आपने यकीनन परियों, राक्षसों, बड़े-बड़े युद्धों और कई बहादुर इंसानों की कहानियां सुनी होंगी. इनमें से कुछ कहानियां किसी की महान उपलब्धियों पर अधारित होंगी, तो किसी के नेक कामों की होंगी.
किन्तु, इतिहास के पन्नों पर कुछ नाम ऐसे भी हैं, जिन्हें उनके बुरे कामों के लिए जाना जाता है. इन लोगों ने कोई नरसंहार नही किया, पर अपने हाथों की सफाई के हैरत-अंगेज हुनर से कई लोगों को कंगाल जरूर कर दिया.
तो आईये आज ऐसे ही कुछ लोगों को जानने की कोशिश करते हैं–
‘सोनिया गोल्डन हैंड’
सोनिया गोल्डन हैंड को जुर्म की दुनिया की क्वीन माना जाता था. इनका वास्तविक नाम ‘सोफिया बल्यूनस्थे’ था.
उन्नीसवीं सदी के आसपास रूस में सोफिया का नाम दूर-दूर तक फैल रहा था. उन्होंने बहुत सी चोरी की वारदातों को अंजाम दिया. किन्तु, उन्होंंने जिस तरह से एक ज्वैलरी शॉप को लूटा वह हैरान कर देने वाला था.
यह उनके जीवन की एक ऐसी चोरी थी, जिसने जुर्म की दुनिया में उसके कद को बड़ा कर दिया. इस वारदात में सोनिया ने एक मनोचिकित्सक की पत्नी बनकर कीमती गहनों की चोरी को अंजाम दिया था.
किस्सा कुछ ऐसा था कि वह योजना के तहत सबसे पहले गहनों की दुकान पर गईं. वहां उन्होंने ढ़ेर सारे गहने पसंद किए और दुकानदार से कहा कि उन्हें इनकी डिलिवरी घर पर चाहिए. पेमेंट करने के प्रश्न पर उनका जवाब था कि इन सब के पैसे उनके पति उन्हें वहीं देंगे, जोकि शहर के एक बहुत बड़े मनोचिकित्सक हैं.
चूंकि, यह एक बड़ा आर्डर था, इसलिए दुकान के मालिक कॉरल ‘वॉन मेल हेविस्ट’ ने इस पर सहमित जताने में देर नहीं की. समय के मुताबिक जब दुकान के मालिक ‘वॉन मेल’ गहने लेकर बताए गए पते पर पहुंचे तो सोफिया वहां उनसे मिली. उसने उनसे गहने ले लिए और उन्हें पैसों के लिए इंतजार करने को कहा.
कुछ देर बाद मनोचिकित्सक दो लोगों समेत आया और वह ‘वॉन मेल’ को पकड़ कर ले गया और उसे पागलखाने में दाखिल करवा दिया.
अब आपके मन में यहीं सवाल आ रहा होगा कि आखिर मनोचिकित्सक ने ऐसा क्यों किया?
दरअसल सोफिया ‘वॉन मेल’ के आने से घंटे पहले ही मनोचिकित्सक के पास गई थी और उसने खुद को एक लाचार लड़की बताया. साथ ही उसने ज्वैलरी शॉप के मालिक ‘वॉन मेल’ को अपना पति बताया. सोफिया ने कहा कि उसका पति पागल हो गया और वह उसके सारे गहने बेचने में लगा हैं.
इस तरह सोफिया ने इस वारदात को अंजाम देने में सफल रही. हालांकि, कुछ दिनों बाद सोफिया के साथी वोल्फ ब्रोमबर्ग द्वारा धोखे दिए जाने के चलते पुलिस ने उसे पकड़ लिया और जेल में डाल दिया. सूफिया ने कई बार जेल भागने की कोशिश की, मगर असफल रही.
अंत में प्रशासन ने परेशान होकर उसे शाकलिन द्वीप की जेल में भेज दिया गया. वहीं उसने अपने जीवन की आखिरी सांसें लीं.
‘स्टीफन ब्लूमबर्ग’
इस कड़ी के दूसरा महारथी है स्टीफन ब्लूमबर्ग. 42 वर्षीय स्टीफन अपने पुस्तकों के विशाल संग्रहालय को लेकर बहुत प्रसिद्ध हुआ. हालांकि उसके संग्रहालय की सभी पुस्तकें चोरी की थी. उसे 1990 में पुलिस ने किताबों की चोरी के इल्जाम में गिरफ्तार किया था.
