सफलता कभी किसी को थाल में परोस कर नहीं मिली है!
इसे पाने के लिए लोगों ने सालों तक दिन रात मेहनत की है और शायद इतनी ज्यादा की है कि वो हर किसी के लिए कर पाना संभव नहीं है. शायद यही वजह है कि जिन लोगों ने दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है या बड़े मुकाम हासिल किए हैं उनकी गिनती काफी कम है.
इन्हीं लोगों में से एक थे बॉक्सिंग के किंग माने जाने वाले द ग्रेट मुहम्मद अली. इस नाम से शायद ही कोई अंजान होगा क्योंकि मुहम्मद अली की सफलता इतनी बड़ी थी कि उसे नजरअंदाज कर पाना किसी के लिए भी आसान नहीं.
किसी फिल्म की कहानी की तरह मुहम्मद अली के जीवन में भी कई उतार चढ़ाव आए. उन्होंने जिंदगी का वह हिस्सा भी देखा जहां उन्हें लगा था कि सब ख़त्म हो जाएगा. मगर अली हमेशा डटे रहे. जिस तरह वह रिंग में अपने प्रतिद्वंदियों से बिना डरे लड़ते थे. उसी तरह उन्होंने जिंदगी की मुश्किलों से भी लड़ाई की और जीत भी हासिल की.
चलिए आज इस लीजेंडरी खिलाड़ी के जीवन को करीब से देखते हैं और जानते हैं आम से महान बनने की उनकी कहानी को–
बचपन में जुड़ गया बॉक्सिंग से नाता
17 जनवरी 1942 को अमेरिका के लुइसविल, केंटकी में पैदा हुए मुहम्मद अली का असली नाम ‘कैसियस मार्सेलस क्ले’ जूनियर था. बचपन में अली भी अन्य बच्चों की ही तरह सामान्य थे. हालांकि बचपन में घटी एक घटना ने अली की जिंदगी पूरी तरह बदल दी.
कहते हैं कि बचपन में अली के पास एक साइकिल हुआ करती थी. अली को वह बेहद पसंद थी और वह दिन भर उसमें ही घूमते रहते. अली अपनी साइकिल के साथ खुश थे कि तभी उनकी खुशियों को किसी की नजर लग गई.
एक दिन अली की प्रिय साइकिल चोरी हो गई. इस बात ने उन्हें बहुत हताश कर दिया. वह साइकिल को खूब खोज रहे थे मगर उन्हें वह कहीं भी नहीं मिली.
साइकिल के लिए बेचैन अली पुलिस स्टेशन चले गए. उन्होंने अपनी साइकिल चोरी होने की खबर पुलिस अधिकारी जोए मार्टिन को दी.
अपनी शिकायत में अली ने कहा कि वह उस चोर को अपने हाथों से पीटना चाहते हैं. अली बच्चे थे इसलिए जोए ने उन्हें कहा कि उस चोर को मारने के लिए उन्हें ताकतवर बनना पड़ेगा. इसलिए उन्होंने अली को बॉक्सिंग सीखने के लिए कहा. चूंकि जोए खुद एक बॉक्सिंग ट्रेनर थे इसलिए उन्होंने अली को खुद बॉक्सिंग सिखाने का फैसला किया. ताकतवर बनने की चाहत में नन्हे मुहम्मद अली भी तैयार हो गए जोए से बॉक्सिंग सीखने के लिए.
कहते हैं कि अली बॉक्सिंग ऐसे सीखते थे जैसे कि वह जन्म से इसके लिए ही बने हैं. बच्चा होने के बाद भी उन्होंने बहुत कड़ी ट्रेनिंग की और मात्र 6 हफ़्तों में जिंदगी का पहला मैच जीत लिया.
इस जीत के साथ ही अली का हैवीवेट बॉक्सिंग चैंपियन बनने का सफर शुरु हो गया. उन्होंने और भी कड़ी ट्रेनिंग शुरू कर दी. धीरे-धीरे बॉक्सिंग उनके दिलो-दिमाग पर हावी होने लगी थी.
18 की उम्र तक आते-आते अली ने कुल 100 मुकाबले खेले, जिनमें से वह सिर्फ 8 मुकाबलो में हारे. इस दौरान अली ने दो गोल्डन ग्लोब टाइटल व दो एथलेटिक यूनियन नेश्नल टाइटल को भी अपने नाम किया. अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद अली ने साल 1960 में पहली बार समर ओलिंपिक में हिस्सा लिया और लाइटवेट चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता. यहाँ से अली के करियर को उछाल मिली.
