यूँ तो भारत में बहुत से राजा हुए हैं, लेकिन उनमें से कुछ ऐसे थे, जो अपनी कुछ खास बातों के लिए मशहूर थे. ऐसे ही एक किंग थे, राजा भूपिंदर सिंह!
अपनी लक्ज़री लाइफ के लिए प्रसिद्ध राजा भूपिंदर सिंह की जिंदगी किसी आम रईस से बिलकुल ही अलग थी.
उनकी जिंदगी इतनी आलीशान थी कि उसके किस्से आज भी मशहूर हैं. तो चलिए जानते हैं कि ऐसा क्या खास था, राजा भूपिंदर सिंह में–
क्रिकेट की ‘दीवानगी’ और बढ़ावे की शुरुआत…
1891 में पंजाब के पटियाला में एक शाही घराने में जन्में थे राजा भूपिंदर सिंह. छोटी उम्र में ही उनके हाथ आ गया था सिंहासन! सन 1900 में उन्होंने पटियाला के राजा की कमान संभाली.
किसी भी आम भारतीय की तरह, भूपिंदर सिंह भी थे क्रिकेट के फैन. कहते हैं कि टेस्ट मैच उन्हें खूब लुभाते थे. उन्हें सिर्फ क्रिकेट देखने का ही नहीं बल्कि खेलने का भी काफी शौक था. उस समय की कई लीग में वह अपनी दाहिने हाथ की बल्लेबाजी का हुनर दिखा चुके थे.
कहते हैं भूपिंदर सिंह क्रिकेट के इतने दीवाने थे कि भारत में उन्होंने ही इसे बढ़ावा दिया. 1911 में वह अपनी क्रिकेट टीम को इंग्लैंड के अनऑफिशियल दौरे पर ले गए, अंग्रेजों संग क्रिकेट खिलवाने. थोड़े दिन वहां उन्होंने जमकर क्रिकेट खेला और इंग्लैंड के कोच से काफी खुश भी हुए. वापसी के समय वह हिंदुस्तान में क्रिकेट सिखाने के लिए कुछ अंग्रेजी कोच को अपने साथ ले आए.
क्रिकेट इंडिया में बढ़े, इसलिए उन्होंने मुंबई और अमृतसर में दो स्टेडियम तक बनवा दिए! माना जाता है कि भारत में क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की शुरुआत भी उन्होंने ही की. इतना ही नहीं राजकुमार रणजीत को श्रद्धांजलि देने के लिए उन्होंने ‘रणजी ट्राफी’ टूर्नामेंट की भी शुरुआत की. ऐसा माना जा सकता है कि भारत में क्रिकेट की नींव राजा भूपिंदर सिंह के द्वारा ही रखी गई.
Bhupinder Singh Royal Prince of India (Pic: wikipedia)
रोल्स रॉयस और पर्सनल प्लेन में करते थे सवारी!
कहते हैं कि राजा भूपिंदर सिंह रोल्स रॉयस को इतना पसंद करते थे कि उनके पास बस उसी का कलेक्शन था. उनका कलेक्शन भी कोई छोटा-मोटा नहीं बल्कि करीब 44 रोल्स रॉयस का था. जब उनका कारवां निकलता था, तो देखने वालों की आँखें फटी रह जाती थी. अंग्रेजी अफसर भी उनकी शोहरत देख के पानी-पानी हो जाते थे.
माना जाता है कि 1930 में पूरे भारत में कोई नहीं था भूपिंदर सिंह के अलावा जिसके पास इतनी बड़ी मात्र में रोल्स रॉयस हो. भूपिंदर सिंह को किसी से मिलने जाना हो या शिकार पर जाना हो, वह दोनों के लिए ही रोल्स रॉयस का इस्तेमाल करते थे.
भूपिंदर सिंह की रईसी यहीं खत्म नहीं होती. धारणाओं के हिसाब से माना जाए, तो वह भारत के पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिसके पास अपना खुद का प्लेन था. जिस समय लोगों के लिए साइकिल भी एक बहुत महँगी चीज़ होती थी, उस समय भूपिंदर सिंह ने खुद का प्लेन खरीदा था. कहते हैं कि इस कड़ी में ही उन्होंने ‘पटियाला एविएशन क्लब’ भी खोला था, ताकि वह अपना प्लेन उड़ा सकें.
