हमारे आस पास जो भी वर्तमान में वक़्त बीतता है उसमें दुनिया के किसी न किसी कोने में कुछ न कुछ ज़रूर घटित होता है. उस बीते हुए वर्तमान को भविष्य में हम इतिहास के रूप में जानते हैं मगर कुछ ऐसे भी ऐतिहासिक किस्से होते हैं, जो हमारे लिए बहुत खास या दिलचस्प होते हैं हर एक तारीख में कुछ न कुछ ऐतिहासिक बसा ही होता है. हर एक दिन में कई कहानियाँ छिपी होती हैं. ऐसी ही कई कहानियाँ छिपी हैं 29 मई के दिन में. तो चलिए जानते हैं 29 मई के कुछ दिलचस्प किस्सों के बारे में–
फुटबॉल मैच में हुए दंगे में गईं 39 जिंदगियां!
29 मई 1985 को फुटबॉल फैंस के लिए एक काला दिन साबित हुआ था. आज ही के दिन बेल्जियम में होने वाले यूरोपीयन फुटबॉल मैच के दौरान दोनों खेल रही टीमों के फैंस के बीच भिडंत हो गई जिसमें 39 फुटबॉल प्रेमियों की मौत हो गयी थी. इसलिए इस दिन को 'द डार्केस्ट ऑवर इन द हिस्ट्री ऑफ़ यूएफा' के नाम से भी जाना जाता है. आपको बता दें कि यह फाइनल फुटबॉल मैच ब्रुसेल्स के हेसल स्टेडियम में इटली के जुवेंटस एफसी और इंग्लैण्ड के लिवरपूल क्लब के बीच खेला जा रहा था.
कहा जाता है कि इस मैच में दोनों टीम के फैंस को अलग अलग रखा गया था क्योंकि फ़ाइनल मैच के पहले भी लिवरपूल और इटली के रोमा क्लब के बीच बीच खेल में भिडंत हो गई थी. हालाँकि इस मैच के किकऑफ होते ही माहौल गर्म हो गया और लिवरपूल के फैंसों ने तारों के घेरे को तोड़ते हुए जुवेंटस के फैंस पर हमला कर दिया. जुवेंटस के फैन की संख्या कम होने के कारण वह डर से भागने लगे. बताया जाता है कि स्टेडियम के पीछे की दिवार की हालत खराब थी.
भगदड़ के दौरान लोगों में अफरा तफरी का माहौल बन गया. इसके कारण पीछे की दिवार गिर पड़ी. उसके नीचे कई सारे लोग दब गए. दिवार के नीचे दबने से लगभग 100 लोग घायल हो गए और वहीँ 39 लोगों को अपनी जान गवांनी पड़ीं हालाँकि इस भगदड़ के बीच भी मैच जारी रहा जिसमें इटली की जुवेंटस एफसी की टीम ने 1-0 से मैच को जीत लिया था. ऐसा कहा जाता है कि उसी दिन से यूएफा ने इंग्लैंड के सभी कल्बों को यूरोपीयन कप में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया था. हालाँकि जो बाद में ख़त्म कर दिया गया था.
माउंट एवरेस्ट पर तक पहुंचे इंसानी कदम!
एक तरफ जहाँ आज का दिन फुटबॉल फैंस के लिए अंधकार लेकर आया. वहीँ दूसरी तरफ हिमालय के माउंट एवरेस्ट पर पहली बार पर्वतारोहियों को फतह हासिल हुई थी जिन्हें इतिहास एडमंड हिलेरी और तेनजिंग नॉर्गे के नाम से जानती है. जी हाँ आज ही के दिन 29 मई 1953 न्यूजीलैंड के सर एडमंड हिलेरी और नेपाल के शेरपा तेनजिंग नार्गे ने माउंट एवरेस्ट पर विजय हासिल की और ऐसा करने वाले पहले इंसान बने. कहा जाता है कि हिलेरी अपनी तीसरी कोशिश में एवरेस्ट पर विजय पाने में कामयाब हुए थे.
पहली बार न्यूजीलैंड की सबसे ऊँची चोटी पर चढ़ने के बाद हिलेरी सन 1951 में एरिक शिफ्टन के नेतृत्व में एवरेस्ट अभियान का हिस्सा बने. हालांकि वह सफल नहीं हो पाए. वहीं दूसरी बार वे 1952 में ब्रिटिश एवरेस्ट अभियान का हिस्सा बनें. इस बार तेनजिंग भी उनके साथ थे मगर कहा जाता है कि ख़राब मौसम की वजह ये इन दोनों को जीत नसीब नहीं हुई. दो बार नाकामयाबी मिलने के बाद हिलेरी का हौसला नहीं टूटा और तेनजिंग ने भी अपनी हिम्मत नहीं हारी.
