हर रोज़ दुनिया की ऐतिहासिक घटनाएं कैलेंडर पर छपी तारीखों में कैद हो जाती हैं, जो आने वाली पीढ़ियों को इतिहास से रूबरू कराती हैं. कैलेंडर की प्रत्येक तारीख के पीछे एक इतिहास छिपा है और उस इतिहास के पीछे एक कहानी है! ऐसी हज़ारों कहानियाँ इतिहास की किताबों में दर्ज हैं, जो हमें दुनिया के मशहूर किस्सों के बारे में बताती हैं. ऐसे में इन किस्सों को हर कोई जानना चाहता है.
आज हम कुछ ऐसी ही ऐतिहासिक घटनाओं के बारे में बताएंगे, जिन्होंने 6 मई के दिन को प्रसिद्ध कर दिया. तो चलिये 6 मई से संबंधित ऐतिहासिक किस्से और घटनाओं को जानने की कोशिश करते हैं–
जब पहली बार आम जनता ने किए एफिल टॉवर के दीदार
फ्रांस की राजधानी पेरिस में बना एफिल टॉवर फ्रांस की खूबसूरती में चार चांद लगाता है. एफिल टॉवर को देखने के लिए हर साल हजारों सैलानी फ्रांस पहुंचते हैं. बहुत ही कम लोग जानते होंगे कि एफिल टॉवर को फ्रांस के मशहूर सिविल इंजिनियर गुस्ताव एफिल ने बनाया था. गुस्ताव एफिल के नाम पर ही इस टॉवर का नाम एफिल टॉवर रखा गया. गुस्ताव एफिल ने कई साल की मेहनत के बाद एफिल टॉवर को बनाकर खड़ा किया था. एफिल टॉवर को बनाने का मकसद फ्रांस को एक मशहूर धरोहर देना था.
यही कारण है कि हर साल गर्मियों में लोग एफिल टॉवर को देखने के लिए फ्रांस पहुंचते हैं. प्रेमी जोड़े यहां एक दूसरे से अपने प्रेम का इज़हार करते हैं. एफिल टॉवर की लंबाई 986 फीट है और इसका वज़न 7 हज़ार टन हैं. 6 मई 1889 को एफिल टॉवर को अधिकारिक रूप से पेरिस की जनता के लिए फ्रांस सरकार ने खोला था, जिसके बाद यहां हर साल दुनिया के कोने कोने से लोग पहुंचते हैं.
Eiffel Tower (Pic: travelnpleasure)
अमेरिका के पहले रेल हादसे में गई 46 जानें!
यह दौर था 1853 का अमेरिका धीरे धीरे विकास की ओर बढ़ रहा था. अमेरिका में रेल लाइन से लेकर मुख्य शहरों में बिजली पहुंच चुकी थी. कुछ ही समय में अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी पहचान बना ली थी. हालांकि 6 मई 1853 का दिन अमेरिका के लिए काफी कड़वीं यादें लेकर आया. इस दिन अमेरिका में एक भीषण रेल हादसा हुआ. इस रेल हादसे को आज भी अमेरिका का सबसे भीषण और भयावह रेल हादसा माना जाता है. 6 मई को सुबह के लगभग 10:15 बजे न्यूयॉर्क से बोस्टन न्यू हेवन रेलरोड जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेन नदी में गिर गई थी…
ट्रेन में 200 यात्री सवार थे, जिसमें से 46 लोगों की मौत हो गई थी. असल में ट्रेन जिस पुल से गुजर रही थी वह पुल आगे बना नहीं हुआ था. इसलिए रेलवे विभाग ने पुल शुरु होते ही वहां ट्रेन का ट्रेक बदलने को लेकर लाल सिग्नल दे रखा था. हालांकि ट्रेन ड्राइवर ने इस सिग्नल पर गौर नहीं किया और ट्रेन को नदी पर बने पुल पर ले गया और यह हादसा हो गया… यह अमेरिका का सबसे पहला ट्रेन हादसा माना जाता है. इतना ही नहीं इसमें 46 जानें गई जिसके कारण यह सबसे बुरा ट्रेन हादसा भी बन गया.
American Railway Accident (Pic: wikiwand)
अरविन्द घोष को ‘अलीपुर बम धमाकों’ से बरी किया गया
अरविन्द घोष को एक स्वतंत्रता सेनानी, कवि, योगी और महान दार्शनिक के तौर पर जाना जाता है. आजादी के दौरान ब्रिटिश से लड़ने के कारण उनका नाम एक क्रांतिकारी के तौर पर भी लिया जाने लगा. भारत से ब्रिटिश राज को खत्म करने के लिए वह भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन में शामिल हुए थे. एक लेखक के तौर पर उन्होंने ब्रिटिश कानून के विरोध में कई कड़वे लेख लिखे. उनके लेख अखबारों में छपने के बाद ब्रिटिश सरकार की जड़ें हिलने लगी थीं. इसके बाद ब्रिटिश अधिकारियों ने उन्हें जेल में डाल दिया था. हालांकि बाद में उनके खिलाफ कोई सबूत ना होने की वजह से उन्हें रिहा कर दिया गया था.
