कैलेंडर की हर एक तारीख अपने आप में महत्वपूर्ण है. दुनिया के हर कोने में गुजरती ऐतिहासिक घटना कैलेंडर पर छपी इन तारीखों में कैद हो जाती है, जिन्हें आने वाली नस्लें याद रखती हैं. ऐसे में जिंदगी का हर दिन इंसान को कई तरह के अनुभव देकर जाता है. वहीं इस दिन से जुड़े कुछ ऐतिहासिक किस्से भी आपको याद रह जाते हैं.
आज हम ‘डे इन हिस्ट्री’ की इस कड़ी में 28 अप्रैल में दर्ज ऐसी ही कुछ किस्सों को इतिहास के पन्नों से निकालकर आपके सामने रखने जा रहे हैं–
डेनिस एंथोनी बने पहले स्पेस टूरिस्ट
जब बात चांद पर पहला कदम रखने वाले व्यक्ति की होती है, तो अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग का नाम लिया जाता है. 20 जुलाई साल 1969 को अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग ने चांद पर पहुंच कर एक नया इतिहास रचा था. ठीक इसी कड़ी में अमेरिका के डेनिस एंथोनी अंतरिक्ष में बतौर टूरिस्ट जाने वाले पहले व्यक्ति बने थे.
अमेरिकी बिजनेसमैन डेनिस एंथोनी तो काफी धन खर्च कर बतौर टूरिस्ट अंतरिक्ष में गये थे. अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से डेनिस एंथोनी रशियन सोयूज़ टीएम 32 बूस्टर से अंतरिक्ष गये थे. माना जाता है उन्होंने इस अंतरिक्ष यात्रा के लिए करीब 20 मिलियन डॉलर खर्च किए थे और करीब 8 दिन बतौर टूरिस्ट अंतरिक्ष में बिताए थे.
28 अप्रैल 2001 को अंतरिक्ष में जाने के बाद वह 6 मई को वापिस पृथ्वी पर आ गए थे. इसी के साथ यात्री के तौर पर अंतरिक्ष में जाने के लिए डेनिस एंथोनी का नाम और उनकी यात्रा इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई.
First Private Citizens Having Access to Space ( twimg.com)
क्रूर तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी की हत्या
मुसोलिनी को इटली के क्रूर तानाशाह के रूप में जाना जाता है. बेनिटो मुसोलिनी और हिटलर की दोस्ती भी किसी से छुपी नहीं है. माना जाता है कि हिटलर ने मुसोलिनी के साथ मिलकर कई देशों पर आक्रमण करने की योजना को अंजाम दिया था.
अपने समय में इटली में राज करने वाले बेनिटो मुसोलिनी के जीवन का अंत काफी बुरा रहा. इटली की जनता ने मुसोलिनी और उसकी गर्लफ्रेंड की हत्या कर दी थी.
मुसोलिनी ने राष्ट्रीय फासिस्ट पार्टी का नेतृत्व किया था. हिटलर के करीबी बेनिटो ने दूसरे विश्व युद्ध में जर्मन सेना की काफी मदद की थी, जिसके बाद इटली को इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा. इस कारण लोग मुसोलिनी के विरोध में उतर आये थे.
इसी क्रम में 25 जुलाई साल 1943 में मुसोलिनी को इटली के प्रधानमंत्री के पद से हटा दिया गया था. जिसके बाद उसे सजा भी हुई. माना जाता है कि मुसोलिनी को जेल से छुड़ाने के लिए हिटलर ने उसकी काफी मदद की थी.
जेल से छूटने के बाद मुसोलिनी जर्मन चला गया था. दो वर्ष बाद, जब वह वापस इटली लौटा तो 28 अप्रैल 1945 को उसे और उसकी गर्लफ्रेंड क्लारा पेटाची की हत्या कर दी गई. भीड़ ने दोनों के शवों को इटली के शहर ‘मिलान’ के चौराहे पर टांग दिया था.
Benito Mussolini ( phactual.com)
धमाके से दहला दक्षिण कोरिया का मेट्रो स्टेशन
आज का दिन दक्षिण कोरिया के लिए काफी कड़वी यादें लेकर आया. दक्षिण कोरिया में हुए धमाकों में सौ से अधिक लोगों की दर्दनाक मौत हो गई.
