प्राचीन काल से ही युद्ध चले आ रहे हैं, क्योंकि पहले के राजा महाराजा में सत्ता का इतना लालच होता था कि वह एक दूसरे पर हमला करते रहते थे. यह सिलसिला सालों से चला आ रहा इसलिए समय-समय पर कई ऐसे युद्ध हुए. जिसमें शासन की सत्ता के विरोध किया गया.
अक्सर विरोध इसलिए किया जाता हैं, क्योंकि जब किसी शासक का जनता पर बेहिसाब अत्याचार बढ़ा जाए. और लोगों से उनकी आजादी को छिन ली जाए. ऐसा में लोगों शासकों के विद्रोह पर उतर आते हैं. प्राचीन इतिहास कई युद्धों को लड़ा गया. आईए उनके बारे में जानने की कोशिश करते हैं.
फर्स्ट वॉर ऑफ स्कॉटिश इंडिपेंडेंस
फर्स्ट वॉर ऑफ स्कॉटिश इंडिपेंडेंस होने से पहले 1286 में स्कॉटलैंड के राजा अलेक्जेंडर III वहां के राजा थे. अलेक्जेंडर III की जब 1286 में उनकी मृत्यु हो गई. जिसके बाद वह के उत्तराधिकारी को लेकर एक अलग ही जंग शुरू हो गई. उस समय दो प्रमुख दावेदारों मौजूद थे.
रॉबर्ट द ब्रुस और जॉन डी बॉलियोल. इसी बीच इंगलैंड के राजा एडवर्ड 1 को स्क़ॉटलैंड का संरक्षण करने के लिए कहा गया. राजा एडवर्ड ने अगले राजा के लिए एक प्रतियोगिता करने का फैसला किया. एडवर्ड ने राजा जॉन डी बॉलियोल कहा की वह तत्काल वह फ्रांस के खिलाफ युद्ध के लिए सैनिक भेजे. पर जॉन डी बॉलियोल ने ऐसा करने से इनकार कर दिया.
जिसके बाद ही स्कॉटिश में स्वतंत्रता के लिए 32 साल तक चलने वाले युद्ध की शुरुआत हो गई. एडवर्ड ने स्कॉट्स को अपने देश पर हमला करने के लिए दंडित किया. स्कॉटलैंड ने अंग्रजों के खिलाफ लड़ाई तो लड़ी लेकिन उनका कोई फायदा नहीं हुआ.
जिसके बाद बॉलियोल को कैद कर लिया गया. आखिर में स्कॉलैंड ने फ्रांस को सहायता करने के लिए कहा. पर इस इससे पहले कुछ होता एडवर्ड मर गया. और इंगलैंड को अपने बेटे पर छोड़ दिया. इस कारण से स्कॉलैंड के प्रतिदंवद्वी कमजोर हो गए. रॉबर्ट द ब्रुस ने इसका मौके का फाएदा उठाते हुए. 1314 में स्कॉटिश स्वतंत्रता करवा लिया.
First War Of Scottish Independence (Pic: wikipedia)
मेक्सिकन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस
मेक्सिकन वॉर के पीछे एक कैथोलिक पादरी का हाथ माना जाता हैं. जिसका नाम था ‘मिगुएल हिडाल्गो यू कॉस्टिला’ था. मिगुएल हिडाल्गो ने मैक्सिकन स्वतंत्रता के महत्वपूर्ण योगदान माना जाता हैं. लोग मिगुएल हिडाल्गो को एक क्रंतिकारी मानते थे. मेक्सिकन पर स्पेन का शासन था, जो करीब 300 वर्षो तक चला.
19 वीं शातब्दी की शुरुआत में नेपोलियन ने स्पेन पर कब्जे करना शुरू किया. जिसके कारण अमेरिका में विद्रोह की शुरुआत हुई. मिगुएल हिडाल्गो यू कॉस्टिला जिसने अपनी एक सेना बनाई थी. वह अपनी सेना के बल पर मैक्सिकन की राजधानी पर कब्जा करने के करीबा था. पर जनवरी 1811 में मिगुएल हिडाल्गो हार गया. पर उसने उत्तर के भाग में अपना कब्जा कर लिया था.
