इतिहास एक दिन में नहीं बनता, लेकिन हर दिन इतिहास के बनने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है.
21 जून के इतिहास के लिए भी यही मायने हैं. इस दिन इतिहास की कुछ बहुत महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं.
तो आईए नज़र डालते हैं, इस दिन घटी ऐतिहासिक घटनाओं पर-
साइना नेहवाल ने बनाया रिकॉर्ड
21 जून 2009 के दिन भारतीय बैडमिंटन के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ा. इस दिन साइना नेहवाल ने इंडोनेशिया सुपर सीरीज का खिताब जीता. ऐसा करने वाली वे पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बनीं.
इस टूर्नामेंट के शुरुआत से ही साइना शानदार फॉर्म में थीं. हालाँकि, क्वार्टर फ़ाइनल में उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा था. फिर भी उन्होंने 45 मिनट तक चले इसे मुकाबले को अपनी झोली में डाल लिया. सेमीफाइनल में उनका मुकाबला सातवीं वरीयता प्राप्त चीन की लान लू से हुआ. इस मुकाबले को साइन ने आसानी से जीत लिया.
आगे फ़ाइनल में उनके सामने तीसरी वरीयता प्राप्त चीन की ही वांग थीं. तीन सेटों तक चले इस मुकाबले को साइना ने 12- 21, 21-18 और 21- 9 से जीता. इस तरह साइना इंडोनेशिया सुपर सीरीज जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं.
आगे साइन ने अपना यह शानदार प्रदर्शन जारी रखा. उन्होंने अगले साल इंडियन ओपन ग्रैंड प्रिक्स और सिंगापुर सुपर सीरीज का खिताब जीता. इसी साल उन्होंने एक बार फिर से इंडोनेशिया सुपर सीरीज का खिताब अपने नाम किया.
इसी क्रम में साइना ने 2012 में हुए लंदन ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतकर नया इतिहास कायम किया.
ब्राजील ने फिर जीता विश्व कप
21 जून 1970 के दिन ब्राजील की फ़ुटबाल टीम ने अपना तीसरा विश्व कप खिताब जीता.
इस टीम में विश्व के महानतम खिलाड़ियों में शुमार पेले भी शामिल थे. फाइनल मुकाबले में ब्राजील के सामने इटली की टीम थी, जिसे ब्राजील ने 1 के मुकाबले चार गोल से पराजित किया.
मैच से एक दिन पहले जमकर बारिश हुई थी, जिसके कारण मैदान काफी धीमा हो गया था. इस क्रम में ब्राजील अपना प्राकृतिक खेल नहीं खेल पा रहा था. जबकि इटली ने शुरुआत से ही हमले की योजना बना रखी थी.
मैच शुरू हुए 18 मिनट बीत चुके थे कि तभी पेले ने शानदार गोल करके अपनी टीम को बढ़त दिला दी. लेकिन अगले ही मिनट इटली ने गोल दागकर मैच को बराबरी पर ला दिया.
पहले हाफ के ख़त्म होने तक स्कोर 1-1 की बराबरी पर रहा. आगे मैच के 65 वें मिनट के बाद ब्राजील ने मैच पर अपनी पकड़ मज़बूत बना ली. मैच के 87 वें मिनट तक ब्राजील ने एक के बाद एक लगातार तीन गोल मारे और मैच अपने नाम कर लिया.
इससे पहले ब्राजील 1958 और 1962 में विश्व कप जीत चुकी थी. रोचक तथ्य यह है कि पेले इन दोनों विजेता टीम का हिस्सा थे. 1970 में विश्व कप जीतने के बाद ब्राजील ऐसी पहली टीम बनी, जिसने तीन बार इस प्रतियोगिता को जीता हो.
ब्राजील की इस उपलब्धि के उपलक्ष्य में उसे जूल्स रीमेट ट्राफी से नवाजा गया. जूल्स रीमेट फीफा के पूर्व अध्यक्ष थे.
नरसिम्हा राव बने नौवें प्रधानमंत्री
21 जून 1991 के दिन पी.वी. नरसिम्हा राव ने भारत के नौवें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली.
