जब भी बात जंगल की होती है, तो हमारे ज़ेहन में टाइगर का ध्यान जरूर आता है!
इसके पीछे बड़ी वजह भी है. असल में टाइगर जंगल के सबसे खूंखार जानवरों में शुमार है. वह न सिर्फ दिखने में काफी आक्रामक और विशालकाय होता है, बल्कि उसकी दहाड़ भी जंगल के अन्य जानवरों के दिलों में खौफ़ पैदा कर देती है.
माना जाता है कि अगर इसकी गिरफ्त में कोई आ जाता है, तो उसका बचना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन भी होता है.
तो आईये आज आपको दुनिया के सबसे ज्यादा खूंखार टाइगर्स की प्रजातियों से मिलवाते हैं–
‘साइबेरियन टाइगर्स’
साइबेरियन टाइगर्स का नाम दुनिया के सबसे घातक और खूंखार टाइगर्स की लिस्ट में आते हैं. इनको दुनिया के सबसे विशालकाय जानवरों में में भी गिना जाता है. इसका लचीला शरीर और एक लंबी पूंछ इसकी और से अलग करती है.
नर साइबेरियन टाइगर की पूंछ की औसतन लंबाई 39 इंच, तो वहीं मादा साइबेरियन टाइगर की पूंछ की लंबाई 36 इंच तक होती है.
यह खूंखार टाइगर अपने शिकार के लिए अभिशाप माना जाता है. हिरण, खरगोश काला हिरण इसका पसंदीदा शिकार है. इस शक्तिशाली विशालकाय जानवर की सबसे खास बात यह है कि यह भूखे पेट बर्फीले जंगलों में अपने शिकार की तलाश में घंटो मीलो का सफर तय कर सकता है.
शरीर पर काली धारियां, रात के समय में इसको शिकार करने में काफी मदद करती हैं. इन काली धारियों की मदद से यह खुद को शिकार के आसपास होते हुये भी छुपाये रखता है. साइबेरियन टाइगर पीछे की ओर से आश्चर्यजनक रुप से अपने शिकार पर हमला करता है.
बेहतर छलांग और नुकीले दांते से शिकार को हवा में पकड़ने की हैरतअंगेज़ कला इस टाइगर को सबसे खूंखार बनाती है.
Siberian Tiger (Pic: Pinterest)
‘बंगाल टाइगर्स’
बंगाल टाइगर्स मुख्य रुप से भारत के जंगलों में पाये जाते हैं. साइबेरियन टाइगर्स की तरह यह भी बहुत खूंखार माने जाते हैं.
भारत के जंगलों के अलावा ये बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, चीन और म्यांमार के जंगलों में भी देखे जाते हैं. हालांकि, भारत की तुलना में इन देशों में इन टाइगर्स की आबादी बहुत ही कम है.
आपको जानकर हैरानी होगी कि 1970 के दशक से बंगाल टाइगर का शिकार इसकी खाल के लिए किया जाता रहा. यही कारण है कि भारत के सुंदरबन के जंगलों में इस टाइगर की तादाद बहुत कम हो गई. हालांकि, काफी प्रयासों के बाद इसके शिकार को रोकने में मदद मिली है.
6 फीट लंबा बंगाल टाइगर का जीवन चक्र काफी छोटा होता है. एक बंगाल टाइगर सिर्फ 8 से 10 साल ही जीवित रह पाता है. मौजूदा समय में बंगाल टाइगर 2500 से भी कम संख्या में बचे हुए हैं.
ये टाइगर्स अमूमन अकेले रहना ही पसंद करते हैं और अपने प्रतिद्वंद्वियों को अपने क्षेत्र से दूर रखते हैं. सुंदरबन के जंगलों में इस टाइगर का पसंदीदा आहार भैंस, हिरण, जंगली सूअर और अन्य बड़े स्तनधारी जानवर हैं.
ये अपनी आक्रामकता के लिए बहुत मशहूर हैं. ये विशालकाय जानवर एक झटके में अपने शिकार की गर्दन धड़ से अलग करने की क्षमता रखता है. कहा जाता है कि एक भूखा बंगाल टाइगर एक रात में लगभग 60 पाउंड गोश्त खा सकता है.
