इतिहास के पन्नों को जब भी देखा जाए, तो उसमें से कई ऐतिहासिक बातें निकलकर आती हैं. ऐसी ही कई बातें छिपी हैं 14 अप्रैल की तारिख में. इस दिन कहीं पर जीत का जश्न मना है, तो कहीं पर मातम. किसी जगह हजारों जाने गई, तो कहीं पर नयी उपलब्धियां हासिल की गईं. ऐसी ही कई यादों से भरा है 14 अप्रैल का कारवां.
तो चलिए एक बार फिर से याद करते हैं कि आखिर क्या क्या हुआ था इस दिन में–
भारत ने किया एशिया कप अपने नाम
14 अप्रैल, 1995 का दिन शायद ही कोई क्रिकेट प्रेमी भूल सकता है. उस दिन भारत के अधिकाँश लोगों का ध्यान तो केवल टीवी स्क्रीन पर ही होगा. आखिर ऐसा हो भी क्यों न. उस दिन भारत एशिया कप के फाइनल में जो था.
शारजाह स्टेडियम में लोगों की भीड़ खचाखच भरी हुई थी. हर किसी की नजरें बस मैदान पर थीं. भारत का मुकाबला अपने पडोसी देश श्रीलंका से था. टॉस जीतकर भारत ने पहले गेंदबाजी करने का चयन किया. उस समय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन थे. मैच शुरू हुआ और कभी भारत, तो कभी श्रीलंका दोनों ही एक दूसरे से आगे निकलते रहे.
श्रीलंकाई बल्लेबाज एकाएक रन मारने में लगे हुए थे. भारत के गेंदबाजों ने कोशिश की विकेट चटकाने की मगर उनके हाथ कोई खास उपलब्धि नहीं आई. 50 ओवर के खेल में श्रीलंका ने 230 रन बनाए. भारत बल्लेबाजी करने उतरा मगर शुरुआत में ही उन्होंने एक विकेट गंवा दी. 41 रन मारकर सचिन ने मैच थोड़ा बचाया मगर फिर वह भी चलते बने.
इसके बाद सारी ज़िम्मेदारी मोहम्मद अजहरुद्दीन पर आई. कप्तान होने के नाते उन्होंने ज़िम्मेदारी बखूबी निभाई और 90 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली. इस पारी ने भारत को मजबूत कर दिया और एशिया कप जीतने में मदद भी की.
Mohammad Azharuddin (Pic: espncricinfo)
‘पहला स्पेस शटल’ आया धरती पर
अंतरिक्ष हमेशा से ही इंसानों के लिए एक चर्चा का विषय रहा है. इसलिए ही इंसानों ने अंतरिक्ष में जाने के लिए कई काम किए. इसमें सबसे बड़ा हथियार बना स्पेस शटल. यही वह वाहन है जिसके जरिए इंसान अंतरिक्ष की गहराइयों तक जा पाते हैं. इसकी असली शुरुआत हुई थी 1981 में. नासा ने एक स्पेस शटल तैयार किया और अंतरिक्ष में जाने का मिशन शुरू किया. यह स्पेस शटल एक सीमित वक़्त तक अंतरिक्ष में रहा और 14 अप्रैल 1981 को सफलतापूर्वक धरती पर लौटा.
इस स्पेस शटल का नाम कोलंबिया स्पेस शटल था. जब यह धरती पर वापस आ रहा था, तो हजारों की संख्या में लोग इसे देखने आए थे. हर कोई इस बड़ी उपलब्धि को अपनी आँखों के सामने होता देखना चाहता था. इसके वापस आने के बाद इंसान यह जान गए थे कि अंतरिक्ष में जाना अब उनके लिए नामुमकिन नहीं रहा.
First Space Shuttle Columbia Landing (Pic: nasa)
जब बर्फ से टकराकर डूब गया टाइटैनिक
आज का दिन समुद्र यात्रा की दुनिया का सबसे बुरा दिन था. आज ही के दिन विश्व प्रसिद्ध जहाज टाइटैनिक बर्फीले समुद्र की एक विशाल बर्फ की चट्टान से टकरा गया था. इस हादसे से कुछ दिन पहले तक टाइटैनिक हर जगह सुर्ख़ियों में छाया हुआ था. इसके जैसा कोई बड़ा और आलीशान जहाज उस समय तक था ही नहीं. दुनिया के बहुत से रईस लोग इस जहाज पर सफ़र कर रहे थे.
