इतिहास एक दिन में नहीं बनता, लेकिन हर दिन इतिहास के बनने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है.
31 अगस्त के इतिहास के लिए भी यही मायने हैं. इस दिन इतिहास की कुछ बहुत महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं.
तो आईए नज़र डालते हैं, इस दिन घटी ऐतिहासिक घटनाओं पर-
मजदूरों की हड़ताल के आगे सरकार पस्त
31 अगस्त 1980 के दिन पोलैंड की कम्युनिस्ट सरकार को मज़दूरों की मांगों के आगे झुकना पड़ा. ये मजदूर पानी के जहाज बनाने वाले कार्यों से संबंधित थे. इन मजदूरों का नेतृत्व लेक वेलेसा नाम के एक मजदूर नेता ने किया था.
इससे पहले पोलैंड के ऊपर आर्थिक प्रतिबंध लगाए गए थे. इस कारण से सरकार ने वस्तुओं के दामों में भारी इजाफा कर दिया था, जबकि मज़दूरों के मेहनताने में कोई वृद्धि नहीं की गई थी. पोलैंड की आम जनता इस निर्णय से काफी नाराज थी.
जनता ने नन्स शहर में विरोध प्रदर्शन शुरू किए थे. इस बीच करीब 17,000 मज़दूर भी हड़ताल पर बैठ गए थे. सरकार के लाख चाहने के बाद भी यह खबर दूसरे शहरों में फैल गई और वहां भी हड़तालें शुरू हो गईं.
इन मजदूरों की मुख्य मांगो में अभिव्यक्ति की आजादी, ट्रेड यूनियन बनाने का अधिकार और राजनीतिक कैदियों की रिहाई जैसे अधिकार मुख्य रूप से शामिल थे. आगे सरकार को लगा कि अगर वह इन मांगों को नहीं मानती है, तो राष्ट्रीय स्तर पर विरोध का सामना करना पड़ा.
अंततः सरकार को झुकना पड़ा. आगे सरकार ने पोलैंड में सैन्य शासन लागू कर दिया. इस सैन्य शासन के दौरान आंदोलन चलाने वाले मज़दूर नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया.
आगे जब सोवियत संघ का पतन हुआ तो लेक वेलेसा पोलैंड के प्रथम प्रधानमंत्री बने.
भूकम्प ने मचाई भारी तबाही
31 अगस्त 1886 के दिन दक्षिणी कैरोलीना के चार्ल्सटन शहर में भूकंप आया. इस भूकंप ने ज्यादातर इमारतों को नष्ट कर दिया और करीब 100 लोगों को मौत के घाट उतार दिया. इस भूकंप की रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7.6 थी.
इससे पहले 27 और 28 अगस्त को भूकंप के छोटे-छोटे झटके आए थे, लेकिन इतने तीव्र भूकंप के लिए कोई तैयार नहीं था. यह भूकंप इतना तीव्र था कि इसके झटके बोस्टन और शिकागो से लेकर क्यूबा तक महसूस किए गए थे.
इस भूकंप की तीव्रता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि ओहियो और बोस्टन तक में इमारतों को नुकसान पहुंचा था. वहीं अनुमान लगाया गया कि इस भूकंप की वजह से करीब 14,000 चिमनियां गिर गईं. वहीं करीब 5.5 मिलियन डॉलर की संपत्ति इस भूकंप की वजह से नष्ट हो गई.
इस भूकंप के बाद रेल लाइनें अलग-अलग दिशा में मुड़ गईं. कई वर्षों तक इस भूकंप की वजहों का पता नहीं चल पाया. अभी हाल में हुई आधुनिक खोजों से पता चला कि चट्टानों के हिलने से ही यह भूकंप आया था.
एडिसन ने कीनेटोग्राफ का पेटेंट करवाया
31 अगस्त 1897 के दिन थॉमस एडिसन ने कीनेटोग्राफ को अपने नाम से पेटेंट करवा लिया. यह एक प्रकार का फिल्म कैमरा था. इसका आविष्कार एडिसन ने 1890 में किया था. अविष्कार के बाद से एडिसन कई बार इसका सार्वजनिक प्रदर्शन भी कर चुके थे.