साल 1908 में मुजफ्फरपुर के मुख्य प्रेसीडेंसी मजिस्ट्रेट डीएच किंग्सफोर्ड को मारने के लिए क्रांतिकारियों ने एक रणनीति बनाई थी. डीएच किंग्सफोर्ड को मारने के लिए यह काम खुदीराम बोस और प्रफुल्ल चाकी को सौंपा गया था. दोनों ने 30 अप्रैल 1908 को मजिस्ट्रेट के वाहन पर बम फेंक दिया. हालांकि डीएच किंग्सफोर्ड उस समय कार में नहीं था इस कारण वह बच गया. इसके बाद अरविन्द घोष को भी गिरफ्तार किया गया था. ब्रिटिश जज ब्रीच क्राफ्ट ने सबूत के आभाव के कारण अरविन्द घोष को 6 मई 1909 को जेल से रिहा कर दिया था. इसके बाद उन्होंने अपनी आजादी की जंग फिर से शुरू कर दी.
Arvind Ghosh (Pic: savitrieradevotees)
हिंडेनबर्ग प्लेन हादसे से थर्राया अमेरिका
जर्मन के हिंडेनबर्ग प्लेन क्रेश को अमेरिकी एविएशन में भयानक आपदा के रूप में याद किया जाता है. उड़ान भरने के दौरान प्लेन हवा में क्रैश हो गया. 6 मई साल 1937 को हिंडेनबर्ग आपदा हुई थी. जर्मन यात्री एयरशिप एलजेड 129 हिंडेनबर्ग प्लेन में आग लग गई थी. प्लेन में 96 लोग सवार थे, जिसमें 35 लोगों की मौत हो गई थी. जर्मन के फ्रैंकफर्ट शहर से उड़ान भरने के बाद जर्मन यात्री एयरशिप न्यूजर्सी पहुंचा था.
वापसी के दौरान जब प्लेन ने उड़ान भरी तब जोर का तूफान आने लगा. पायलट ने निर्णय किया कि वह प्लेन को इमरजेंसी लैंडिंग कराएगा. इसलिए नवल एयर स्टेशन को लैंडिंग के लिए चुना गया. माना जाता है कि प्लेन के पिछले हिस्से में चिंगारियां निकलीं और देखते ही देखते प्लेन में जोरदार आग लग गई. हवा में ही प्लेन आग की लपटों में घिर गया और चंद मिनटों में प्लेन जलकर राख हो गया. इस खतरनाक हादसे में 35 लोगों की जलकर मौत हो गई.
Hindenburg Plane Crash (Pic: airships)
गोगरा नदी की लड़ाई में बाबर को मिली जीत
प्राचीन समय से ही भारत का इतिहास बेहद गौरवशाली रहा है. अंग्रेजों के आने से पहले भारत में कई साम्राज्य हुए, जिन्होंने विस्तारवादी नीतियाँ अपनाते हुए यहां खुद को स्थापित करने की कोशिश की. इस कारण समय-समय पर नए साम्राज्य बनते रहे और पुरानों का पतन होता रहा.
इस कोशिश में निर्णायक लड़ाईयां भी होती रहीं. इनमें कुछ काल के गाल में समा गईं, तो कुछ को इतिहास के पन्नों में जगह मिली. बात 15वीं सदी के आसपास की है. बाबर हिंदुस्तान फतह करने के लिए अपनी सेना के साथ निकला था.
हिंदुस्तान को फतह करने का उसका लक्ष्य काफी बड़ा था. इसके लिए उसने अपने पीछे एक काफी बड़ी फौज संगठित की थी. गोगरा नदी की लड़ाई 4 मई 1529 को शुरु हुई थी.
यह लड़ाई बाबर की आखिरी लड़ाई थी. 6 मई को बाबर ने बंगाल के सुल्तान नुसरत अली को पराजित किया था. यह लड़ाई बहुत ही खतरनाक थी. हालांकि बाबर की बड़ी सेना ने उसे यह मुश्किल जंग जिता ही दी.
Battle of the Ghagra River (Pic: pinterest)
तो यह थे 6 मई से जुड़े कुछ प्रमुख किस्से. अगर आपको 6 मई से जुड़े कुछ अन्य प्रमुख किस्से याद हैं, तो उन्हें कमेंट बॉक्स में हमारें साथ ज़रुर साझा करें.
Web Title: Historical Events Of 6 May, Hindi Article
Featured Image Credit: pinterest