इतिहास में घटित -घटनाएं, हमारे वतमान समय से जुड़ी हैं. कई घटनाएँ इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो जाती हैं.
यदि आज की तारीख पर नजर डालें तो पता चलता है कि, 20 सितंबर 1985 को रेलवे संपत्ति और यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे सुरक्षा बल की स्थापना की गई थी.
वहीं 20 सितंबर 1947 को पहली बार फ्रांस में कान फिल्म समारोह की शुरुआत की गई. इसके अलावा 1887 को आज ही के दिन 'द हिंदू' का प्रकाशन प्रारंभ हुआ.
तो वहीं भारत में होमरूल लीग की संस्थापिका एनी बेसेंट ने 17 सितंबर 1933 में दुनिया को अलविदा कह दिया.
तो चलिए विस्तार से जानते हैं, आज के दिन घटित कुछ ऐसी ही देश-विदेश की ऐतिहासिक घटनाओं के बारे में–
रेलवे सुरक्षा बल की हुई स्थापना
भारत की अर्थव्यवस्था में रेलवे का एक बहुत बड़ा योगदान रहा है. रेलवे ने यात्रियों, खाद्य पदार्थ और अन्य सामग्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने का कार्य किया.
हालांकि, अंग्रेजी शासन काल से चली आ रही रेलवे में सुरक्षा व्यवस्था की बेहद कमी थी. रेलवे यात्रा के दौरान यात्रियों के साथ दुर्व्यवहार होता था.
रेलवे संपत्तियों की चोरी और डकैती जैसी वारदातें हुआ करती थीं. ऐसी तमाम तरह की परेशानियों को देखकर भारत सरकार ने 20 सितंबर 1985 को एक सैन्य सुरक्षा बल की स्थापना की और उसका नाम रेलवे सुरक्षा बल रखा गया.
रेलवे सुरक्षा बल अर्थात RPF. यह भारत के सर्वोत्तम सुरक्षा बलों में शुमार है. यह सुरक्षा बल देश के रेलवे यात्रियों की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है.
यह रेलवे की संपत्तियों की भी रक्षा करने का कार्य करता है. भारतीय केंद्रीय सैनिक सुरक्षा बल को पैरामिलिट्री फाॅर्स के रूप में भी जाना जाता है.
यह सुरक्षा बल भारतीय रेलवे के अधीन रहकर कार्य करता है. RPF में सैनिकों की संख्या 75,000 से भी ज्यादा बताई जाती है.
इसका सर्वोच्च अधिकारी डायरेक्टर जनरल होता है. तत्कालिक समय में RPF के डायरेक्टर जनरल धर्मेंद्र कुमार हैं और यह IPS अधिकारी भी हैं.
RPF का मुख्य कार्य रेलवे सुरक्षा संबंधित सभी मामलों की जांच व उसका निपटारा करना है. सुरक्षा बल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि, रेलवे संबंधित सुरक्षा के साथ-साथ यह मानवीय कार्यों में भी अपना सहयोग देते हैं.
यह रेलवे स्टेशन पर भीख मांगते अनाथ बच्चों की सहायता व उनके पुनर्स्थापन की व्यवस्था भी करते हैं.
कान फिल्म समारोह की शुरुआत
कान फिल्म फेस्टिवल एक ऐसा महोत्सव है, जो विश्व के बेहतरीन कलाकारों को उनकी बेहतरीन अदाकारी के लिए सम्मानित करता है.
यह उनका प्रोत्साहन बढ़ाता है. इस फिल्म फेस्टिवल की शुरुआत 20 सितंबर 1947 को की गई थी. यह दुनिया भर के मशहूर कलाकारों को सम्मानित करने के एक मंच के रूप में भी प्रसिद्ध है.
कहा जाता है कि इसकी शुरुआत 1932 में फ्रांस के एजुकेशन मिनिस्टर करना चाहते थे. हालांकि, आर्थिक तंगी के कारण वह इस फेस्टिवल की शुरुआत नहीं कर पाए.
इसके बाद दूसरे विश्व युद्ध के कारण भी यह रद्द हो गया था. कान फ्रांस का बहुत खूबसूरत शहर है. यह शहर समुद्र तट के पास बसा हुआ है.
कान शहर पर्यटन के लिहाज से काफी मशहूर है. जब इस फेस्टिवल की शुरुआत 20 सितंबर 1946 को की गई, उस समय 18 देशों ने इसका प्रतिनिधित्व किया था.
हर साल मनाया जाने वाला यह फिल्म महोत्सव, दुनिया भर के बेहतरीन फिल्मों, कलाकारों और डायरेक्टरों की फिल्म के मानक स्तर की जाँच करता है.
इस फ़िल्म महोत्सव में हर साल देश-विदेश से लगभग 30,000 लोग हिस्सा लेने आते हैं.
भारत से ऐश्वर्या राय बच्चन और अमिताभ बच्चन जैसे मुख्य कलाकार इस फेस्टिवल की शोभा बढ़ा चुके हैं.
