आज का दिन इतिहास में खासा महत्वपूर्ण है. इस दिन घटी बहुत सी घटनाएं इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गईं.
अगर आज की तारीख पर नजर डालें तो पता चतला है कि 14 अगस्त सन 1862 को बंबई उच्च न्यायालय की स्थापना की गई. 1908 में इंग्लैंड के फोकेस्टोन में पहली सौंदर्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. वहीं, सन 1917 में चीन ने जर्मनी और ऑस्ट्रिया के खिलाफ युद्ध की घोषणा की.
1920 में बेल्जियम के एंटवर्प में ओलंपिक खेल शुरू हुए. 1947 में एक ब्रिटिश साजिश के तहत हिन्दोस्तान का विभाजन कर दिया गया और हिन्दोस्तान से अलग एक पाकिस्तान नामक मुस्लिम राष्ट्र का निर्माण बना.
वहीं, सन 1971 में बहरीन को 110 साल की ब्रिटिश गुलामी से आजादी मिली.
तो चलिए जानते हैं, आज के दिन घटित कुछ ऐसी ही देश-विदेश की ऐतिहासिक घटनाओं के बारे में –
हिन्दोस्तान से अलग होकर पाकिस्तान बना नया राष्ट्र
आज ही के दिन सन 1947 में एक साजिश के तहत हिन्दोस्तान से एक बड़ा हिस्सा काटकर अलग कर दिया गया. इस नए मुस्लिम राष्ट्र को नाम दिया गया पाकिस्तान. मोहम्मद अली जिन्ना ने अंग्रेजों के साथ मिलकर इसे हिन्दोस्तान से अलग करने की साजिश रची थी.
इसी के जश्न में पाकिस्तान में 14 अगस्त को यौम-ए-आजादी मनाया जाता है. भारत और पाकिस्तान का इतिहास और सांस्कृतिक विरासत सब साझी ही हैं.
बंटवारे के बाद दोनों मुल्कों को बहुत मुसीबतों का सामना करना पड़ा. अपने ही मुल्क में लोग बेगाने से हो गए. बड़ी तादाद में लोग शरणार्थी बन गए. भारी संख्या में लोग यहां से वहां जाने को मजबूर थे.
बंटवारे का सबसे ज़्यादा असर पंजाब में देखने को मिला. जहां के मुसलमान पाकिस्तान और सिख व हिन्दू भारत आने लगे. इस दौरान सांप्रदायिक हिंसा भी भड़क चुकी थी. कत्लेआम हुआ और सड़के खून से लाल हो गईं. हिंसा में 10 लाख के करीब लोगों ने अपनी जान गवां दी. कई महिलाएं बलात्कार और हिंसा का शिकार हुईं.
एक दिन पहले आजादी मनाने के पीछे पाकिस्तान की ओर से यह तर्क दिया जाता है कि भारत से अलग होकर बने नए मुल्क पाकिस्तान को 14 अगस्त को ही स्वीकृति दे दी गई थी. इसी दिन लार्ड माउंटबेटन ने पाकिस्तान को स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा दिया था.
यही वजह है कि इस दिन पाकिस्तान आजादी का जश्न मनाता है.
बंबई उच्च न्यायालय की स्थापना
साल 1862 ई. में आज ही के दिन बंबई उच्च न्यायालय की स्थापना की गई थी. यह देश का सबसे पुराना और विशिष्ट न्यायालय है.
इसके अधिकार क्षेत्र में महाराष्ट्र, गोवा, दीव, दादरा और नागर हवेली जैसे केंद्र शासित प्रदेश भी आते हैं.
562 फीट लंबा और 187 फीट चौड़ा यह न्यायालय नवंबर 1879 में बनकर तैयार हुआ था. इस बिल्डिंग की डिजाइन ब्रिटिश इंजीनियर जेए फुलर ने की थी. 10 जनवरी 1879 को बंबई हाईकोर्ट में पहली सुनवाई हुई. इस कोर्ट में सालाना तकरीबन लाखों सिविल और क्रिमिनल केस की सुनवाई होती है.
इंग्लैंड की महारानी ने इंडियन हाईकोर्ट एक्ट 1861 के तहत बंबई हाईकोर्ट की स्थापना की मंजूरी दी थी. आजाद भारत के पहले मुख्य न्यायाधीश, पहले अटॉर्नी जनरल और पहले सॉलिसीटर जनरल बंबई हाईकोर्ट से जुड़े थे.
