इतिहास में जब भी झांकते हैं, तो न जाने कितने ही पुराने और ऐतिहासिक किस्से सामने निकलकर आ जाते हैं. कितने ही लोगों को खबर भी नहीं होती है कि वर्तमान में जिस दिन वह जी रहे हैं उस दिन इतिहास में क्या क्या हुआ है.
हर दिन की तरह 16 अप्रैल की तारीख भी अपने अंदर बहुत कुछ छिपा के बैठी है, तो चलिए क्यों ने इस दिन को एक बार फिर से जाना जाए-
हजारों लोगों को ले डूबी सोवियत पनडुब्बी
द्वितीय विश्व युद्ध में सभी देशों के पास अपने खास हथियार थे. किसी के पास बड़े-बड़े टैंक थे, तो किसी के पास गोली की रफ़्तार से उड़ने वाले लड़ाकू जहाज. ऐसा ही एक घातक हथियार सोवियत संघ के भी पास था.
उनके पास एक ऐसी पनडुब्बी थी, जो दुनिया भर में प्रसिद्ध थी. इसका नाम था एल-3.
यह उस समय सोवियत की बेहतरीन पनडुब्बियों में से एक थी. इस पनडुब्बी को द्वितीय विश्व युद्ध की सबसे सफल पनडुब्बियों में से एक माना जाता था. हालांकि, सोवियत को उस दिन बहुत बड़ा झटका लगा, जब 16 अप्रैल 1945 को यह मशहूर पनडुब्बी समंदर में डूबने लगी.
इसके पीछे का कोई कारण, तो स्पष्ट नहीं हो पाया.
पर कहा जाता है कि इसके डूबने के पीछे समुद्री आपदा थी. चूंकि, यह एक शरणार्थी पनडुब्बी थी, इसलिए इसमें 6000 से 7000 लोग सवार थे, जोकि बर्फीले पानी के कारण काल के गाल में समा गए. आज भी इसका एक टुकड़ा संग्रहालय में सुरक्षित है.
Soviet Submarine l 3 (Pic: seafoodnet)
बैटल ऑफ़ बर्लिन ने तोड़ी जर्मन सेना की कमर
19वीं सदी में जब द्वितीय विश्व युद्ध की शुरूआत हुई थी, तो कई देशों की सेना आमने-सामने थी. 16 अप्रैल 1945 के दिन ही बैटल ऑफ बर्लिन की भी शुरुआत हुई थी, जिसमें सोवियत संघ की सेना लगातर जर्मन पर आक्रमण कर रही थी.
इस भयकंर युद्ध में सोवियत संघ के पास करीब 2,500,000 लोगों की सेना थी. वहीं दूसरी ओर जर्मन की तरफ से लगभग 766,750 सैनिक ही थे. जर्मन सेना सेवियत संघ के मुकाबले में बहुत कम थी. यही कारण रहा कि जर्मन को इस जंग में सोवियत संघ से लड़ने में बहुत मुश्किल हुई.
16 अप्रैल 1945 को शुरू हुए इस युद्ध में करीब 30,000 से अधिक लोग मारे गए थे. इस युद्ध में बर्लिन के दक्षिणी क्षेत्र को तबाह कर दिया था.
इसी क्रम में जब हिटलर की मौत की खबर आई, तो 7 मई को बिना किसी शर्त के जर्मन ने आत्मसमर्पण कर दिया था. इसके बाद सोवियत संघ ने बार्लिन पर कब्ज़ा कर लिया. एक प्रकार से ‘बैटल ऑफ़ बर्लिन’ की जंग को ही जर्मन सेना का अंत माना जाता है. इसके बाद उनकी हालत इतनी ख़राब हो गई थी कि वह फिर से उठ नहीं पाई.
माना जाता है कि सरकारी आंकड़ों से अलग इस युद्ध में असल में लाखों की संख्या में लोग मारे गए थे. दोनों देशों ने जंग में अपना सब कुछ लगा दिया था.
The Battle of Berlin (Pic: wikipedia)
दुनिया को गुदगुदाने जन्मे चार्ली चैपलिन
हॉलीवुड के सबसे प्रसिद्ध कलाकारों में से एक. अपने अभिनय से लाखों दिलों पर राज करने वाले चार्ली चैपलिन का जन्म आज के ही दिन यानि 16 अप्रैल 1889 में हुआ था.
