वर्तमान में हमारे आस-पास जो भी वक्त बीतता है, उसमें दुनिया के किसी न किसी कोने में कुछ न कुछ ज़रूर घटित होता है. वह बीता हुआ कल हमारे लिए कई यादगार पलों को छोड़कर जाता है, जिससे हम सीखते हैं और जिंदगी में आगे बढ़ते जाते हैं.
उन्हीं में से कुछ ऐसे भी ऐतिहासिक किस्से होते हैं, जो हमारे लिए बहुत खास या दिलचस्प होते हैं.
19 अगस्त के दिन का भी अपना इतिहास रहा है, इस दिन जहां एक तरफ ईरान के एक थियेटर में आग लगने की वजह से सैकड़ों लोग मारे गए थे, वहीं दूसरी तरफ अफगानिस्तान ने खुद को स्वतंत्र घोषित किया था.
वैसे तो इतिहास ‘कभी ख़ुशी कभी गम’ नाम ही है.
खैर, ऐसी ही कुछ और भी कड़वी-मीठी यादें 19 अगस्त के इतिहास से जुड़ीं हुई हैं, जिनको जानना हमारे लिए दिलचस्प होगा-
ईस्ट इंडिया कंपनी ने ढाला रूपए का पहला सिक्का
19 अगस्त 1757 को ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा कोलकाता में रूपये का पहला सिक्का ढाला गया था. इस सिक्के को बंगाल के मुग़ल प्रांत में चलाया गया.
दरअसल, 1757 के प्लासी युद्ध में अंग्रेजों की जीत हुई. इस जीत के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी को बंगाल में व्यापार करने अधिकार दे दिया गया. बाद में इसी के तहत कंपनी को बिहार में भी अधिकार मिल गया था.
ईस्ट इंडिया कंपनी अपना साम्राज्य स्थापित करने के बाद 19 अगस्त 1757 को टकसाल में सिक्के ढाले थे. ये सिक्के कंपनी के व्यापार की दृष्टि से चलन में आया था.
हालांकि, भारत के द्वारा सिक्के को देरी से ढाला गया. 1947 में भारत देश आज़ाद हुआ और 1950 में भारत ने सिक्के ढालने शुरू किये थे. 1950 तक देश में ब्रिटिश सिक्कों का ही इस्तेमाल किया जाता रहा.
इसके बाद भारत में सिक्के का प्रचालन हुआ और कई तरह के सिक्के बनाये गए. पहले पैसों के भी सिक्के जैसे 5 पैसा 10 पैसा का चलन था, मगर आज भारत में रूपये के कुछ सिक्कों का इस्तेमाल होता है.
ईरान के एक थियेटर में आग से 420 लोग हलाक!
ईरान के इतिहास में कट्टरपथियों व अन्य द्वारा क्रूरता और बर्बरता के किस्से की एक लंबी फेहरिस्त है. उसी फेहरिस्त में 19 अगस्त के दिन का भी एक भयानक वारदात है.
19 अगस्त 1978 को जब सैकड़ों दर्शक अबादन के रक्स सिनेमा में फिल्मों का लुत्फ़ उठा रहे थे. तभी कुछ कट्टरपथियों द्वारा सिनेमा के दरवाजे को बंद कर दिया गया और उसमें मौजूद लोगों के साथ सिनेमा को आग के हवाले कर दिया गया था.
इस घटना में लगभग 420 लोगों की मौत हो गई थी.
वहीं सैकड़ों लोग जख्मी भी हुए थे. इस हादसे के बाद तेहरान के साथ और भी कई प्रान्तों में सिनेमाघरों के मालिकों ने अपने सिनेमाघरों को बंद करके विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था. देखते ही देखते ईरान में कट्टरपंथियों के खिलाफ विरोध ने एक व्यापक रूप ले लिया. इसकी वजह से राजशाही की कुर्सी भी हिल गई थी.
परन्तु, इस घटने की किसी भी कट्टरपंथी संगठन ने जिम्मदारी नहीं ली, वहीं सरकार कम्युनिस्टों पर आरोप गढ़ रही थी. ईरान के समयानुसार लगभग 10 बजे रात में यह घटना हुई थी.
उस वक़्त सिनेमाघर में तक़रीबन 700 दर्शक ‘रेंडियर’ नामक फिल्म देख रहे थे. आग से लोगों के शरीर बुरी तरह झुलस गए थे. परिवार वाले अपने रिश्तेदारों की लाशों को पहचान तक नहीं पा रहे थे.