राव का जन्म 28 जून 1921 को वारंग, हैदराबाद में हुआ. उन्होंने पुणे के फर्ग्युसन कॉलेज से कानून में परास्नातक की डिग्री हासिल की. आगे आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने के लिए ये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए. राव 1971 से 1973 तक आन्ध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे. इस दौरान उन्होंने वृहद स्तर पर भूमि सुधार योजना को अंजाम दिया.
आगे इंदिरा गाँधी की सरकार में उन्होंने समय-समय पर विभिन्न मंत्रालयों को संभाला.
1991 के आते- आते वे राजनीति से लगभग रिटायर ही हो गए थे कि तभी राजीव गाँधी की हत्या हो गई. इस हत्या के बाद उन्हें कांग्रेस की कमान संभालनी पड़ी और इस तरह वे देश के नौवें प्रधानमंत्री बने.
राव कांग्रेस की तरफ से नेहरु-गाँधी परिवार से इतर भारत के पहले प्रधानमंत्री बने.
अपना पद सँभालते ही उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से खोल दिया. इसे नव- उदारीकरण के नाम से जाना गया. इस नीति ने बीते वर्षों में वृहद स्तर पर आर्थिक असामनता और बेरोजगारी को जन्म दिया है.
आगे 9 दिसंबर 2004 के दिन हृदयघात से उनकी मृत्यु हो गई. नरसिम्हा राव साहित्य में खासी रूचि रखते थे. उन्हें तेलुगु, मराठी, अंग्रेजी और हिन्दी समेत अनेक भाषाओँ का ज्ञान था. उन्होंने कई तेलुगु ग्रंथों का अनुवाद भी किया.
स्पेन ने ब्रिटेन के खिलाफ खोला मोर्चा
21 जून 1779 के दिन स्पेन ने ग्रेट ब्रिटेन के ऊपर युद्ध घोषित कर दिया. स्पेन ने युद्ध की यह घोषणा अमेरिका का साथ निभाने के लिए की. हम आपको बता दे कि इस समय अमेरिका ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ आजादी की लड़ाई लड़ रहा था.
असल में स्पेन शुरुआत में अमेरिका का साथ नहीं निभाना चाहता था क्योंकि ग्रेट ब्रिटेन की ही तरह अमेरिका ने भी कई देशों को अपना गुलाम बनाया हुआ था. आगे फ़्रांस के विदेश मंत्री ने स्पेन को अमेरिका का साथ निभाने के लिए मना लिया.
यह पूरी कहानी अमेरिकी क्रांति से जुड़ी हुई थी.
असल में इस समय विश्व की दो बड़ी शक्तियों ग्रेट ब्रिटेन और फ्रांस के बीच वर्चस्व की लड़ाई चल रही थी. ग्रेट ब्रिटेन ने अमेरिका में अपना आधिपत्य जमाया हुआ था, इसलिए फ़्रांस अमेरिका की मदद कर रहा था.
वहीँ स्पेन के भी उत्तरी अमेरिका में कुछ उपनिवेश थे. वह इन उपनिवेशों को किसी भी हालत में गंवाना नहीं चाहता था. उसे अमेरिका, ग्रेट ब्रिटेन और फ़्रांस तीनों से खतरा था. ऐसे में फ़्रांस ने उससे कहा कि यदि वह उनके पाले में आ जाएगा तो वे उसे ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ पूरा संरक्षण देगा, इसके साथ ही वे उसके उपनिवेशों में भी किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करेंगे.
इससे पहले ब्रिटेन ने भूमध्यसागर क्षेत्र में स्पेन के कुछ उपनिवेशों पर कब्जा जमा रखा था. आगे फ़्रांस द्वारा वादा किए जाने के बाद स्पेन ने ब्रिटेन के खिलाफ युद्ध घोषित कर दिया और धीरे- धीरे अपने उपनिवेशों को ब्रिटेन के कब्जे से छुड़ा लिया.
तो ये थीं 21 जून के दिन इतिहास में घटी कुछ महत्वपूर्ण घटनाएँ.
अगर आपके पास भी इस दिन से जुड़ी किसी महत्वपूर्ण घटना की जानकारी हो तो हमें कमेन्ट बॉक्स में जरूर बताएं.
Web Title: Day In History 21 June, Hindi Article
Feature Image Credit: YouTube/Romano