माना जाता है कि उन्होंने अलग-अलग विश्वविद्यालयों और पुस्तकालयों से 21000 के आसपास पुस्तकें चुराई थीं. स्टीफन द्वारा चुराई गई इन कीताबों की कीमत का जब आंकलन किया गया तो लोक हैरान रह गये. इनकी कीमत करीबन 20 मिलियन डॉलर निकली. इस घटना की खबर जब शहर में फैली तो कुछ लोगों ने उन्हें ‘पुस्तक डाकू’ तक कहकर बुलाना शुरु कर दिया.
जब स्टीफन से इस चोरी के पीछे का कारण पूछा गया तो उसने बताया कि सरकार किताबों में मौजूद गुप्त जानकारी को हमसे छिपाने की कोशिश कर रही है, जिसे वह सार्वजनिक करना चाहता था.
स्टीफन के बारे में एक बात अच्छी यह थी उनके मन में किताबों को बेच कर अमीर बनने की इच्छा नही थी. हालांकि, इसे उसका जुर्म कम नहीं हुआ. अदालत ने उसे दोषी ठहराते हुए साढ़े चार साल की कैद की सजा सुनाई.
‘जोनाथन वाइल्ड’
‘जोनाथन वाइल्ड’ जिसे ‘थिफ़-लेसर जनरल’ के नाम से भी जाना जाता था. वह 18वीं शताब्दी में लंदन के सबसे मशहूर चोरों में से एक था. 21 साल की किशोरावस्था में ही उसका विवाह हो गया. मगर इस दौरान अपने आपराधिक कुकर्मों के चलते उसे जेल जाना पड़ा.
जेल में जोनाथन ने धीरे-धीरे अपना एक ग्रुप बना लिया और देखते ही देखते वह चोरों के समाज का एक कुख्यात सरगना बन गया. जेल से बाहर आने के बाद उसने चोरों के एक बहुत बड़े ग्रुप का नेतृत्व किया. कहते हैं कि वह लूट के वितरण का संचालन भी करता था. साथ में जो भी अपराधी संगठन को धोखा देता था, वह उसे मौत दे देता था.
15 साल तक एक आपराधिक संगठन का नेतृत्व करने के बाद जोनाथन को एक जुर्म के आरोप में गिरफ्तार किया गया और दोषी पाए जाने पर फांसी दे दी गई.
Jonathan Wild (Pic: Pinterest)
‘डिक टर्फिन’
‘डिक टरपिन’ को इतिहास के सबसे कुख्यात एवं प्रसिद्ध डकैतों में से एक माना जाता है. डकैत के अलावा डिक एक बहुत माहिर घुड़सवार भी था. उसका जन्म इंग्लैंड के एसैक्स ग्रामीण क्षेत्र में हुआ था.
शुरुआती जीवन में डिक एक बूचड़ शॉप चलाता था. डकैती की शुरुआत डिक ने दूसरों की भेड़ों व मवेशी चुराने से की. उस समय उन्हें चुराना एक बड़ा गुनाह माना जाता था. धीरे-धीरे डिक के हौंसले बढ़ते गए और यह काम बड़े स्तर पर करना शुरु कर दिया. जुर्म की इस दुनिया में आगे बढ़ने के लिए वह एक गैंग में शामिल हो गया.
इस गैंग के साथ मिलकर वह अलग-अलग गावों में डकैती करता थे. साथ ही वह हाईवे से गुजरने वाले राहगीरों को भी लूटता. इस कारण उसका नाम चर्चा में आ गया. 1737 के आसपास डिक की लूट का खौफ हाईवे से जाने वाले विक्रेताओं के दिल में इस कदर बैठ गया कि बहुत से लोग बाहर जाते समय अपने साथ हथियार लेकर जाते थे.
उसकी लूट के सिलसिला कितना बढ़ गया था. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि डिक के सिर पर £100 का इनाम रखा गया. आखिरकार डिक को योर्क की पुलिस द्वारा पकड़ लिया गया और 7 अप्रैल को उसे फांसी दे दी गई.
Dick Turpin (Pic: historyrevealed)
यह थे दुनिया के कुछ कुख्यात चोर, जिन्हें हो सकता है कि बहुत से चोर अपना रोल मॉडल मनाते हो, लेकिन उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि बुरे का अंत बुरा ही होता है.
Web Title: World Famous Thieves, Hindi Article
Featured Image Credit: newstwentyfour