हर बीतता हुआ दिन एक इतिहास है. लोग, देश, घटनाएं और इनके बीच का संबंध इतिहास बनाता है, लेकिन सारा बीता हुआ वक्त इतिहास नहीं होता और हर इतिहास महत्वपूर्ण नहीं होता. कुछ बातें जहनी तौर पर दिलो-दिमाग में छप जाती हैं क्योंकि इसने वर्तमान के साथ-साथ भविष्य को भी गहरे तौर पर प्रभावित किया होता है.
इतिहास में 3 सितम्बर वो तारीख है, जो बहुत महत्वपूर्ण है. इस दिन साल 1783 को अमेरिका आजाद हुआ और दुनिया का पहला लोकतंत्र अस्तित्व में आया. इसी दिन पेरिस की संधि के साथ अमेरिकी क्रांति संपन्न हुई.
3 सितम्बर 1984 को ही एक भयानक तूफान फिलीपिंस के लिए मनहूसियत लेकर आया था. इस घटना में सैकड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. 3 सितम्बर को ही भारत की सियासी गलियारों में भावनाओं का सैलाब उमड़ा था जब कांग्रेस के नेता और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस रेड्डी का एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में देहांत हो गया.
तो आईए नजर डालते हैं 3 सितम्बर को इतिहास में घटित इन महत्वपूर्ण घटनाओं पर विस्तार से...
सफल हुई अमेरिकी क्रांति
पेरिस की संधि के साथ ही 1756 से चल रहा अमेरिकी स्वतंत्रता संघर्ष खत्म हो गया. इस संधि के बाद इंग्लैेंड के तात्कालीन प्रधानमंत्री लार्ड नार्थ ने इस्तीफा दे दिया. बोस्टन टी पार्टी के साथ शुरु हुआ संघर्ष का सिलसिला इसी संधि के साथ समाप्त हुआ. इस संधि के साथ ही महाद्वीप की 13 कॉलोनियों को मिलाकर संयुक्त राज्य अमेरिका अस्तित्व में आया.
हालांकि अमेरिका को पूर्ण रुप से आजादी जुलाई 1783 को ही मिली. इसके बाद सन् 1789 में इसका संविधान लागू हुआ. अमेरिका के संविधान को दुनिया का पहला लिखित संविधान कहा जाता है. इस क्रांति की अगुवाई जार्ज वाशिंगटन ने की थी जो आगे चलकर सयुंक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति बने.
दरअसल अमेरिकी महाद्वीप भी ब्रिटिश उपनिपेश था. यहां की मूल जाति नीग्रो थी और उन्हें रेड इंडियन कहा जाता था. जब ब्रिटेन यहां पहुंचा तो उसने फार्मिंग खेती की संभावना तलाशी. उसके लिए ये मुफीद जगह थी. खेती के लिए ब्रिटिशर्स ब्रिटेन से कैदियों, नीची नस्ल वाले अंग्रेजों और भारतीयों को यहां कामगारों के तौर पर ले गए.
उन्होंने इस महाद्वीप को अपनी मेहनत से सींचा. लेकिन अधिकार कोई नहीं था. उनसे बेतहाशा कर भी वसूला जाता था. जबकि शासन में भागीदारी नहीं थी. इन सब बातों से कामगारों को कोफ्त हुआ और उनके अंदर विद्रोह की चिंगारी सुलगने लगी. इस चिंगारी को आग देने का काम किया बोस्टन टी पार्टी की घटना ने.
दरअसल ब्रिटिश संसद में एक व्यापारिक कानून पारित हुआ, जिसके तहत ईस्ट इंडिया कंपनी को अमेरिका में चाय के व्यापार का एकाधिकार मिला. हालांकि ये प्रत्यक्ष तौर पर नहीं था, लेकिन कंपनी ने अपने माल का मूल्य काफी कम रखा था. अमेरिकियों ने इसका विरोध किया. और एक दिन जब कंपनी का एक चाय लदा जहाज बोस्टन बंदरगाह पर खड़ा था. स्थानीय लोगों ने इस जहाज को लूट लिया.
चाय के करीब 342 पैकेट लूट लिए गए. इतिहास में ये घटना बोस्टन चाय पार्टी के नाम से जानी जाती है. इसी के बाद ही अमेरिकी क्रांति की शुरुआत हुई इस नारे के साथ हुई," प्रतिनिधित्व नहीं तो कर नहीं." आखिरकार 03 सितम्बर 1783 को पेरिस की संधि के साथ इस संघर्ष का अंत हुआ और अमेरिका स्वतंत्र राष्ट्र को तौर पर अस्तित्व में आया.
फिलीपींस में तूफान ने मचाई भारी तबाही
03 सितम्बर 1984 की फिलीपिंस की सुबह सामान्य ही थी, जब तक कि उन कातिल हवाओं ने अचानक झकझोर नहीं दिया. यूं तो फिलीपिंस की भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए तूफान का आना लाजिमी है, लेकिन उस दिन इसकी भयावहता अभूतपूर्व थी. दक्षिणी फिलीपिंस में इन हवाओं ने भारी तबाही मचाई.
