आज है 18 अगस्त. आज के दिन भारत समेत दुनिया की कई जगह ऐसी घटनाएं हुई, जिसे इस तारीख ने अपने साथ हमेशा के लिए कैद कर लिया.
आज के दिन जहां वीर क्रांतिकारी नेता सुभाषचंद्र का विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ. वहीँ दूसरी और भारत को पहला उच्च कोटि का संस्थान मिला. पड़ोसी देश पाकिस्तान में मुशर्रफ को देना पड़ा इस्तीफ़ा तो व्लादिमीर की ‘लोलिता’ भी आज ही के दिन हुई थी पब्लिश.
ऐसे में, आज के इतिहास को जानना दिलचस्प रहेगा-
IIT खड़गपुर की हुई थी स्थापना
आज ही के दिन, साल 1951 में भारत सरकार द्वारा आईआईटी खड़गपुर (पश्चिम बंगाल) की स्थापना हुई थी. भारत के इंजीनियरिंग कॉलेजों में इसका नाम शीर्ष नामों में लिया जाता है.
इससे पहले देश में इस तरह की पढ़ाई के लिए कोई खास संस्थान नहीं हुआ करते थे. लिहाज़ा, युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाना पड़ता था.
सात आईआईटी में यह सबसे पुरानी संस्था है. 15 सितंबर,1956 को भारतीय संसद ने 'इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी, खड़गपुर अधिनियम' पारित किया. जिसके बाद सरकार ने इसे आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय महत्त्व का संस्थान माना है. आजादी के बाद उच्च कोटि के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को प्रशिक्षित करने के लिए इसकी स्थापना की गई थी.
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, खड़गपुर में स्थापना के समय 42 शिक्षक और 224 छात्र थे. तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 1952 में कॉलेज की नई ईमारत की नींव का शिलान्यास किया था.
आज यहाँ एशिया की सबसे बड़ी साइंस और टेक्नोलॉजी लाइब्रेरी है, जिसमें 3.8 लाख दस्तावेज, 1,250 प्रिंट जर्नल्स और 40,000 ई-बुक्स हैं. इसका कैम्पस क्षेत्रफल सबसे ज्यादा (2100 एकड़) है. यहाँ विभागों और छात्रों की संख्या भी सर्वाधिक है.
नेताजी बोस की विमान हादसे में मृत्यु हुई
नेताजी सुभाष चंद्र का जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक में हुआ. उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए ब्रिटेन का मुकाबला आज़ाद हिंद फौज बनाकर किया.
बोस ने कलकत्ता के प्रेसीडेंसी कॉलेज और स्कॉटिश चर्च कॉलेज से अपनी शिक्षा प्राप्त की थी. इसके बाद वह इंग्लैंड की केम्ब्रिज यूनिवर्सिटी चले गए.
साल 1920 में उन्होंने इंडियन सिविल सर्विसेस की परीक्षा पास की. इस परीक्षा में टॉप करने के बावजूद उन्होंने इसमें नौकरी नहीं की. अप्रैल, 1921 में भारत में चल रहे राजनीतिक आंदोलन के जोरों पर होने की बात सुनकर भारत वापस लौट आए.
वापस भारत लौटकर उन्होंने देश के आजादी की लड़ाई में में महात्मा गांधी का साथ दिया. परन्तु वह मानते थे कि अहिंसा के जरिए आज़ादी प्राप्त करने में बहुत समय लग जाएगा. इसके बाद, वह और ज्यादा दुखी हुए जब गांधीजी ने असहयोग आंदोलन बीच में ही छोड़ दिया.
साल 1923 में उन्होंने चितरंजन दास की स्वराज पार्टी का समर्थन किया. 25 अक्टूबर 1924 को उन्हें गिरफ्तार कर बर्मा की जेल में कैद कर दिया गया. जिसके बाद वह कई बार फिर जेल गए.
1938 में वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष निर्वाचित हुए. लेकिन उनकी नीतियां गांधीजी की उदारवादी नीतियों से मेल नहीं खाती थीं. लिहाज़ा, 1939 में उन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया.
अंग्रेजों की गुलामी से छुटकारा पाने के लिए बोस ने जर्मनी, इटली और जापान जैसे देशों से मदद लेने में कोई परहेज़ नहीं किया. इसी क्रम में, साल 1943 में उन्होंने ब्रिटेन के खिलाफ आजाद हिंद फौज का निर्माण किया.
