किसी भी दिन को खास बनाता है, उसके साथ जुड़ा इतिहास.
मतलब इतिहास में घटी कुछ ऐसी घटनाएं, जिन्होंने इस दिन को एक अलग याद दी, जिसके चलते इस दिन को उस घटना के याद स्वरुप मनाया जाता है. इस तरह के बहुत से दिन हैं, जो हमारे जीवन में काफी अहमियत रखते हैं.
अगर हम दुनिया भर के लोगों की बात करें, तो शायद हर एक दिन किसी न किसी के लिए खास है, क्योंकि शायद उनकी इस दिन से कोई न कोई याद जुड़ी होती है.
कुछ ऐसी ही यादें सजोए हुए है 24 मार्च का दिन!
वह यादें कौन सी हैं आईए जानते हैं-
300 ब्रिटिश सैनिकों की मौत
यह बात साल 1878 की है. 24 मार्च के ही दिन ब्रिटिश सेना का 26 बंदूकों वाला युद्धपोत अपने साथ 300 सैनिकों को समुद्र की गोद में लेकर समा गया.
यह उस समय की सबसे दर्दनाक घटनाओं में से एक थी. इस जहाज को एडमिरल जॉर्ज इलियट द्वारा डिजाइन किया गया था. इसमे 26 बंदूकें लगाई गई थीं. गौर करने वाली बात यह थी कि यह जहाज एक लंबे अरसे से इस्तेमाल किया जा रहा था.
20 साल से अधिक का समय तय कर चुके इस जहाज को कैप्टन मार्कस ऑगस्टस स्टैनली द्वारा वेस्ट इंडिज और बरमूडा की 3 महीने की यात्रा के लिए चुना गया. इसी कड़ी में 13 नवंबर 1877 में यह जहाज अपनी यात्रा पर रवाना हुआ था.
6 मार्च 1878 को यह जहाज वोयेग से चलकर बरमूडा के लिए निकल पड़ा. मगर इस बीच 24 मार्च को यह जहाज एक समुद्री तूफान में फंस गया.
इस दौरान जहाज पर मौजूद एक नौका पर केवल 319 लोग ही सवार हो पाए, जबकि अन्य सभी लोग जहाज के साथ समुद्र की गहराइयों में समा गए.
The British Frigate HMS Eurydice Sinks (Representative Pic: Wikipedia)
नाबलिकों ने ली 5 लोगों की जान
इतनी कम उम्र में ऐसी आतंकी घटना को अंजाम देने का यह मामला, आज भी किसी के भी होश उड़ा सकता है. अमेरिका के स्टेट अरकांसास के शहर जोनेबोरो का एक स्कूल 24 मार्च 1998 को अचानक गोलियों की आवाजों से गूँज उठा.
यहीं के पढ़ने वाले दो नाबालिग युवकों 13 वर्षीय मिचेल जॉनसन और 11 साल के एंड्रियू गोल्डन ने अपने 4 साथी छात्रों और 1 अध्यापक को गोलियों से छलनी कर दिया था. यह हमला स्कूल के ग्राउंड में हुआ, जब गोल्डन ने फायर अलार्म बजाकर सबको ग्राउंड में आने पर मजबूर कर दिया.
…फिर गोल्डन व जॉनसन ने सब पर अंधाधुंध गोलियां बरसा दी.
मरने वालों के अलावा इस फायरिंग में 10 अन्य छात्र घायल भी हो गए थे. वह बात और है कि कुछ समय बाद पुलिस ने स्थिति पर काबू पाते हुए इन दोनों युवकों को काबू कर लिया था. पुलिस ने इनके पास से भारी मात्रा में बंदूकें व अस्ला बरामद किया.
हालांकि, नाबालिग होने के चलते इन्हें सजा के तौर पर सुधार ग्रह भेजा गया, जहां कुछ साल काटने के बाद 2005 में जॉनसन को रिहा कर दिया गया और उसके 2 साल बाद ही गोल्डन को भी रिहाई मिल गई.
बहरहाल, आज भी यह घटना उन लोगों के ज़हन में जिंदा है, जो इस घटना का किसी न किसी तरह से हिस्सा रहे थे.
A School Shooting In Jonesboro (Representative Pic: USA Today)
अमेरिकी सैनिकों का शर्मनाक हरकत
24 मार्च का यह दिन अमेरिकी सैनिकों के लिए एक शर्मसार कर देने वाला दिन है. ऐसा इसलिए क्योंकि, आज ही के दिन जेरेमी मोरलोक को तीन अफगानी नागरिकों को बेरहमी से मारने के आरोप में 24 साल की कैद की सजा सुनाई गई थी.