हवाएं करीब 185 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही थीं. इसकी भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इलाके में नारियल के तकरीबन 100 पेड़ जड़ से उखड़ गए. इस तूफान में तकरीबन 1300 लोगों की जान गई. सरकारी आंकड़ों के हिसाब से तकरीबन 20,000 लोग बेघर हो गए और सैंकड़ों लोग लापता हो गए.
हवाओं ने तो कहर बरपाया ही, उसके साथ हो रही मूसलाधार बारिश ने हालत औऱ भी ज्यादा खराब कर दी. फिलीपिंस के तात्कालीन राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोसा ने इस घटना से अपनी जनता को उबारने के लिए राहत पैकेज के तौर पर करीब 40 लाख डॉलर की राशि जारी की. वैसे भी ये पहली बार नहीं था जब कि फिलीपिंस को ऐसी त्रासदी का सामना करना पड़ा हो.
मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी की दुर्घटना में मौत
भारतीय खासकर दक्षिण भारत की राजधानी के लिए ये दिन एक मनहूसियत भरी खबर लेकर आया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता औऱ आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी समेत पांच लोग एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए.
ये 03 सितम्बर 2009 की एक सुबह थी. सुबह करीब 9 बजे एक हेलीकॉप्टर प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस रेड्डी को साथ लेकर हैदराबाद से चित्तुर के लिए उड़ान भरता है. उनके साथ उनके विशेष सचिव पी सुब्रमण्यम, सुरक्षा अधिकारी एसएसपी वेस्ली, मुख्य पायलट ग्रुप कैप्टन एसके भाटिया और सह पायलट एम एस रेड्डी थे.
इस विमान को तकरीबन साढ़े दस बजे चित्तूर पहुंच जाना था, लेकिन उड़ान के एक घंटे के बाद ही हेलीकॉप्टर का संपर्क कंट्रोल रूम से टूट गया. मौसम खराब था इसलिए दुर्घटना की आशंका से आनन-फानन में वायुसेना को खोज की जिम्मेदारी दी गई.
रात भर के खोज अभियान के बाद भी हेलीकॉप्टर का कुछ पता नहीं चल पाया. लोगों को अनहोनी का अंदेशा हो गया था. आखिरकार वायुसेना ने नल्लामाला पहाड़ी श्रृंखला की रूद्राकोंडा पहाड़ी पर हेलीकॉप्टर का मलबा मिल गया.
हेलाकॉप्टर के मलबे के साथ सारे लोगों के शव मिलने की पुष्टि वायुसेना ने की. दूसरे दिन तमाम बड़े अखबारों की सुर्खियां वाई एस रेड्डी की मौत से भरी हुई थीं. वाई एस रेड्डी के निधन के साथ ही दक्षिण की राजनीति में एक युग का खात्मा हो गया.
ग्यूसेप नीनो फरिना पहले फार्मूला बन चैंपियन बने
फार्मूला वन रेसिंग में ये शुरुआत का समय था. ये दशक था, जब पहली बार दुनिया चौड़ी सड़कों पर फर्राटा भरती गाड़ियों को देख रही थी. और इसी के पहले बेताज बादशाह बने थे इटली के नीनो फरिना.
03 सितम्बर 1950 को दुनिया को पहला फार्मूला वन चैंपियन मिला, जिसका नाम था ग्यूसेप एमिलियो नीनो फरिना. उनका जन्म सन् 1906 में ट्यूरिन में हुआ था. पिता का नाम था ग्योवनी कार्लो फारिना.
उनके पिता कार रेसिंग से जुड़े हुए थे इसलिए जाहिर है कि बचपन से ही उन्हें कारों से प्यार हो गया था.
नीनो फरिना ने सबसे पहले दो सिलेंडर वाले टेम्परीनों के साथ ड्राईविंग करियर का आगाज किया था.
ऐसा उल्लेख मिलता है कि फार्मूला वन ड्राइवर नीनो फरिना को महज 9 साल की उम्र में डॉक्टर ऑफ पॉलिटिकल साइंस की उपाधि मिल गई थी. नीनो फरिना को कार रेसिंग के अलावा फूटबॉल, स्कीइंग, औऱ एथलेटिक्स में भी गहरी रूचि थी.
उन्होंने यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान पहली बार कार खरीदी. ये थी सेकेण्ड हेण्ड अल्फा रोमियो. कार रेसिंग के अपने करियर में इन्होंने अल्फा रोमियो, फरारी, और लेंसिया के साथ रहकर ट्रैक पर कारें दौड़ाईं.
साल 1966 में इनका देहांत हुआ….जाहिर है कि आज आधूनिक सुविधाओं से लैस कोई फार्मूला वन ड्राइवर ट्रेक पर अपनी कार से फर्राटा भरता होगा तो एकबार उसके जेहन में फार्मूला वन के इस पहले हीरो की नाम गूंजता होगा.
Web Title: Day In History, 3 September, Hindi Article
Feature Image Credit: Pinterest