‘दी कोड ऑफ हम्मूराबी’, बेबीलोनिया साम्राज्य का सबसे पहला लिखित कानूनी दस्तावेज है. इसे राजा हम्मूराबी के शासनकाल के दौरान घोषित किया गया था. राजा हम्मूराबी ने अपने साम्राज्य को यूफ्रेटस नदी से लेकर पूरे दक्षिणी मेसोपोटामिया तक फैलाया.
बेबीलोनिया की इस संहिता में 282 नियमों का उल्लेख किया गया है, जोकि वाणिज्यिक चर्चा, कर प्रणाली और न्याय प्रणाली से जुड़े थे. इन सभी नियमों को एक उंगली जैसे दिखने वाले काले पत्थर पर उकेरा गया था.
इसे बाद में खजाने की फिराक में आए लुटेरे चुरा ले गए. इसे दोबारा से खोज कर बेबीलोनिया साम्राज्य के अधीन कर लिया गया.
आइए जानते हैं इतिहास की इस बेहद महत्वपूर्ण शिला व इसके रोचक तथ्यों के बारे में –
कौन हैं राजा हम्मूराबी!
हम्मूराबी कोड के बारे में जानने से पहले जरूरी है कि हम राजा हम्मूराबी के बारे में जान लें.
हम्मूराबी बेबीलोनिया साम्राज्य के छठे राजा थे, जिन्होंने मध्य मेसोपोटामिया यानी वर्तमान इराक पर 1792 बीसी से 1750 बीसी तक राज किया था.
राजा हम्मूराबी का परिवार अमोराइट जनजाति से संबंध रखता था, जोकि पश्चिमी सीरिया की अर्ध-भिक्षु जनजाति थी. हम्मूराबी का नाम भी दो अलग संस्कृतियों को दर्शाता था, जैसे कि अमोरिट में उनके नाम का मतलब होता है ‘परिवार’, जबकि अक्केबियन भाषा में इसका मतलब है ‘महान’. अक्केबियन भाषा बेबीलोनिया साम्राज्य में बोली जाने वाली प्राथमिक भाषा थी.
जब राजा हम्मूराबी बेबीलोनिया सल्तनत की गद्दी पर बैठे, तो उन्होंने अपने साम्राज्य को और भी विशाल करने का फैसला किया. इसके लिए उन्होंने सबसे पहले 1787 बीसी में अपनी सैन्य कार्यवाही शुरू की.
इसकी शुरुआत दक्षिण के ऊरुक और लसिन क्षेत्र से की गई. इसके बाद उन्होंने उत्तर पश्चिम और पूर्वी क्षेत्रों की ओर भी रुख किया. धीरे-धीरे इन क्षेत्रों में अधिकतर स्थानों को बेबीलोनिया शासन के अधीन कर लिया गया.
काले पत्थर पर 282 नियम
शासनकाल के 30वें साल में राजा हम्मूराबी ने अपने साम्राज्य के विस्तार को टिगरिस और यूफ्रेटस नदी तक फैलाया. राजा हम्मूराबी ने असीरिया, लारसा, एशुना और मारी राज्यों के राजाओं को हराकर उनके राज्य भी अपने अधीन कर लिए.
हम्मूराबी ने राज्य के विस्तार के साथ-साथ अपने देवता मारदूक को समर्पित मंदिर का भी निर्माण कराया.
सल्तनत का विस्तार होने के बाद राजा के लिए जरूरी हो गया था कि वह अपने शासन में पूर्ण व्यवस्था कायम कर पाए. इसके लिए उन्होंने कानूनी संहिता बनाने का फैसला किया. यह उस समय के पहले कानूनी नियम थे.
इस लीगल कोड को एक बहुत बड़े काले पत्थर पर अंकित किया गया. हालांकि यह कार्य काफी मुश्किल था. इस शिला के शीर्ष पर ढाई फुट के हिस्से में नक्काशी की हुई है.
इसमें बेबीलोनिया के देवता हाथ में छड़ी पकड़े खड़े दिखाए गए हैं, जोकि बेबीलोनिया की कानून व्यवस्था के प्रतीक माने जाते हैं. वहीं, शेष 7 फीट 5 इंच के हिस्से पर संहिता अंकित है.