बंबई हाईकोर्ट की ओर से दिए गए निर्णय को केवल सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है. बंबई उच्च न्यायालय न सिर्फ शहर बल्कि देश के इतिहास को दर्शाता है. 1990 में इस महानगर का नाम बदलकर बंबई से मुंबई कर दिया गया, लेकिन हाईकोर्ट का नाम नहीं बदला.
अभिनेता शम्मी कपूर का निधन
बॉलीवुड की जानी-मानी शख्सियत अभिनेता शम्मी कपूर ने साल 2011 में आज ही के दिन दुनिया को अलविदा कह दिया था. डांसिंग स्टार शम्मी कपूर मशहूर फिल्म अभिनेता और रंगमंच के कलाकार पृथ्वीराज कपूर के दूसरे बेटे थे.
डांस की एक अलग ही शैली के लिए मशहूर शम्मी कपूर ने अपने फिल्मी सफर की शुरुआत फिल्म ‘जीवन ज्योति’ से की. लेकिन साल 1961 में आई फिल्म ‘जंगली’ से उन्हें खूब शोहरत मिली. उनके एक गाने ‘याहू’ को दर्शकों ने खूब पसंद किया. इसके अलावा फिल्म ‘ब्रह्मचारी’ के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर अवार्ड दिया गया.
शम्मी कपूर को पहाड़ी गाने बेहद पसंद थे. वह इन गानों को इतना पसंद करते थे कि इसे खाली समय, सफर करते हुए और शूटिंग पर भी गया करते थे.
शम्मी कपूर की शुरुआती फिल्में फ्लॉप रही थीं. जिसे लेकर वो खासे परेशान रहते थे. एक बार तो उन्होंने अपने फिल्मी करियर को खत्म करने तक का प्लान बना लिया था. लेकिन जब वह सफलता के रास्ते पर आए तो उन्होंने कई हिट फिल्में दीं.
शम्मी कपूर के फिल्मी दुनिया में आने का श्रेय उनके पिता पृथ्वीराज को भी जाता है. शम्मी कपूर का पढ़ाई में बिल्कुल भी मन नहीं लगता था.
एक रोज वह कॉलेज छोड़कर घर आ गए. उनके इस फैसले पर पिता ने कोई नाराजगी नहीं जताई, बल्कि अगले दिन से शम्मी को थिएटर जॉइन करने को कहा. इसके बाद शम्मी कपूर थिएटर से जुड़ गए.
मोहम्मद रफी से भी शम्मी कपूर का रिश्ता बेहद खास रहा. वह कहते थे कि रफी साहब के बिना वह कुछ नहीं हैं. मोहम्मद रफी शम्मी कपूर की शैली जानते थे. वह गाना इसी हिसाब से गाते थे कि शम्मी कपूर पर फिट हो जाए.
एक समय आया जब शम्मी कपूर ने बढ़ते वजन की वजह से धीरे-धीरे फिल्मों से दूरी बना ली. 11 अगस्त 2011 को इस लोकप्रिय अभिनेता ने मुंबई के ब्रीज कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली.
मोरारजी देसाई को मिला निशान-ए-पाकिस्तान सम्मान
आज ही के दिन सन 1968 में मोरारजी देसाई को पाकिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित किया गया था. वह एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न और पाकिस्तान के निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित किया गया है.
यह सम्मान देने से पहले सम्मान प्राप्त करने वाले की योग्यता और विदेश संबंधों में दी गईं सेवाएं इत्यादि के आधार पर दिया जाता है. इस पुरस्कार की घोषणा 14 अगस्त को पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर की जाती है.
मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बनने से पहले मुंबई के मुख्यमंत्री भी रह चुके थे. उन्होंने 1977 में देश के प्रधानमंत्री के रूप में पद संभाला. उनके नेतृत्व में भारत में जनता पार्टी की सरकार बनी. उन्होंने अपने कार्यकाल में कई बड़े फैसले लिए. जिसमें साल 1978 में 100 रुपए से ऊपर के नोटों को बैन करना भी शामिल था. बावजूद इसके मोरारजी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए.
चौधरी चरण सिंह से मतभेद होने के कारण उन्हें आखिरकार प्रधानमंत्री का पद छोड़ना पड़ा था.
अगर बात करें निशान-ए-पाकिस्तान की तो 1960 में पहली बार यह सम्मान ब्रिटेन की महारानी क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय को दिया गया था. इसके अलावा पूर्व अफ्रीकी राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला भी इस सम्मान से नवाजे जा चुके हैं.
Web Title: Day In History 14th August, Hindi Article
Featured Image Credit: The National