यह कैमरा जोसफ नाइसफोन और लुईस दैगुइरे के फोटोग्राफिक सिद्धांत पर विकसित किया गया था. ये दोनों वैज्ञानिक फ्रांस के थे. एडिसन के कीनेटोग्राफ के पहले भी कई कैमरे विकसित किये जा चुके थे, लेकिन कीनेटोग्राफ कई माइनों में अलग था.
कीनेटोग्राफ में सेलुलोइड से बनी फिल्म का प्रयोग होता था. इस फिल्म का अविष्कार जॉर्ज ईस्टमैन ने 1889 में किया था. आगे 1893 में एडिसन ने एक छोटा सा फिल्म स्टूडियो तैयार किया था. यहीं पर उन्होंने अपने कैमरे का पहली बार उपयोग किया था.
आगे इस कैमरे का बहुत विकास हुआ. इसी आधार पर सिनेमाटोग्राफर को विकसित किया गया. इसकी मदद से अब दर्शकों के समूह को एक साथ फिल्म दिखाई जा सकती थी. आगे इस दिशा में और प्रयोग हुए तो 1909 के आस-पास चलचित्र का प्रदर्शन करने वाले कैमरा भी बनने लगे.
इस बीच कई लोगों ने अपने मूवी कैमरा बनाए. एडिसन ने उनके खिलाफ कोर्ट में केस दायर किया. इसपर कोर्ट ने कहा कि एडिसन के पास सिर्फ कीनेटोग्राफ का पेटेंट है. कीतेनोग्रफ से इतर बनने वाले मूवी कैमरा अपनी प्रकति में अलग हैं, इसलिए कानूनन उन्हें बनने से नहीं रोका जा सकता है और न ही उन्हें बनाने वालों को सजा दी सकती है.
राष्ट्रपति ने दी राज्य पुनर्गठन विधेयक को मंजूरी
31 अगस्त 1956 के दिन भारतीय राष्ट्रपति डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद ने राज्य पुनर्गठन विधेयक को मंजूरी दी. यह विधेयक भारतीय राज्यों के सीमा के आधार पर बंटवारे और उनके भाषाई आधार पर गताहन से संबंधित था. यह आजादी के बाद का एक सबसे महत्वपूर्ण विधेयक था.
आगे यह विधेयक पारित होकर एक्ट बना. अब तक इसमें बहुत सारे संशोधन हो चुके हैं.
आजादी के बाद पूरे देश में भाषाई स्तर पर राज्यों के गठन के लिए आन्दोलन तेज हो चुके थे. दक्षिण भारत में ये आन्दोलन बहुत तेज थे. 1953 में मद्रास राज्य के 16 तेलुगु जिलों ने मिलकर आंध्र प्रदेश नाम का नया राज्य बना लिया था. इसे देखते हुए अन्य जिले भी भाषाई स्तर पर राज्यों के गठन की मांग करने लगे.
इन सब मांगों के बीच जवाहरलाल नेहरु ने 1953 में राज्य पुनर्गठन समिति का गताहन किया. इस समिति ने अगले साल अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री को सौंपी. इस रिपोर्ट पर विचार-विमर्श के बाद विधेयक बनाया गया. आगे इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिली. 1 नवंबर 1956 को यह एक्ट बन गया.
आगे इस एक्ट के आधार पर अनेक राज्यों का भाषाई आधार पर पुनर्गठन किया गया.
तो ये थीं 31 अगस्त के दिन इतिहास में गह्तीं कुछ महत्वपूर्ण घटनाएँ.
अगर आपके पास भी इस दिन से जुड़ी किसी ऐतिहासिक घटना की जानकारी हो, तो हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं.
Web Title: Day In History 31 August, Hindi Article
Feature Image Credit: Martin Porter