आज कल की भाग दौड़ भरी जिंदगी में हम अपनी सेहत का ख्याल ही नहीं रख पाते. इस अनदेखी के चलते शरीर में कोई कमी आ भी जाए तो हम दवाइयों के भरोसे उसे टालते रहते हैं और यही हमारी दूसरी भूल बन जाती है.
महिलाओं में यह अनदेखी बड़े पैमाने पर देखी गयी है. खासकर आज के दौर में जब वो घर और नौकरी दोनों को एक साथ संभाल रही हैं. ऐसे में शुरुआत में छोटी दिखने वाली शारीरिक परेशानियाँ समय के साथ घातक रूप ले सकती हैं.
यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआई) इन्हीं में से एक है. मूत्रमार्ग से शुरू हुए इस इन्फेक्शन का इलाज अगर सही समय पर न किया जाए तो यह किडनी को भी भारी नुक्सान पहुंचा सकता है.
ऐसे में यह जानना ज़रूरी हो जाता है कि आखिर ये बला क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है-
तो इसलिए है चौकन्ना रहने की ज़रुरत!
यूटीआई मनुष्यों में होने वाले सबसे आम संक्रमण में से हैं, लेकिन समय पर न रोके जाने पर यह आपकी दिनचर्या को खराब भी कर सकता है.
आपको यह जान कर हैरानी होगी कि सभी महिलाओं में से 50 प्रतिशत से अधिक अपने जीवनकाल के दौरान कम से कम एक बार यूटीआई की परेशानी से गुज़रती हैं. वहीं 20 से 30 प्रतिशत महिलाएं ऐसी हैं, जो कई बार इस इन्फेक्शन का शिकार बनती हैं. कई मामलों में यह इन्फेक्शन साल दर साल भी चल सकता है.
यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन(यू टी आई) सूक्ष्मजीवों के कारण फैलने वाला ही एक संक्रमण है. ये ऐसे जीव होते हैं जिन्हें नंगी आँखों से नहीं देखा जा सकता है. अधिकांश मामलों में यूटीआई बैक्टीरिया के कारण होता है, लेकिन कुछ फफूंद और वायरस के कारण भी होते हैं.
मनुष्य का यूरिनरी ट्रैक्ट गुर्दे सहित दो ट्यूब जैसी दिखने वाली नलियों, ब्लैडर और युरेथ्रा(Urethra) जैसे हिस्सों से बनता है. यूटीआई इनमें से किसी भी हिस्से में हो सकता है. हालांकि ज़्यादातर मामलें यूरिनरी ट्रैक्ट के निचले भाग से जुड़े हुए पाए जाते हैं.
जो मामलें यूरिनरी ट्रैक्ट के ऊपर वाले भाग में पाए जाते हैं वो शरीर के लिए ज्यादा गंभीर होते हैं. अगर बैक्टीरिया संक्रमित गुर्दे से रक्त में चला जाए तो ये संभावित रूप से जीवन को खतरे में डाल सकता है. इस स्थिति को यूरो सेप्सिस नाम दिया गया है, जो खतरनाक रूप से कम रक्तचाप, सदमे और मौत का कारण बन सकता है.
वहीं दूसरी ओर गर्भावस्था में यू टी आई माँ और शिशु स्वास्थ्य दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. हालांकि गर्भवती महिलाओं में यूटीआई विकसित होने की संभावना कम होती है.लेकिन यदि ऐसा होता है, तो इसके यूरिनरी ट्रैक्ट के ऊपर वाले भाग तक पहुँचने की संभावना ज्यादा हो जाती है. ऐसा इसलिए क्योंकि गर्भावस्था के दौरान शरीर में होने वाले परिवर्तन यूरिनरी ट्रैक्ट को प्रभावित करते हैं.
घंटो तक एक जगह बैठे रहते हैं, तो सुनिए...
वैसे तो यूटीआई होने के कारण बहुत से होते हैं और यह किसी भी उम्र और लिंग के लोगों को हो सकता है, लेकिन इसके कुछ कारण ऐसे हैं जिन्हें इसके अधिकतर मामलों के लिए ज़िम्मेदार माना जाता है.
इसके ज़्यादातर कारण यूरिनरी ट्रैक्ट से जुड़े कारक ही हैं, जैसे कि अगर व्यक्तिगत स्वच्छता में लापरवाही बरती जाए तो यूटीआई की संभावना बढ़ सकती है.
इसके साथ ही गर्भावस्था, मासिक चक्र का बन्द होना, गर्भनिरोधक उपायों को अपनाना, ज्यादा मात्रा में संभोग करना और कंडोम इत्यादि का इस्तेमाल करना भी महिलाओं में इसके होने के मुख्य कारण बन सकते हैं. बताते चले कि महिलाओं में इसके ज़्यादातर मामले संभोग से जुड़ी समस्याओं के कारण आते हैं.
अगर आप कामकाजी महिला हैं तो आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना पड़ेगा. जी हाँ, अगर आप बहुत लम्बे समय तक एक ही जगह बैठी रहती हैं तो ऐसे में यू टी आई होने की संभावना बढ़ जाती है.
इसका एक कारण यह भी है कि लगातार लम्बे समय तक बैठे रहने से यूरिनरी ट्रैक्ट पर दबाव पड़ता है, जिसके कारण यूरिन की मात्रा में कमी आती है.