1820 में मैक्सिकन में नई सरकार आई जिसने क्रांतिकारियों को खुश करने के लिए सुधार करने के कई वादे किये. 1821 में शुरुआत में ‘अगस्टीन दे टरबाइन’ ने विंसेंट ग्युरेरो से मेक्सिको की योजना पर बातचीत की. जिसमें बात हुई की मैक्सिको को स्वतंत्र संवैधानिक राजतंत्र के रूप में स्थापित किया जाएगा.
24 अगस्त 1821 को स्पेनिश वाइसराय जुआन डे ओ डोनोजु ने संधि पर हस्ताक्षर किए. जिसके बाद मैकसिको एक स्वतंत्र संवैधानिक राजतंत्र बनाने की योजना को मंजूरी दे दी गई.
Mexican War of Independence (Pic: thoughtco)
टेक्सास रेवोलुशन
टेक्सास रेवोलुशन जो 2 अक्टूबर 1835-36 में शुरू हुआ. इसमें संयुक्त राज्यों और टेक्सास मेक्सिको के उपनिवेशवादियों का विद्रोह था. यह विद्रोह काफी बड़ी स्तर पर हुआ था, जिसमें राष्ट्रपति एंटोनियो लोपेज डी सांता एना के शासन के विरोध में अन्य प्रातों को शामिल किया गया था.
मैक्सिकन सरकार मानना था कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने अधिग्रहण के लक्ष्य से टेक्सास में विद्रोह काे उकसाया था. जिसके फल स्वरूप मैक्सिकन कांग्रेज ने टॉर्नेल डिक्री ने घोषित किया कि मैक्सिकन सैनिकों से लड़ने वाले किसी भी विदेशी को समुद्री डाकू माना जाएगा.
पर टेक्सास मेक्सिको को तोड़ने में सफल रहा और टेक्सास गणराज्य की स्थापना हुई. मैक्सिकन सरकार और टेक्सास में अमेरिकी बढ़ती आबादी के बीच राजनीतिक और सांस्कृतिक संघर्ष के बाद अक्टूबर 1835 में क्रांति शुरू हुई. नागरिकों के अधिकारों में तेजी से कटौती की गई.
अमेरिका के सैनिकों को मैक्सिकन सैनिकों ने हराया. दिसंबर 1835 के मध्य तक वह मैक्सिकन सैनिक थे. मार्च 1836 में राजनीतिक सम्मेलन की घोषणा की गई और नए गणराज्य टेक्सास के लिए नेतृत्व नियुक्त किया गया.
Texas Revolution (Pic: tshaonline)
हाईटियन रेवोलुशन
हाईटियन रेवोलुशन से फ्रेंच की कॉलोनी पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा था. सेंट डोमिंगु के श्वेत अल्पसंख्यक ने रॉयलिस्ट और क्रांतिकारी गुटों में विभाजित किया गया. यह देखते हुए सेंट डेमिंगु के दासों ने एक बड़े विद्रोह की योजना बनाई. फलस्वरूप 22 अगस्त 1791 में विद्रोह को शुरू किया गया.
जब गुलाम विद्रोह की खबरें अमेरिकी नेताओं सेंट डेमिंगु के गोरे के लिए समर्थन किया. फ्रांसीसी क्रांतिकारी सरकार ने जब सिविल आयुक्तों को भेजा. दास विद्रोह के नेताओं को विश्वास दिलाया कि नई फ्रांसीसी सरकार गुलामी समाप्त कर देगीं. जेफरसन ने विद्रोह को दबाने के लिए सीमित सहायता देने का समर्थन किया.
यह क्राति उतर अमेरिकी तट तक आ गई 1793 में सेंटो डोमिंगो, कैप-हैतीन में राजधानी के नियंत्रण के लिए लड़ाई लड़ी थी. शरणार्थियों ने बंदरगाहों में लंगर डाले जहां जहाजों के ढेर लग गए. फ्रांसीसी नौसेना ने वर्जीनिया में शारणर्थियों को जमा किया और शारणर्थियों को फिलाडेल्फिया और न्यूयॉर्क में बसाया.
जिसमें मुख्य रूप से सफेद लोगों थे. जिसमें ज्यादातर लोग अपने दासों को साथ लाए थे. नेपोलियन ने सेंट डोमिंगु को वापस करने और दासता को बढ़ावा देने के प्रयासों दे बाद निष्पादन करने का आदेश दिया. जेफरसन ने ऐसा करने से इनकार कर दिया.
हाईटियन स्वतंत्रता एक ऐसी नीति थी जिसके लिए अमेरिकी फेडरल वादियों ने भी सहमित व्यक्त की. 1825 में हाईटियन को स्वतंत्रता की मान्यता दी गई.