'द हिंदू' समाचार पत्र की हुई शुरुआत
'द हिंदू' भारत में प्रकाशित होने वाला एक दैनिक अंग्रेजी अखबार है. अपनी विश्वसनीयता के लिए प्रसिद्ध इस दैनिक समाचार पत्र का मुख्यालय चेन्नई में स्थित है. द हिंदू का प्रकाशन आज ही के दिन 20 सितंबर 1887 को शुरू हुआ था.
इसे वक़ालत की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों ने शुरू किया था. उनमें से मुख्य नाम पीवी रंगाचर्या, टी.टी रंगाचर्या और डा केशव राव जैसे लोग शामिल हैं.
शुरुआत में द हिंदू एक साप्ताहिक पत्रिका थी. बाद में दैनिक रूप से 1889 में प्रारंभ हो गया. यह अखबार भारत के प्रतिष्ठित अखबारों में शुमार होता है.
2014 के सर्वेक्षण के अनुसार भारत में पढ़े जाने वाले अंग्रेजी समाचार पत्रों में द हिंदू का स्थान तीसरे पायदान पर था.
वहीं अंग्रेजी अखबारों के क्षेत्र में टाइम्स ऑफ इंडिया पहले पायदान पर तो दूसरे नंबर पर हिंदुस्तान टाइम्स था.
द हिंदू को लेकर कई लोग मानते हैं कि, यह अखबार बुद्धिजीवियों का अखबार है और इस अखबार की विश्वसनीयता को अंकों के आधार पर मापा नहीं जा सकता.
द हिंदू, दक्षिण भारत में समाचार पत्रों के में पहला स्थान रखता है. दक्षिण भारत के केरल और तमिलनाडु में सबसे ज्यादा बिकने वाला अंग्रेजी अखबारद हिंदू ही है.
इस अखबार का विस्तार लगभग पूरे भारत में है. वर्ष 2010 के आंकड़ों के अनुसार, द हिंदू के उद्यम से 1600 से भी अधिक लोग जुड़े हुए हैं, तथा इसकी वार्षिक आय 200 बिलियन डॉलर से अधिक है.
सभी अखबारों की तरह इस अखबार का भी आय का मुख्य स्रोत विज्ञापन व अंशदान है, द हिंदू ऑनलाइन संस्करण उपलब्ध कराने वाला भारत का पहला समाचारपत्र है.
द हिंदू ने ऑनलाइन समाचार की शुरुआत 1995 में हीं कर दिया था, 2015 के आंकड़ों के अनुसार भारत के 9 राज्यों में 18 स्थानों पर द हिंदू का प्रकाशन होता है.
यह अख़बार अपने पाठकों को समाचार के सभी पहलुओं से अवगत कराने का कार्य करता,
एनी बेसेंट की मृत्यु
एनी बेसेंट भारतीय महिला आदोलन के इतिहास में बेहद महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं. एनी रुढ़िवादी समाज के बेहद ही खिलाफ थीं, वह महिलाओं के राजनैतिक अधिकारों के लिए भारत में आन्दोलन शुरू किया.
1914 में वह भारतीय कांग्रेस में शामिल हो गईं और वह 1917 में कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष बनीं. 1917 में कांग्रेस अधिवेशन में राष्ट्रीय झंडे से जुड़े मुद्दे को उठया गया.
होमरुल लीग आन्दोलन के उद्देश्य के पीछे का कारण था कि, भारत को अंग्रेजी साम्राज्य के अधीन रहते हुए, संवैधानिक तरीके से अधिकार प्राप्त करना था.
होमरुल लीग आन्दोलन की सुरुआत बाल गंगाधर तिलक ने 28 अप्रैल 1916 को शुरू किया था. बाद में तिलक जी से प्रभावित होकर श्रीमती एनी बेसेंट होमरुल लीग आन्दोलन से जुड़ गईं.
इस आन्दोलन से एनी बेसेंट ने समाज को एक नया आयाम देने चाहती थीं. उन्होंने ने न्यू इंडिया नाम के एक दैनिक पत्र में 14 जुलाई से प्रकाशन प्रारंभ किया, उनके लेखों का अर्थ था कि, भारत ले लोगों में स्वतंत्रता और राजनीतिक चेतना जागे.
1916 में उन्होंने 'होमरूल लीग' की स्थापना की, एक तरफ बाल गंगाधर तिलक होमरूल लीग के प्रचार अपने पत्र 'मराठा' एवं 'केसरी' से कर रहे थे. श्रीमती एनी बेसेंट पत्र 'कॉमनवील' एवं 'न्यू इण्डिया' के माध्यम से 'होमरूल' के प्रचार अभियान में जुटी थीं.
1931 के बाद एनी बेसेंट का स्वास्थ्य गिरने लगा और 17 सितंबर 1933 को एनी बेसेंट ने दुनिया को अलविदा कह दिया|
तो ये थीं 20 सितंबर के दिन इतिहास में घटित कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं.
अगर आपके पास भी इस दिन से जुड़ी किसी महत्वपूर्ण घटना की जानकारी या सुझाव है. तो हमें कमेन्ट बॉक्स में जरूर बताएं.
Web Title: Day In History 20 September, Hindi Article
Feature Image: thestatesman