Maharadjah Buphinder Singh In Rolls Royce (Pic: cervieres)
2930 हीरों का हार था भूपिंदर सिंह के पास!
सिर्फ महँगी गाड़ियाँ ही नहीं भूपिंदर सिंह को महंगे जेवरात का भी शौक था. अपने इसी शौक के लिए उन्होंने एक ऐसा हार बनवाया था, जिसके बारे में सुनते ही लोगों के होश उड़ गए.
कहते हैं कि 1926 में एक सुनार की दूकान पर पटियाला के राजा की तरफ से एक स्पेशल ऑर्डर आया था. उस ऑर्डर में लिखा गया था कि उन्हें एक बक्सा भर के कीमती हीरे और रूबी आदि चाहिए.
ऑर्डर देखते ही दुकानदार के पैरों तले ज़मीन खिसक गई. उसे यकीन ही नहीं हो रहा था कि एक बार में किसी ने इतना बड़ा ऑर्डर दिया है. भूपिंदर सिंह ने बाद में उन्हें एक ऐसा हार बनाने के लिए कहा, जो उनकी रईसियत को दर्शा सके.
चीज़ें इतनी सारी थीं कि उसका हार बनाने में कारीगरों को भी तीन साल का वक़्त लग गया. आखिर में 1928 में जा के हार पूरा हो पाया और भूपिंदर सिंह के पास पहुँचा.
करीब 962.25 कैरट का वह हार बना!
माना जाता है कि उसमें 2,930 हीरों का इस्तेमाल हुआ था. हार की चेन को खास प्लैटिनम से बनाया गया. 18 कैरट के दो रूबी का भी हार में प्रयोग हुआ. यह हार इतना बड़ा और आकर्षक था कि उसे देखने के बाद उससे नजरें नहीं हटती थी.
भारत में राजा प्रथा खत्म होने के बाद इस हार को पटियाला के शाही खजाने का हिस्सा बना दिया गया था. 1948 में यह एक दिन वहां से गायब हो गया. कई सालों तक इसकी खोज होती रही लेकिन वह हार कहाँ गया किसी को खबर नहीं लगी. बहुत सालों बाद 1998 में भूपिंदर सिंह का मशहूर हार लंदन की एक दूकान पर मिला. हार तो मिल गया था, लेकिन उसकी असली पहचान उसके हीरे उसमें से गायब थे. वह बस एक खाली खांचा ही रह गया था.
Bhupinder Singh necklace (Pic: pinterest)
‘करोड़ों’ के डिनर सेट में खाते थे खाना!
राजा भूपिंदर सिंह अपनी जिंदगी का हर एक काम शानदार तरीके से करते थे, इसलिए उनकी हर एक चीज़ खास हुआ करती थी.
कहते हैं कि उनके पास एक 1400 आइटम वाला डिनर सेट था जिसे देख ब्रिटिश भी हैरान हो गए थे. वह डिनर सेट की खास बात थी कि वह पूरी तरह से चांदी से बनाया गया था. उस चमकदार डिनर सेट की कीमत करोड़ों में आंकी जाती है. माना जाता है कि डिनर सेट को खास इंग्लैंड के भूतपूर्व राजा किंग एडवर्ड VIII के लिए बनाया गया था.
1922 में किंग एडवर्ड भारत के दौरे पर आए थे. भूपिंदर सिंह उन्हें दिखाना चाहते थे कि वह किस तरह से अपने मेहमानों की खातिर करते हैं. यही कारण माना जाता है कि उन्होंने यह शाही डिनर सेट बनवाया.
आज सालों बाद भी इस डिनर सेट की इतनी मांग है कि 2013 में एक रूसी कलेक्टर ने इसे 2 मिलियन ब्रिटिश पौंड में खरीदा.
Maharaja Bhupinder Singh dinner set (Pic: bhaskar)
देखा आपने कैसे राजा भूपिंदर सिंह एक बहुत ही आलीशान जिंदगी व्यतीत करते थे. आज इतने सालों के बाद भी भूपिंदर सिंह का नाम मशहूर है.
सच में ‘लाइफ हो तो ऐसी’!
Web Title: Bhupinder Singh Royal Prince of India, Hindi Article
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