कैलेंडर के पन्नों में दर्ज हर तारीख अपने आप में कई ऐतिहासिक घटनाओं को समेटे हुए है. उसके उड़ते हुए पन्नों पर आंख बंद कर के भी किसी तारीख पर हाथ रखेंगे, तो उसमें छिपी कई कहानियां सामने आ जाएंगी.
‘डे’ इन हिस्ट्री के बहाने हम भी आपको ऐसी ही घटनाओं से रूबरू करवा रहे हैं.
कैंलेंडर में आज तारीख है 15 जुलाई...
15 जुलाई का दिन विश्व भर में घटित कई ऐतिहासिक घटनाओं के लिए जाना जाता है. इस दिन दानवीर जमशेद जी जीजाभाई जैसे महान व्यक्तियों ने जन्म लिया, तो निन्टेन्डो इंटरटेनमेंट सिस्टम जैसे गेमिंग उपकरण दुनिया को मिले.
तो आइए और नजदीक से जानते हैं तारीख 15 जुलाई!
'जमशेद जी जीजाभाई' का जन्म दिन
15 जुलाई के दिन ही 1783 ई. को दानवीर कहे जाने वाले जमशेद जी जीजाभाई का जन्म हुआ था. वह एक गरीब परिवार से थे, बावजूद इसके उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत के बल पर खुद को स्थापित किया.
वह सिर्फ 12 साल के रहे होंगे जब उन्होंने अपने मामा के साथ पुरानी बोतलें बेचने के धंधे शुरू कर दिया था. वह पढ़ें-लिखे नहीं थे. मगर अपनी आगे बढ़ने की चाह के चलते उनकी यह कमजोरी उनके रास्ते का काँटा कभी नहीं बनी.
व्यवहार के दौरान उन्होंने कामचलाऊ अंग्रेज़ी सीख ली थी. बताते चलें कि उन्होंने अपने व्यापार का भारत के बाहर तक विस्तार किया. किराए के जहाज़ों में चीन के साथ वस्तुओं का क्रय-विक्रय करने लगे.
आगे सिर्फ 20 साल की उम्र में उन्होंने पहली चीन यात्रा की. आगे 1914 में अपना जहाज़ ख़रीदने के बाद वह नहीं रुके और दिन-दोगुनी और रात-चौगुनी तरक्की करने लगे.
एक दौर ऐसा भी आया, जब वह देश के सबसे धनी लोगों की सूची में दर्ज हुए. अपने जीवन काल में उन्होंने जान कल्याण के कई काम किये. जे. जे. अस्पताल, जे. जे. स्कूल ऑफ़ आर्ट, पूना बांध और जल संस्थान इसके कुछ बड़े उदहारण हैं.
दुनिया को मिला 'निन्टेन्डो इंटरटेनमेंट'
15 जुलाई का दिन वीडियो गेम्स खेलने वालों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. वह इसलिए क्योंकि आज के ही दिन 1983 में 'निन्टेन्डो इंटरटेनमेंट सिस्टम' नाम का गेमिंग कन्सोल जापान के बाजार में उतारा गया था.
कहते हैं कि इसकी एंट्री से वीडियो गेम्स की दुनिया का एक नया दौर शुरू हो गया था. जापान में इसे 'फैमिकॉम' के नाम से लोकप्रियता मिली. करीब-करीब पूरे 80 के दशक में बाजार में इसका बोलबाला रहा.
1990 में इससे भी एडवांस गेमिंग कन्सोल बनने लगे. 1987 में एनईसी और हडसन सॉफ्ट नाम की कंपनियों ने अरने पीसी इंजिन बाजार में उतारे. इसे केवल एक साल बाद ही पुराने प्रतिद्वंदी सीगा ने अपना एडवांस मेगा ड्राइव सिस्टम लॉन्च कर फैमिकॉम को इतिहास बना दिया. इस तरह फैमिकॉम की जगह लेने उसका उत्तराधिकारी आ गया.
इसे 'सुपर निंटेंडो इंटरटेनमेंट सिस्टम' के नाम से बाजार में लाया गया. पुराने फैमिकॉम का उत्पादन 1995 तक जारी रहा और फिर उसकी सप्लाई रोक दी गई. खैर, गेमिंग के इतिहास में रूचि रखने वाले लोग आज भी 'निन्टेन्डो फैमिली कंप्यूटर' को एक यादगार के तौर पर रखना पसंद करते हैं.