इन दोनों को फिर से 1953 में ब्रिटिश अभियान दल में शामिल होने का अवसर प्राप्त हुआ. जिसका नेतृत्व जान हंट कर रहे थे. कहा जाता है कि एडमंड हिलेरी और तेनजिंग नॉर्गे दोनों एक ही टीम का हिस्सा थे. जान हंट ने पहली टीम को भेजा जो नाकामयाब रही और वापस आ गयी. उसके बाद इन दोनों को चढ़ाई के लिए भेजा. ऐसा माना जाता है कि इन दोनों ने बर्फली चट्टानों और ठंडी हवाओं का सामना करते हुए 8500 मीटर की ऊंचाई पर अपना टेंट लगाया और रात वहीँ बितायी.
अगली सुबह दोनों चढ़ाई के लिए तैयार हो गए. हालाँकि कहा जाता है कि हिलेरी के पैर ठंड की वजह से जम गए थे. इससे उनको चलने में तकलीफ हो रही थी. कुछ देर तक अपने पैरों को गर्म करने के बाद दोनों एवरेस्ट फतह करने बढ़ गए. कई सारी मुश्किलों का सामना करते हुए एडमंड हिलेरी और तेनजिंग नॉर्गे ने आख़िरकार एवरेस्ट पर जीत का परचम लहराते हुए इतिहास में माउंट एवरेस्ट पर पहुँचने वाले प्रथम व्यक्ति के तौर पर अपना नाम दर्ज करवाया.
जहाज दुर्घटना में 1000 लोगों की मौत!
आज ही के दिन 29 मई 1914 को कनाडा में घने कोहरे के कारण सेंट लारेंस नदी में दो जहाजों के टकराने से लगभग 1073 लोगों की मौत हो गयी थी! कहा जाता है कि ये इतिहास में सबसे भयानक समुद्री आपदाओं में से एक था. बताया जाता है कि 28 मई को आयरलैंड के एम्प्रेस जहाज को 1057 यात्रियों और 420 चालक दल के सदस्यों के साथ हरी झंडी दी गयी थी. हालाँकि अगली सुबह लगभग 2 बजे एम्प्रेस सेंट लारेंस नदी के फादर पॉइंट के करीब पहुंचा था.
ठीक उसी समय नार्वेजियन कोयला माल वाहक जहाज जिसका नाम स्टोरस्टेड था वो भी इसी के करीब था. स्टोरस्टेड जहाज कोहरे की स्थिति को बताने में असफल रहा. जिससे ज्यादा धुंध होने पर जहाज रुक जाता है. वहीं दोनों जहाजों को एक दूसरे के पास होने का अनुमान लग चुका था. कहा जाता है कि एम्प्रेस पूरी तरह से रुक चुका था. उतने में ही स्टोरस्टेड आकर एम्प्रेस से टकरा गया. जिसके कारण उसके कुछ हिस्से ख़राब हो गए.
हालात तब और ख़राब हो गए जब स्टोरस्टेड के कप्तान थामस एंडरसन ने दुर्घटना के बाद इंजन को रिवर्स कर दिया और कई सारे यात्रियों को कुचल दिया. कहा जाता है कि इस दुर्घटना के बाद एम्प्रेस सिर्फ 14 मिनट के अंदर ही डूब गया और इसी के साथ कई यात्री डूब गए. उनमें से सिर्फ 217 यात्री और 248 चालक दल अपनी जान बचाने में कामयाब हो पाए थे. एंडरसन ने बाद में सजा पाने के डर से जांचकर्ताओं से एम्प्रेस पर कई सारे दोष मढ़ने की कोशिश की.
जापान की मिस रियो मोरी बनी मिस यूनिवर्स
आज का दिन जापान के लिए बहुत खास था क्योंकि आज ही के दिन जापान की मशहूर एक्ट्रेस और डांसर ने मिस यूनिवर्स का ख़िताब जीत कर जापान का नाम रोशन किया था. हम बात कर रहे हैं 2007 कि जब जापान की सुंदरी मिस रियो मोरी ने मिस यूनीवर्स का ख़िताब अपने नाम किया था. उन्होंने ब्राज़ील की नतालिया गुइमारेस को पछाड़ते हुए ये ख़िताब अपने नाम किया था, जो दूसरे नंबर पर थीं. वहीँ इसी साल भारत की ओर से पूजा गुप्ता अंतिम दस में अपना स्थान बना पाने में सफल हो सकी थीं
तो यह थीं 29 मई की कुछ ख़ास घटनाएं. इस दिन से जुड़ी कोई और घटना अगर आपको भी याद है, तो कमेंट बॉक्स में उसे हमारे साथ जरूर बांटे.
Web Title: Day In History 29 May, Hindi Article
Feature Representative Image Credit: chandra-thapa