ज़ीब्रा आकर्षक दिखने वाले जानवरों की सूची में गिना जाता है. वह स्वभाव से बहुत शांत होता है. इसके अलावा जीब्रा को जो सबसे ज्यादा खास बनाती हैं, वह होती हैं उनके शरीर पर बनी हुई काली और सफेद धारियां.
कई बार उनको देखकर यह सवाल मन में कौंध ही जाता है कि आखिर क्यों होती हैं ज़ीब्रा के शरीर पर ये धारियां…
तो आईये इस सवाल के जवाब को ढूँढने के साथ ही यह भी जानने की कोशिश करते हैं कि क्यों खास होती हैं जीब्रा के लिए उसकी ये धारियां–
सुरक्षा के लिया हैं ‘काली-सफेद धरियां’
आम लोगों की तरह सालों से वैज्ञानिकों के बीच भी यह सवाल कौतूहल का विषय रहता था कि अखिर क्यों होता है जीब्रा के शरीर पर धारियां. चूंकि, वैज्ञानिकोंं के हिसाब से यूं ही कुछ नहीं होता. हर एक चीज के पीछे कोई न कोई बड़ा कारण जरूर होता है.
बस फिर क्या था, उन्होंंने शुरु कर दिया इस सवाल के जवाब को ढूंढना!
यूं तो जीब्रा के शरीर पर बनी सफेद और काली रंग की धारियों के लेकर लोगों के अलग-अलग मत हैं. कुछ लोगों के अनुसार ये धारियां इसलिए होती हैं, क्योंकि उन्हें शेर जैसे जंगली जानवरों से छिपने में मदद करती है. वहीं कुछ लोग मानते हैं कि इन धारियों से गर्मी निकलती है, जिससे जीब्रा खुद को ठंडा रखता है.
किन्तु, इसको सबसे इतर विज्ञान के द्वारा दी गई परजीवी मक्खियों वाली थ्योरी को मानें तो वह बताती है कि जीब्रा और परजीवी मक्खियां अमूमन एक ही इलाके में पाई जाती है. अब चूंकि, ये मक्खियां खून चूसने वाली होती हैं और धारियों वाले जानवरों की ऊपर बैठने से ज्यादा एक रंग के जानवरों पर बैठना ज्यादा पसंद करती हैं.
ऐसे में ये धारियां जीब्रा को उनसे बचाने में मददगार होती हैं.
अंतत: कहा जा सकता है कि जीब्रा को इन परजीवी मक्खियों से सुरक्षित रहने के लिए किसी उपाय की जरूरत थी, इसलिए उनको प्रकृति ने सफेद और काली धारियां दीं.
Why Zebras Have Stripes (Pic: latesthdwallpapers1)
जंगल में ‘छलावरण’ में सहायक
ज़ीब्रा के शरीर पर इन धारियां के कई फायदे होते हैं. ऐसा इन पर किये गए कई शोध के दौरान पता चला हैं. कैलिफोर्निया के विश्वविद्यालय ने इस पर कई सारे शोध किए. अपने एक शोध में उसने ज़ीब्रा को 29 तरह के अलग- अलग पर्यावरण में 16 अलग- अगल स्थानों पर ज़ीब्रा की पट्टी के कारण होने वाले प्रभाव को देखा.
इसका अवलोकन करते हुए उन्होंंने एक रिपोर्ट तैयार की, उसके हिसाब से जीब्रा के जगलों में कई सारे दुश्मन होते हैं. इसमें शेर और लकड़बग्घा कुछ खास नाम हैं. वह जीब्रा पर घात लगाकर बैठते हैं और मौका मिलते ही उन्हें अपना आहार बना सकते हैं.
ऐसे में ये धारियां छलावरण का कम करती हैं और उनसे उसकी सुरक्षा करती हैं. यहीं नहीं उनकी धरियों के कारण शिकारी भी भ्रमित हो जाते हैं.
कीट से करती हैं संरक्षण
कीट दुनिया भर में सबसे घातक बीमारियों को देने के लिए जाना जाता हैं. पर इनसे जीब्रा पुरी तरह से सुरक्षित होते हैं. इसके लिए इनकी धारियां काम आती हैं. यह बात 1930 से ही एक धारणा के रूप में माना जाता है.
