फ़्रांस की राजधानी पेरिस अपनी सुंदरता व चकाचौंध के लिए दुनिया भर में मशहूर है. पेरिस में लगभग 12 मिलियन लोग अपनी भाग-दौड़ भरी जिंदगी में व्यस्त ही नज़र आते हैं. इस खूबसूरत शहर को दुनिया के बेहतरीन शहरों में से एक माना जाता है.
किन्तु, क्या आप जानते हैं कि वहां पेरिस कैटाकोम्ब्स नामक एक ऐसी सुरंग मौजूद है, जिसके बारे में कहा जाता है कि उसके अंदर 60 लाख लोग दफन है! बावजूद, इसके यह सैलानियों की खास पंसद माना जाता है.
ऐसे में इससे जुड़े इतिहास को जानना दिलचस्प होगा-
शहर के निर्माण के लिए खुदवाई गई थी सुरंग
बात 13 वीं शताब्दी की है! रोमन-काल के दौरान पेरिस को एक समृद्ध शहर बनाया जाना था, इसीलिए उस वक़्त पेरिस के कुछ हिस्सों में सुरंग खुदवाई गई. इन सुरंगों को खुदवाने का मकसद शहर के निर्माण में चूना और पत्थर को इकट्ठा करना था.
इसी के साथ इन सुरंगों से निकलने वाले चूना पत्थर का उपयोग पेरिस की सड़कों, पुलों और इमारतों के निर्माण में उपयोग किया गया. इस तरह देखते ही देखते शहर के निर्माण में कई लंबी सुरंगे खुद गईं.
हालांकि, इसके कुछ सालों बाद इन सुरंगों को खाली छोड़ दिया गया. फिर जैसे-जैसे वक़्त बीतता गया. वैसे-वैसे पेरिस के लोग इन सुरंगों के बारे में भूलते गए. आगे 17 वीं शताब्दी के आस-पास ये सुरंगे एक बार फिर से चर्चा में आईं!
...क्योंकि कब्रिस्तानों में नहीं बची जगह
17 वीं शताब्दी के दौरान फ़्रेंच सरकार के सामने दो मुख्य समस्याएं थी. पहला इस वक़्त फ़्रांस में लोग अकाल, प्लेग, भुखमरी जैसी भयानक बीमारी से मरने लगे थे. दूसरा मरने वालों लोगों की तादाद में बढ़ोत्तरी के कारण कब्रिस्तान पूरी तरह से भरने लगे थे. इसी कड़ी में देखते ही देखते पेरिस शहर में बढ़ती आबादी के कारण भी शहर की जगह कम पड़ गई.
असल में एक समय के बाद इस बीमारी ने भयानक रूप ले लिया. दिन-प्रतिदिन मरने वालों की संख्या में इज़ाफा होता रहा. मरने वाले लोगों की संख्या इतनी अधिक हो गई कि पेरिस के सभी कब्रिस्तान पूर्ण रूप से भर गए. मृतकों को दफ़नाने के लिए कोई जगह नहीं बची. यहां तक कि पेरिस की सबसे बड़ी कब्रिस्तान ‘लेस इनोकेंट्स’ में भी जगह नहीं बची.
एक समय के बाद लोगों के शवों को एक के ऊपर एक करके ढेर लगाया जाने लगा. एक वक़्त ऐसा भी आया, जब उन जगहों पर कूड़ों की तरह पड़ी लाशों और उनके सड़े हुए शरीर से उन क्षेत्रों में हवाएं दूषित होने लगी. लोग इन बदबूदार हवाओं और प्रदूषित वातावरण से परेशान रहने लगे. लोगों का जीना दूभर हो गया था.
ऐसी परिस्थिति में सरकार के सामने उन मरे हुए लोगों को दफनाने की एक और मुसीबत खड़ी हो गई. ऐसे में 1763 के समय फ़्रांस की सरकार ने पेरिस शहर में लाश न दफ़नाने का फैसला सुनाया. लाशों को शहर से बाहर दफनाने की कोशिश की, लेकिन सरकार के इस फैसले पर चर्च की तरफ से मुखालिफत शुरू हो गई.
17 सालों तक इस फैसले पर कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया जा सका.