इस मामले के चलते अमेरिकी सेना की साख धूमिल हो गई थी, क्योंकि किसी सैनिक द्वारा इस तरह का अमानवीय काम सेना के नियमों के खिलाफ था.
दरअसल, अफगानिस्तान में जंग के दौरान साल 2010 में मोरलोक द्वारा 3 निहत्थे अफगानी नागरिकों को बेरहमी से कत्ल कर दिया गया था. जज द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद मोरलोक ने अपना गुनाह कबूल करते हुए अदालत को बताया था कि उसने तीन हत्याओं का यह सिलसिला साल 2009 में शुरु किया था.
इन हत्याओं को जायज ठहराने के लिए वह शवों के पास हथियार रख देता था, ताकि वह लोग आतंकी साबित किए जा सके. अपनी सजा मुकर्रर होने के बाद मोरलोक ने पीड़ितों के परिजनों व अफगान लोगों से माफी की गुहार भी लगाई थी.
हालांकि, आखिर में उसे अपने इस नापाक काम की सजा मिल ही गई
A US Soldier Murdered Three Afghan Civilians (Representative Pic: ru.tsn.ua)
एप्पल ने लांच किया मैक ओ.एस 10
तकनीक के नजरिए से भी यह तारीख काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. दुनिया की सबसे कंपनियों में शुमार एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स हमेशा से कुछ अलग करने की सोच रखते थे. उनके इसी जज्बे और लोगों को कुछ नया देने की उनकी सोच ने ही मैक ऑपरेटिंग सिस्टम को जन्म दिया.
इसकी शुरुआत के साथ ही स्टीव लगातार, इसमें बदलाव लाते गए और लोगों को तकनीक के नए नए पहलू दिखाते गए. इसी के तहत साल 2001 में स्टीव एक बार फिर से दुनिया में तकनीक का एक बड़ा बदलाव लेकर खड़े थे.
24 मार्च को उन्होंने अपने इस बदलाव को दुनिया से रुबरु करवाया, जिसका नाम था मैक ओ.एस 10. हालांकि यह एक ऑपरेटिंग सिस्टम था, जिसके आज बहुत से अपग्रेडेड वर्जन हम इस्तेमाल करते हैं. उस समय इसकी कीमत 130 डॉलर थी.
इस नए ऑपरेटिंग सिस्टम में पुराने वाले मैक ओ.एस 9 से अधिक फीचर्स थे. साथ में पुराने ओ.एस में पेश आने वाली सभी परेशानियों को इसमें कवर किया गया था, ताकि यूजर को एक बेहतर अनुभव मिल सकें.
Steve Jobs launch Mac Os X (representative pic: Mashable)
पाकिस्तान में यूट्यूब पर लगा बैन!
जैसा कि हम सब जानते ही हैं कि दुनिया में आतंक फैलाने वाला सबसे बड़ा आतंकी गिरोह आई.एस.आई.एस के पाकिस्तान के साथ काफी करीबी रिश्ते हैं!
साफ तौर पर चाहे पाकिस्तान इस बात को नकारता है, मगर इस देश के कई हिस्सों से आई.एस.आई.एस के गिरोह संचालित होते हैं. इन गिरोहों को पनाह देने का खामियाजा आए दिन पाकिस्तान को भी भुगतना पड़ता है.
देश के बहुत से नौजवान इन चरमपंथियों के बहकावे में आकर आतंक की राह पर चल देते हैं. इसी परेशानी के चलते 24 मार्च 2008 में पाकिस्तान ने देश में वीडियों शेयरिंग साइट यूट्यूब के संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया था.
यह फैसला पाकिस्तान के दूर संचार विभाग व इंटरनेट केंद्र द्वारा लिया गया था. इस मामले को लेकर पाकिस्तान सरकार द्वारा बताया गया था कि आतंकी संगठन इन साइट के जरिए ही युवाओं को भड़काते हैं, इसलिए देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए इन्हें बंद कर दिया गया है.
हालांकि, सिर्फ पाकिस्तान इकलौता ऐसा देश नहीं है, जहां यह कदम उठाया गया है!
Pakistan Blocked Youtube In Whole Country (Representative Pic: Fossbytes)
तो यह थीं 24 मार्च से जुड़ी दुनियाभर की प्रमुख घटनाएं.
आपको इनमें से कौन सी घटना सबसे ज्यादा रोचक लगी, कृपया कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताएं.
Feature Image Credit: The Evil Wiki