रोजाना दुनिया में इतना कुछ होता है कि कोई न कोई घटना ऐतिहासिक बन ही जाती है. यह घटनाएं किसी के लिए आम होती हैं, तो किसी के लिए बेहद ही खास. दुनिया के किसी कोने में लोग किसी पुरानी घटना को याद करके हँसते हैं, तो कहीं पर लोगों की आँखों में आंसू होते हैं.
हर दिन ऐसी ही मिली जुली चीजों से बना होता है. ऐसा ही एक दिन है 9 जुलाई का. इस दिन दुनिया में इतनी महत्वपूर्ण चीजें हुई हैं कि उनके बारे में जानना बेहद ही जरूरी हो जाता है. तो चलिए आज क्यों ना 9 जुलाई के इन खास वाखियों के बारे में जाने–
हिंदी फिल्म के महान कलाकार गुरु दत्त का जन्म
जब भी भारत में फिल्मों की बात आती है, तो गुरु दत्त का नाम आना लाज़मी है. इनके बिना तो मानो भारत की फिल्मी दुनिया अधूरी है.
9 जुलाई 1925 को जन्मे गुरु दत्त एक सफल एक्टर, डायरेक्टर और प्रोडूसर थे. उन्होंने फिल्मों को कुछ इस तरह से बनाया कि देखने वाले उनके दीवाने हो गए.
शायद इसलिए ही उन्हें इंडिया का Orson Welles कहा जाता था. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि Orson Welles एक बहुत बड़े अमेरिकी डायरेक्टर और एक्टर थे.
अपने शुरूआती समय में गुरु दत्त एक टेलीफोन ऑपरेटर की नौकरी किया करते थे. हालांकि एक बार जैसे ही उन्हें फिल्मों का चस्का लगा उन्होंने वो काम छोड़ दिया.
इसके बाद गुरु दत्त ने सिर्फ फिल्म बनाने पर अपना ध्यान दिया. उन्होंने प्यासा और कगाज़ के फूल जैसी कुछ बहुत ही बेहतरीन फिल्में बनाई हैं.
यह दोनों फिल्में टाइम पत्रिका की "All Time" 100 बेस्ट फिल्मों की सूची में शामिल हैं. आज न सिर्फ भारत बल्कि विदेशों में भी गुरु दत्त का नाम प्रसिद्ध है.
शुरू हुआ विंबलडन टूर्नामेंट
टेनिस खेलने और देखने वालों को जरूर पता है कि विंबलडन टूर्नामेंट कितना महत्वपूर्ण होता है. इससे पहले इंग्लैंड में लॉन टेनिस की कोई एक प्रतियोगिता नहीं की जाती थी.
हालांकि विंबलडन की शुरुआत के बाद सब कुछ बदल गया. 9 जुलाई 1877 को विंबलडन टूर्नामेंट का सबसे पहला मैच खेला गया.
इस पहले टूर्नामेंट में 21 युवा लड़कों ने भाग लिया था. ये सभी इंग्लैंड के अलग-अलग इलाकों से यहाँ पर आए थे. ये टूर्नामेंट काफी सफल रहा था.
अखबार में इसकी खबर आने के बाद पूरे इंग्लैंड देश से लोग इसे देखने आए थे. पहला टूर्नामेंट इतना सफल रहा इसलिए फिर इसे सालाना आयोजित करने का एलान कर दिया गया.
थोड़े ही टाइम बाद महिलाओं के बीच भी टेनिस की लोकप्रियता बढ़ने लगी. इसलिए 1884 में महिलाओं के लिए भी विंबलडन टूर्नामेंट आयोजित किया गया.
उस दिन के बाद से विंबलडन एक विश्व प्रसिद्ध टूर्नामेंट बनकर सामने आया. आज दुनिया भर के बड़े-बड़े टेनिस खिलाड़ी इस टूर्नामेंट में खेलते हैं.
