वियतनाम का युद्ध अपने समय के बड़े युद्धों में से एक था. इस युद्ध में लाखों सैनिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी. इस युद्ध के दौरान एक ‘कू ची’ सुरंग का जिक्र मिलता है. कहते हैं कि यह एक ऐसी सुरंग थी, जिसमें अमेरिकी सैनिक तक घुसने से डरते थे. तो आइये जानते हैं इस रहस्यमयी टनल से जुड़े रहस्य को:
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापान और फ्रांस ने वियतनाम के काफी हिस्से पर कब्ज़ा कर लिया था. उनकी फौजें हर समय वहां पर तैनात रहती थीं. थोड़े समय बाद ही चीन और रूस का ध्यान भी वियतनाम की ओर खिंच गया. कहते हैं दोनों देश मिलकर वियतनाम में घुसे तो वियतनामियों के अन्दर आजादी की आग लग गई और छिड़ गया महा युद्ध. इस युद्ध का स्वरुप इतना उग्र था कि इसे छोटे विश्व युद्ध की संज्ञा दी जाती है.
American Soldiers (Pic: pinterest.com)
इस युद्ध में एक तरफ उत्तरी वियतनाम था, जो दक्षिणी वियतनाम से लड़ रहा था. दूसरी ओर कुछ बड़े देश थे, जो इन दोनों के जरिए अपनी खुद की लड़ाई लड़ रहे थे. उत्तरी वियतनाम को रूस, चीन और कुछ स्थानीय उग्रवादियों की मदद थी, तो दक्षिणी वियतनाम को अमेरिका, दक्षिणी कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और थाईलैंड जैसे देशों का साथ मिला हुआ था. सब एक दूसरे को हराने में जुटे हुए थे. इसमें दोनों तरफ से सैनिक मरते जा रहे थे. पूरे वियतनाम में खून की नदियां बह रही थी. वियतनाम के लिए यह काले दिन की तरह थे.
इसी बीच वियतनाम में चुनाव आकार ले रहे थे, जो आसान नहीं थे. वियतनाम दो हिस्सों में बंट चुका था. इस बंटवारे में एक बड़ी संख्या में लोगों को उत्तर से दक्षिण में और दक्षिण से उत्तर में जबरन भेज दिया गया था. यह बात उस समय के सक्रिय ‘विएत कांग’ नाम के एक संगठन को रास नहीं आई. चूंकि इस संगठन के पास अपनी खुद की एक बड़ी सेना थी, जिसमें दक्षिणी वियतनामियों के साथ कुछ उत्तरी वियतनामी भी थे. इसलिए उन्होंने अमेरिका और दक्षिणी वियतनाम की सरकार के खिलाफ जंग छेड़ दी थी.
किसी को कानो-कान खबर भी नहीं लगी कि कब इस संगठन ने मोर्चा संभाल लिया. ‘विएत कांग’ की सेना जंगल की लड़ाई में बहुत ही माहिर थी. वह कब जंगल में किसी को मारकर गायब हो जाते थे, किसी को पता भी नहीं चलता था. घने जंगलों में कहां-कहां पर इसके सिपाही छिपे हैं, इस बात का अंदाजा लगाना मुश्किल था. शुरुआत में इस संगठन को गंभीरता से नहीं लिया गया. दक्षिण वियतनाम की सरकार को लगता था कि वह इन्हें संभाल लेगी. पर वह गलत थे. धीरे-धीरे हालात बिगड़ने लगे. ‘विएत कांग’ की सेना बहुत बड़ी हो चुकी थी. वह आसानी से रुकने वाली नहीं थी.
सरकार ने स्थिति का अंदाजा लगाते हुए इन पर काबू पाने के लिए दमन शुरु कर दिया. तेजी से इस संगठन के लोगों को मारा जाने लगा. अंतत: जब ‘विएत कांग’ को लगा कि उनको खत्म कर दिया जायेगा, तो वह शहर से हटकर जंगल के अंदर तक चले गए. इस कारण इन तक पहुंचना वियतनाम सरकार के गले की हड्डी बन गया.
Vietnam War (Pic: flashbak.com)
सारी कोशिशें बेकार हुईं तो अमेरिका ने इन्हें रोकने का जिम्मा अपने कंधों पर ले लिया. अमेरिकी सेना अच्छे हथियारों से लैस रहती थी, पर जंगल में लड़ने में वह ‘विएत कांग’ से कोसों दूर थी. इसका फायदा उठाते हुए ‘विएत कांग’ ने अमेरिकी सैनिकों पर धावा बोल दिया और उनके कई सैनिकों को मार गिराया.