विलियम बोइंग ने डाली 'बोइंग' की नीव
15 जुलाई के ही दिन 1916 को विलियम बोइंग ने मशहूर विमान निर्माता बोइंग की स्थापना की थी. बोइंग के परिचय की बात करें तो यह एक अमेरिकी की कंपनी है, जो दुनिया भर के देशों को हवाई जहाज, रोटरक्राफ्ट, रॉकेट, उपग्रह और मिसाइलों के डिजाइन का बिजनेस करती है. शिकागो, इलिनॉय में इसका कॉर्पोरेट मुख्यालय है.
कंपनी का नेतृत्व डेनिस मुइलनबर्ग द्वारा किया जाता है, जोकि कंपनी के सीईओ है. 2016 में, बोइंग ने बिक्री में $ 94.6 बिलियन आंकड़ा छुआ था. बताते चलें कि जंबो जेट के नाम से मशहूर बोइंग 747 विमान इसी के द्वारा बनाया गया था.
बोइंग द्वारा बनाया गया यह विमान विश्व का सर्वाधिक पहचाना जाने वाला वायुयान है. यह 1960 के दशक के आम बड़े व्यावसायिक विमानों में से एक, बोइंग 707 के आकार का ढाई गुना बड़ा था.
सुधारवादी नेता के. कामराज का हुए पैदा
15 जुलाई के ही दिन के. कामराज का जन्म हुआ था. 1903 को तमिलनाडु के विरुधुनगर के मदुरै में उन्होंने अपनी आंखें खोली थीं. वैसे तो उनका परिचय किसी को मोहताज नहीं, फिर अगर बात की जाए तो, वह किंगमेकर के नाम से जाने जाते है. प. नेहरू के निधन के बाद भारत के दो प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी देने में इनकी बड़ी भूमिका रही.
जालियांवाला बाग़ हत्याकांड के बाद वह राजनीति में सक्रिय हुए. यह वह दौर था, जब देश अंग्रेजों के खिलाफभ अपनी स्वतंत्रता के लिए लड़ रहा था. इस दौरान उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा.
कहते हैं वह महज 16 साल के थे, जब उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा. आगे चलकर वह 1954 में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और बाद में कांग्रेस के अध्यक्ष भी बने.
वह कितने बड़े नेता थे, इसको इसी से समझा जा सकता है कि मरणोपरांत उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया.
चूंकि, उन्होंने कई सारे सुधारवादी कार्यों में अपनी सक्रियता निभाई, इसलिए उन्हें सुधारवादी नेता भी कहा जाता है.
अपने शासन काल के दौरान मुफ्त शिक्षा, मिड डे मील योजना और स्कूल यूनिफॉर्म की शुरुआत की.
उपग्रह PSLV-C17 जीसैट-12 का सफल प्रक्षेपण
15 जुलाई के दिन ही 2011 को इसरो ने पीएसएलवी सी-17 के जरिए जीसैट-12 ए का श्रीहरिकोटा से सफल प्रक्षेपण किया था. बताते चलें कि इसको बनाने में करीब 90 करोड़ रुपए की लागत आई थी.
इस उपग्रह की ऊंचाई की बात करें, तो यह 44 मीटर ऊंचा था. वहीं यह 320 टन वजनीला था. इसमें 12 अतिरिक्त सी-बैंड ट्रांसपोंडर, स्वचालित रिसीवर और ट्रांसमीटर लगाए गए थे.
इसके सफल परीक्षण के बाद इसे निर्धारित उप जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑरबिट में स्थापित कर दिया गया.
इसके सफल परीक्षण से देश में संचार और ब्रॉडकास्ट को नई दिशा मिली.
खासकर वेरी स्माल अपर्चर टर्मिनल (वी-सैट) सेक्टर के लिए यह संजीवनी बनकर उभारा. वीसैट एक ऐसी तकनीकि है, जिसका उपयोग आंकड़ों के आदान-प्रदान और सैटेलाइट इंटरनेट सेवा के लिए किया जाता है.
कैलेंडर की हर तारीख़ अपने अंदर ऐसी ही मिश्रित यादें समेटे हुए है.
15 जुलाई से जुड़ा कोई किस्सा अगर आपको भी याद है तो कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं.
Web Title: Day In History 15 July, Hindi Article
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