Haitian Revolution (Pic: commons)
प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम
प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की शुरूआत 1857 में हुई थी. यह भारत की आजादी का पहला युद्ध माना जाता हैं. इसकी शुरूआत 10 मई 1857 में हुई थी. इस भारतीय विद्रोह का पहला शहीद ‘मंगल पांडे’ था. जिसका प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में बहुत ही अहम योगदान माना जाता हैं
उस समय ब्रिटिशों ने भारत पर कब्जा किया हुआ था. माना जाता वह भारतीय को कई तरह से वह जुल्म कर रहे थे. भारत के इस विद्रोह ने ब्रिटिश शासन को तोड़ने का काम किया था. भारत में ब्रिटिशो का विद्रोह करने वालों में रानी लक्ष्मीबाई, कुंवर सिंह, बहादुर शाह, नाना साहब, तातिया टोपे औक बेगम हजरत महल शामिल थे.
ब्रिटिश और भारतीय सैनिकों के बीच काफी भेदभाव किया जाता था. ब्रिटिशों को भारतीय सैनिकों के प्रति व्यवहार काफी कठोर था. 1857 में इस तरह की अपवाहें चली की अग्रेंजी कारतूस में पशु की चर्बी मिली होती हैं. कहा जाता ऐसा इसलिए किया गया ताकि भारतीय सेनिकों का धर्म को धर्मो को नष्ट किया जा सके. यह कारण था की भारतीय सेनिकों ने ब्रिटिशों का विद्रोह किया.
इस विद्रोह की चिंगारी भारत में कई जगह मुख्य केंद्र बनकर उभरी जैसे कानपुर, लखनऊ, अलीगढ, आगरा, दिल्ली और झांसी. भारत के विद्रोहियों के पास पर्याप्त हथियार और पैसों को व्यवस्था नहीं थी. जबकि ब्रिटिश के पास उन्नत हथियार थे.
1850 में ब्रिटिश संसद ने भारत में बेहतर सरकार के लिए एक अधिनियम पारित किया. इस अधिनियम ने भारत मे कंपनी का शासन समाप्त कर दिया था. भारत पर ब्रिटिश सरकार का नियंत्रण स्थानांतरित कर दिया गया. जब इसका विद्रोह हुआ तो अंग्रेजों ने विभाजन और शासन की नीति अपनाई.
Indian War of Independence (Pic: pinterest)
मालागासी विद्रोह 1947
1947 में मेडागास्कर जब राजनीतिक दल का गठन किया गया हुआ था. जिसको मालागासी विद्रोह कहा जाता है. इस द्वीप पर फ्रांसीसी सेना का कब्ज था, फ्रांसीसी सेना के बड़े अत्याचार के कारण मालागासी विद्रोह शुरू किया गया था. इस द्वीप को वह फ्रांसीसियों से आजादी दिलाना चाहते थे.
इस विद्रोह में कई संगठन और राजनीतिक दल धीरे-धीरे उभर रहे थे. जब 29 मार्च 1947 को मालागासी ने फ्रेंच के खिलाफ विद्रोह किया, तो यह विद्रोह द्वीप के एक तिहाई हिस्से में फैला गया था. इस विद्रोह में 11,000 लोग मारे गए थे. जिसमें से 180 गैर-मालागासी थे.
एमडीआरएम पार्टी ने को फ्रांसीसी ने पार्टी को गैरकानूनी घोषित कर दिया. अदालत में नेताओं ने विद्रोह की कोशिश की ऐसे करने वाले 20 लोगों को मार डाला गया. रिपोर्ट के अनुसार 5000 से 6000 लोगों को सजाएं दी गई थी. जिसमें दंड के रूप में मृत्यु तक कारावास की साज दी गई.
Malagasy Uprising (Pic: thewire)
तो यह थी विश्व की कुछ लड़ाई जिसको लड़ने के बाद इस देशों ने अपने देश का स्वंतत्रता करवाया. भारत का प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम बहुत खास रहा. अगर यह नहीं हुआ होता तो शायद आज भी हमारा देश गुलाम होता. अगर आप भी इस तरह के किसी युद्ध के बारे में जानते हैं तो कमेंट बॉक्स में बताएं.
Web Title: Wars of Independence In The World, Hindi Article
Featured Image Credit: theemint