दंड नियम थे बेहद कड़े
बहुत कम लोग जानते हैं कि हम्मूराबी की इस शिला पर उसकी न्याय प्रणाली भी अंकित थी. जैसे कि कानून तोड़ने वाले दोषियों को दी जाने वाली अलग-अलग सजा. यह सजा बेहद दर्दनाक थीं. सजा के तौर पर आरोपियों की ज़ुबान, हाथ, स्तन, आंखें और कान तक काट देने का प्रावधान था. बावजूद इसके, इस कोड ने समाज में न्याय व्यवस्था को सकारात्मक रूप दिया.
हम्मूराबी कानून के मुताबिक, कोई भी आरोपी तब तक निर्दोष होता है, जब तक कि उसका गुनाह साबित नहीं हो जाता.
इस शिला पर कई अन्य आरोपों के लिए भी सजा अंकित की गई हैं. जैसे चोरी के गुनाह के लिए चोर को चोरी की गई रकम की 30 गुना रकम की अदायगी करनी पड़ती थी.
यह कानून बेबीलोनिया समाज के तीन अलग-अलग वर्गों को ध्यान में रखकर बनाए गए थे. समाज के प्रख्यात वर्ग, स्वतंत्र वर्ग और गुलाम वर्ग के लिए अलग-अलग सजा थीं.
राजा द्वारा चिकित्सक सेवाओं के लिए दी जाने वाली राशि की दर भी तय की गई थी. उदाहरण के लिए प्रख्यात वर्ग को चिकित्सीय सेवाओं के लिए 10 चांदी के सिक्के, स्वतंत्र वर्ग के लिए 5 सिक्के और गुलामों के लिए 2 सिक्के तय किए गए थे.
लोगों के ही समान डॉक्टरों के लिए भी कुछ नियम तय थे. अगर इलाज के दौरान डाॅक्टर की गलती से किसी प्रख्यात व्यक्ति की मौत हो जाती है, तो उस डाक्टर के दोनों हाथ काट दिए जाते थे. वहीं, गुलामों के मामले में डॉक्टरों को मृतक के परिजनों को एक उचित रकम चुकानी पड़ती थी.
इसके अलावा इस कोड में सामाजिक रस्मों व रिवाज़ों से जुड़े कानून भी थे.
1901 में हुई पुन: खोज
हम्मूराबी साम्राज्य की यह अमानत तब तक उनके पास रही, जब तक उनकी बादशाहत रही. हम्मूराबी सभ्यता के अंत के साथ ही यह शिला मानो लापता हो गई.
साल 1901 में एक फ्रांसिसी इंजीनियर जैक्यूस दे मार्गन द्वारा सुसा की राजधानी एलामिट में खुदाई की जा रही थी, तक उन्हें ज़मीन में दबी हम्मूराबी की शिला दिखी. ये 3 हिस्सों में टूटी हुई थी.
इस शिला के संदर्भ में हुई जांच में पता लगा कि इसको 12वीं शताब्दी के दौरान युद्ध में हार के बाद एलामिट का राजा शुतरुक नाह्हुंते सुसा से ले गया था.
इस शिला को कुछ समय बाद पेरिस भेज दिया गया. यहां पर एक साल के भीतर ही इस शिला पर अंकित कोड को सुलझा लिया गया. इसो औपचारिक तौर पर पहला लीगल कोड घोषित कर दिया गया.
इसके अलावा भी मेसोपोटामिया में कानून व्यवस्था से जुड़े कुछ शिलालेख मिले थे. इनमें लिपित इश्तार और ऊर नमू शामिल थे. यह सैंकड़ों साल पुराने थे, फिर भी हम्मूराबी के शिलालेख को प्रथम लीगल कोड माना जाता है.
इसी की बदौलत आज भी हम्मूराबी सभ्यता कहीं न कहीं दुनिया में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखती है. उन्हीं की बदौलत दुनिया को न्याय प्रणाली व समाज को व्यवस्थित ढंग से चलाने का बुनियादी ढांचा मिला.
Web Title: Code of Hammurabi: Babylonian Code of Law of Ancient Mesopotamia, Hindi Article
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