इतिहास में हर दिन बहुत अहम होता है. हर दिन से कोई न कोई ख़ास किस्सा जरूर जुड़ा होता है. दुनिया भर में हर दिन कोई न कोई ऐसी चीज होती ही है, जो कई लोगों के लिए यादगार बन जाती है.
ऐसी ही कई यादें लेकर आया है 12 अप्रैल का दिन. इस दिन कहीं किसी महान व्यक्ति का जन्म हुआ, तो कहीं पर शुरू हुआ खुनी युद्ध. कहीं पर आतंकी हमले हुए, तो कहीं पर शुरू हुई नई खोज. ऐसी ही कई घटनाओं से भरा हुआ है 12 अप्रैल का दिन.
तो चलिए इतिहास के पन्ने पलट कर जाने कि इस दिन क्या-क्या ख़ास हुआ था–
‘वीनू हिम्मतलाल माँकड़’ जमीं पर…
भारतीय क्रिकेट के इतिहास में अगर नजर डालें, तो भारत के सबसे महान खिलाड़ियों के तौर पर जाने जाते हैं ‘वीनू हिम्मतलाल माँकड़’. इनका जन्म आज ही के दिन यानि 12 अप्रैल 1917 को गुजरात के शहर जामनगर में हुआ था. उन्होंने अपने करियार के दौरान 44 टेस्ट मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था.
वीनू ने न सिर्फ अपनी बल्लेबाज बल्कि अपनी गेंदबाजी से भी भारत को कई जीत दिलाई.
वीनू 90.6 की स्ट्राइक रेट से गेंदबाजी किया करते थे. भारतीय क्रिकेट टीम में वह एक ऑलराउंडर के रूप में जाने जाते थे. उनके कुछ खास प्रदर्शन में से एक है, 1952 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला गया एक मैच. उस मैच में उन्होंने पहली पारी में 72 गेंद पर 184 रन बनाए थे. उनके इस प्रदर्शन की बहुत सराहना की गई थी.
न्यूजीलैंड के भारत दौरे के समय वीनू ने चेन्नई में 231 रन बनाये, जो भारत टेस्ट का उस समय का सर्वाधिक स्कोर माना जाता था. भारतीय क्रिकेट के इतिहास में वीनू ने बहुत अहम योगदान दिया है. इसलिए बीसीसीआई ने वीनू के इस योगदान के लिए ‘माँकड़ ट्रॉफी’ के रूप में घरेलू अंडर 19 वन डे टूर्नामेंट की शुरुआत की थी.
21 अगस्त 1978 को इस महान खिलाड़ी ने मात्र 61 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहा दिया था.
Vinoo Mankad (Pic: thepapare)
अमेरिका में भड़की ‘गृहयुद्ध’ की आग!
अमेरिकी गृहयुद्ध ने अमेरिका के इतिहास को बदल कर रख दिया था. यह युद्ध अमेरिका के इतिहास में उस काले धब्बे जैसा है, जो मिटाए नहीं मिटता है. अमेरिकी गृहयुद्ध की शुरुआत 12 अप्रैल 1861 के दिन हुई थी. यह युद्ध अमेरिका के उत्तरी राज्यों और दक्षिणी राज्यों के बीच होने वाला युद्ध था. विचारों के बीच हुआ मतभेद और दास प्रथा के मुद्दे के कारण यह युद्ध छिड़ा था.
हर कोई इस युद्ध में एक दूसरे की जान का दुश्मन बन बैठा था. हर गली में खून की नदियाँ बह रही थीं. अमेरिका को हिला कर रख देने वाले इस युद्ध का अंत 1865 में हुआ था. यह आज भी अमेरिकी इतिहास का सबसे घातक युद्ध माना जाता है. इतिहासकारों की माने, तो इस युद्ध में 2.4 मिलियन सैनिकों में से करीब 620,000 से अधिक सैनिक मारे गए थे. इसके आलाव लाखों लोग घायल हुए थे. कहा जाता है कि इस युद्ध के बाद दक्षिण अमेरिका काफी बुरी तरह से बर्बाद हो गया था.
एक बहुत बड़ी मात्रा में बर्बादी के बाद, 26 अप्रैल को यह युद्ध समाप्त हो पाया.
American Civil War (Pic: pinterest)
इराक की संसद को आतंकियों ने दहला दिया
इराक में रोज की तरह ही 12 अप्रैल 2007 का दिन बीत रहा था. रोज की तरह इराकी नेताओं का संसद में आना जाना लगा हुआ था. हालांकि अचानक सब कुछ बदल गया, जब इराक के संसद भवन की कैंटीन में एक आत्मघाती हमलावर ने हमला कर दिया…
यह हमला इतना खतरनाक था कि इसमें करीब 8 लोग मारे गए थे और अन्य 23 लोग काफी बुरी तरह से घायल हो गए थे. यह हमला सभा के दोपहर के भोजन के खत्म होने के ठीक 10 मिनट बाद हुआ था. इस हमले के बाद सरकार ने मोबाइल फोन नेटवर्क को पूरी तरह से बंद कर दिया था और हेलीकॉप्टर के जरिए आसपास के इलाकों को छानबीन शुरू की.