हर कोई चाहता है कि उसके हाथों में भी एक बार विंबलडन की चमचमाती ट्रॉफी हो. हालांकि बहुत कम लोगों को ही ये नसीब होती है.
इंग्लैंड की महारानी के कमरे में चोरी-छिपे घुसा एक शख्स!
इंग्लैंड के लिए उनकी रानी की हिफाजत सर्वोपरि है. इसलिए बकिंघम पैलेस के बाहर हर समय पुलिस और सुरक्षाकर्मियों की नजर रहती है.
ऐसा इसलिए ताकि कोई भी व्यक्ति रानी को नुक्सान पहुंचाने के लिए अंदर न आ सकें. हालांकि 9 जुलाई 1982 के दिन सुरक्षाकर्मियों की नजरों से एक व्यक्ति चूक गया.
उस दिन महारानी अपने कमरे में थी. सुरक्षाकर्मी हमेशा की तरह बकिंघम पैलेस के बाहर खड़े थे. थोड़े ही वक्त में पहले सुरक्षाकर्मियों के बैच का समय समाप्त हो गया.
इसलिए वह सब जाने लगे और कुछ पलों के लिए महल खाली हो गया. इतनी ही देर में एक 31 साल का व्यक्ति माइकल दौड़ते हुए महल के अंदर पहुँच गया.
वो जाते ही सीधा रानी के कमरे तक पहुँच गया. रानी अपने कमरे में थी कि अचानक वो दरवाजा खोलकर अंदर भी घुस गया.
रानी ये सब देखकर डर गयीं. नंगे पैर और सिर्फ एक टीशर्ट पहना हुआ वह व्यक्ति करीब 10 मिनट तक रानी के साथ कमरे में रहा.
कहते हैं कि इस बीच वह रानी से बातें ही करता रहा. बाहर किसी को भी नहीं पता था कि रानी के कमरे में कोई छिपा हुआ है.
इसी बीच उस व्यक्ति ने रानी के कमरे में सिगरेट जलाई. जैसे ही सिगरेट का धुंआ कमरे में फैला स्मोक अलार्म बजने लगा.
आलम सुनते ही एक नौकर कमरे में आया जिसने उस आदमी को देखते ही पकड़ लिया. सुरक्षाकर्मियों के आने तक नौकर ने उस व्यक्ति को पकड़े रखा.
इसके बाद उसे पकड़कर पुलिस हिरासत में डाल दिया गया.
ब्रिटिश युद्धपोत में हुआ धमाका!
ये बात है 9 जुलाई 1917 की. ब्रिटिश नौसेना के पास HMS Vanguard नाम का उनका सबसे बड़ा युद्धपोत था. ये युद्धपोत बड़े से बड़े दुश्मन को डुबाने की ताकत रखता था.
हालांकि उस दिन कुछ ऐसा हुआ कि ये खुद ही डूब गया. बीच समुद्र में खड़े इस जहाज से अपने आप ही आग की लपटें निकलने लगीं.
कुछ ही पलों में आग इतनी बढ़ गयी कि पूरा जहाज जलने लगा. तुरंत ही बचाव कार्य भी शुरू किया गया. बचावकर्मी कुछ कर पाते इससे पहले ही जहाज में एक जोरदार धमाका हुआ.
धमाका इतना जोरदार था कि दूर-दूर तक लोगों को उसकी आवाज सुनाई दी. लोग समझ पाते कि ये धमाका किस कारण हुआ है, इससे पहले ही एक और धमाका हो गया.
इसके बाद कुछ ही समय में HMS Vanguard पूरी तरह से नष्ट हो गया और पानी में डूब गया. आज तक इस जहाज के डूबने का असली कारण नहीं पता चला है. हालांकि माना जाता है कि ये जहाज में हुई आंतरिक गड़बड़ी के कारण हुआ था.
तो ये थीं 9 जुलाई से जुड़ी ऐतिहासिक घटनाएं. इस दिन से जुड़ी कोई और घटना अगर आपको पता है, तो कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं.
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