आज का दिन इतिहास में खासा महत्वपूर्ण है. इस दिन घटी बहुत सी घटनाएं इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गईं.
अगर आज की तारीख पर नजर डालें तो पता चलता है कि 11 सितंबर 1893 में शिकागो में विश्व धर्म सम्मेलन में स्वामी विवेकानंद ने ऐतिहासिक भाषण दिया था. सन 1906 में मोहन दास करमचंद गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह आंदोलन की शुरूआत की. वहीं सन 1919 में अमेरिकी नौसेना ने होंडुरास पर हमला किया. इसके अलावा, 1939 को इराक और सऊदी अरब ने जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी.
सन 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने लाहौर के पास बुर्की शहर पर कब्ज़ा कर लिया था. वहीं, 1968 में एयर फ्रांस के विमान की नाइस के पास दुर्घटना होने से 89 यात्रियों और चालक दल के 6 सदस्यों की मौत हो गई थी.
इसी तरह से सन 1973 में चिली के राष्ट्रपति साल्वाडोर अलांदे सरकार का सैन्य तख्तापलट कर दिया गया था. तो चलिए जानते हैं, आज के दिन घटित कुछ ऐसी ही देश-विदेश की ऐतिहासिक घटनाओं के बारे में –
अमेरिका पर हुआ दुनिया का सबसे बड़ा आतंकी हमला
9/11 दुनिया का सबसे बड़े आतंकी हमलों में से एक है. 11 सितंबर 2001 की सुबह वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में लोग रोजाना की तरह काम कर रहे थे. तक़रीबन सुबह का समय 8:46 हो रहा था. तभी न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के उत्तरी टॉवर से एक जेट एयरलाइन्स का विमान टकराया. देखते देखते चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई.
इससे पहले कि लोग कुछ समझ पाते, तभी 9:03 पर एक और जेट विमान दक्षिणी टावर से टकराया. विमानों के टकराने से टावर में भयानक आग लग गई. यह अमेरिका में होने वाला सबसे बड़ा आतंकी हमला था.
अमेरिका की शान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पलभर में राख़ का गुबार बन गया. इस आतंकी हमले में लगभग 3000 लोगों ने अपनी जान गंवाई.
आतंकियों द्वारा इस हमले को अंजाम तक पहुंचाने के लिए 4 जेट एयरलाइन्स विमान हाईजेक किए गए थे. इसमें से 2 विमान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर और एक पेंटागन पर गिराया गया गया, हालांकि चौथा विमान शेंकविले के खेत में जा कर गिर गया.
इस पूरे हमले का जिम्मा अलकायदा ने लिया, उस समय ओसामा बिन लादेन अलकायदा का मुखिया था. हमले के अगले ही दिन अमेरिका ने अलकायदा से जंग का ऐलान कर दिया. वह अपने ऊपर हुए हमले का बदला लेना चाहता था. पर उसे कामयाबी नहीं मिल रही थी.
इस हमले के कई साल बाद अमेरिकी इंटेलीजेंस ब्यूरो ने पाकिस्तान के ऐबटाबाद में ओसामा को ढूंढ निकाला. तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने तत्काल प्रभाव से 29 अप्रैल को ओसामा बिन लादेन के ठिकाने पर हमले का ऑर्डर जारी कर दिया.
और इस तरह से 2 मई 2011 को पाकिस्तान में बैठा अलक़ायदा सरगना ओसामा बिन लादेन मार गिराया गया.
सत्याग्रह आंदोलन का बिगुल बजा
जैसा कि आप जानते हैं कि महात्मा गांधी का आज़ादी में बहुत बड़ा योगदान है. उन्होंने लोगों के हक़ के लिए कई आंदोलन चलाए. लेकिन सबसे ज्यादा लोकप्रियता उन्हें सत्याग्रह आंदोलन से मिली. उन्होंने पहली बार दक्षिण अफ्रीकी सरकार के ख़िलाफ सत्याग्रह आंदोलन किया था.
दक्षिण अफ़्रीकी सरकार द्वारा एक पूंजीवादी अध्यादेश लाया गया था. जिसका विरोध अफ्रीका में रहने वाले भारतीय कर रहे थे. और उस आंदोलन का नेतृत्व महात्मा गांधी ने किया.
11 सितंबर 1906 को अहिंसात्मक तरीके से गांधी जी ने सत्याग्रह आंदोलन की शुरूआत की. इस आंदोलन में गांधी द्वारा पूंजीवाद, अन्याय और रंगभेद की नीति के विरुद्ध आवाज़ उठाई गई. जिसके कारण उन्हें जेल भी जाना पड़ा.
अफ्रीका में आंदोलन ख़त्म कर वे 15 जनवरी को भारत लौट आए. गांधी के सत्याग्रह का असर भारत पर भी दिख रहा था. सत्याग्रह की चिंगारी बिहार तक पहुंच चुकी थी. राज कुमार शुक्ल ने गांधी जी को बिहार आने के लिए निमंत्रण भेजा.