60 लाख लाशों की कब्रगाह बनी यह सुरंग
1780 में हालात तब और भी बदतर हो गए, जब पेरिस में मुसलाधार बारिश की वजह से कब्रिस्तान की हालत और भी ख़राब हो गई. कहा जाता है इस बाढ़ से कब्रिस्तान ‘लेस इनोकेंट्स’ से सटी एक रेस्टोरेंट की दीवार उस वक़्त भर्रा पड़ी, जब उस कब्रिस्तान में दबे शवों के मलबे से ज़मीन दल-दल हो गयी थी.
उस दीवार के गिरने से रेस्टोरेंट के तैखाने में लाशों की एक बाड़ आ गई थी. इसी के साथ ही शहरों की गलियों और सड़कों पर इस सड़ी हुई लाशों से बीमारी फैलने लगी. तब सरकार को इस समस्या के लिए ठोस कदम उठाना ही पड़ा. ऐसे में इस मुसीबत से निपटने के लिए उस जगह को तलाशा जाने लगा, जहां इतनी बड़ी तादाद में लोगों को दफनाया जा सके.
फ़्रांस की खुशकिस्मती थी कि उन्हें लाशों को दफ़नाने की जगह मिल ही गई. यह जगह कोई और नहीं, बल्कि पेरिस शहर के निर्माण में खुदी सुरंगे थीं. उन सुरंगों में से एक बड़ी सुरंग की खोज के बाद पेरिस की कब्रिस्तानों से लाशों को निकालकर उसी सुरंग में दफनाया जाने लगा. इस कड़ी में एक दिलचस्प बात और भी है...
कहा जाता है इन सुरंगों के ऊपर खड़े पेरिस शहर की इमारतें भी कमज़ोर होने लगी. ऐसे में सरकार ने इन सुरंगों की मरम्मत कराना शुरू कर दिया था . इसी के साथ ही इन सुरंगों को ठीक कराने के बाद सरकार ने इसमें लाशों को दफनाना शुरू किया था. कहते हैं उस वक़्त इस 300 किलोमीटर से अधिक लंबी सुरंग में लगभग 60 लाख लोगों की लाशों को कब्रिस्तान से निकालकर दफनाया गया था, जो कि एक बड़ी तादाद थी!
हालांकि, इस काम में एक लम्बा वक़्त लग गया.फ़्रांस सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों की कड़ी मेहनत के बाद कब्रिस्तान से सभी लाशों को इसी सुरंग में दफना दिया गया. वहीं इस काम को पूरा करने में लगभग 2 साल लगे थे.
इसके बाद इसी सुरंगों में पेरिस के मरने वाले लोगों को दफनाये जाने का सिलसिला जारी रहा. इसके साथ ही जब फ़्रांस की क्रांति में कई लोग मारे गये. ऐसे में इनकी भी लाशों को भी इसी सुरंग में रखा गया
हालांकि, इन लाशों को इन सुरंगों में ऐसे ही नहीं फेंक दिया जाता था, बल्कि उन लाशों को एक के ऊपर एक रखा जाता था.
पेरिस कैटाकोम्ब्स बना पर्यटक स्थल
इस सुरंग को कुछ दिनों बाद फ़्रांस की सरकार ने संग्रहालय में बदल दिया. आज इसको ‘पेरिस कैटाकोम्ब्स’ के नाम से जाना जाता है. इसको देखने के लिए हर साल कई सैलानी पेरिस आते हैं.
हालांकि, इस दौरान इसको कई बार पर्यटकों के लिए बंद भी कर दिया गया, लेकिन आज पेरिस के इन लाखों लाशों की हड्डियों से सजी गुफा को देखने के लिए हर कोई जा सकता है.
हां यह जरूर है कि जिसका दिल मजबूत होता है, वहीं इस डरावनी जगह को देखना पसंद करता है. बताते चलें कि इस जगह की दीवारों को मृतकों की हड्डियों और खोपड़ियों से जोड़ा गया है, जोकि बड़ा डरावना है.
पेरिस कैटाकोम्ब्स की गुफा में घूमने के लिए आप गाइड के इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इसकी गुफाएं भूलभुलैय्या की तरह हैं, जहां से आसानी से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है.
तो ये थी पेरिस कैटाकोम्ब्स के इतिहास से जुड़ीं कुछ दिलचस्प बातें.
अगर आप भी इस डरावनी जगह के बारे में जानकारी रखते हैं, तो कृपया कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताएं.
Web Title:History of Paris Catacombs, Hindi Article
Feature Image Credit: getyourguide