हर कोई जहाज पर इस यात्रा का आनंद ले रहा था मगर किसी को भी खबर नहीं थी कि कुछ ही देर में उनकी जिंदगी बदलने वाली है. रात की ख़ामोशी में टाइटैनिक अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहा था मगर अचानक ही वह एक बड़ी बर्फीली चट्टान से टकरा गया. इसके बाद जहाज पर भारी नुक्सान हुआ और धीरे-धीरे वह डूबने लगा. कुछ ही देर लगी कि जहाज से लोगों के चीखने की आवाजें आने लगीं.
कोई समझ ही नहीं पा रहा था कि आखिर हो क्या रहा है. कई लोग एमरजेंसी नाव में बैठकर डूबते जहाज से दूर चले गए थे मगर कई उस जहाज पर ही रह गए. जैसे जैसे वक़्त गुजरता गया जहाज अटलांटिक के खून जमादेने वाले पानी में समाने लगा. 15 अप्रैल का दिल आते आते तक टाइटैनिक पूरी तरह से समंदर में समा गया. इसके साथ ही एक बड़ी संक्या में लोग भी इसके साथ डूब गए.
Titanic Hit The Iceberg (Representative Pic: gcaptain)
एक हादसे ने पूरे बॉम्बे को दहला दिया
14 अप्रैल का दिन बॉम्बे के इतिहास में बहुत नुसान लेकर आया था. वह साल था 1944 का. दूसरा विश्व युद्ध अपनी चरम सीमा पर था. पूरी दुनिया जंग के मैदान में तब्दील हो चुकी थी. उस समय तक भारत पर अंग्रेजों का शासन था. वह भी जंग में थे और अलग-अलग जगह पर असले और बारूद पहुंचा रहे थे. बारूद से भरा ऐसा ही के जहाज इंग्लैंड से बॉम्बे तक आया था. उस एक जहाज में कई किलो टन बारूद पड़ा हुआ था.
उस बारूद के साथ जहाज पर बहुत सारा सूती कपड़ा भी था. माना जाता है कि वह सारा कपड़ा बारूद के ठीक नीचे रखा गया था. जैसे ही जहाज बॉम्बे के बंदरगाह पर पहुंचा उसमें से धूँआ आने लगा. कई लोग धुआं देखते ही नीचे गए उसे चेक करने मगर तब तक बहुत देर हो चुकी थी. कपड़े में तुरंत ही आग लग गई और उस आग ने बारूद को भड़का दिया. आग के जलते ही बारूद भी जलने लगा और तभी एक बहुत बड़ा धमाका हुआ. वह धमाका इतना जोरदार था कि करीब 1300 लोग उसमें मारे गए. इतना ही नहीं 3000 लोग इससे घायल भी हो गए.
उस एक हादसे ने पूरे बॉम्बे को पूरी तरह से हिला दिया था.
Bombay Explosion 1944 (Representative Pic: 2today)
अब्राहम लिंकन को सरेआम मारी गोली!
14 अप्रैल 1865 का दिन था. अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन एक थिएटर में एक नाटक देखने के लिए गए थे. यह वक़्त लिंकन के लिए काफी अच्छा था क्योंकि सालों से चलता आ रहा अमेरिकी गृहयुद्ध ख़त्म होने की कगार पर था. देश के हालात सुधर रहे थे और लोगों की जिंदगी एक बार फिर से सही राह पर चलने लगी थी. हालांकि कई लोग इस नतीजे से खुश नहीं थे. वह लिंकन के इस काम से खुश नहीं थे.
जॉन विल्क्स बूथ नामक एक व्यक्ति लिंकन को ख़त्म करना चाहता था. उसने इस काम के लिए पूरी तरह से प्लानिंग भी कर ली थी. उसे पता था कि लिंकन थिएटर देखने जरूर आएँगे. वह इसी दिन का इंतज़ार कर रहा था. इसलिए वह उस नाटक में खुद एक किरदार निभाने लगा.
14 अप्रैल के दिन लिंकन नाटक देखने गए और बीचे नाटक में ही बूथ ने लिंकन पर गोलियां चला दी. इससे पहले कोई कुछ मदद उनतक पहुंचा पाता उनकी मौत हो गई.
Abraham Lincoln Assassination (Representative Pic: fords)
तो यह थीं 14 अप्रैल की महत्वपूर्ण घटनाएं. इस दिन से जुडी कोई और घटना अगर आपको पता हो, तो हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं.
Web Title: Historical Events on April 14, Hindi Article
Featured Image Credit: historic-uk