है. हालांकि प्राचीन मिस्र के लोगों को बोरिंग खेलों से अधिक लगाव था.
जिस तरह हम आज लूडो खेलते हैं ठीक उसी तरह वह एक खेल खेला करते थे. फर्क इतना है कि लूडो में हम डाइस फेंकते हैं, तो वह छोटी-छोटी लकड़ियां फेंकते थे और अपनी चाल चलते थे. इस खेल का नाम था ‘सिनेट’.
आपको यह जानकार हैरानी होगी कि यह खेल सालों साल तक चलता था! उससे भी बड़ी हैरानी की बात तो यह है कि खेलने वाला भी इसे खेलते हुये नहीं उबता था. कहा जाता है प्राचीन मिस्र में कुछ सिनेट खेल तीन हज़ार साल तक खेले गये.
Egyptian Used To Play Senet (Pic: mentalfloss)
मिस्र की महिलाओं के थे ‘खास’ अधिकार
आजकल दुनिया में महिलाओं को बराबरी के अधिकार देने के लिए बहस छिड़ी रहती है. समय-समय पर बात उठती रहती है कि महिलाओं को भी समान अधिकार मिलने चाहिए, लेकिन प्राचीन मिस्र में ऐसा कुछ नहीं था. वहां महिलाओं को पुरुषों के बराबर के अधिकार दिये जाते थे.
जानकर हैरानी होगी कि कई सौ साल पहले भी मिस्र में महिलायें अपनी मर्जी से अपनी ज़मीन बेच सकती थीं और नई जमीन ख़रीद भी सकती थीं. इतना ही नहीं कहते हैं कि अगर महिलाएं पुरुषों के बराबर काम कारती थीं तो उन्हें वेतन भी उनके बराबर ही मिला करता था. कोई भी उन दोनों के बीच भेदभाव नहीं कर सकता था.
मिस्र की अदालतों में भी महिला जज हुआ करती थीं. वहीं कोई पुरुष अपनी पत्नी पर अधिक ज़ुल्म करता था तो ऐसी कंडिशन में महिला को उस पति को तलाक़ देने का भी अधिकार प्राप्त था.
राजाओं ने गुलामों से नहीं बनवाये थे पिरामिड!
जब भी हम इजिप्ट का नाम सुनते हैं हमारे ज़हन में एक तस्वीर तैरने लगती है. वह तस्वीर होती है मिस्र में बने ऊंचे ऊंचे पिरामिड की. कई लोग अकसर इस बात को लेकर कंफ्यूज रहते हैं कि आख़िरकार इतने बड़े पिरामिड को किसने बनाया था.
कुछ लोगों का मानना है कि पिरामिड मिस्र के राजाओं ने अपने गुलामों से बनवाये थे, लेकिन मिस्र के इतिहास को पढ़कर पता चलता है कि पिरामिड असल में गुलामों से नहीं बल्कि बेहतरीन आर्किटेक्ट का ज्ञान रखने वाले लोगों ने बनाए थे.
पांचवी सदी में ग्रीक हिस्टोरियन ने माना था कि मिस्र के राजाओं ने कैद किये गुलामों से पिरामिड का निर्माण करवाया था, लेकिन बाद के कई हिस्टोरियन ने इसको नकार दिया. उन्होंने माना कि पिरामिड का निर्माण राजाओं ने आर्टिस्ट और मज़दूरों से करवाया था. उन्होंने यह भी माना कि राजाओं ने उन्हें मज़दूरी का भुगतान भी दिया था.
इसकी सबसे बड़ी वजह थी बेहद आकर्षण का केंद्र माने जाने वाले पिरामिड को इतनी सुंदरता से बनाना. पिरामिड जैसी अद्भुत और सुंदर सिर्फ कोई समझदार व्यक्ति ही बना सकता है मजदूर नहीं.
Egyptian Architect Made Pyramids (Representative Pic: pintrest)
प्राचीन मिस्र में थे प्रशिक्षित डॉक्टर!
हमेशा से ही डॉक्टर या चिकित्सक किसी भी इंसान के लिए बहुत जरूरी हैं. यही वह लोग हैं जो मरते हुए व्यक्ति को मौत के मुंह से बाहर खींच लाने का हुनर जानते हैं. तभी तो डॉक्टर को भी भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है.
जहां आज भी कई जगहों पर डॉक्टर नहीं होते हैं वहीं मिस्र में कभी बहुत ही प्रशिक्षित डॉक्टर हुआ करते थे.
क्या आप सोच सकते हैं प्राचीन इजिप्ट में जो डॉक्टर्स मरीज़ो का इलाज करते थे वह पूरी तरह से ट्रेंड होते थे.
वह समय भले ही अलग था मगर उनकी सोच भविष्य के लिए थी. उन्होंने कितनी ही चीजें दुनिया को बताई जो आज भी इस्तेमाल में लाई जाती हैं.
वक़्त भले ही बदल गया हो मगर उनकी अहमियत कम नहीं होती. मिस्र के डॉक्टर वाकई कमाल के थे.
मिस्र के मज़दूरों ने की सबसे पहली ‘स्ट्राइक’!
भारत में या अन्य देशों में जब मज़दूर वर्ग को कंपनियां प्रताड़ित करने लगती हैं तो मज़दूर संगठन कंपनी के ख़िलाफ मोर्चा खोलते हुये स्ट्राइक कर देते हैं. हालांकि क्या आपने कभी सोचा है कि मज़दूरों की आवाज़ बुलंद करने वाले इस प्रोटेस्ट की शुरुआत किस देश से हुई थी?
यह देश भी मिस्र था. इसका सबसे बड़ा उदाहरण 12वीं सदी में सामने आया था. जब नये राजा फारो रामसेस के शासनकाल में कम मज़दूरी मिलने के कारण मिस्र के सभी मज़दूर एकजुट होकर धरने पर चले गये थे.
इतिहासकार इस धरने को दुनिया के मज़दूरों का पहला धरना और विरोध मानते हैं. कहा जाता है दुनिया में इसके बाद मज़दूर एकता जिंदा हुई और जब कहीं मज़दूरों को लगने लगा कि उनकी आवाज़ दबाई जा रही है तो वह धरना प्रदर्शन करने लगे.
तो यह थीं मिस्र के बारे में कुछ अलग और रोचक बातें. आपको यह बातें कैसी लगीं हमें जरूर बताइए.
Web Title: Unknown Facts About Ancient Egypt, Hindi Article
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