यह ख़तरनाक हादसा दक्षिण कोरिया के तीसरे सबसे बड़े शहर तायगू में हुआ था. तायगू के मेट्रो स्टेशन के पास किसी इमारत का निर्माण कार्य चल रहा था, जिसमें गैस का रिसाव होने से यह हादसा हुआ. इस भयानक हादसे में स्कूली बच्चों समेत कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी.
गैस रिसाव होने के कारण मेट्रो स्टेशन के पास भी विस्फोट हो गया. जिससे आसपास के क्षेत्र में तेज़ी से आग लग गई. हादसा इतना खतरनाक था कि आग को बुझाने के लिए पूरी रात फायर ब्रिगेड के लोग वहां डटे रहे. हादसे के बाद मरने वालों की संख्या करीब सौ से ऊपर पहुंच गई थी. जबकि, इस हादसे में 200 लोग बुरी तरह से ज़ख्मी हो गये थे. इस हादसे को कोरिया गैस विस्फोट के नाम से भी जाना जाता है.
Gas Blast In South Korea ( wsj.net)
जाम्बिया प्लेन क्रैश में फुटबॉलर्स की मौत
जाम्बिया फुटबॉल टीम के तीस खिलाड़ियों की प्लेन क्रैश में मौत हो गई थी.
28 अप्रैल 1993 में हुए इस प्लेन क्रैश में जाम्बिया की राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ियों समते 30 लोग मारे गये थे. साल 1994 में होने वाले फुटबॉल वर्ल्डकप के लिए जाम्बिया की टीम क्वालीफाई मैच खेल रही थी.
सेना के प्लेन से जाम्बिया की टीम के खिलाड़ियों को सेनेगल लेकर जाया जा रहा था, जहां जाम्बिया को क्वालीफाई मैच के दूसरे राउंड में प्रतिभाग करना था. सेना के प्लेन ने हवा में उड़ान भरी ही थी कि उसमें तकनीकी खराबी आ गई.
लाख कोशिशों के बावजूद प्लेन को सकुशल धरती पर लैंड नहीं कराया जा सका. इसके परिणाम स्वरूप प्लेन में सवार तीस लोगों की मौत हो गई.
हालांकि, खिलाड़ियों की मौत के बाद उनके परिवार वालों ने सरकार पर आरोप लगाया था कि तकनीकी खराबी होने का पता होने के बावजूद खिलाड़ियों को प्लेन में बैठाया गया. जाम्बिया के राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ियों की मौत के बाद पूरे फुटबॉल जगत में शोक की लहर दौड़ गई थी.
Footballer Players Died in Zambia Plane Crash (wp.com)
फ्रांस के राष्ट्रपति चार्लेस डीगोले का इस्तीफा
फ्रांस के महानतम राष्ट्रपति में शुमार चार्लेस डीगोले ने आज के दिन यानी 28 अप्रैल को फ्रांस के राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था. चार्लेस को दूसरे विश्व युद्ध के दौरान उनके द्वारा लिए गए बड़े फैसलों के लिये याद किया जाता है.
इसके साथ ही वह यूरोपियन मार्केट में ब्रिटिशर्स द्वारा किये गए निवेश के खिलाफ थे. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने फ्रांस देश के हित में कई कड़े फैसले लिए. फ्रांस में उपद्रव मचाने और नियमों को उल्लघंन करने के कारण चार्लेस ने अलजीरिया देश के 130 लोगों की फांसी पर मुहर लगाई थी.
27 अप्रैल को चार्लेस की अध्यक्षता में संवैधानिक रूप से एक प्रस्ताव पारित किया गया. जिसके तहत सरकार अपनी मर्जी से किसी भी प्रबंधकारिणी समिति को हटा सकती थी या फिर उसमें बदलाव कर सकती थी. अगर ऐसा होता तो फ्रांस सरकार बिना जनता की राय लिए कोई भी फैसला जनता पर थोप सकती थी.
पचास प्रतिशत से अधिक लोगों ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया. इसके बाद जनता चार्लेस डीगोले के विरोध में सड़कों पर आ गई. अंत में चार्लेस को जनता के विरोध के आगे झुकना पड़ा और 28 अप्रैल 1969 को फ्रांस के राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया.
France President Charles De Gaulle ( biography.com)
तो यह थी 28 अप्रैल से जुड़ी कुछ प्रसिद्ध घटनाएं. इस दिन से जुड़ी कोई और घटना अगर आपको याद है, तो कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं.
Web Title: Historical Events On April 27, Hindi Article
Feature Image Credit: thenationalinterest