चार्ली चैपलिन फिल्म में ऐसा अभिनय करते थे कि लोग उनकी एक्टिंग देख हंस-हंस कर लोटपोट हो जाते थे. चार्ली चैपलिन को हॉलीवुड के शुरुआती दिनों के सबसे महत्वपूर्ण सितारों में से एक माना जाता है.
वह जानते थे कि किस तरह बिना कुछ बोले भी लोगों को हंसाया जाता है. उनका छोटा कद, बेढंगे कपड़े और छोटी मूंछें देखकर हर किसी को हंसी आ जाया करती थी. चार्ली चैपलिन अंग्रेजी कॉमेडियन और फिल्म निर्देशक भी थे.
चैपलिन ने अभिनय में अपने करियर की शुरूआत आठ वर्ष की आयु में कर दी थी. उन्होंने 1913 में कैलिफोर्निया में पश्चिम की यात्रा की और कीस्टोन स्टूडियो के लोकप्रिय कॉमेडी निर्देशक मैक सेनेट के साथ काम करने के लिए हस्ताक्षर किए.
कीस्टोन स्टूडियो के साथ उन्होंने 35 फिल्मों में अभिनय किया. इसके बाद नवंबर 1914 में उन्होंने कीस्टोन स्टूडियो को छोड़ दिया. चार्ली चैपलिन ने अपने जीवन में कई स्टूडियो के साथ काम किया. 25 दिसंबर 1977 में चार्ली चैपलिन का निधन हो गया था.
Charlie Chaplin (Pic: theimaginativeconservative)
दक्षिण कोरिया विमान दुर्घटना में 120 लोग मारे गए
अप्रैल 16, 2002 को एयर चाइना की फ्लाइट सी ए 129 ने अपनी उड़ान भरी थी. रोज की तरह आज भी यह फ्लाइट अपनी मंजिल की ओर निकली थी. जब विमान की लैंडिंग का समय आया, तो एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने विमान को बताया कि मौसम खबर है और उन्हें लैंडिंग की इजाजत नहीं दी गई. वह विमान इजाजत मिलने तक हवा में ही घूमता रहा.
इसके बाद अचानक ही विमान दुर्घटना का शिकार हो गया था. इस हादसे के बाद विमान के ब्लैक बॉक्स को दुर्घटना स्थल से आठ किलोमीटर दूर उत्तर से बरामद किया गया. इस खतरनाक हादसे में माना जाता है कि कम से कम 120 लोगों की मारे जाने की पुष्टि हुई थी.
हालांकि, इतने खतरनाक हादसे के बाद 38 लोगों की जान बच गई थी. इसके अलावा 8 लोग लापता हो गए जिनका आज तक कुछ पता नहीं चला. इस हादसे का मुख्या कारण माना गया ख़राब मौसम और प्लेन का बहुत ज्यादा पुराना होना.
माना जाता है कि यह प्लेन करीब 17 साल पुराना था.
Plane Crash In South Korea April 16, 2002 (Pic: wikipedia)
ईरान में आया 7.8 तीव्रता वाला भूकंप
ईरान में 16 अप्रैल का दिन बहुत ही बुरा बीता था. वैसे तो यह दिन एक आम दिन की ही तरह था. सभी अपने रोज के काम में व्यस्त थे. हालांकि जैसे ही घड़ी में 10.44 बजे थेपूरा ईरान को अचानक आए भूकंप ने हिलाकर रख दिया.
इस भूंकप को पूरे पाकिस्तान के खाड़ी क्षेत्र और उत्तर पश्चिमी भारत में भी महसूस किया गया था. अमेरिकी भूवैज्ञानिक के सर्वेक्षण के आधार पर बताया गया कि यह भूकंप 7.8 तीव्रता का था. यह ईरान के 40 वर्षों के इतिहास में सबसे बड़ा भूकंप माना गया था.
इस भूकंप ने ईरान के कितने ही छोटी आबादी वाले शहरों को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया था.
Earthquake In Iran (Pic: cnn)
देखा आपने 16 अप्रैल को दुनिया में कितनी बड़ी-बड़ी घटनाएं घटी थी. अगर इस दिन से जुडी कोई और घटना आप जानते हैं, तो हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं.
Web Title: Historical Events on April 16, Hindi Article
Featured Image Credit: englishrussia