हमले के बाद संसद के सदस्य मुहम्मद अल-देनी ने ढीली सुरक्षा के लिए सरकार पर आरोप लगाए.
2007 Iraqi Parliament Bombing (Representative Pic: wikipedia)
सोवियत संघ ने अंतरिक्ष में पहुंचाया पहला मानव
आज के दिन सेवियत संघ ने वैज्ञानिक दुनिया में इतिहास रच दिया था. कहा जाता है कि रूसियों ने विज्ञान की दुनिया में यह एक बहुत बड़ा कदम रखा था, जिसने बाद में पूरी दुनिया ही बदल डाली. सेवियत संघ ने एक ऐसा अंतरिक्ष यान बनाने में अपनी टीम को लगाया हुआ था, जिसके जरिये मानव को अंतरिक्ष में भेजा जा सके. इस दिन से पहले किसी ने सोचा भी नहीं था कि कभी इंसान आसमान के पार अंतरिक्ष में जा सकता है.
सेवियत संघ का यह आविष्कार उसको एक नई ऊंचाइयों पर ले गया. जब यह पूरी तरह से तैयार हो गया, तो इसमें पहले व्यक्ति के तौर पर ‘यूरी गगारिन‘ को भेजा गया था. करीब 108 मिनट तक चली इस अंतरिक्ष यात्रा के बाद यूरी और रूस दोनों का ही नाम दुनिया भर में छा गया.
इस यात्रा के लिए 200 से अधिक रूसी वायुसेना के पायलट उम्मीदवार के रूप में आए थे. हालांकि अनुभाव के आधार पर यूरी गगारिन को चुना गया था. जब वह वापस पृथ्वी पर आए, तो वह एक पायलट से अन्तर्राष्ट्रीय नायक बन चुके थे. उनको देखने के लिए हजारों की भीड़ आई थी. रूस ने इस उपलब्धि को एक जश्न की तरह मनाया था.
First Man In Space As Yuri Gagarin (Pic: dancing-bear-tours)
फ्रैंकलिन डेलानो रूज़वेल्ट का हुआ निधन…
फ्रैंकलिन डेलानो रूज़वेल्ट अमेरिका के 32वें राष्ट्रपति थे. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उन्होंने संयुक्त राज्य का नेतृत्व किया था. फ्रैंकलिन डेलानो रूज़वेल्ट का जन्म 30 जनवरी 1882 में हुआ था. राष्ट्रपति पद के दौरान उन्होंने कई कार्यक्रमों और सुधारों के माध्यम से अमेरिका का विकास किया था. गृहयुद्ध के बाद अमेरिकी इतिहास में सबसे बड़ा संकट आया था. उस समय 13 मिलियन अमेरिकी लोग बेरोजगार हो गए थे और सैकड़ों बैंक बंद हो गए थे.
उन्होंने आर्थिक सलाहकारों की एक ट्रस्ट का गठन किया, जिन्होंने एल्गोरेटरी एजेंसियों (कृषि समायोजन प्रशासन) को तैयार किया. ट्रस्ट ने कृषि उत्पादन पर सब्सिडी के जरिये कृषि मूल्यों को काबू में किया. रूज़वेल्ट ने मजदूरी की कीमतों को भी नियंत्रित किया. रूज़वेल्ट के किये गए काम और सब्सिडी से बेरोजगारों को राहत प्रदान हुई.
12 अप्रैल 1945 में दोपहर के समय रूज़वेल्ट के मस्तिष्क से रक्तस्राव होने लगा, जिसके कारण उनकी मृत्यु हो गई. कहा जाता है कि द्वितीय विश्व युद्ध के तनाव से उनसे स्वास्थ्य पर काफी असर पड़ा था. उनकी मौत ने सभी को हिलाकर रख दिया था. आज भी लोग उनके किये गए काम के लिए उन्हें याद करते हैं.
Franklin D. Roosevelt (Pic: newstatesman)
तो थी कुछ ऐसी घटनाएं, जो आज के दिन घटी और विश्व का इतिहास बन गई. इनमें से कई तो खुशियाँ लाई, तो वहीं कई घटनाएं गम के काले बादल भी लाई. आज के दिन से जुडी कोई ऐतिहासिक घटना अगर आपको भी याद है, तो कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं.
Web Title: Historical Events on April 12, Hindi Article
Featured Image Credit: espncricinfo/medium