अमूमन जब भी हम कालापानी जैसी सजाओं के बारे में सुनते हैं, तो एक पल के लिए हमारी रुह कांप जाती है. ऐसे में यह हमारा सौभाग्य है कि हम प्राचीन फ़ारसी साम्राज्य में पैदा नहीं हुए. कहते हैं कि उस समय ऐसी-ऐसी सजाएं थीं, जिनके बारे में सुनकर अच्छे-अच्छे लोगों के होश उड़ जायें.
आपको यकीन नहीं होगा, लेकिन इस साम्राज्य में एक ऐसी भी सजा थी, जिसमें अपने ही बेटे को भोजन में खाना पड़ता था. तो आईये इस फारस की ऐसी ही कुछ अन्य सजाओं के बारे में जानने की कोशिश करते हैं:
दोषी की ‘खाल’ से कुर्सी ?
एक बार फारस में सिसामन्स नाम के एक न्यायाधीश को रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया गया था. चूंकि, यह भ्रष्टाचार का मामला था, इसलिए फ़ारसी राजा डारियस ने सख्त रवैया अपनाया. उसका मानना था कि अदालत निष्पक्ष होनी चाहिए. इस लिहाज से न्यायाधीश ने जो किया था, वह माफी के काबिल नहीं था. उसे ऐसी सजा मिलनी चाहिए थी, जिसके बारे में सुनने भर से लोगों की रुह कांप जाये. साथ ही वह रिश्वत का विचार तक अपने मन में न लायें. इसके लिए उसने पहले न्यायाधीश को मौत का आदेश दिया, फिर उसकी खाल निकालकर, उससे एक कुर्सी (Link in English) को बनाने को कहा.
असल में वह चाहता था कि आगे जो भी न्यायाधीश की इस कुर्सी पर बैठे, उसे हमेशा याद रहे कि रिश्वत लेने की सजा क्या होगी. राजा डारियस को विश्वास था कि यह सजा फारस की अदालतों को भ्रष्टाचार से मुक्त रखने में मील का पत्थर साबित होगी.
Ancient Persian Punishments (Pic: tackk.com)
पत्थरों से सिर कुचलना
प्राचीन फारस में किसी भी कृत्य को छोटा नहीं समझा जाता था. सभी के लिए अलग-अलग सजा थी. एक बार किसी परिस्थिति के कारण राजा अर्तक्षत्र की मां के हाथों अपनी बेटी की हत्या हो गई. लोगों की नज़र राजा पर थी कि वह इस मामले में क्या करता है. सभी का मानना था कि दोषी उसकी मां है, इसलिए शायद राजा इसे नज़रअंदाज कर देगा. हालांकि अर्तक्षत्र ने एक राजा का धर्म निभाया और एक मिसाल कायम करने के लिए अपनी मां को कठोर दंड दे दिया.
सबसे पहले उसने उन्हें बंदी बनाकर जेल में डालने का आदेश दिया. फिर उसने उन पर एक पेशेवर कैदी की तरह यातनाएं देने का हुक्म दे दिया. अंतत: जब उसे लगा कि यह सजा अभी कम है तो उसने अपनी मां के सिर पर पत्थर मार-मारकर उन्हें मौत देने का आदेश दे दिया था.
बच्चों को… भोजन में परोसना?
फारसी राजा अष्टिज़ेस ने एक बार सपना देखा कि उसका पोता उसकी मौत का कारण बनेगा. उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे. अचानक उसको एक प्लान समझ में आया. इसके तहत उसने अपने खास हरपागस को आदेश दिया कि वह उसके पोते को ठिकाने लगा दे. हरपागस उसके आदेश पर बच्चे को जंगल ले तो गया, लेकिन उसे मारने की बजाय, एक चरवाहे को दे दिया. 10 साल (Link in English) बाद जब यह बात खुली तो राजा आग बबूला हो गया. उसने हरपाग को सजा देने के लिए पहले उसके पुत्र को मरवा दिया. फिर उसकी लाश के छोटे-छोटे टुकड़े करके उसका भोजन बनवा दिया.
यह भोजन हरपागस की सेवा में प्रस्तुत किया गया. उसे तब तक यह नहीं पता था कि वह क्या खा रहा था, जब तक कि राजा ने उसके बेटे का सिर मेज पर रखवा दिया था. वह इस बात को जानता था कि उसकी कोई भी प्रतिक्रिया उसकी मौत का कारण बन सकती थी, इसलिए वह अंदर ही अंदर मर गया और एक जिंदा लाश बन गया.
Forcing People to Eat Their Kids (Pic: thechive.com)
जीभ, नाक और सिर काटना
यह काफी सामान्य सजा थी. फारस काल में दोषियों की नाक, कान, जीभ काटने और उसकी आंख निकालने की सजा का प्रावधान था. कई बार तो नाक, कान के बाद अपराधियों का सिर भी काट लिया जाता था. यही नहीं कटे सिर को दरवाजों पर लटका दिया जाता था. बाद में उन्हें महल की दीवारों में चुनवाने का भी इंतजाम था, ताकि लोग उन्हें देखकर कृत्य करने से पहले सौ बार ज़रुर सोचें.
राख के टावर में डूबोकर मौत
यह प्राचीन फारस की सबसे अमानवीय सजाओं में से एक थी. इस सजा के लिए लगभग 75 फीट (Link in English) लंबा एक खोखला टावर बनाया गया था. इस टावर में राख और पहियों के सिवा कुछ भी नहीं भरा था. इस टावर के शीर्ष से दोषी व्यक्ति को अंदर फेंका जाता था. ऊपर से नीचे गिरते वक्त टॉवर के केंद्र में उसकी हड्डियों के तोड़ने का पूरा इंतजाम था और नीचे राख के ढे़र में गिराकर उसको मौत देने का बंदोबस्त किया गया था.
जैसे ही अपराधी राख के ढेर में गिरता, वैसे टावर में लगे पहियों को घूमाना शुरु कर दिया जाता था. ताकि, इस ढेर से निकलने की कोई भी कोशिश कामयाब न हो सके और दोषी तड़प-तड़प कर मरने को मजबूर हो जाये.
पिघला हुआ सोना पिलाना
यह सजा फारस के लिए एक खेल जैसी थी. यह लोगों को सजा देने का एक बहुत ही लोकप्रिय तरीका था. रोमन सम्राट वैलेरियन (Link in English) को भी इसी तरह से मौत दी गई थी. उन्हें फ़ारसी सैनिकों के पास बंदी बनाकर कैद में रखा गया था. पहले उन्हें बंदीग्रह में जमकर यातनाएं दी गईं. उनके साथ जानवरों से भी ज्यादा बुरा व्यवहार किया गया था. बाद में तय किया गया कि उन्हें फारस की सबसे लोकप्रिय सजा दी जायेगी. वोलेरियन को जबरन पिघला हुआ सोना पिलाकर मौत दे दी गई. कहते हैं कि सोना पीने के बाद वह एक पुतले जैसा बन गया था.
Gold Melts Down (Pic: CNBC.com)
यह तो महज कुछ एक उदाहरण हैं, जो कहने के लिए सजा थी. फारसी साम्राज्य में ऐसी ढेरों सजायें थीं, जो अमानवीय और क्रूरतम यातनाओं से परिपूर्ण थी. आज के दौर में ऐसी सजाओं की कल्पना करना नामुमकिन लगता है. धोखे से कोई ऐसे सुझाव देने का दुस्साहस करता भी है तो उसे मानसिक रुप से बीमार ही कहा जायेगा. सही कहा न, क्या कहते हो आप?
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Web Title: Ancient Persian Punishments, Hindi Article
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