असल में उन्होंंने अपनी सुरक्षा के लिए एक सुरंग बना डाली थी. जिसमें घुसने का हुनर उनको ही आता था. वह अमेरिकी सैनिकों को मारकर इसी सुरंग में घुस जाते थे. जब अमेरिकी उन्हें पकड़ने की कोशिश में इस सुरंग के अंदर जाते थे, तो इसके मुहाने पर लगे नुकीले तार में फंसकर मर जाते थे.
धीरे-धीरे अमेरिका के कई सारे सैनिक मारे जा चुके थे. उनके सामने यह एक बड़ी समस्या थी. किसी को समझ नहीं आ रहा थी कि आखिर इस सुरंग की गुत्थी को कैसे सुलझाया जाये. यह तक पता नहीं लगाया जा सका था कि वह सुरंग आखिर कितनी बड़ी है? यह सुरंग वियतनाम के ‘कू ची’ जिले में थी, इसलिए इसे ‘कू ची’ सुरंग का नाम दिया गया था.
जब अमेरिका को कोई विकल्प न सूझा तो उसने ‘विएत कांग’ को उन्हीं के खेल में मात देने की योजना बनाई. दक्षिणी वियतनाम और अमेरिका ने मिलकर सिपाहियों के मिश्रण से एक छोटी टुकड़ी तैयार की. इसको ‘विएत कांग’ की तरह जंगल युद्ध की ट्रेनिंग दी गयी. जल्द ही जब यह लोग तैयार हो गये तो इन्हें ‘विएत कांग’ के लोगों के पीछे जाकर ‘कू ची’ सुरंगों का रहस्य जाने का काम सौंपा गया.
योजना के तहत अमेरिकी सैनिक ‘विएत कांग’ के सैनिकों के पीछे-पीछे गए और इस बार वह सुरंग में घुसने में कामयाब रहे. सुरंग के अंदर जाते ही जैसे ही उन्होंने इसकी संरचना को देखा तो वह भौंचक्के रह गये. एक छोटी सी दिखने वाली सुरंग किसी बड़े जिले से कम नहीं थी.
सुरंग के अन्दर वैसी ही कई दूसरी सुरंगों के रास्ते भी थे. आगे की संरचना के लिए जैसे ही वह आगे बढ़े बुरा वक़्त भी उनके साथ हो चला. जगह-जगह पर बिछे खतरनाक जाल उनका स्वागत के लिए तैयार थे. कई सारे सैनिक इस जाल में कुछ इस तरह फंसे कि निकल नहीं सके और उनकी मौत हो गयी.
Chi Tunnel Trap (Pic: wikimedia.org)
माना जाता है कि अमेरिकी सैनिक जो, इस सुरंग में गये थे वह वहां से जिंदा नहीं लौट सके. अमेरिका गुस्से से आग बबूला हो चुका था. वह जमीनी लड़ाई में ‘विएत कांग’ से नहीं जीत पा रहा था. इसलिए जंग को ख़त्म करने के लिए उन्होंने हवा से वार करने का मन बनाया. अमेरिका के पास प्लेन थे, जो आसमान से बम फेंककर उन्हें मार सकते थे. पर वह इस बात से बेखबर थे कि ‘विएत कांग’ इसके लिए पहले से तैयार था. जैसे ही अमेरिका ने अपने जहाज़ भेजे उस जगह को ख़त्म करने के लिए ‘विएत कांग’ के सारे सिपाही सुरंग के अंदर भाग गए.
अमेरिका ने कई बम बरसाए पर उस सुरंग पर कोई असर नहीं पड़ा. साथ ही ‘विएत कांग’ के सिपाही भाग निकलने में कामयाब रहे. करीबन एक साल तक वह अमेरिकी सैनिकों को परेशान करते रहे. अंतत: अमेरिका ने थोड़ा वक्त लेते हुए उनकी सारी जानकारी इकट्ठा की और फिर ‘विएत कांग’ पर हमला कर दिया. इस बार हमला इतना जोरदार था कि ‘विएत कांग’ के सैनिक बच न सके. 1975 में आखिरकार वियतनाम की इस खूनी जंग का ख़त्मा हुआ.
जंग के ख़त्म होने के बाद सुरंगों के रहस्य को पूरी तरह से जाना गया. अब ‘कू ची’ की सुरंग पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र मानी जाती है. कहते हैं कि यह पूरी सुरंग हाथों से खोदी गई थी. इस सुरंगों के जाल को 250 किलोमीटर लम्बा बताया जाता है.
Web Title: History Of Cu Chi Tunnels, Hindi Article
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