इसे गांधी जी ने स्वीकार कर लिया. 10 अप्रैल 1917 को गांधी जी बिहार के चंपारण पहुंचे. वहां उन्होंने अंग्रेजी सरकार के ख़िलाफ सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की. यह आंदोलन चंपारण आंदोलन के नाम से भी जाना जाता है.
चंपारण सत्याग्रह आंदोलन अंग्रेजी सरकार को नागवार गुजरा. उन्होंने गांधी समेत कई आंदोलनकारियों को हिरासत में ले लिया. हालाँकि गांधी के प्रति व्यापक जन समर्थन हासिल था, इसलिए अदालत में सुनवाई के दौरान मजिस्ट्रेट ने उन्हें बिना जमानत छोड़ने का आदेश दे दिया.
यह आंदोलन गांधी जी के सबसे सफल आंदोलनों में से एक रहा.
चंपारण सत्याग्रह आंदोलन के बाद गांधी जी ने 1918 में गुजरात के खेड़ा में एक और बड़ा सत्याग्रह किया. यह अंग्रेजों द्वारा किसानों से ज्यादा कर वसूली के विरोध में किया गया. इस आंदोलन में सरदार पटेल भी गांधी जी के साथ थे.
स्वामी विवेकानंद का शिकागो में भाषण
स्वामी विवेकानंद ने अमेरिका के शिकागो में 11 सितंबर 1893 को आयोजित विश्व धर्म संसद में भाषण दिया था. उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत मेरे प्यारे अमेरिकी भाइयों और बहनों से किया था. आज उनके भाषण को लगभग 125 साल पूरे हो रहे हैं, लेकिन उनकी प्रतिध्वनि आज भी सुनाई देती है.
भाषण में दिया गया संदेश आज भी अपने अस्तित्व में बना हुआ है. उन्होंने शिकागो में कहा था कि "मुझे गर्व है. अपने धर्म पे, जिसने दुनिया के हर सताए हुए लोगों को अपने देश में शरण दी."
सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि उन्होंने सभी धर्मों के उद्देश्य को एक सूत्र में रखा. जिस प्रकार पानी की धारा अलग-अलग दिशाओं से बह कर एक नदी का निर्माण करती है. ठीक उसी प्रकार से अलग-अलग धर्मो का एक हीं उद्देश्य होता है.
स्वामी विवेकानंद का यह भाषण मौजूदा समय में भी प्रासंगिक लगता है. शिकागो के भाषण में उन्होंने गीता के श्लोकों का वर्णन करते हुए कहा था कि ''जो भी मुझ तक आता है, चाहे कैसा भी हो, मैं उस तक पहुंचता हूं. लोग अलग-अलग रास्ते चुनते हैं, परेशानियां झेलते हैं, लेकिन आखिर में मुझ तक पहुंचते हैं."
स्वामी विवेकानंद का यह वक्तव्य बहुत ही अहमियत रखता है और भारत की मजबूत छवि को प्रस्तुत करता है.
चिली में सैनिक विद्रोह और तख्तापलट
सल्वाडोर अलांदे दुनिया के पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिन्हें लोकतांत्रिक रूप से मार्क्सवादी देश चिली का राष्ट्राध्यक्ष चुना गया था. वह 1970 में सत्ता में आए थे. उन्होंने अपनी नीतियों से कई सुधार किए थे. वह चिली में कई बदलाव लाना चाहते थे, लेकिन उनकी नीतियां विफल हो रही थीं.
महंगाई बढ़ती जा रही थी और खाद्य पदार्थों की कीमतों में इज़ाफा हो रहा था. यही नहीं चिली में लगातार हुई हड़तालों से अर्थव्यवस्था भी चरमरा रही थी.
सल्वाडोर अलांदे उस समय अपने समर्थकों से अपील कर रहे थे कि उनका साथ दें. पर तब तक मामला बहुत ज्यादा बिगड़ चुका था. उस समय की दो विपक्षी पार्टी सल्वाडोर अलांदे के इस्तीफे पर अड़ी थीं. हालांकि उनकी ये अपील नामंजूर कर दी गई. ऐसा भी बताया जाता है कि राष्ट्रपति अलांदे के विरोधी उन्हें सत्ता से उखाड़ फेंकना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने सैन्य विद्रोह का रास्ता चुना.
परिणामस्वरूप, 11 सितंबर 1993 को चिली के राष्ट्रपति सल्वाडोर अलांदे सरकार का तख्तापलट कर उनकी हत्या कर दी गई. उस समय विद्रोही सैनिकों ने वहां संसद पर 17 बम गिराए थे. इस पूरे घटनाक्रम में कई निर्दोषों की जान चली गई. सल्वाडोर अलांदे की मृत्यु के बाद जनरल पिनोचे ने सत्ता संभाली. अपने शासनकाल में उन्होंने हजारों राजनीतिक विरोधियों का कत्लेआम कराया.
तो ये थीं 11 सितंबर के दिन इतिहास में घटीं कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं.
अगर आपके पास भी इस दिन से जुड़ी किसी महत्वपूर्ण घटना की जानकारी हो, तो हमें नीचे कमेंट बॉक्स में अवश्य बताएं.
Web Title: Day In History 11 September, Hindi Article
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