इसके अलावा डायबिटीज और किडनी स्टोन जैसी बीमारी भी आपके शरीर को समय-समय पर यूटीआई की तरफ धकेल सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि डायबिटीज इम्यून सिस्टम को कमज़ोर कर देती है, जिससे वह यू टी आई के बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता खो देता है.
वहीं किडनी स्टोन से यूरिनरी ट्रैक्ट अवरुद्ध होने के कारण इस समस्या की संभावना बढ़ जाती है.
नज़रंदाज़ किया तो आ सकती है ये नौबत!
हमने यह तो जान लिया कि किन कारणों से आप यूटीआई के शिकंजे में आ सकते हैं, लेकिन उतना ही ज़रूरी ये भी जानना है कि यदि ऐसी कोई स्थिति आती है तो उसे पहचाना कैसे जाए.
जैसे कि हमने जाना कि इसके ज़्यादातर मामलें यूरिनरी ट्रैक्ट के निचले भाग में देखे जाते हैं, इसीलिए इसे पहचानना भी आसान होता है.
अगर पेशाब करते समय आपको जलन महसूस होती है तो यह यूटीआई का सबसे पहला और अहम लक्षण है. साथ ही अगर आपको बार-बार पेशाब करने की ज़रूरत महसूस हो रही है तो इसका दोष बस ज्यादा पानी पीने को मत दीजिये. यह यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन की घंटी भी हो सकती है. यदि आपके पेशाब का रंग बदल गया है या उस से किसी तरह की दुर्गन्ध आ रही है तो इसे भी नज़र अंदाज़ मत कीजिये.
इन्फेक्शन यदि यूरिनरी ट्रैक्ट के ऊपर वाले भाग तक पहुँच जाए तो ऐसे में आपको पेट या कमर के पिछले भाग में दर्द से भी गुज़ारना पड़ सकता है. बुखार होने या ज्यादा ठंड लगने पर समझ लीजिये कि इन्फेक्शन आपकी किडनी तक पहुँच चुका है. ऐसे में शरीर में कमजोरी आना भी आम है.
आज कल की जिंदगी में जहां व्याकुलता और चिड़चिड़ापन आम सा हो गया है, वहीं यह यूटीआई होने का एक लक्षण भी साबित हो सकता है. इसलिए इसे टालिए मत और इसे दुसरे संकेतकों के साथ देख कर परेशानी की जड़ तक पहुँचिये.
खट्टे-मीठे नुस्खे हैं परेशानी का हल
ये परेशानी भले ही शुरुआत में आपकी नज़र से बच निकले, लेकिन इससे पहले कि यह आपके स्वास्थ्य पर हमला करे आपको इसकी रोकथाम और इलाज के तरीकों से भी अवगत कराना ज़रूरी है.
अगर आपको इस इन्फेक्शन के होने की ज़रा सी भी आशंका होती है तो बिना समय गवाएं डॉक्टर के पास ज़रूर जाये. वहां आपके यूरिन की जांच कर यह पता लगाया जाएगा कि उसमें यू टी आई का बैक्टीरिया मौजूद है या नहीं. अगर हाँ, तो आपको डॉक्टर उचित एंटीबायोटिक दवाइयां दे पाएँगे.
शोध में यह भी पाया गया है कि लाल रंग की खट्टी बेरी का रस पीने से भी यू टी आई के बैक्टीरिया से निजात मिल सकता है. इसमें एक टैनिन होता है जो ई कोलाई बैक्टीरिया को ब्लैडर की दीवारों पर चिपकने से रोकता है, जिससे इन्फेक्शन होने की संभावना कम हो जाती है. बताते चलें कि ई कोलाई बैक्टीरिया यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन होने का सबसे आम कारण होता है.
आप डॉक्टर से सलाह लेकर अपने पास एंटीबायोटिक भी रख सकते हैं, जिसे यदि आप संभोग के बाद लें तो आप यूटीआई के रिस्क से खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि यह बैक्टीरिया होने का एक मुख्य कारण है.
अब बात करते हैं ऐसे उपायों की जिन्हें करने के लिए आपको किसी डॉक्टर या विशेषज्ञ की ज़रुरत नहीं पड़ेगी.
बाकि हर परेशानी की तरह इसका हल भी पानी ही है. विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी स्थिति में ज्यादा पानी पीना काफी लाभदायक होता है. इससे यूरिनरी ट्रैक्ट में जितने भी बैक्टीरिया मौजूद होते हैं वो पेशाब के साथ ही बाहर निकल जाते हैं.
ज्यादा पानी पीने के साथ-साथ ज़रूरी है कि व्यक्तिगत स्वछता का भी ख़ास ख्याल रखा जाये. ढीले कपड़े पहने जिससे कि जांघों के बीच ज्यादा पसीना न आए. साथ ही संवेदनशील हिस्सों के इर्द गिर्द तेल, परफ्यूम आदि उत्पादों के इस्तेमाल से दूर रहें.
तो देखा आपने कैसे एक छोटी सी परेशानी दिखने वाला यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन आपको डॉक्टर के दरवाज़े तक ले जा सकता है. ऐसी नौबत से बचने के लिए बस आपको ऊपर दी गयी छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना है.
अगर आप ऐसी ही किसी अन्य बीमारी से जुड़ी जानकारी चाहते हैं, तो कमेंट बॉक्स में लिखना न भूलें.
Web Title: Urinary Tract Infection: A Danger To Your Life?, Hindi Article
Feature Image Credit: psychologytoday/mamanatural