दूसरे विश्व युद्ध में जापान के आत्मसमर्पण के कुछ दिन बाद दक्षिण पूर्वी एशिया से भागते हुए, हवाई दुर्घटना में 18 अगस्त 1945 को बोस की मृत्यु हो गई.
हालांकि, बोस की मृत्यु के बारे में काफी विवाद रहे. माना जाता है कि उनकी मौत 1945 में नहीं हुई बल्कि वह उसके बाद रूस में नजरबंद थे. आज भी उनकी मृत्यु एक रहस्य ही बनी हुई है.
मुशर्रफ का राष्ट्रपति पद से इस्तीफा
साल 1961 में, परवेज मुशर्रफ सेना में शामिल हुए. सेना में भर्ती होने के चार साल बाद उन्होंने अपने जीवन का पहला युद्ध भारत के ख़िलाफ 1965 में लड़ा. इसके लिये उन्हें वीरता का पुरस्कार भी दिया गया. इसके बाद 1998 में मुशर्रफ को जनरल का पद मिला और इसी के साथ वह सेना प्रमुख बन गए.
अपने सेना प्रमुख बनने के एक साल बाद ही, उन्होंने बिना हिंसा का प्रयोग किए तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ़ से सत्ता छीन ली. इसके बाद, साल 2002 में आम चुनावों में प्रतिभागी बनकर बहुमत से राष्ट्रपति चुनकर आए.
इस चुनाव में उनपर धांधली से जीतने के आरोप लगे. मुशर्रफ के शासनकाल में, जुलाई 2007 में लाल मस्जिद पर सैनिक कार्रवाई हुई. जिसमें 105 से भी ज़्यादा लोग मारे गए थे.
6 अक्तूबर, 2007 को वे फिर एक बार राष्ट्रपति चुनाव जीतने में सफल रहे. लेकिन, इस बार सुप्रीम कोर्ट का फैसला आना था. 3 नवंबर, 2007 को मुशर्रफ ने पाकिस्तान में आपातकाल लागू कर दिया.
24 नंवबर को पाकिस्तान चुनाव आयोग ने मुशर्रफ के राष्ट्रपति के तौर पर पुनर्निर्वाचित होने की पुष्टि की. जनरल मुशर्रफ ने सेना की यूनिफार्म छोड़कर, पाकिस्तान के असैनिक राष्ट्रपति के तौर पर कुर्सी संभाली.
2008 में पाकिस्तान की नई गठबंधन सरकार ने मुशर्रफ पर महाभियोग चलाने का फ़ैसला किया. 11 अगस्त, 2008 पर संसद ने उन पर महाभियोग की कार्रवाई शुरू की.
इस दौरान, ये कहा गया कि या तो वो खुद इस्तीफा दे दें या फिर उनपर महाभियोग चलाया जाएगा. लिहाज़ा, 18 अगस्त 2008 को मुशर्रफ़ ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफ़ा देने की घोषणा की.
व्लादिमीर नोबोकोव की किताब ‘लोलिता' हुई प्रकाशित
आज ही के दिन लेखक व्लादिमीर नोबोकोव का प्रसिद्द और विवादित उपन्यास ‘लोलिता’ प्रकाशित हुआ था. यह अमेरिका से प्रकाशित हुआ. उनकी यह किताब एक ऐसे आदमी पर आधारित थी, जिसपर एक बारह साल की लड़की के लिए जूनून सवार हो जाता है. इस पटकथा को सुनकर उन्हें चार पब्लिशिंग हाउस ने छापने से मना कर दिया था.
बाद में, इसे G.P Putnam’s sons ने प्रकाशित किया. इसके साथ ही यह दुनिया की ‘बेस्टसेलर’ बुक बन गयी. इस उपन्यास के बाद ही उन्होंने अपने प्रोफेसर के करियर से संन्यास ले लिया. उन्होंने बीस साल तक अमेरिका में रहकर बतौर प्रोफेसर काम किया था.
रूस में जन्मे नोबोकोव को रसियन और अंग्रेजी दोनों भाषा आती थी. उनकी पहली बुक थी ‘द रियल लाइफ ऑफ सेबेस्टियन नाइट’. अमेरिका में उनकी सबसे ज्यादा चर्चित किताबों में ‘लोलिता’ और ‘ऐडा’ का नाम शुमार है.
साल 1977 में उनकी मौत स्विट्ज़रलैंड में हुई थी.
Web Title: Day In History 18 August, Hindi article
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