मादा बाघिन औसतन 6 शावकों को जन्म देती है. तीन से चार साल की उम्र में यह शावक शिकार करने के काबिल हो जाते हैं.
The Bengal Tiger (Pic: simplebooklet)
‘इंडो-चाइनीज़ टाइगर्स’
इंडो-चाइनीज़ टाइगर कार्बेट टाइगर के नाम से भी मशहूर है. टाइगर्स की यह प्रजाति कंबोडिया, लाओस, थाईलैंड, बर्मा और वियतनाम के जंगलों में पाई जाती है. इंडो-चाइनीज़ टाइगर की प्रजाति विलुप्त होने की कगार पर है. 2007 के बाद चीन के जंगलों में कोई भी इंडो-चाइनीज़ टाइगर नहीं देखा गया.
हालांकि, अन्य देशों में अभी भी इस टाइगर की प्रजातियां मौजूद हैं. इस टाइगर की सबसे अहम बात यह है कि जब तक इसे अपने शिकार को पकड़ने का पूरा भरोसा नहीं हो जाता तब तक यह अपने शिकार को घूरता रहता है. एक लंबे समय तक अपने शिकार को घूरने के बाद जब वह पूरी तरह से आश्वस्त हो जाता है, तब उस पर आक्रमण करता है.
मुख्य रुप से इंडोचाइनीज़ टाइगर हिरण और जंगली सुअर का शिकार करता है, लेकिन कई बार मवेशी और बकरियों सहित बड़े स्तनधारियों का शिकार भी शिकार करने के लिये विख्यात है.
तीन से चार महीने की गर्भावस्था के बाद मादा टाइगर पांच से छ: शावकों को जन्म देती है. शावक अपनी मां पर करीब अठ्ठारह माह तक निर्भर रहते हैं और फिर वे शिकार करना शुरू करते हैं.
Indo Chinese Tiger (Pic: Tiger Pictures.net)
‘मलायन टाइगर’
मलायन टाइगर का बसेरा दक्षिणपूर्व एशिया के मलय दीप में है. मलय दीप में पाये जाने के कारण ही इसको मलायन य मलायी टाइगर के नाम से जाना जाता है. इसका वैज्ञानिक नाम पैंथेरा टाइगरिस जैक्सनई है.
टाइगर्स की सभी प्रजातियों में से मलायन टाइगर की प्रजाति सबसे छोटी है. आकार में बहुत छोटा यह जानवर केवल 120 किलोग्राम का होता है. वहीं मादा मलायन टाइगर वज़न के मामले में नर टाइगर से कम होती है. मादा मलायन टाइगर का वज़न मात्र 100 किलोग्राम होता है. यह टाइगर घने हरियाली जंगलों में छिपकर रहना पसंद करते हैं.
इस टाइगर का शिकार करने का तरीका अन्य टाइगर की तुलना में काफी अलग है. मलायन टाइगर छुप-छुप के शिकार पर घात लगाते हैं फिर उसको दौड़ा कर उसका शिकार करते हैं.
मलायन टाइगर की प्रजाति को अन्य टाइगर के मुकाबले सबसे चालाक शिकारी माना जता है. इस टाइगर की चालाकी का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह बड़े और विशालकाय जानवरों को अपना आहार बनाने के बजाये छोटे एवं बीमार जानवरों पर आक्रमण करते हैं. झुंड में यह कमजोर जानवरों को निशाना बनाते हैं.
यह टाइगर बड़ा शिकार करना पसंद करते हैं, इसलिये कई बार यह हाथियों के बच्चों तक का शिकार करते हैं. जिसका फायदा यह होता है कि इन्हें अपना पेट भरने के लिये रोज शिकार नहीं करना पड़ता है.
