इतिहास एक दिन में नहीं बनता, लेकिन हर दिन इतिहास के बनने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है.
5 अगस्त के इतिहास के लिए भी यही मायने हैं. इस दिन इतिहास की कुछ बहुत महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं.
तो आईए नज़र डालते हैं, इस दिन घटी ऐतिहासिक घटनाओं पर-
दुनिया को मिला 'नील आर्मस्ट्रांग' जैसा खगोलयात्री
5 अगस्त के ही दिन 1930 को नील आर्मस्ट्रांग का जन्म हुआ था. वहीं आर्मस्ट्रांग जिन्हें अपोलो अभियान के खगोलयात्री के रूप में चंद्रमा पर कदम रखने वाले पहले व्यक्ति के रूप में जाना जाता है.
इससे पहले वे जेमिनी अभियान के दौरान भी अंतरिक्ष यात्रा कर चुके थे. अपोलो 11, वह अभियान था जिसमें जुलाई 1969 में पहली बार चंद्रमा पर मानव सहित कोई यान उतरा और आर्मस्ट्रांग इसके कमांडर थे.
उनके अलावा इसमें बज़ एल्ड्रिन, जो चाँद पर उतरने वाले दूसरे व्यक्ति बने, और माइकल कॉलिंस जो चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगाते मुख्य यान में ही बैठे रहे, शामिल थे.
पिता स्टीफेन ओहायो सरकार के लिए काम करने वाले एक ऑडिटर थे और उनका परिवार इस कारण ओहायो के कई कस्बों में भ्रमण करता रहा. नील के जन्म के बाद वे लगभग 20 कस्बों में स्थानंतरित हुए.
इसी दौरान नील की रूचि हवाई उड़ानों में जगी. नील ने अपने 16वें जन्मदिन पर स्टूडेंट फ्लाईट सर्टिफिकेट हासिल किया और उसी वर्ष अगस्त में ही अपनी एकल उड़ान भरी. आगे उन्होंने अमेरिका के कई युद्ध अभियानों में भी भाग लिया.
उनकी इस क्षमता को देखते हुए ही अमेरिकी सरकार ने उन्हें चन्द्रमा पर जाने के लिए चुना.
इलेक्ट्रिक ट्रैफिक सिग्नल की शुरूआत
“ट्रैफिक लाईट” इसे इसी नाम से पुकारा जाता है और हर एक सड़क के कोने पर या सामने लगने वाली ये चीज़ बनी कब थी ? लेकिन क्या आपको मालूम है कि इसकी शुरुआत कब हुई. जी हाँ, 5 अगस्त 1914 के दिन इलेक्ट्रिक ट्रैफिक सिग्नल पहली बार अस्तित्व में आया.
इलेक्ट्रिक ट्रैफिक सिग्नल के आने के पहले ट्रैफिक को संभालने के लिए तीन पुलिस वालों का इस्तेमाल होता था .
यह काम करते-करते पुलिसवाले बहुत थक जाते थे. इस थकान की वजह से उनसे कभी-कभी गलतियाँ भी हो जाती थीं. इसी को ध्यान में रखते हुए इस इलेक्ट्रिक ट्रैफिक सिग्नल का इस्तेमाल शुरू हुआ. इसने पूरे ट्रैफिक का तरीका और इस्तेमाल बदल कर रख दिया.
इसके बाद जो हुआ वो हमारे सामने है आज ट्रैफिक लाईट या सिग्नल हमारा समय भी बचा रहा है और ट्रैफिक नियमों को बनाने में सहायक सिद्ध हो रहा है .
इक्वेडोर में आया विनाशकारी भूकंप
आज के दिन 5 अगस्त 1948 को एक भयंकर प्रकृतिक प्रकोप ने इक्वेडोर में तबाही मचा दी. इस प्रकोप से तकरीबन 6000 हज़ार लोगों की मौत हुई थी और 20000 के करीब लोगों को चोटें आई थीं.
इस भयानक भूकंप की तेज़ी रिक्टर स्केल पर 6.7 मापी गयी. वहीं तकरीबन 10 लाख लोगों को अपने घर खोने पड़े. एक वक़्त उनके सर पर मौजूद छतें इस भूकंप से तबाह हो गयी थीं .
इस भूकंप के बाद होने वाली तबाही के निशान काफी समय तक बने रहे . लोगों को इस आपदा से उबरने में काफी समय लगा. आज भी लोग इस भूकंप को याद करके सिहर जाते हैं.
हैनरी सेल्वियन की कामयाबी का दिन
आज ही के दिन 5 अगस्त 1923 के दिन ऐसा कीर्तिमान प्राप्त किया था जिसे प्राप्त करना हर एक खिलाड़ी का सपना होता है. इस कीर्तिमान को रचना बहुत मुश्किल होता है और जो हिसे हासिल कर लेता है, उसका नाम इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो जाता है.
हैनरी ने आज ही के दिन 26 घंटे और 50 मिनट की तैराकी के बाद 22 मील तक समुद्र का सफर तय किया था. इस प्रकार वे अंग्रेजी खाड़ी को पार करने वाले वो पहले व्यक्ति बने.
इस कारनामे से उन्होंने पूरे विश्व को हैरत में डाल दिया. यह कारनामा उन्होंने अपने सातवें प्रयास में किया.
इस उपलब्धि को हासिल करने के बाद हेनरी विश्व में प्रसिद्धि पा चुके थे. इसके बाद उन्हें ब्रिटेन दौरे का न्यौता आया. वहां उन्होंने यह बताया कि इस कारनामे को अंजाम देने के लिए उन्होंने बहुत कड़ी मेहनत की थी.
पहली बार एक महिला बनी हाईकोर्ट की चीफ जज
5 अगस्त 1991 के दिन जस्टिस लीला सेठ एक राज्य हाई कोर्ट की प्रथम महिला चीफ जज बनी. इससे पहले वे दिल्ली हाई कोर्ट की भी प्रथम महिला जज बन चुकी थीं.
लीला सेठ का जन्म अक्टूबर 1930 में लखनऊ में हुआ था. उन्होंने 1959 में लंदन बार परीक्षा में भी प्रथम स्थान प्राप्त किया था. इसी वर्ष उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा में भी अपना परचम लहराया था.
दिल्ली हाई कोर्ट में जज बनने से पहले लीला सेठ ने बहुत सारे केस लड़े. इनमें टैक्स और विवाह सम्बन्धी मामलों के केस ज्यादा थे. आगे 1991 में उन्हें हिमांचल प्रदेश उच्च न्यायालय का मुख्य जज बनाया गया था.
इसके अलावा लीला सेठ अनेक जांच समितियों का भी हिस्सा रहीं. इनमें से एक समिति ने धारावाहिक शक्तिमान के बच्चों के ऊपर पड़ने वाले प्रभाव की जांच की थी. इसके अलावा व्यवसायी राजन पिल्लई की हत्या की जांच करने वाली जांच समिति में भी वे शामिल थीं.
वे सन 2000 तक भारत के लॉ कमीशन का भी हिस्सा रहीं. आगे लीला सेठ ने ‘ऑन बैलेंस’ नाम से अपनी आत्मकथा भी लिखी. इसमें उन्होंने अपने व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन के बीच के संतुलन की बाते लिखी हैं.
तो ये थीं 5 अगस्त के दिन घटीं कुछ महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएं.
अगर आपके पास इस दिन से जुड़ी किसी अन्य महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना की जानकारी हो, तो हमें कमेन्ट बॉक्स में जरूर बताएं.
Web Title: Day In History 5 August, Hindi Article
Feature Image Credit: VideoBlocks