बॉलीवुड ‘क्वीन’ कंगना रनौत की फिल्म ‘सिमरन’ दमदार भूमिका के साथ बड़े पर्दे पर दस्तक दे चुकी है. फिल्म में कंगना हाउस कीपिंग के किरदार में नज़र आ रही हैं, जो गुजरती NRI होती है.
इसमें कंगना (प्रफुल्ल पटेल) माता-पिता के साथ रहती हैं, जो एक तलाकशुदा महिला है. रियल लाइफ स्टोरी पर आधारित फिल्म ‘सिमरन’ हंसल मेहता द्वारा निर्देशित है, जो खुद नेशनल अवार्ड विनर हैं. अगर फ़िल्म की बात करें तो इसकी शुरुआत होती है बड़े होटल के रोज़-मर्रा की साफ़-सफाई से जिसे प्रफुल्ल बखूभी निभाती हैं. फ़िल्म में ठीक वैसे ही दिखाया गया है जैसे एक आम लोगों की सोच होती है.
प्रफुल्ल के माता-पिता चाहते हैं कि वो दुबारा से शादी के बंधन में बंध जाए और प्रफुल्ल चाहती है कि वो खुद की कमाई से अपना घर ख़रीदे. इस बीच प्रफुल्ल अपनी कज़न के साथ वेगस शहर घूमने जाती है, जहाँ उसे जुए की लत लग जाती है…और ये लत धीरे-धीरे मज़बूरी में बदल जाती है. कहानी ऐसे ही आगे बढ़ती है और प्रफुल्ल की मुलाकात होती है समीर (सोहम शाह) से.
समीर प्रफुल्ल से शादी करना चाहता है, लेकिन प्रफुल्ल इंडीपेंडेंट और अपने मेहनत के बल पर अपनी ज़िन्दगी जीना चाहती है. मज़बूरी में पहले प्रफुल्ल को जुए की लत लगी और फिर चोरी की जिसे फिल्म ‘सिमरन’ के ट्रेलर में हम सभी देखते भी आ रहे हैं. फ़िल्म में कंगना का ‘प्रफुल्ल’ से ‘सिमरन’ बनने की कहानी बहुत दिलचस्प है. वैसे फिल्म में कंगना कई नाम से जानी जाती है… मसलन ‘सिमरन’, ‘लिपस्टिक लुटेरा’, मनी बेन.
दर्शकों के उत्साह की बात करें तो आज बॉक्स ऑफिस पर पहले दिन और पहला शो देखने सिर्फ युवा वर्ग ही नहीं पहुंचा था, बल्कि युवा और बुज़ुर्ग दोनों ही थिएटर में नज़र आए. फिल्म देखने आई नौकरी पेशा ज्योति का कहना था कि “वो कंगना की हर फ़िल्म ज़रूर देखती हैं और अभी तक की कंगना की जितनी भी फिल्में आई हैं, उन में ‘सिमरन’ सबसे बेस्ट है और उन्होंने 5 अंक में से ‘सिमरन’ को 4 अंक दिए”.
इसी तरह जब मैंने फ़िल्म देखने पहुंचे कुछ वरिष्ठ नागरिकों से बात की, जिनमे नानाभाई कहते हैं “फ़िल्म में कंगना का किरदार उन्हें बहुत अच्छा लगा और कंगना हर बार की तरह इस बार भी अपने किरदार को किरदार की तरह नहीं बल्कि खुद जीती हुई दिखाई दी हैं”. वहीँ हाउसवाइफ शिखा सचदेवा कहती हैं “कंगना की फिल्म ‘क्वीन’, ‘फैशन’, ‘तनु वेड्स मनु’ देखने के बाद वो कंगना की सभी फ़िल्में देखना चाहती हैं, क्यूंकि कंगना फ़िल्म में हीरो और हीरोईन दोनों की भूमिका अकेले ही निभाती हैं”.
फ़िल्म में हिंदी के अलावा गुजराती और इंग्लिश का भी खूब प्रयोग किया गया है. फ़िल्म में आपको बॉलीवुड-हॉलीवुड दोनों ही नज़र आएंगे, लेकिन फ़िल्म में सिर्फ और कंगना ही छाई हुई हैं.
क्यों देखने जाएँ ‘सिमरन’
– ‘सिमरन’ एक पारिवारिक फ़िल्म.
– फ़िल्म में कंगना का किरदार बेहद ही दमदार है.
– क्यों लगी कंगना (प्रफुल्ल) को जुए और चोरी की लत?
– उधार पैसे चुकाने केलिए प्रफुल्ल कैसे चोरी शुरू करती है.
– कैसे ‘प्रफुल्ल’ अपनी ज़िन्दगी को मैनेज करते नज़र आ रही है.
– हंसल मेहता द्वारा निर्देशित फ़िल्म है ‘सिमरन’
– माता-पिता या रिश्तों में खुलकर बात करनी चाहिए, इसका सन्देश
– फ़िल्म में प्रफुल्ल को पिता का साथ बिलकुल भी नहीं मिलता है.
– बैंक से लोन लेना कितना बड़ा टास्क है ये भी फ़िल्म में दिखाया गया है.
Movie Review of Simran (Pic: Nidhi Sinha)
मेरी नज़र में वन टाइम वाच मूवी है ‘सिमरन’. वैसे फ़िल्म के प्रमोशन के दौरान फ़िल्म और अपनी निजी ज़िन्दगी को लेकर कंगना खूब सुर्ख़ियों में रहीं और कहीं न कहीं फ़िल्म रिलीज़ के पहले दिन और पहले शो में भी तारीफ हासिल करने में पीछे भी नहीं हैं.
शुक्रवार होने के बाद भी थिएटर में लोग नज़र आए, लेकिन वीकेंड शनिवार और रविवार को सिनेमाघरों के मालिकों को उम्मीद है कि साथ में रीलिज दूसरी फिल्मों की तुलना में ‘सिमरन’ बॉक्स ऑफिस पर ज्यादा चमकेगी. और यही मानना है निर्देशक हंसल मेहता का भी जिन्होंने फ़िल्म रिलीज़ से पहले मिडिया से कहा था कि “कंगना अपने अपने किरदार को रील नहीं बल्कि रुपहले पर्दे पर रियल उतरती हैं”.
Web Title: Movie Review of Simran, Kangna Ranaut Film
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