इतिहास एक दिन में नहीं बनता, लेकिन हर दिन इतिहास के बनने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है.
21 जुलाई के इतिहास के लिए भी यही मायने हैं. इस दिन इतिहास की कुछ बहुत महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं.
तो आईए नज़र डालते हैं, इस दिन घटी ऐतिहासिक घटनाओं पर-
कोलकाता में खुला पहला थिएटर
21 जुलाई 1883 के दिन कोलकाता में देश का पहला थियेटर खुला. इसका नाम स्टार थिएटर रखा गया. इसे गुरुमुख रॉय ने खोला. इस थिएटर में सबसे पहला नाटक ‘दक्ष जगन’ खेला गया.
इस नाटक का निर्देशन गिरीश घोष ने किया. इसी के साथ बंगाल भारतीय पुनर्जागरण का केंद्र बन गया. गिरीश घोष के अलावा नती बिनोदिनी उस समय की जानी-पहचानी थिएटर कलाकार थीं.
पहले-पहल उन्हीं के नाम पर इस थिएटर का नाम रखा जाना था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया.
इस थिएटर से बहुत से जाने-पहचाने कलाकार निकले. सरजू देवी, शिशिर भदूरी, दीना मित्रा, उत्तम कुमार, सोमित्रा चटर्जी, गीता डे, साबित्री चटर्जी और माधबी मुखर्जी जैसे कलाकार इनमें से प्रमुख हैं.
इस थिएटर में उस समय के समाज में व्याप्त कुरीतियों पर प्रहार किया गया. इसके साथ ही इस थिएटर ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ भी आवाज उठाई. सच कहा जाए तो इस थिएटर ने एक नई सांस्कृतिक क्रांति को जन्म दिया.
आज यह थिएटर सिनेमा हाल में बदल चुका है.
हालाँकि, अभी भी महीने में कम से कम दो बार यहाँ पर नाटकों का मंचन हो जाता है.
औरंगजेब ने मनाया अनौपचारिक राज्याभिषेक का जश्न
21 जुलाई 1658 के दिन औरंगजेब ने अनौपचारिक रूप से अपने राज्याभिषेक का जश्न मनाया. हालाँकि, अधिकारिक रूप से वह 15 जून 1659 के दिन दिल्ली की गद्दी पर बैठा था. आधिकारिक रूप से दिल्ली की गद्दी पर बैठने से पहले उसने उत्तराधिकार के युद्ध में अपने भाई दारा शिकोह को हराया था.
इससे पहले 16 सितंबर 1657 के दिन शाहजहाँ गंभीर रूप से बीमार पड़ गए थे. इस कारण दिल्ली में राजनीतिक संकट पैदा हो गया. ऐसे में शाहजहाँ ने दारा शिकोह को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया. इस घोषणा से औरंगजेब खासा नाराज हो गया और राज्य में गृह युद्ध के बादल उमड़ने लगे. इस बीच शाहजहां अपनी हालत में सुधार के लिए आगरा चले गए.
आगे औरंगजेब ने दारा शिकोह पर युद्ध घोषित कर दिया. उसने पहले आगरा के किले को अपने नियंत्रण में ले लिया और शाहजहाँ को वहीं पर कैद कर लिया. बाद में 1666 में यहीं पर शाहजहाँ की मृत्यु हो गई.
अपने पिता को कैद करने के बाद औरंगजेब शाहजहानाबाद वापस लौट आया और उसने अपने भाई मुराद को भी कैद कर लिया. मुराद इस लड़ाई में दारा शिकोह की ओर था. इसी तरह 21 जुलाई 1658 को औरंगजेब का पहला राज्याभिषेक हो गया.
किन्तु, अभी शुजा और दारा शिकोह ने हार नहीं मानी और लड़ाई जारी रखी.
हालांकि, जनवरी 1659 में औरंगजेब ने शुजा को हरा दिया. वहीं आगे जून 1659 में औरंगजेब के सिपहसलहार मलिक जीवान ने दारा शिकोह को सिंध में धोखे से कैद कर लिया और उन्हें औरंगजेब को सौंप दिया.
इस प्रकार अंततः औरंगजेब की जीत हुई और उसने 15 जून 1659 को दोबारा से अपना राज्याभिषेक करवाया. आगे उसने दारा शिकोह को मौत के घाट उतार दिया.
प्रतिभा पाटिल बनीं पहली महिला राष्ट्रपति
21 जुलाई 2007 के दिन प्रतिभा देवी सिंह पाटिल भारत की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं. राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी भैरो सिंह शेखावत को करीब तीन लाख वोटों से हराया. इस चुनाव में उन्हें कांग्रेस और लेफ्ट का समर्थन प्राप्त था.
हम आपको बता दे कि भैरो सिंह शेखावत चुनाव के समय भारत के उप-राष्ट्रपति पद पर तैनात थे. इस हार के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. वहीँ तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रतिभा पाटिल की इस जीत को देश की विभाजनकारी शक्तियों के खिलाफ जीत बताया था.
इस चुनाव में वोट पड़ने के बाद लगभग साढ़े सात घंटे तक गणना चली थी. इस चुनाव में प्रतिभा पाटिल के पक्ष में बिहार, झारखण्ड, अरुणांचल प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उड़ीसा और नागालैंड से क्रॉस वोटिंग हुई थी.
इस चुनाव की सबसे आश्चर्यजनक बात यह थी कि प्रतिभा पाटिल को अनुमान से अधिक सांसदों का समर्थन मिला था. अनुमान लगाया गया था कि उन्हें 426 सांसदों का समर्थन मिलेगा.
किन्तु, चुनाव के बाद पता चला कि उन्हें 442 सांसदों का समर्थन मिला है.
उपग्रह इनसैट 1-सी हुआ लांच
21 जुलाई 1988 के दिन भारत ने इनसैट 1-सी नाम का उपग्रह लांच किया. इसे कोरु के गुइना स्पेस सेंटर से लांच किया गया. इसे लांच करने के लिए एरियन-3 नाम के वेहिकल का इस्तेमाल किया गया.
इनसैट 1-सी इनसैट श्रेणी का तीसरा उपग्रह था. इसका निर्माण फोर्ड एरोस्पेस ने किया था. इसका प्रयोग भारत की घरेलू संचार की जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाना था.
आल इंडिया रेडियो, दूरदर्शन, अंतरिक्ष विभाग इत्यादि सरकारी संस्थाओं ने इसकी सेवाओं से लाभ उठाया था.
लांचिंग के समय इसका वजन 1,190 किलोग्राम था. इसरो ने आशा की थी कि यह पृथ्वी की कक्षा में सात वर्ष तक रहेगा. इसे 93.5 डिग्री के लोंगीट्यूड पर लांच किया गया था.
इस उपग्रह में बहुत उच्च गुणवत्ता के रेडिओमीटर लगे थे. इसके अलावा इसमें 12 ट्रांसपोर्डस और एक डाटा चैनल भी लगा था.
हालाँकि, जिस मिशन के लिए इसे लांच किया गया था, वह मिशन यह पूरा नहीं कर पाया. 15 महींनों के भीतर ही इसके दो ट्रांसपोर्डस ने काम करना बंद कर दिया था.
तो ये थीं 21 जुलाई के दिन भारतीय इतिहास में घटीं कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं.
अगर आपके पास भी इस दिन से जुड़ी किसी ऐतिहासिक घटना की जानकारी हो तो हमें कमेन्ट बॉक्स में जरूर बताएं.
Web Title: Day In Indian History 21 July, Hindi Article
Feature Image Credit: APACTix