राष्ट्रपति का चुनाव करने की हर देश में अलग-अलग प्रकिया अपनाई जाती है. जहां, भारत में अप्रत्यक्ष रूप से राष्ट्रपति का चुनाव होता, वहीं दुनिया के सबसे शक्तिशाली प्रेसिडेंट यानी अमेरिका में राष्ट्रपति बनने के लिए प्रत्यक्ष रूप से चुनाव लड़ना होता है.
जिस तरह हिंदुस्तान में एक पीएम कैंडिडेट को चुनावी रैलियां, डिबेट और भाषण आदि का सामना करना पड़ता है. वैसे ही अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को करना होता है, किन्तु दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र अमेरिका के इतिहास में कुछ ऐसे राष्ट्रपतियों के नाम भी दर्ज हैं, जिन्होंने कभी चुनाव लड़ा ही नहीं.
बावजूद इसके वह वहां के प्रेसिडेंट बन गए.
ऐसा कैसे संभव हुआ आईए जानते हैं-
जॉन टाइलर
अमेरिका के 10वें राष्ट्रपति जॉन टाइलर पहले ऐसे राष्ट्रपति थे, जिन्हें बिना चुनाव लड़े ही प्रेसिडेंट बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था. असल में 1841 में विलियम हेनरी हैरिसन चुनाव जीतकर राष्ट्रपति बने. मगर एक महीने बाद ही उनकी मौत निमोनिया के कारण हो गई.
इस तरह उप-राष्ट्रपति जॉन टाइलर को राष्ट्रपति का पदभार संभालने का अवसर मिला. मगर राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने अपनी पार्टी विग्स के सिद्धांतों के खिलाफ चलना शुरू. इस तरह से उनकी ही पार्टी टाइलर के खिलाफ हो गई.
नतीजा यह रहा कि टाइलर को अपनी ही पार्टी से निष्कासित कर दिया गया.
बताते चलें कि टाइलर का कार्यकाल बहुत ही विवादास्पद रहा. 1841 में टाइलर ने ‘प्री-इमल्शन एक्ट’ में संशोधन कर एक शख्स को 160 एकड़ सरकारी जमीन खरीदने में मदद की. इसके बाद उन्होंने फ्लोरिडा में अमेरिका और ब्रिटिश के बीच सीमा विवाद को लेकर चल रहे सेमिनल युद्ध में समझौता कर लिया.
1844 में टाइलर ने चाइना के साथ ट्रीटी ऑफ वांघिया नाम का एक समझौता किया. इसके तहत अमेरिका को एशिया के बंदरगाहों को इस्तेमाल करने की अनुमति मिल गई.
जाते-जाते टाइलर ने फ्लोरिडा को अमेरिका में शामिल होने वाला अधिकारिक 27वां राज्य के बिल को साइन कर दिया. आगे उन्होंने फिर से राष्ट्रपति बनने के लिए चुनाव भी लड़ा, लेकिन वो जेम्स पॉल्क से बुरी तरह से हार गए थे.
John Tyler (Pic: The Busybody)
मिलर्ड फिलमोर
मिलर्ड फिलमोर ने 1850 में प्रेसिंडेंट जाकरी टेलर की अकस्मात मौत के कारण राष्ट्रपति बनाए गए थे. मिलर्ड फिलमोर अमेरिका के 13वें राष्ट्रपति थे और उन्होंने दास प्रथा को खत्म करने के भरसक प्रयास किए थे. इसके साथ ही इन्होंने अमेरिका की तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था को गति देने के कई नए कदम उठाए.
मिलर्ड ने ट्रांसकॉन्टिनेंटल रेल सर्विस और जापान के साथ व्यापार करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी. उन्होंने मेक्सिको के साथ राजनायिक संबंध बहाल किए और विदेशों में खुले बाजार की नीतियों का खुलकर समर्थन किया.
वहीं जब नेपोलियन-III ने हवाई की स्वतंत्रता पर आघात किया, तब मिलर्ड फिलमोर ने मोनरो सिद्धांतों का हवाला देते हुए इसका विरोध किया. मिलर्ड फिलमोर अपने देश को संगठित करने में तो कामयाब रहे, लेकिन अपनी पार्टी को एकजुट नहीं रख पाए.
इस तरह उनकी पार्टी मिलर्ड के ही खिलाफ हो गई और उनकी सियासत पर विराम लगा.
Millard Fillmore (Pic: Wikimedia)
एंड्रयू जॉनसन
अमेरिका के सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपति अब्राह्म लिंकन की हत्या के बाद 1865 में एंड्रयू जॉनसन को प्रेसिडेंट बनाया गया. एंड्रयू जॉनसन, जो एक दर्जी थे, उनकी सफलता के पीछे उनकी पत्नी एलिजा जॉनसन का हाथ था.