कई अन्य खून चूसने वाले कीड़ों पर भी ध्यान दिया गया तो पाया गया कि वह भी कुछ ऐसा ही जगह पर बैठना पंसद करते हैं, जो एक रंगी हो!
शोध को और बारीकी से परखने के लिए जीब्रा से मिलने वाली प्रजातियों जैसे घोड़ो और गधे पर रिसर्च की गई. इसमें पाया गया कि घोड़ों को मक्खियों अक्सर घातक बीमारियों का शिकार बना सकती हैं. माना जाता है कि वह आराम से दिन भर में सौ मिलीलीटर खून निकलने में सक्षम होती हैं.
किन्तु, जीब्रा के शरीर पर काली और सफेद तरह की धारियां होती है, तो उसके ऊपर वह बैठना पसंद नहीं करती. इसके चलते वह कई कीटों के दुष्प्रभाव से बच जाते हैं.
Zebras Save Insects (Pic: sandiegozoo)
साथी चयन में मददगार
जीब्रा के शरीर पर बनी धारियों को लेकर एक बात और प्रचलन में है कि वह एक- दूसरे को आकर्षित करने के लिए काफी मददगर होती हैं. जैसे कोई मोर अपने पखों को फैलाते हुए अपनी खूबसूरती को दिखाता है और अपने साथी को चुनता है. ठीक उसी तरह से जीब्रा भी अपने साथियों को आकर्षित करता है. हालांकि, यह केवल मान्यताओं में हैं. इसके कहीं पर लिखित साक्ष्य नहीं मिलते.
फिर भी अगर एक पल के लिए इस सिद्धांत को सच मान लिया जाये तो पुरूष जीब्रा, महिला जीब्रा से अलग होते हैं.
इनकी लकीरों की तुलना इंसानों के हाथ की लकीरों से की जाती है. माना जाता है कि जिस तरह से इंसानों के हाथ की लकीर एक-दूसरे से नहीं मिलती… उसी तरह हर जीब्रा की धारियां एक-दूसरे से अलग होती हैं.
ये एक-दूसरे को पहचाने में मददगार होती हैं.
Why Zebras Have Stripes (Pic: hdwallpapers.move)
गर्मी से संरक्षण
जीब्रा को ‘कूलिंग एडी’ माना जाता है. कहते हैं कि अगर जीब्रा को मारा जाता है, तो इसकी धारियां के काले भाग गर्मी को अधिक अवशोषित करता है. वहीं इनकी सफेद धारियां धीरे-धीरे हवा को ठंडा करने का काम करती हैं.
इसको इस तरह से भी समझा जा सकता है कि जीब्रा की धारियों का तापमान 5.4 डीग्री सेल्सियस रहता है… जबकि, उसकी तुलना में अन्य जानवरों का तापमान 3 डिग्री सेल्सियस तक होता है.
Why Zebras Have Stripes (Pic: animalia-life)
जीब्रा का पसंदीदा आहार
जीब्रा का वैसे तो मुख्य भोजन घास होता है, लेकिन शरीर की ऊर्जा को पूरा करने के लिए वह पेड़ की छाल, फल और पत्तियों को भी खाते हैं. जीब्रा को ऊर्जा की अधिक मात्रा में आवश्कता होती है, इसलिए वह अपने खाने का लगभग 60 प्रतिशत ऊर्जा के लिए प्रयोग करते हैं.
चूंकि, सूखे स्थानों पर भोजन नहीं मिलता. इस कारण जीब्रा दूसरे घास खाने वाले जानवरों के लिए फायदेमंद माने जाते हैं. असल में वह मोटी घास को ऊपर ही छोड़ देते हैं. इससे अन्य जानवरों का काम आसान हो जाता है.
Zebra Eating Grass (Pic: animalia-life)
जीब्रा जितना सुंदर होता है, उतना ही आनोखा भी. यह किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता, शायद इसलिए ही प्रकृति ने भी इसकी रक्षा के लिए इसके शरीर पर इतनी अद्भुत तरह की धारियां दी हैं.
प्रकृति ने सभी को उसकी जरूरत के हिसाब से ही बनाया है. जीब्रा इसका एक बड़ा उदाहरण है.
Web Title: Why Zebras Have Stripes, Hindi Article
Featured Image Credit: awf.org