Malayan Tiger (Pic: GrindTV.com)
‘साउथ-चाइना टाइगर’
यह टाइगर चाइना में पाया जाता है. सिर्फ चाइना के दक्षिण चीन के जंगलों पाये जाने के कारण इसे साउथ चाइना टाइगर कहा जाता है. साउथ चाइना टाइगर का आकार भी मलायन टाइगर की तरह होता है. इस टाइगर की गिनती छोटी प्रजाति वाले टाइगर में होती है.
इस खूंखार टाइगर की पहचान दुनिया के सबसे बेहतरीन तैराक टाइगर के रुप में भी होती है. पानी में तैरते हुये अपने शिकार को कब्जे में लेने के लिए साउथ चाइना टाइगर का नाम मशहूर है. आमतौर पर जब कोई टाइगर अपने शिकार का पीछा करता है तो शिकार पानी में घुसकर अपनी जान बचा लेता है, क्योंकि अन्य टाइगर पानी में तैरने में सक्षम नहीं होते.
जबकि साउथ चाइना टाइगर एक मजबूत और सक्षम तैराक के रूप में जाना जाता है. पानी में जाने के बावजूद इसका शिकार अपनी जान नहीं बचा पाता. यह टाइगर मुख्य रुप से हिरण, जंगली सूअर, मवेशी और बकरियों सहित बड़े स्तनधारियों का शिकार करते हैं.
जंगलों की कटाई की वजह से यह टाइगर अपना वजूद खो रहे हैं. कहा जाता है कि इस समय जंगलों में महज़ बीस साउथ-चाइना टाइगर ही बचे हैं.
South China Tiger (Pic: ThingLink)
‘सुमात्रण टाइगर्स’
सुमात्रण टाइगर इंडोनेशिया देश में पाये जाते हैं. इंडोनेशिया में सुमात्रा द्वीप पर इस टाइगर का नाम रखा गया है. इस टाइगर के शरीर पर पड़ी मोटी काले रंग की गहरी पट्टियां इसकी पहचान हैं. जितनी काले गहरे रंग की पट्टियां सुमात्रा टाइगर पर होती हैं, इतनी पट्टियां विश्व के अन्य टाइगर्स के शरीर पर नहीं पाई जातीं.
व्यस्क सुमात्रा टाइगर की लंबाई 87 और 98 इंच के बीच होती है. एक व्यस्क सुमात्रा टाइगर का वज़न 165 से लेकर 308 पाउंड तक होता है. सुमात्रा टाइगर छोटे जीव जंतुओं का शिकार करने के लिये मशहूर है.
जंगल में काफी प्रयास के बाद जब यह किसी बड़े जानवर का शिकार करने में असफल रहता है, तो यह छोटे जंगली जंतुओं का शिकार करता है. इनमें पक्षी भी शामिल हैं. हालांकि, इनका मुख्य आहार जंगली सूअर और गेंडा हैं.
देखने में बेहद खूंखार लगने वाला यह जानवर अपनी दांतो की मज़बूत पकड़ के लिये जाना जाता है. जंगल में बड़े से बड़ा जानवर इसके जबड़ों की पकड़ से खुद को नहीं बचा पाता. एक बार अपने शिकार को जबड़ों में दबाने के बाद यह उसको खाकर ही दम लेता है. चिंता की बात यह है कि बेहद आक्रामक दिखने वाली टाइगर की यह प्रजाति इंडोनेशिया के जंगलों से खत्म हो रही है.
इंडोनेशिया सरकार अपने सख्त कानून का सहारा लेकर इस टाइगर की प्रजातियों को बचाने का पूरा प्रयास कर रही है. इंडोनेशियाई कानून के तहत इस टाइगर का शिकार करने पर भारी जुर्माने का प्रावधान और जेल हो सकती है.
Sumatran Tiger (Pic: travellingandy)
तो यह थे विश्व के कुछ सबसे खूंखार टाइगर्स की प्रजातियां. टाइगर्स की ऐसी कई और खूंखार प्रजातियाँ हो सकती हैं. अगर आप किसी खास के बारे में जानते हैं, तो नीचे दिये कमेंट बॉक्स में बताना न भूलें.
Web Title: World Most Dangerous Tigers, Hindi Article
Featured Image Credit: simplebooklet/GrindTV.com/Tiger Pictures.net