उन्होंने ही एंड्रयू को पढ़ना और भाषण देना सिखाया था. इसके बाद वो ग्रीनविले के मेयर बने और बाद में उप-राष्ट्रपति के पद पर पहुंचे. बतौर राष्ट्रपति इनके कार्यकाल में ही 1867 में अलास्का को अमेरिका ने रूस से 7.2 मिलियन डॉलर में खरीदा था.
इस सौदे को उस वक्त मूर्खतापूर्ण फैसला करार दिया गया था. मगर 3 जनवरी 1959 में जब अलास्का अमेरिका का 49वां राज्य बना तो सभी ने एंड्रयू के इस फैसले की दाद दी थी.
Andrew Johnson (Pic: history.com)
चेस्टर ए. आर्थर
1880 में रिपब्लिकन पार्टी के टिकट पर जेम्स ए. गार्फील्ड ने राष्ट्रपति का चुनाव जीता. वहीं चेस्टर ए. आर्थर ने उप-राष्ट्रपति का पद संभाला. मगर 6 महीने बाद गार्फ़ील्ड की हत्या कर दी गई. बाद में आर्थर ने अमेरिका के 21वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली.
आगे उन्होंने लोगों के सामने ये मिसाल कायम की एक राष्ट्रपति पार्टी की राजनीति से परे होता है. इसके लिए उन्होंने अपनी पार्टी की परिपाटी से अलग जाते हुए बड़े व्यापारियों के मुनाफे के बजाए, कर्जदार किसानों और मिडिल क्लास नागरिकों के लिए टैरिफ दर कम रखने की सिफारिश की.
वह यही नहीं रुके 1882 में आर्थर ने अपने वीटो पावर का इस्तेमाल करते हुए रिवर और हार्बर एक्ट का उल्लंघन किया. साथ ही सरकारी खजाने में बतौर टैक्स हासिल किए गए अतिरिक्त धन को सरकार पर न खर्च करने की वकालत की.
1883 में पेंडलटन एक्ट पर हस्ताक्षर करने के साथ ही वो समाजिक सुधारों के चैंपियन बन गए. इसक तहत एक द्वीपक्षीय सिविल सेवा आयोग की स्थापना की गई थी. कार्यकाल खत्म होने के बाद उन्होंने न्यूयार्क में फिर से वकालत शुरू कर दी थी.
Chester A Arthur (Pic: Wikimedia)
गेराल्ड फोर्ड
अमेरिका के 38वें राष्ट्रपति गेराल्ड फोर्ड ने न तो कभी उप-राष्ट्रपति और न ही राष्ट्रपति का चुनाव लड़ा. बावजूद उनको अमेरिका में हुए वाटर गेट स्कैंडल के बाद अप्रत्याशित रूप से प्रेसिडेंट की कुर्सी हासिल हुई.
1974 में हुए इस घोटाले के चलते पहले तत्कालीन उप-राष्ट्रपति स्पाइरो एगनिव और बाद में राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के नाम आने के बाद राष्ट्रपति बनाया गया.
ऐसा कहा जाता है कि फोर्ड निक्सन के हाथों कि कठपुतली थे. निक्सन ने खुद को इन भ्रष्टाचार के आरोपों से बचने के लिए ही उन्हें राष्ट्रपति बनया था.
आगे ऐसा हुआ भी. फोर्ड ने राष्ट्रपति बनने के दो साल बाद निक्सन को माफी दे दी. इसकी वजह से अमेरिका में बहुत ही कॉन्ट्रोवर्सी भी हुई. फोर्ड फुटबॉल के खिलाड़ी थे, उन्होंने स्कूल और मिशिगन यूनिवर्सिटी की तरफ से कई फुटबाल मैच खेले और जीते थे.
यही कारण है कि उन्हें अमेरिका का पहला एथलीट राष्ट्रपति भी कहा जाता है.
फोर्ड को आखिर के 2 साल में अमेरिका को घरेलू ऊर्जा संकट, उच्च मुद्रास्फीति और बेरोजगारी का सामना करना पड़ा. अमेरिका की अर्थव्यवस्था पूरी तरह डांवाडोल हो गई और इस वजह से इन्हें अपनी पार्टी का विरोध भी सहना पड़ा.
Gerald Ford Presidential (Pic: Wikipedia)
तो ये थे अमेरिका के कुछ ऐसे राष्ट्रपतियों के नाम, जिन्होंने बिना चुनाव लड़े ही सत्ता का सुख भोगा!
आप भी अगर किसी ऐसे राष्ट्रपति का नाम जानते हैं, तो नीचे दिए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं.
Web Title: American Presidents, Who Were Not Elected, Hindi Article
Feature Image Credit: history.com