Mohammad Ali Started Boxing In Very Early Age (Pic: unbelievable-facts)
हैवीवेट चैंपियन बन अपनाया इस्लाम!
अली ने दुनिया को अपना दीवाना बना लिया था. अब उनकी नजर थी तो बस हैवीवेट चैंपियन बनने पर. अपने इस सपने को पूरा करने के अली को हैवीवेट चैंपियन सोनी लिस्टन को हराना था.
कुछ वक़्त बाद वह वक़्त भी आ गया जब अली और सोनी दोनों आमने-सामने आए. दोनों के बीच मुकाबला शुरू हुआ. मुकाबला एक तरफ़ा नहीं था. दोनों ही लड़ते जा रहे थे मगर आखिर में अली ने बाजी मार ही ली. अली के ताकतवर मुक्कों के आगे सोनी टिक नहीं पाए और अली से हार गए.
अली की इस जीत ने उनका नाम इतिहास में जोड़ दिया क्योंकि वह हैवीवेट चैंपियन बन चुके थे.
अली चैंपियन बने ही थे कि उसके दो दिन बाद ही उन्होंने इस्लाम धर्म अपना लिया. हर कोई यह बात जान के हैरान हो गया. कोई नहीं जानता था आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया.
Ali Convert His Religion In Islam After Winning Heavyweight Championship (Pic: punditarena)
वियतनाम की जंग में जाने से किया इंकार!
अली के इस्लाम अपनाने की बात अभी ठंडी ही नहीं हुई थी कि वियतनाम में जंग का धुआं उठने लगा था. बहुत से खिलाड़ियों को अमेरिकी सरकार ने जंग पर जाने का आदेश दिया था जिसमें मुहम्मद अली का भी नाम था.
सबको लगा था कि अली भी बाकियों के जैसे जंग में जाएंगे मगर ऐसा हुआ नहीं. अली ने जंग में जाने से मना कर दिया. यह बात जल्द ही बहुत बढ़ गई और देश का कानून नहीं मानने के लिए अली को गिरफ्तार कर लिया गया.
अली की गिरफ्तारी के साथ ही न्यूयॉर्क एथलेटिक कमीशन ने उन्हें सस्पेंड कर दिया और उनसे हैवीवेट चैंपियन का खिताब भी वापिस ले लिया.
अली को अपने फैसले के लिए 5 साल की जेल और 10,000 हजार डॉलर का जुर्माना हुआ. हालांकि कुछ समय बाद अली ने दोबारा से याचिका दायर की और उन्हें जेल से रिहाई मिल गई.
बॉक्सिंग पर बैन के बाद अली ने अपना काफी समय कॉलेजों में वियतनाम की जंग पर विचार विमर्श करने में लगाया. वह चाहते थे कि लोग जंग के कारण हो रहे नुक्सान की तरफ भी ध्यान दें. उनकी यह कोशिश रंग भी लाई. लोग इस बात को समझने लगे थे. इसके बाद अली के समर्थन में बहुत से लोग खड़े हो गए. धीरे-धीरे यह बात इतनी बढ़ गई कि तीन साल के अंदर ही अली पर लगा बैन हटा दिया गया.
Ali Got To Jail For Refusing To Go In Vietnam War (Pic: faena)
फिर पाई अपनी खोई पहचान
आखिरकार कई महीनों बाद मुहम्मद अली की बॉक्सिंग रिंग में वापसी हुई. वापिस आने के बाद अली का एक मात्र लक्ष्य था कि वह अपने खिताब को वापिस पाएं. इस दौरान अली द्वारा सदी के कई बेहतरीन मैच खेले गए. अली के द्वारा खेले गए यह मैच आज भी याद किए जाते हैं.
इनमें से अधिकतर में अली ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को धूल चटाई. कई जीत हासिल करने के बाद एक बार फिर अली हैवीवेट चैंपियन बनने से बस एक कदम दूर थे. अली के मुक्कों के आगे कई बॉक्सर फेल हो चुके थे और अब बारी थी जॉर्ज फोरमैन की.