कुछ लोग लाशों की अंगूठियों या गहनों से पहचान कर रहे थे.
जिस दौरान यह घटना हुई उस वक़्त रमजान का माह चल रहा था. इस मुबारक महीने में भी आतंकियों ने ऐसे भयानक घटने को अंजाम दिया था. ऐसा माना जाता है कि, चरमपंथियों ने ईरानियों से टेलीविजन या फिल्म न देखने का आग्रह किया था.
उस दौरान कट्टरपंथियों ने इस घटना के साथ ही ऐसी कई घटनाओं को अंजाम दिया था.
अफगानिस्तान ने किया स्वतंत्र होने का एलान
19 अगस्त 1919 को अमानुल्ला खां ने अफगानिस्तान को पूर्ण स्वराज्य होने की घोषणा कर दिया. इस एलान के बाद उसको ब्रिटेन के साथ उसको युद्ध भी करना पड़ा था.
यह वही दौर था जब 19 वीं शताब्दी में अफग़ानिस्तान को दो तरफ से वार सहना पड़ रहा था. एक तरफ जहां रूस उसके कुछ क्षेत्रों को अपने कब्जे में कर लिया था, वहीं दूसरी तरफ ब्रिटेन खैबर तक पहुँच चुका था. आगे 1839 में ब्रिटिश सेना ने इसके गजनी और काबुल पर भी अपना अधिकार जमा लिया था.
बाद में एक संधि के तहत ब्रिटिशों ने कई प्रदेशों पर अधिकार प्राप्त कर लिया. इस संधि के बाद लोगों का गुस्सा विरोध में बदल गया. ऐसे परिस्थति में सत्ता बदली और अब्दुर्रहमान खां अफगानिस्तान का अमीर बना. इसके राज में क्षेत्रों का विस्तार हुआ.
इसके बाद 1901 में इसका बेटा हबीबुल्ला खां गद्दी पर बैठा. इसके शासनकाल में आधुनिक यंत्रों जैसे टेलीफोन, मोटरकार व बिजली व्यवस्था की शुरुआत की गई.
आगे, 1919 में हबीबुल्ला के भतीजे अमानुल्ला खां ने सिंहासन संभाला. इसने गद्दी पर बैठते ही ब्रिटेन के खिलाफ मुहीम छेड़ दिया और अफगानिस्तान को स्वतंत्र घोषित कर दिया.
इस फैसले के बाद अंग्रेजों और अफगानियों के साथ युद्ध का सिलसिला शुरू हो गया.
बाद में एक संधि के तहत ग्रेट ब्रिटेन ने अफगानिस्तान को पूर्ण रूप से आज़ाद कर दिया. इसके बाद अमानुल्ला ने 'अमीर' पद के स्थान पर ‘बादशाह’ की उपाधि निर्धारित कर दिया था.
जब हुआ संयुक्त राष्ट्र के दफ़्तर पर हमला
19 अगस्त के दिन संयुक्त राष्ट्र के ऑफिस में कट्टरपथियों द्वारा एक हमला हुआ था.
दरअसल, 19 अगस्त 2003 को इराक की राजधानी बग़दाद में स्थित संयुक्त राष्ट्र के दफ्तर में एक बम धमाका हुआ. इस बड़े धमाके की गूंज ने आसपास के लोगों के अंदर एक खौफ पैदा कर दिया था.
इस हादसे में तक़रीबन 20 लोगों की मौत हो गई, वहीं 100 से अधिक लोग जख्मी भी हुए थे.
मारे गए लोगों में संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत सर्गियो वियेरा डी मेलो भी शामिल थीं. इस धमाके की गूंज ने पूरे संयुक्त राष्ट्र को हिला कर रख दिया था. वहीं जिस तीन मंजिला बिल्डिंग पर यह विस्फोट हुआ वो पूरी तरह से ढह गई थी.
सूत्रों की माने तो यह हमला इराक में अमेरिकी दखलंदाजी और उसके कब्जे के विरुद्ध किया गया था .
इस भयानक विस्फोट के बाद कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने बग़दाद से अपने कर्मचारियों को हटा लिया. इसी के साथ ही संयुक्त राष्ट्र ने भी कुछ वक़्त के लिए इराक में अपना दफ़्तर बंद कर दिया था.
तो ये थीं 19 अगस्त के दिन इतिहास में घटीं कुछ घटनाएं.
यदि आपके पास भी इस दिन से जुड़ी किसी घटना की जानकारी हो तो हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं.
Web Title: Day History of 19 August, Hindi Article
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