इस मुकाबले को ‘रम्बल इन द जंगल‘ नाम दिया गया. इस मुकाबले में अली ने अपने अनुभव का फायदा लेते हुए आठवें राऊंड में ही मैच को जीत लिया.
इसके साथ ही उन्होंने अपने खोये हुए खिताब को वापिस पा लिया.
इसके बाद तो अली का नाम इतिहास के पन्नों पर दर्ज हो गया. अली एक आम बॉक्सर से महान बॉक्सर की श्रेणी में आ गए थे. कई सालों तक उनके आगे कितने ही बॉक्सर आए मगर उन्होंने किसी को भी खुद के आगे टिकने नहीं दिया.
आखिर में 1981 को 39 साल की उम्र में मुहम्मद अली ने बॉक्सिंग को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया.
He Regain His Popularity After Winning Again (Pic: naukrinama)
रिश्ते निभाने में हारे अली!
अली के बॉक्सिंग करियर की ही तरह उनकी निजी जिंदगी भी काफी दिलचस्प रही. अली जितने अच्छे से बॉक्सिंग को समझते थे, उतने अच्छे से शायद उतने अच्छे से वह रिश्तों को नहीं समझ पाए.
शायद यही कारण था कि उन्होंने अपने जीवन में 4 बार शादियाँ की, लेकिन कोई भी रिश्ता ज्यादा समय नहीं चला. उनकी पहली शादी 1964 में सोनजी रोई से हुई, लेकिन इनका रिश्ता ज्यादा समय तक नहीं चला. करीब एक साल बाद ही दोनों का तलाक हो गया.
1967 में अली ने 17 वर्षीय बेलिंडा बोय्ड से शादी की. अपने इस रिश्ते में अली ने थोड़े समय के लिए रुकने की कोशिश की मगर अंजाम तक वह इसे भी नहीं ले जा सके. बेलिंडा के साथ अली करीब 9 साल तक रहे और उनके चार बच्चे भी हुए. इतने सालों के बाद अली ने बेलिंडा से भी तलाक ले लिया..
बेलिंडा से तलाक लेने के बाद अली के वेरोनिका पोर्चे से संबंध कायम हो गए. इसके बाद 1977 में अली वेरोनिका के साथ शादी के बंधन में बंध गए. वेरोनिका और अली की दो बेटियां हुईं, जिनमें से एक उनकी तरह ही बॉक्सर बनी. हालांकि अली इस रिश्ते को भी ज्यादा समय तक संभाल नहीं पाए और 1986 में दोनों का तलाक हो गया. इसी साल अली ने योलांडा से शादी कर ली.
दरअसल योलांडा और अली लंबे समय से एक दूसरे को जानते थे. दोनों के बीच पारिवारिक संबंध भी थे. योलांडा से अली को एक बेटा हुआ. अली ने अपना बाकी बचा जीवन योलांडा के साथ ही बिताया.
Ali’s Love Life Was Not So Good (Pic: veriy)
बीमारी से हार गया ‘चैंपियन’
कुछ वर्षों बाद अली की शारीरिक स्थिति बिगड़ने लगी. डॉक्टरी जांच में पता चला कि अली को पारकिंसन नामक बीमारी हो गई है. इसके चलते काफी समय तक अली का इलाज चला. हालांकि समय के साथ-साथ धीरे-धीरे अली इस बीमारी के आगे घुटने टेकने लगे.
आखिर में 3 जून 2016 को फिनिक्स एरिज़ोना के अस्पताल में अली जिंदगी से चल रही अपनी आखिरी लड़ाई को हार गए. अली की जिंदगी को रुपहले परदे पर उतारने की भी कोशिश की गई. ‘अली’ नामक उनकी एक बायोपिक बनाई गई जिसे मशहूर हॉलीवुड एक्टर विल स्मिथ ने निभाया.
बॉक्सिंग की दुनिया में आज भी अली का नाम बहुत अदब से लिया जाता है.
Ali Died After A Long Battle From Disease (Pic: timesofisrael)
मुहम्मद अली का जीवन भी काफी उतार-चढ़ाव से भरा था. उन्होंने सफलता की ऊंचाईयां भी देखी और वहां से नीचे भी वह गिरे. इसके बावजूद भी जितनी बार वह नीचे गिरे उतनी बार वह वापस उठकर आए और सबको दिखा दिया कि क्यों हैं वह चैंपियन!
Web Title: Boxing Legend Mohammad Ali, Hindi Article
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